मंगलवार, 14 जनवरी 2020

मथुरा-वृंदावन, आगरा से लौटा सक्षम-दल

तीन दिवसीय टूर से वापस लौटा सक्षम दल
केएमसी से यूपी में खिलखिला रहा बचपन


अंगद राही


रायबरेली। मथुरा,वृन्दावन और आगरा से वापस लौटे सक्षम शिवगढ़ के 51 सदस्सीय दल का बछरावां और शिवगढ़ में जोर स्वागत किया गया। विदित हो कि एनएचएम एवं राज्य सरकार के समन्वित सहयोग से स्वास्थ्य के क्षेत्र में पिछले 16 वर्षों से तकनीकी रुप सहयोग प्रदात करते हुए नि:शुल्क रुप से नवजात शिशुओं को जीवनदान देती चली आ रही कम्युनिटी एम्पावरमेन्ट लैब सक्षम शिवगढ़ का 51 सदस्सीय दल रायबरेली से धर्मनगरी मथुरा,वृन्दावन भगवान श्री कृष्ण के दर्शन करने और दुनिया के साथ अजूबों में बेशुमार आगरा के ताजमहल को करीब से जानने के लिए तीन दिवसीय टूर पर गया था। बताते चलें कि रायबरेली जिले के शिवगढ़ से चलाई गई केएमसी क्रान्ति आज बृहद रुप ले चुकी है। यूपी के 69 जिलों में 174 केएमसी लाउंजों के माध्यम से बचपन खिलखिला रहा है।
मथुरा पहुचकर कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब सक्षम शिवगढ़ के 51 सदस्यीय केएमसी दल ने श्री कृष्ण भगवान की पावन मातृभूमि मथुरा, श्री बांके बिहारी मंदिर, निधि वन,श्री गिरिराज मंदिर एवं श्री गिरिराज पर्वत, माता वैष्णो देवी, प्रेम मंदिर,इस्कॉन टेम्पल सहित मंदिरों में माथा टेककर नवजात शिशुओं के लिए जीवनदान एवं केएमसी माताओं के सुरक्षित मातृत्व जीवन की खुशहाली का वरदान मांगा। इस दौरान भक्तिरस में शराबोर होकर केएमसी दल, निधी वन एवं
इस्कॉन टेम्पल में झूमने लगा। यही नही मथुरा से आगरा जाते वक्त केएमसी दल ने बस में श्री बाके बिहारी के गीत गाते हुए आगरा के लिए प्रस्थान किया। धर्मनगरी मथुरा से दुनिया के सात अजूबों में बेशुमार आगरा के ताजमहल का दिदार करने पहुंची कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब सक्षम शिवगढ़ के 51 सदस्यीय केएमसी टीम ने ताजमहल एवं उसके म्यूजियम में रखे अवशेषों के विषय में करीब से जाना। जहां से वापस लौटे कम्युनिटी एंपावरमेंट लैब सक्षम शिवगढ़ दल का लोगों द्वारा बछरावां और शिवगढ़ में जोरदार स्वागत किया गया। इस मौके पर सत्यप्रकाश शुक्ल,अभिषेक सिंह,नीरज पांडेय,सुधीर श्रीवास्तव,अनूप शुक्ल,अमित पटेल,जितेंद्र पटेल,शिवमोहन सिंह,देवेंद्र मिश्र,दुर्गा शरण,कृष्णा नंद,दिलीप वर्मा,विनीत त्रिवेदी,अनिल त्रिवेदी,शेखर द्विवेदी,सुधीर कुमार,जितेंद्र कुमार,निखिल कुमार,पियूष सिंह,कृष्णा सिंह,सतीश त्रिवेदी,संतोष त्रिपाठी,सौरभ वर्मा,अजय अवस्थी,रोहित सिंह,सत्यप्रकाश सिंह,मन्नू,राजकिशोर वर्मा,रामू,रामकिशोर,रामनाथ अंगद राही,अन्नू अग्रिमा,सना इदरीस,पूजा वर्मा,तारावती,विनीता मौर्या,बबिता सिंह,रीतू सिंह,सीता,समीक्षा,कल्पना,माया,आरती पाल,निर्मला,मीनू,कमलेश, गायत्री,रश्मि,प्राची सिंह आरती यादव सहित लोग मौजूद रहे।


एक कातिल 'विवेचना'

कोटा। एक क़ातिल प्रशासनिक अंदाज़ ,एक क़ातिल अल्फ़ाज़ों से बने जुमले ,,एक  क़ातिल सादगी ,एक क़ातिल मुस्कुराहट ,,एक क़ातिल मधुर संबंध ,,एक क़ातिल  चौधराहट ,एक क़ातिल रिसर्च पत्रकारिता ,एक क़ातिल इलेक्ट्रॉनिक चैनल ,,एक क़ातिल  समन्वय ,,एक क़ातिल सियासी  मैनेजमेंट ,,और संतुलित पत्रकारिता ,,सच ऐसी शख्सियत , जो जगदीश भी  है ,चंद्रा भी है ,अरोरा भी है ,,भारतीय प्रशासनिक सेवा के कुशल सेवानिवृत अधिकारी भी है ,और अब नामचीन पत्रकार ,,पत्रकारिता प्रबंधक भी है ,जी हाँ दोस्तों में बात कर रहा हूँ ,,नामचीन इलेक्ट्रॉनिक चैनल पत्रकारिता के चेहरे ,जगदीश चंद्र अरोरा ,उर्फ़ जगदीश चंद्रा ,उर्फ़ जगदीश क़ातिल साहिब की ,जिन्होंने ,,  राजस्थान प्रशासनिक सेवा से ,भारतीय प्रशासनिक सेवा तक के सफर के बाद ,पत्रकारिता की एक कामयाब मिसाल बने , जगदीश क़ातिल ने चाहे पत्रकारिता का  कोर्स नहीं किया हो ,लेकिन सीधे  जब उन्हें ई टी वी में चीफ एक्ज़ीक्युटिव  का पद  मिला  ,,तो उन्होंने इस पद की ज़िम्मेदारी दूसरे पत्रकार साथियों के साथ मिलकर ,,परफेक्ट टीम लीडर की तरह निभाई ,जो आश्चर्यचकित करने वाली थी ,,कुशल प्रबंधन ,,लाइव टेलीकास्ट का संतुलन ,सरकारी पक्ष के समर्थन में लगातार जनसम्पर्क सूचनाओं  का आदान प्रदान मंत्रियों ,अधिकारियौं को ओब्लाइज करने का संतुलन ,आम जनता से सीधे जुड़े ,,व्यक्तिगत ,धार्मिक ,,सहित सभी मुद्दों को सकारात्मक तरीके से प्रसारित करना ,,ऐसी समस्याओं की रिपोर्टिंग सरकार या सिस्टम को कोसने या आलोचना करने की जगह ,सिर्फ सकारात्मक ,रचनात्मक सोच के साथ ,नए सुझावों के साथ रिपोर्टिंग  की विधा में जगदीश क़ातिल कामयाब हुए ,इनके ही पत्रकारिता से जुड़े कुछ चैनल कर्मियों ने इनसे ईर्ष्या जतायी ,कुछ अफवाहे उड़ाई ,लेकिन यह अफवाहे ,यह आलोचनाएं जगदीश क़ातिल को डिगा नहीं सकीं ,,जगदीश क़ातिल ने ई टी वी में खबरों का बेहतर मैनेजमेंट किया ,तो सरकार में सिसटम में शामिल होकर उनका विशवास जीता ,,सम्पर्क बहतर बनाये और ,,सरकारी विज्ञापनों के अलावा प्राइवेट विज्ञापनों का भी रिकॉर्ड तोड़ कारोबार किया ,,इनके कार्यकाल में ,, ,खबरों ,,विज्ञापन , जनसम्पर्क के मान सम्मान के नए युग की शुरुआत हुई ,,ई टी वी लोगों के दिलों की धड़कन बना और यह चैनल सर्वाधिक देखा जाने लगा ,,अचानक खबर आयी ,के जगदीश क़ातिल अब ,,फर्स्ट इन्डिया चैनल ,का कामकाज देखेंगे ,,ज़ाहिर है ,ई टी वी को धक्का लगना था ,,कई अनुभवी साथियों की टीम इनके साथ ,,इनके व्यवहार के चलते ,विश्वास के चले ,,ई टी वी और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक चैनलों से ,इनके साथ ,फर्स्ट इण्डिया में माइग्रेट हो गयी ,आज फर्स्ट इंण्डिया ,खबरों के सकारात्मक संतुलन ,हर वर्ग की खबरों के संतुलन ,के आलावा सियासी दलों के नेताओं से बेहतर रिश्ते बेहतर मुलाक़ाते ,,खबरों के सूत्र धार ,,बने है ,एक तरफ खबरों की फटाफट है तो दूसरी तरफ इनके जनसम्पर्क रिश्तों के चलते ,,कुशल व्यवसायिक प्रबंधन के चलते ,,विज्ञापनों ,कारोबार की भी बरसात है ,,,आज फर्स्ट इन्डिया चैनल ,सर्वाधिक देखा जाना वाला चैनल है ,यहाँ खासकर राजस्थान में प्रशासनिक अधिकारी हो ,सियासत से जुड़े लोग हों ,,सियासी पार्टी के दफ्तर हो सभी ,फर्स्ट इंडिया चैनल प्राथमिकता के आधार पर देखते ,है ,,वोह बात अलग है कई खबरे इन तक पहुंचाना इन लोगों के लिए टेढी  खीर है ,इनका सम्पर्क अव्वल नबंर के सियासी नेताओं ,अधिकारीयों से है , आम आदमी तो इनसे बात करने के प्रयासों में ही काफी दिक़्क़तों का सामान झेलता है ,लोगों की शिकायत है ,फोन नहीं ,मिलते ,मेसेज का जवाब नहीं ,मेल की सुचना इन तक पहुंची या नहीं ,,इसका एक्नॉलेजमेंट  भी  नहीं मिलता ,,खेर इनकी पत्रकारिता की विधा ,,इनके अल्फ़ाज़  ,सीधे लाइव टेलीकास्ट कार्यक्रम ,रचनात्मक ,सकारात्मक सोच ने इन्हे स्थाई कर दिया है ,,पत्रकारिता के इश्यूज़ किस तरह से उठाना है ,इन्होने खूब अच्छी तरह से जान लिया है ,समझ लिया है ,बेहतर प्रबंधन ,पत्रकारिता की प्रमुख कार्यशालाये इनके लिए अब आम बात हो गयी है ,खुद प्रबंधन भी देखते है ,रिपोर्टिंग ,खास साक्षात्कार ,,खुसूसी विश्लेषण भी करते है ,,कामयाब और सटीक भी होते है ,,, इनकी कामयाबी के लिए इन्हे बधाई ,,,जगदीश क़ातिल ,जगदीश चंद्र अरोड़ा के नाम से राजस्थान प्रशासनिक सेवा के तेज़ तर्रार ,,अफसर बने  ,इनका विवादों से प्रशासनिक कार्यकाल में बढ़ा नाता रहा ,लेकिन सियासी नेताओं से इनकी लाइजनिंग इन्हे कभी डिगा नहीं सकी ,,सियासी नेताओं का इन पर वरदहस्त हमेशा बना रहा ,,यह जगदीश चंद्र अरोरा से ,जगदीश क़ातिल ,फिर जगदीश चंद्रा बन गए ,,जगदीश क़ातिल का विवादों से नाता भी है और विवादों के निस्तारण में भी इनके बाए हाथ के खेल का हुनर सभी लोग जानते है ,,बारां में प्रमोद भाया के सांसद चुनाव कार्यकाल में इनकी रिपोर्टिंग पर ,,पेड़  न्यूज़ ,,,के नाम पर इनके खिलाफ एक कार्यकर्ता ने शिकायत की ,,इन्हे पेड़  न्यूज़ निरीक्षण समिति का नोटिस भी मिला ,जांच भी शुरू हुई ,लेकिन वोह शिकायत करता फिर दुबारा बयान देने ही नहीं पहुंचा ,,नतीजन वोह शिकायत बिना सुनवाई के ही अदम हाज़री में निस्तारित हो गयी ,जबकि कोटा में नगर निगम प्रशासक कार्यकाल में ,,इनके काफी विवाद ,काफी आरोप प्रत्यारोप थे ,लेकिन ,,रामकिशन वर्मा स्वायत्तशासन मंत्री और यह नगर निगम कोटा के प्रशासक सब कुछ मैनेज होता रहा ,,विवाद निस्तारित होते रहे ,बस एक विवाद जो एक पत्रकार ,,ओम नारायण सक्सेना से जुड़ा है ,वोह विवाद इनके प्रशासक काल में इन पर भारी था ,,,खुद इनके एक  राजस्व अधिकारी रामचंदानी ,खुद जगदीश क़ातिल ,इस मामले में उनके खिलाफ रामपुरा कोतवाली में झूंठी फ़र्ज़ी रिपोर्ट लिखकर प्रताड़ित करने के आरोपी बनाये गए ,,इनके खिलाफ कार्यवाही हुई ,कोर्ट ने इन्हे सम्मन ,फिर ज़मानती वारंट फिर ,गिरफ्तारी वारंट से तलब किया , यह अदालत में हाज़िर हुए ,लेकिन फिर वही बाज़ीगरी ,वही विवादों के निस्तारण का इनका हुनर कामयाब हुआ ,इन्होने कोटा के ही एक इनके पुराने साथी फ़रीदुल्ला खान को बीच में डाला ,,में ओम नारायण सक्सेना साहिब का वकील था ,मुझ से कहा गया ,,लेकिन बात ओम नारायण सक्सेना पत्रकार साहिब को संतुष्ट करने की थी ,,समझौता मुलाक़ात  हुई ,, जो ओम नारायण सक्सेना पत्रकारिता के गुरु थे ,,जो ओम नारायण सक्सेना ,,जगदीश क़ातिल और ,रामचंदानी  जी को किसी भी हालत में सज़ा करवाने के लिए संकल्पबद्ध थे ,किसी भी क़ीमत पर माफ़ करने को तैयार नहीं थे ,,मेने खुद देखा है वोह इनका ,हुनर के इन्होने ,पत्थर में से दूध निकालने ,सूरज को  दूसरी दिशा से उगाने जैसा कठिन कार्य कर दिखाया ,और जो ओम नारायण सक्सेना इन्हे किसी भी क़ीमत पर माफ़ करने को तैयार नहीं थे ,उनसे इन्होने आखिर माफ़ी हांसिल कर ही ली ,और ओमनारायण सक्सेना ने ,बढ़ी राज़ी ख़ुशी ,हँसते मुस्कुराते ,एक विश्वास के माहौल में ,,मुझ से इनके खिलाफ दर्ज मुक़दमा वापस लेने ,ख़ारिज करवाने का आग्रह कर दिया और इस तरह से यह अपने इस हुनर से ,,अपने खिलाफ शख्सियत को अपने साथ ,शामिल कर , मनमाना काम करवाने के हुनर में कामयाब हुए ,,,,जगदीश क़ातिल  की तेज़तर्रार प्रशासनिक क्षमता ,नए प्रयोग ,इनके सरकारी रिकॉर्ड के लिए भी सकारात्मक रहे और , जगदीश क़ातिल ,राजस्थान प्रशासनिक सेवा से ,भारतीय प्रशासनिक सेवा के पद पर पदोन्नत हुए ,,इन्होने कई महत्वपूर्ण पदों पर राजस्थान सरकार में बेहतर प्रशासनिक क्षमता के साथ काम किया ,रीको ,राजस्थान वित् विकास निगम में रहते इन्होने किए छोटे लघु उद्योगों को प्रोत्साहित  किराजस्थान  या ,कई सरकारी योजनाओं का लाभ भी उन्हें दिलवाया ,और बकाया किस्ते भी इन उद्योगों से सरकारी खज़ाने में जमा कराकर ,टारगेट से अधिक ,ऋण वसूली कर सरकार की खूब वाह वाही लूटी ,,तो जनाब ,यह क़ातिल निगाहें ,यह क़ातिल कारोबार ,यह क़ातिल रिपोर्टिंग यह क़ातिल कामयाबी ,,सिर्फ कामयाबी ,,के लिए जगदीश चंद्रा ,,जगदीश चंद्र अरोरा ,जगदीश क़ातिल साहिब को सलाम ,सेल्यूट ,बधाई ,बस मलाल है तो एक बात का ,,के जगदीश क़ातिल साहिब का कोटा से पुराना प्रशासनिक ,भावनात्मक ,सियासी , पत्रकारिता ,,साहित्यिक रिश्ता होने के बावजूद भी ,जगदीश क़ातिल साहिब के नेतृत्व में ,,पत्रकारिता के माध्यम से कोटा को क्लीन सीटी बनाने में ,,कोटा को कोचिंग गुरुओं की लूट अव्यवस्थाओं से बचाने सहित कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर उन्होंने अभियान के रूप में आवाज़ उठाकर ,शुद्धिकरण के प्रयास जिस गति से होना चाहिए थे नहीं हो सके।


अख्तर खान अकेला


6 लाख की जगह 66 लाख का बिल

राणा ओबराय


अधिकारियों ने सरकार को चुना लगाने के लिए 6 लाख के बिल को 66 लाख का बनाया बिल! सरकार ने किया सस्पेंड

सोनीपत। मिली जानकारी के मुताबिक भ्रष्टाचार का यह मामला है। मार्किटिंग बोर्ड विभाग में करीब 6 लाख रुपये की जाली लगनी थी लेकिन अधिकारियों की मिलीभगत के चलते 66 लाख रुपये का बिल बना दिया है।
सोनीपत में रोहतक रोड पर बनी नई अनाज मंडी का निर्माण कार्य किया जा रहा है। अब तक करीब 11 करोड़ रुपये खर्च किए जा चुके हैं। जिसमें छह लाख रुपये की जालियां लगाई जानी थी, लेकिन अधिकारियों ने 66 लाख बिल बना दिया। मुख्यालय में जब अधिकारियों ने एमबी को चैक करना शुरु किया तो इस मामले का खुलासा हुआ कि बड़े स्तर पर घपला हुआ है। इस मामले में खुलासा हुआ है कि 6 लाख के बिल की जगह 66 लाख का बिल बनाया गया है।
इस मामले में जब अधिकारियों से बातचीत की गई तो किसी से भी संतोषजनक जवाब नहीं मिला। जिसके बाद एक साथ ही चार अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया है।


योगी ने विरोधियों पर निकाली भड़ास

गया। CAA के मुद्दे पर जागरूकता अभियान के तहत गया पहुंचे उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नागरिकता संशोधन कानून का विरोध करने वालों पर जमकर भड़ास निकाली है। योगी आदित्यनाथ ने निशाने पर कांग्रेस को लेते हुए कहा है कि देश को बांटने की साजिश की जा रही है। योगी आदित्य ने कहा कि कांग्रेस को यह बात बुरी लग रही है कि मोदी सरकार कैसे सभी तबकों का विकास कर रही है। 


योगी आदित्यनाथ ने कहा कि धारा 370 खत्म किए जाने के बाद से कांग्रेस लगातार बेचैनी में थी लेकिन इसका विरोध करने का साहस नहीं जुटा पा रही थी। अब नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर कांग्रेस अपने उसी भड़ास को निकाल रही है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा कि किसी भी हाल में देश के अंदर अलगाववादी मानसिकता वाले लोगों को संरक्षण नहीं दिया जाएगा। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में फतवे की दुकान चलाने वाले लोगों को अब मदद नहीं मिलेगी। मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं के हित में तीन तलाक पर अहम फैसला लिया जिसके बाद फतवा जारी करने वाले बेचैनी में हैं। योगी ने कहा कि अयोध्या में जल्द ही राम मंदिर के निर्माण का काम शुरू होगा और लोग रामलला का दर्शन कर पाएंगे। संतोष सिंह


पति नामर्द, जेठ ने नियत की खराब

पटना। एक महिला अपने पति की इलाज कराने के लिए महिला आयोग तक पहुंच गई। पत्नी ने कहा कि मेरा पति नामर्द है। उसको इलाज कराने की जरूरत है। लेकिन वह इलाज नहीं करा रहा है। जब इलाज के लिए सुसरालवालों को बताया तो मुझे लोग प्रताड़ित करने लगे। महिला की शिकायत के बाद आयोग ने पति को बुलाया, लेकिन वह इलाज कराने को तैयार नहीं है।


जेठ की नियत खराब, ससुर भी कम नहीं
महिला ने आयोग में शिकायत की है कि पति के बड़े भाई की नियत भी खराब है। वह कहता है कि रोज लिपिस्टिक लगाती रहो. लिपिस्टिक में अच्छी लगती हो। यही नहीं ससुर भी कम नहीं है। वह मेरे कमरे में आ जाता है और बेडसीट बिछाने लगता हैं। दोनों की हरकतों के कारण मैंने ससुराल को छोड़ दिया है। वह 6 माह से मायके में रह रही है। हाजीपुर की रहने वाली महिला की शादी बक्सर में हुई है।


पति ने शादी के मंडप में ही कर दिया था खुलासा
महिला ने बताया कि उसकी शादी 11 मई 2018 को हुई थी। शादी के दिन ही पति ने शादी के मंडप में ही कहा था कि वह शरीरिक संबंध बनाने के लायक नहीं है। वह शादी मां और पिता को खुश रखने के लिए कर रहा है। इतना सुनते ही वह परेशान हो गई। लेकिन उसकी ननद ने कहा है कि शादी कर लोग इज्जत की बात है। यह कोई बड़ी बात नहीं है। 6 माह में दवा कराएगा तो वह ठीक हो जाएगा। ननद की बातों में आकर वह किसी को यह बात नहीं बताई और शादी कर दी। जिसके बाद पति इलाज कराने को तैयार नहीं है. अब मुझे प्रताड़ित किया जा रहा है। पति कहता है कि बच्चा नहीं होगा तो किसी बच्चे को गोद ले लो। वही, महिला आयोग ने दोनों पक्षों को आदेश दिया है कि पति और पत्नी साथ रहे और अगर दोनों के संंबंध अच्छे नहीं रहते हैं तो ऐसी स्थिति में तालाक ले सकते हैं।


दोषियों की क्यूरेटिव पिटीशन खारिज

नई दिल्ली। बड़ी खबर दिल्ली से आ रही है, जहां सुप्रीम कोर्ट ने  निर्भया के दोषियों की क्यूरेटिव पिटिशन याचिका को खारिज कर दिया है। न्यायमूर्ति एनवी रमना, अरुण मिश्रा, रोहिंटन फली, आर भानुमति और अशोक भूषण की संवैधानिक पीठ ने निर्भया के दोषी विनय शर्मा और मुकेश की तरफ से दायर की गई क्यूरेटिव पिटिशन पर सुनवाई करते हुए इसे खारिज कर दिया। जिसके बाद अब 22 जनवरी को चारो गुनाहगारों को फांसी होगी।


बता दें कि दोषी विनय शर्मा और मुकेश ने क्यूरेटिव याचिका डाली थी, जिसपर आज सुप्रीम कोर्ट के जज एनवी रमना, अरुण मिश्रा, आरएफ नरीमन, आर बनुमथी और अशोक भूषण की बेंच ने सुनवाई करते हुए खारिज कर दिया है। विनय शर्मा के वकील एपी सिंह और मुकेश के वकील वृंदा ग्रोवर ने इस मामले में क्यूरेटिव याचिका दायर कर फांसी की सजा को उम्रकैद में बदलने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि सुप्रीम कोर्ट सहित सभी अदालतों ने मीडिया और नेताओं के दबाव में आकर उन्हें दोषी ठहराया है। गरीब होने के कारण उसे मौत की सजा सुनाई गई है। जिसे खारिज कर दिया गया है। 
निर्भया केस के 4 दोषियों को 22 जनवरी के दिन फांसी दी जानी है। इसके लिए डेथ वारंट भी जारी किया जा चुका है। 18 दिसंबर को दोषियों की तरफ से दायर की गई पुनर्विचार याचिका जस्टिस भानुमति और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने खारिज कर दी थी।16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में निर्भया के साथ इन दोषियों ने गैंगरेप को अंजाम दिया था।


 


आपस में दो नाव टकराई, तीन की मौत

पटना। बड़ी खबर पटना के मनेर से आ रही है, जहां बीच नदी में दो नाव आपस में टकरा गई है। इस हादसे में तीन लोग लापता बताये जा रहे हैं। वहीं 17 लोगों ने किसी तरह से तैरकर नदी के किनारे पहुंच अपनी जान बचाई है।


हादसा मनेर थाना के हल्दीछपरा संगम घाट की है। जहां बीच नदी में दो नाव आपस में टकरा गई है। हादसे की जानकारी मिलते ही मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस और NDRF की टीम पहुंच चुकी है। लापता लोगों की तालाश की जा रही है। वहीं नाव हादसे की खबर मिलते ही मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई है. पुलिस के भी अधिकारी मौके पर पहुंच रहे हैं। आसपास के इलाके में नाव हादसा की खबर मिलते ही हड़कंप मच गया है।


नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं

नशे को नियंत्रित करने हेतु रणनीति तैयार की जाएं  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिला अधिकारी उमेश मिश्रा एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अभिषेक ...