लखनऊ। घंटाघर में आज भी नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ मुस्लिम महिलाओं का प्रदर्शन जारी है। घंटा घर पर चल रहे प्रदर्शन में पुलिसिया कार्रवाई के बाद अफरा तफरी का माहौल मच गया है। रविवार सुबह पुलिस ने प्रदर्शनकारी महिलाओं के पास से खाने-पीने के सामान सहित कंबल भी जब्त कर लिया है। प्रदर्शनकारी महिलाओं के साथ पुलिस की जुबानी जंग भी चल रही है। प्रदर्शनकारी पुरुषों को पुलिस भगा रही है। अब तक शांतिपूर्ण तरीके से चल रहे प्रदर्शन में अब माहौल बिगड़ गया है। प्रदर्शनस्थल के चारों तरफ पुलिस गश्त कर रही है।घंटाघर में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात है। इससे पहले शनिवार रात घंटाघर में भी भारी संख्या में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। महिलाओं के हाथ में सीएए और एनआरसी के विरोध की तख्तियां थीं। प्रदर्शन में महिलाओं के अलावा छोटे छोटे बच्चे और बच्चियां भी शामिल थीं।
पुलिस कर रही प्रदर्शनकारियों से हटने की अपील
इस दौरान लखनऊ पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से हटने की अपील की , जब प्रदर्शनकारी नहीं माने तो पुलिस वाले अचानक एक्शन में आ गए और वहां आंदोलन से जुड़े सामान हटाए जाने लगे, जिसका विरोध हुआ, लेकिन पुलिस नहीं रूकी। प्रदर्शनकारी महिलाओं का आरोप है कि पुलिस ने उनके सामान जब्त कर लिए और टेंट-खाने का सामान नहीं पहुंचने दिया. महिलाओं का कहना है कि पुलिस आंदोलन को रोकने की कोशिश कर रही है।
क्या है प्रदर्शनकारियों का सरकार पर आरोप?
पुराने लखनऊ से शिक्षित महिलाएं और बच्चे हैं जो लखनऊ के घंटाघर के नीचे खुले आसमान मे कैंडल जलाकर खुले मे बैठे हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मान ली जाती हैं, तब तक वे प्रदर्शन से पीछे नहीं हटेंगे। लोग अपने साथ खाना, कंबल, पानी, टेंट सब साथ लेकर आए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि शाहीन बाग और जेएनयू में जो भी हुआ है हम उसका विरोध करते हैं। ये एनआरसी और सीएए ध्यान भटकाने के लिये है। विकास और रोजगार मुद्दा है, उसको सरकार नही देख रही है। पुलिस घटनास्थल से पुरुषों को हटा रही है, लेकिन महिलाएं और बच्चे धरने पर बैठे हैं।
शाहीनबाग में भी जारी है विरोध प्रदर्शन
दक्षिणी दिल्ली के शाहीनबाग में हर रात सैकड़ों लोग नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ इकट्ठे होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। लोगों का मानना है कि सरकार द्वारा लाए गए नए कानून से लोगों का फायदा होने के बजाय नुकसान होगा। करीब 100 मीटर क्षेत्र में लगाए गए अस्थायी टेंट में महिलाएं मोर्चा संभाले हुए हैं. दिल्ली और नोएडा को जोड़ने वाली यह करीब 2.5 किलोमीटर लंबी सड़क नंबर 13ए पिछले साल 15 दिसंबर से ही बंद है।