शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

8वीं 10वीं 12वीं के लिए प्रैक्टिकल अंग्रेजी

पहली बार 8 वीं, 10 वीं और 12 वीं श्रेणियों के लिए प्रैक्टिकल अंग्रेजी विषय लिया जाएगा


अमित शर्मा


मोहाली। 2019-20 की वार्षिक परीक्षाओं में पहली बार, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड 8 वीं, 10 वीं और 12 वीं श्रेणियों के लिए प्रैक्टिकल अंग्रेजी विषय लेगा। छात्रों को इसके लिए तैयार किया गया है। बोर्ड के उपाध्यक्ष, बलदेव सचदेवा ने व्यावहारिक जानकारी देते हुए कहा कि 8 वीं, 10 वीं और 12 वीं कक्षाओं की वार्षिक परीक्षाओं में विषय को अंग्रेजी में प्रैक्टिकल, लिसनिंग और स्पीकिंग स्किल टेस्टिंग के रूप में लिया जाएगा और प्रत्येक में 10 अंकों में आंतरिक परीक्षण किया जाएगा। 12 वीं और 10 वीं श्रेणी के लिए यह मूल्यांकन CCE है। मॉड्यूल को उसी श्रेणी में लिया जाना चाहिए जबकि 8 वीं कक्षा के लिए प्रैक्टिकल अंक CCE हैं।


370 को पार करने के बाद पंजाब में घुसपैठ

धारा 370 को पार करने के बाद पंजाब में घुसपैठ - पंजाब डीजीपी


अमित शर्मा


चंडीगढ़। पंजाब के डीजीपी ने आज चंडीगढ़ में एक संवाददाता सम्मेलन में खुलासा किया कि जम्मू और कश्मीर में धारा 370 के बाद पंजाब में घुसपैठ बढ़ गई है। डीजीपी दिनकर गुप्ता ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि पाकिस्तान द्वारा भारत में भेजे गए ड्रोन और हथियार पाकिस्तान सीमा पर बरामद किए गए। उन्होंने इस संबंध में 3 लोगों को गिरफ्तार भी किया है। उन्होंने कहा कि गिरफ्तार तीनों को हरियाणा से मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी करके लाया गया था। दो तस्कर जमानत पर बाहर थे और वे अभी भी मादक पदार्थों की तस्करी के मामलों का सामना कर रहे हैं। पकड़े गए आरोपियों के पास से दो ड्रोन बरामद किए गए। एक ड्रोन हरियाणा के करनाल से बरामद किया गया है, जबकि एक ड्रोन अमृतसर ग्रामीण के एक गांव से बरामद किया गया है। उन्होंने कहा कि शेष तस्करों की तलाश चल रही है। ्नेकर गुप्ता ने कहा कि गिरफ्तार तस्करों में से एक सेना में तैनात था। जिनके पास एक i20 कार पर छोटी पिस्तौल, 2 वायरलेस सेट और 6 लाख नकद बरामद हुए हैं। DGP ने ड्रोन के बारे में खुलासा किया और कहा कि ड्रोन चीन के बने हैं।


25 करोड़ लोग 10 ट्रेड यूनियन से जुड़े

भारत बंद 10 ट्रेड यूनियन से जुड़े 25 करोड़ लोग शामिल, ये सेवाएं रहेंगी प्रभावित


अमित शर्मा


चंडीगढ़। केंद्र सरकार की नीतियों के विरोध में बुधवार को बुलाए गए श्रमिक संघों के भारत बंद का असर बैंकिंग, परिवहन समेत कई जरूरी सेवाओं पर पड़ सकता है। देश के 10 प्रमुख श्रमिक संघों के आह्वान पर करीब 25 करोड़ लोग हड़ताल में शामिल हो सकते हैं। भारत बंद को देखते हुए कई सरकारी बैंकों ने स्टॉक एक्सचेंज को पहले ही बैंकिंग सेवाएं प्रभावित होने की जानकारी दी है। 
दरअसल एआईबीईए, एआईबीओए, बेफी, इनबेफ समेत कई कई बैंक कर्मचारी एसोसिएशन भी इस हड़ताल में हिस्सा लेने की इच्छुक हैं। ऐसे में जमा एवं निकासी और चेक क्लीयरेंस जैसी सेवाएं प्रभावित होने की संभावना है। हालांकि निजी बैंकों पर इसका असर नहीं पड़ेगा। इसके अलावा राज्यों में परिवहन समेत अन्य प्रमुख सेवाएं भी प्रभावित हो सकती हैं। 
10 ट्रेड यूनियन से जुड़े 25 करोड़ लोग होंगे शामिल
10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों इंटक, एटक, एचएमएस, सीटू, एआईयूटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा, एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी ने सोमवार को संयुक्त बयान में कहा कि देशव्यापी हड़ताल में कम से कम 25 करोड़ लोगों की भागीदारी की उम्मीद है। सरकार से श्रमिक विरोधी, जन-विरोधी और राष्ट्र-विरोधी नीतियों को वापस लेने की मांग करेंगे। बयान में कहा गया है कि श्रम मंत्रालय ने 2 जनवरी, 2020 को बैठक बुलाई थी, लेकिन वह अब तक श्रमिकों की किसी भी मांग पर आश्वासन देने में विफल रहा है। सरकार का यह रवैया श्रमिकों के प्रति अवमानना का है। इसके अलावा, बढ़ी फीस और शिक्षा के व्यावसायीकरण के खिलाफ 60 छात्र संगठन और कुछ विश्वविद्यालय के पदाधिकारी भी हड़ताल में शामिल हो सकते हैं। ट्रेड यूनियनों ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में हिंसा और अन्य विश्वविद्यालय परिसरों में ऐसी घटनाओं की निंदा की है। उन्होंने जुलाई, 2015 से एक भी भारतीय श्रम सम्मेलन आयोजित नहीं होने पर नाराजगी जताई। साथ ही श्रम कानूनों की संहिता बनाने और सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण का भी विरोध किया है।
बंद में शामिल केंद्र सरकार के कर्मियों को भुगतने होंगे परिणाम केंद्र सरकार ने इस बीच अपने कर्मचारियों को आगाह किया है कि भारत बंद में शामिल होने वालों को परिणाम भुगतने होंगे। कार्मिक मंत्रालय ने जारी आदेश में कहा, हड़ताल में शामिल होने वाले कर्मचारियां के वेतन में कटौती की जा सकती है। साथ ही इनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की हो सकती है। सभी विभागों को इस संदर्भ में राजनीतिक संदेश जारी कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि एसोसिएशन बनाने के अधिकार में हड़ताल करने के हक की गारंटी नहीं है। ऐसे में हड़ताल में शामिल होने वालों को परिणाम के लिए तैयार रहना होगा। बैंकिंग सेवाओं पर पड़ेगा असर
बैंकिंग सेक्टर केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने आठ जनवरी को हड़ताल का फैसला किया है। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के एक नेता ने बताया कि इस हड़ताल का समर्थन 10 यूनियन कर रही हैं। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ के महासचिव सीएच वेकंटचलम के अनुसार सरकार की नीतियों का विरोध करने के लिए हड़ताल की जा रही है। हड़ताल में रोजगार के नए अवसर पैदा करने, श्रम कानूनों में संशोधन पर रोक लगाने और नौकरी की सुरक्षा संबंधी मांगें रखी जाएंगी। रिजर्व बैंक के कर्मचारियों ने वर्षों से लंबित मांगों के पूरा न होने पर हड़ताल का समर्थन किया है। इस दिन बैंकिंग संबंधी सभी तरह के कामकाज ठप रहेंगे, जिससे लोगों को एटीएम में भी पैसा नहीं मिलेगा। सब्जी से लेकर के सार्वजनिक परिवहन पर पड़ेगा असर
हड़ताल की वजह से लोगों को दूध, सब्जी, दवाएं आदि भी मिलने में मुश्किल हो सकती है। वहीं सार्वजनिक परिवहन जैसे कि टैक्सी, ऑटो, बस आदि की सेवाओं पर असर पड़ सकता है, जिससे सभी तरह के रेल, सड़क और हवाई यात्रियों को परेशानी हो सकती है। इस दौरान निजी वाहनों से ही सफर किया जा सकता है। आर्थिक मुद्दों पर केंद्र को बदनाम करने की कोशिश राजनाथ
केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा कि कई ताकतें आर्थिक मुद्दों पर केंद्र सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रही हैं। लेकिन सरकार कारोबारियों के हितों को समझते हुए उसी दिशा में काम कर रही है। उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में सुस्ती वैश्विक मंदी का हिस्सा है। भारत के मुकाबले विकसित देशों पर इसका ज्यादा प्रभाव पड़ा है।कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) के कार्यक्रम में राजनाथ ने कहा, ‘मैंने सीलिंग के मुद्दे पर केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री हरदीप पुरी से चर्चा की है। उन्होंने इस पर ध्यान देने का भरोसा दिलाया है।’ इससे पहले कैट ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर 10 लाख से अधिक कारोबारियों को सीलिंग की मार से बचाने के लिए कोई योजना लाने का आग्रह किया है।


पंजाब में हो सकती है जेएनयू जैसी वारदात

पंजाब यूनिवर्सिटी में हो सकती है  जैनयू जैसी वारदात आउटसाइडर्स पर नहीं कसी जा रही नकेल


चंडीगढ़। देश का कोई भी शिक्षण संस्थान इस समय राजनीतिक गतिविधियों से अछूता नहीं है। इन शहरों में चंडीगढ़ ने भी अपना स्थान बना लिया हैं। बीते रविवार दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी हुए दो छात्र गुटों के बीच हुए खूनी संग्राम के बाद पंजाब यूनिवर्सिटी में भी इस प्रकार की घटना होने का अंदेशा लगाया जा रहा है। पीयू में एबीवीपी और लेफ्ट समर्थक छात्र संगठनों में कई बार ठनी है। यह बात हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि पीयू में बन रहे हालात इस बात की गवाही दे रहे हैं। छात्र संगठनों की राजनीति ने इस समय छात्र हितों को छोड़ राज्य और केंद्र की राजनीति में हस्तक्षेप करना शुरू कर दिया है। इस आग में घी डालने का काम कर रहे है ऐसे तत्व जो छात्रों को भड़का रहें हैं। सुरक्षा से लेकर आउटसाइडर्स को रोकने में पीयू प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है। इस लापरवाही का खामियाजा पढ़ रहे दूसरे बच्चों को उठाना पड़ सकता है। जान पहचान होने की वजह से छोड़ दिए जाते हैं आउटसाइडर्स पंजाब यूनिवर्सिटी के हॉस्टल में अगर चेकिंग की जाए तो बड़ी संख्या में ऐसे स्टूडेंट्स मिलेंगे, जिनका पीयू से कोई लेना देना नहीं है। उसके साथ ही इन आउटसाइडर्स को इसलिए छोड़ दिया जाता है, क्योंकि उनकी किसी न किसी के साथ जान पहचान होती है। पीयू में बच्चे पढ़ने के लिए आते हैं। लेकिन जो यहां के हालात बन रहे हैं, ऐसे में बच्चों को पढ़ना नामुमकिन है। सुबह से रात तक पीयू में बाहरी लोग आते जाते हैं, ऐसे हम कैसे अपने आप को सुरक्षित महसूस कर सकते हैं। -पूनम, छात्रा, ह्यूमन राइट्स डिपार्टमेंट। एसएफएस, एसएफआइ, आइसा, जैसे कई लेफ्ट छात्र संगठन हैं, जिनका विरोध दर्ज कराने का तरीका बहुत ही गलत है। यह संगठन बहुत ही ज्यादा उग्र तरीके से कैंपस में प्रोटेस्ट करते हैं। जिन्हें देखकर नहीं लगता कि यह लोग स्टूडेंट्स होंगे। गौतम शर्मा, छात्र, यूबीएस डिपार्टमेंट। पीयू में आउटसाइडर्स का मुद्दा नया नहीं है। धरना-प्रदर्शन हो या कोई और एक्टिविटी उसमें आउटसाइडर्स का जमावड़ा सबसे ज्यादा होता है। कई स्टूडेंट्स ऐसे हैं, जिन्होंने कितने समय पहले ही अपनी पढ़ाई पूरी कर ली है, लेकिन वे अभी भी हॉस्टल्स में रह रहे है। -डॉली नागपाल, छात्रा, कल्चरल डिपार्टमेंट। लेफ्ट छात्र संगठन जबसे पीयू में सक्रिय हुए हैं, तब से पीयू का माहौल खराब हुआ है। आज तक पीयू में बहुत प्रदर्शन हुए हैं, लेकिन कभी ईट, पत्थर नहीं चले, इन्होंने वो भी कर दिया। ऋषिका राज, छात्रा बायोटेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट।एजुकेशनल संस्थानों को स्लीपर सेल बनाया जा रहा है। यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइजेशन का मतलब स्टूडेंट्स की भलाई के लिए काम करना होता है, जबकि पीयू में ऐसा कुछ नहीं हो रहा है। लेफ्ट हो या राइट पार्टी हम उन्हें पीयू का माहौल खराब नहीं करने देंगे। -चेतन चौधरी, पीयू छात्र काउंसिल के प्रेसिडेंट।आउटसाइडर्स को रोकने के लिए हमारे पास काफी प्लानिंग है। इस पर कार्य भी हो रहा है। -प्रो. अश्वनी कौल, चीफ सिक्योरिटी ऑफिसर, पंजाब यूनिवर्सिटी।


नेशनल हाईवे पर हुए 3 हादसे

बिलासपुर हादसों से दहला चंडीगढ़-मनाली नेशनल हाईवे, हुए तीन हादसे


बिलासपुर। प्रदेश में जहां सोमवार से ही रिमझिम बारिश का दौर जारी है तो वहीं राष्ट्रीय उच्च मार्ग 205- चंडीगढ़-मनाली पर सोमवार और मंगलवार को तीन हादसे हुए। इन हादसों में कई लोग घायल हुए हैं । पहला हादसा सोमवार देर रात छ्डोल व जामली के बीच हुआ जिसमें एक कार नम्बर HP24D-3314 अनियंत्रित होकर सडक से लुढक गई। इस हादसे में तीन लोग घायल हुए हैं। जिन्हें क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में ईलाज के लिए भर्ती करवाया गया है।
वहीं, दूसरा हादसा गंभरपुल स्थान के पास हुआ है जिसमें हरियाणा के पर्यटक जो मनाली घुमने जा रहे थे उनकी कार नम्बर एचआर20एएम-5051 अनियंत्रित होकर सड़क किनारे बनी पैरापिट पर चढ़ गई । गनीमत यह रही कि कार खाई में गिरने से बाल-बाल बच गई । तीसरा हादसा जामली और गंभरपुल के बीच हुआ है जिसमें एक पिकअप और ट्रक में आमने-सामने जोरदार टक्कर हुई है । इस हादसे में सभी लोग सुरक्षित बच गये हैं। बताया जा रहा है कि ट्रक ओवरटेक कर आ रहा था।


मुठभेड़ में मारा गया एक आतंकवादी

पुलवामा में सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में एक आतंकी ढेर



नई दिल्ली। जम्मू एवं कश्मीर में पुलवामा के अवंतीपुरा में मंगलवार को सुरक्षाबलों के साथ मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया। आतंकी के पास से भारी मात्रा में हथियार और गोलाबारूद भी बरामद किया गया है। हालांकि, अब तक आतंकवादी की शिनाख्त नहीं हो पाई है और सर्च अभियान अब भी जारी है। कश्मीर जोन के पुलिस ने कहा कि सुरक्षाबलों के साथ एक्सचेंज फायरिंग में एक आतंकवादी मारा गया और हथियार भी बरामद हुए हैं। बता दें, जम्मू-कश्मीर के राजौरी जिले में आतंकवादियों के नजर आने पर सेना ने साेमवार को घेराबंदी एवं तलाश अभियान चलाया। आधिकारिक सूत्रों ने यहां बताया कि कुछ स्थानीय लोगों ने आतंकवादियों के एक समूह को नाले में देखा और सेना को सूचित किया जिसके बाद उनकी तलाश के लिए घेराबंदी एवं तलाश अभियान चलाया गया। नौशेरा के दब्बड़, पोठा, खेड़ी, दराट, मंगलादेई आदि इलाकों को खंगाला गया। ये आतंकवादी कुछ दिन पहले तलाशी दस्ते पर गोलीबारी कर फरार हुए थे। गोलीबारी में दो जवान शहीद हो गए थे।आतंकियों के घुस आने की घटना के बाद गांवों में दहशत का माहौल बना हुआ है। लोग शाम ढलने के बाद घरों से नहीं निकल रहे हैं। उधर, सेना ने भी लोगों से अनुरोध किया गया है कि वे सुबह छह बजे के बाद ही घरों से निकलें और शाम पांच बजे तक घरों में लौट जाएं।


मालिकों व संचालकों पर भी लगाया जुर्माना

गंगा नदी को प्रदूषित करने वालों की अब खैर नहीं, गंदगी फैलाने वालों पर अब लगेगा भरी जुर्माना


वाराणसी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में गंगा नदी को प्रदूषित करने वालों की खैर नहीं है। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (एनजीटी) की सख्ती के बाद नगर निगम गंगा घाट पर गंदगी फैलाने वालों पर 25,000 रुपये जुर्माना लगाने की तैयारी कर रहा है। प्रशासन का मानना है कि जुर्माना लगाने से लोग गंगा नदी को प्रदूषित कम करेंगे।नगर निगम के एक अधिकारी ने बताया कि गंगा में प्रदूषण फैलाने को लेकर बड़ी सख्ती की जा रही है। गंगा घाट पर कपड़े धोने पर 5,000 रुपये से 25,000 रुपये तक जुर्माना लगाया जा सकता है। इसके अलावा प्रतिमा विसर्जन, पूजा सामग्री विसर्जित करने पर 10,000 रुपये तक, गंगा किनारे मल-मूत्र विसर्जन पर 10-20 हजार रुपये तक जुर्माना तय किया गया है। इस प्रस्ताव पर गंगा समिति की बैठक में मुहर लग जाएगी। प्रदेश सरकार के निर्देश के बाद जिला अधिकारी (डीएम) की अध्यक्षता में गंगा समिति का गठन हुआ है, जिसके करीब पांच माह पूर्व नगर निगम ने उप-विधि बनाकर जुर्माने का स्लैब तय किया। पूर्व नगर आयुक्त आशुतोष कुमार द्विवेदी के वक्त यह कवायद हुई, लेकिन इस पर अमल अब शुरू हुआ है। अपर नगर आयुक्त अजय सिंह ने बताया कि एनजीटी के निर्देशानुसार गंगा नदी में गंदगी फैलाने वालों पर नगर निगम जुर्माना लगाने जा रहा है। इसका निर्धारण गंगा समिति की बैठक में किया जाएगा। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की क्षेत्रीय अधिकारी कलिका सिंह ने बताया कि गंगा नदी में गंदगी करने वालों पर भारी जुर्माना लगाने का प्रावधान किया गया है। इसके लिए नगर निगम समेत अन्य संबंधित विभागों को जुर्माने से संबंधित आवश्यक निर्देश-सुझाव दिए गए हैं। आने वाले समय में आवासीय भवनों के अलावा होटल, रेस्टोरेंट व अन्य प्रतिष्ठानों से निकलने वाला सीवेज व गंदा पानी गंगा में जाने पर इनके मालिकों व संचालकों पर भी जुर्माना लगाया जाएगा।


'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी

'पीएम' ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात दी  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को रेल परियोजनाओं की सौगात...