गुरुवार, 9 जनवरी 2020

निर्भया-कांड के 1दोषी की क्यूरेटिव पिटिशन

नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप के चार दोषियों में से एक विनय कुमार ने फांसी की सजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटिशन दायर की है। क्यूरेटिव पिटिशन में विनय ने मांग की है कि उसे 22 जनवरी को फांसी न दी जाए। इससे पहले दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने निर्भया केस के सभी गुनहगारों के खिलाफ डेथ वारंट जारी कर फांसी की सजा की तारीख तय कर दी है। कोर्ट में सुनवाई के दौरान अभियोजन ने कहा था कि अब किसी भी दोषी की कोई भी याचिका किसी भी कोर्ट या राष्ट्रपति के समक्ष लंबित नहीं है। सभी दोषियों की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी। कोर्ट से डेथ वारंट जारी करने का आग्रह करते हुए अभियोजन ने कहा था, ''डेथ वारंट जारी करने और तामील करने के बीच दोषी सुधारात्मक याचिका दायर करना चाहते हैं तो कर सकते हैं।''


क्या कहा निर्भया की मां ने


दो दोषियों-मुकेश और विनय के वकील ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट में सुधारात्मक याचिका दायर करने की प्रक्रिया में हैं। कोर्ट की ओर से डेथ वॉरंट जारी होने के बाद निर्भया की मां ने कहा था कि यह आदेश (मौत की सजा पर अमल के लिए) कानून में महिलाओं के विश्वास को बहाल करेगा।


क्या हुआ था दिसंबर 2012 में


आपको बता दें कि दिसंबर 2012 में निर्भया के साथ 6 लोगों ने बस में गैंगरेप किया था। इसके बाद इलाज के दौरान निर्भया ने दम तोड़ दिया था। 6 में एक आरोपी नाबालिग था। वहीं एक आरोपी राम सिंह ने जेल में खुद को फांसी लगा ली थी। इसके बाद बाकि चार आरोपियों का भी फांसी की सजा सुनाई गई थी। तमाम का प्रक्रियाओं के बाद 22 जनवरी को अब इस सभी को फांसी दी जाने वाली है।


2020-21 के लिए रिटर्न फार्म नोटिफाई

नई दिल्ली। करदाताओं की सहूलियत के लिए आयकर विभाग ने करीब चार महीने पहले ही आकलन वर्ष 2020-21 के लिए रिटर्न फॉर्म को नोटिफाई कर दिया है। इसमें विभाग ने बड़े स्तर पर बदलाव करते हुए करदाताओं से कई नई तरह की जानकारियां मांगी हैं। आयकर विभाग अमूमन किसी आकलन वर्ष का आईटीआर फॉर्म अप्रैल के पहले सप्ताह में जारी करता है। करदाताओं की मांग पर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने इस बार चार महीने पहले जनवरी की शुरुआत में ही दो फॉर्म नोटिफाई कर दिए हैं। विभाग ने अभी आकलन वर्ष 2020-21 के लिए आईटीआर फॉर्म-1 सरल और आईटीआर-4 सहज फॉर्म को नोटिफाई किया है। अन्य फॉर्म भी जल्द करदाताओं के सामने आ जाएंगे। हालांकि, इन्हें अभी एक्टिवेट नहीं किया गया है।


मकान के संयुक्त मालिक तो भरें आईटीआर-2


आयकर विभाग ने बताया है कि सालाना 50 लाख रुपये से कम आय वाले व्यक्तिगत करदाता या अविभाजित हिंदू परिवार (एचयूएफ) अगर किसी मकान के संयुक्त रूप से मालिक हैं, तो अब वे आईटीआर-1 नहीं भर सकेंगे। दरअसल, कर बचाने के लिए आमतौर पर नौकरीपेशा दंपति संयुक्त रूप से किसी मकान को खरीदते हैं। इस पर बैंक से बड़ा कर्ज भी मिल जाता है। 2020-21 के लिए उन्हें आईटीआर-2 फॉर्म भरना होगा।


देना होगा पासपोर्ट नंबर


आयकर विभाग ने आगामी आकलन वर्ष से जिन करदाताओं के पास पासपोर्ट है, उनके लिए रिटर्न फॉर्म में इसकी जानकारी देना अनिवार्य कर दिया है। यह नियम आईटीआर-1 और आईटीआर-4 के अलावा आने वाले सभी रिटर्न फॉर्म पर भी लागू होंगे।


विदेश यात्रा का विवरण


अगर किसी करदाता ने वित्त वर्ष 2019-20 में परिवार के साथ विदेश यात्रा की है, तो उसे रिटर्न में ज्यादा जानकारियां देनी होंगी। इस यात्रा में अगर 2 लाख रुपये से ज्यादा खर्च आता है तो करदाता आईटीआर-1 फॉर्म नहीं भर सकेंगे। अगर ये करदाता आईटीआर-4 के दायरे में आते हैं, तो इन्हें खर्च की गई राशि का खुलासा करना होगा।


ज्यादा बिजली खपत का खुलासा


वित्त वर्ष 2019-20 के दौरान किसी करदाता ने बिजली बिल पर 1 लाख रुपये से ज्यादा खर्च किए हैं, तो वह आईटीआर-1 दाखिल नहीं कर सकेगा। ऐसे करदाता को आईटीआर फॉर्म-4 का इस्तेमाल करना होगा और उन्हें बिजली बिल पर खर्च राशि की जानकारी भी देनी होगी।


1 करोड़ से ज्यादा जमा पर सहज फॉर्म


आयकर विभाग के मुताबिक, किसी करदाता ने 2019-20 में किसी एक या ज्यादा बैंकों के चालू खाते में 1 करोड़ से ज्यादा राशि जमा की है, तो उन्हें भी आईटीआर फॉर्म-4 यानी सहज चुनना होगा। साथ ही वित्त वर्ष के दौरान जमा की गई कुल राशि का भी खुलासा करना होगा।


1 साल में दो बार जुड़वा बच्चों को जन्म

फ्लोरिडा। एक महिला ने एक साल में दो बार 2-2 बच्चों को जन्म दिया। फ्लोरिडा में रहने वाली मां ने पहली बार मार्च 2019 में दो बच्चों को जन्म दिया था। इसके बाद दिसंबर में भी उनके दो बच्चे हुए। एलेक्सजैंड्रिआ वोलिस्टन नाम की महिला ने कहा कि उन्हें ऐसा महसूस हो रहा है जैसे उन्हें दो बार इनाम मिल गया हो। मार्च में जुड़वां बच्चों को जन्म देने के बाद वोलिस्टन मई में प्रेग्नेंट हो गई थीं। तभी डॉक्टर ने कह दिया था कि दोबारा जुड़वां बच्चे होने की संभावना है।


5 बच्चों को करनी पड़ रही है देखभाल


वोलिस्टन ने कहा कि चारों बच्चे फिलहाल ठीक हैं। दिसंबर में प्रीमैच्योर स्थिति में दोनों का जन्म हुआ था। एक को हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गई है, जबकि दूसरे को कुछ दिनों में घर भेज दिया जाएगा। पहले से वोलिस्टन की एक बेटी है, इसलिए अब उन्हें 5 बच्चों की देखभाल करनी होगी। उन्होंने कहा कि शुरुआत में जुड़वां बच्चों को जन्म देने को लेकर वह काफी नर्वस थीं। उन्हें डर था कि क्या उनका शरीर दो बच्चों को संभाल पाएगा। लेकिन आगे चलकर सबकुछ सही से हो गया। वोलिस्टन ने कहा कि उनकी ग्रैंडमदर ने भी दो बार जुड़वां बच्चों को जन्म दिया था लेकिन उन बच्चों की मौत हो गई थी। इसलिए वोलिस्टन ने कहा कि उन्हें ऐसा लगता कि ग्रैंडमदर ने उन्हें अपने बच्चे गिफ्ट किए हैं। अमेरिकी सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, औसतन एक हजार डिलिवरी में जुड़वां बच्चे होने की संभावना करीब 36 बार होती है।


दीपिका की 'छपाक' के खिलाफ याचिका

नई दिल्ली। दीपिका पादुकोण की फिल्म 'छपाक' 10 जनवरी को रिलीज होने जा रही है। रिलीज से पहले ही ये फिल्म मुश्किल में पड़ गई है। वकील अपर्णा भट्ट ने दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में फिल्म पर रोक लगाए जाने की याचिका दायर की है । अपर्णा ने कई सालों तक लक्ष्मी अग्रवाल का केस लड़ा था। अपर्णा ने इस याचिका में कहा है कि उन्होंने कई सालों तक लक्ष्मी अग्रवाल के लिए केस लड़ा लेकिन उन्हें फिल्म में कोई क्रेडिट नहीं दिया गया है। इस वजह से वो चाहती हैं कि फिल्म की रिलीज पर रोक लग जाए। बता दें कि इससे पहले एक लेखक ने फिल्म को लेकर कॉपी राइट मामला दर्ज कराया था। ये याचिका राकेश भारती नाम के एक लेखक ने दायर की थी । इसमें राकेश ने दावा किया था कि उन्होंने एसिड हमले की एक पीड़ित के जीवन पर कहानी लिखी थी। राकेश ने फिल्म में श्रेय दिए जाने की मांग की। इस मामले में बंबई उच्च न्यायालय ने बुधवार को कहा कि कोई भी व्यक्ति सच्ची घटनाओं से प्रेरित किसी कहानी पर कॉपीराइट का दावा नहीं कर सकता है।


'अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव' 28 तक चलेगा

मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई में 16वां मुंबई अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 28 जनवरी से तीन फरवरी तक चलेगा। इसमें डॉक्यूमेंट्री, लघु फिल्में और एनिमेशन फिल्म दिखाई जाएंगी। इस महोत्सव को खास बनाने के लिए मंत्रालय ने इस बार वी शांताराम पुरस्कार के अलावा कई नई श्रेणियों में भी पुरस्कार शुरू किए हैं। ये पुरस्कार तीन फरवरी को दिए जाएंगे। समारोह में शामिल होने के लिए इस बार 729 देसी प्रविष्टियों के अलावा 24 देशों की 144 प्रविष्टियां मिली हैं। इसमें विशेष रूप से यूरोपियन संघ की फिल्में शामिल हैं। समारोह में रूस की एनिमेशन फिल्में, फिनलैंड और बुल्गारिया की ऑस्कर नामांकित फाउवे, कनाडा की लघु फिल्म फयूवा, कनाडा की डिटेंनमेंट और फ्रांस की रात को बगीचे में शॉर्ट फिल्म दिखाई जाएगी।


इसके अलावा सत्यजीत रे की लघु फिल्में जिनमें रविंद्रनाथ टैगोर, द इनर आई, पीकू जैसी शॉर्ट फिल्में भी प्रदर्शित की जाएंगी। इस बार के समारोह में फोकस कंट्री का गौरव आयरलैंड के पास होगा। इसके अलावा छात्रों की बनाई फिल्में भी समारोह का आकर्षण होंगी। इसमें एफटीआईआई, एसआरएफटीआई, एनआईडी, एफटीआईटी, सृष्टि और क्राफ्ट स्कूल के छात्रों द्वारा बनाई गई एनिमेशन, शार्ट और डाक्यूमेंट्री फिल्में देखने का मौका मिलेगा ।


वर्कशॉप का होगा आयोजन


अंतरराष्ट्रीय स्तर की संपादन कार्यशाला, ड्रोन फोटोग्राफी, एनिमेटर माइकल डुडोक डे विट और थॉमस वॉ जैसे वरिष्ठ फिल्मकारों की कार्यशालाएं भी आयोजित की जाएंगी। महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती और सत्यजीत रे की जन्मशती मनाने के साथ देश के जाने वाले फिल्मकारों को उनकी फिल्में की स्क्रीनिंग और प्रदर्शनी के माध्यम से श्रद्धांजलि भी दी जाएगी।


महोत्सव में लघु, एनिमेशन और वृतचित्र श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ फिल्मों को नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। फेस्टिवल की सर्वश्रेष्ठ फिल्म को 10 लाख का नकद गोल्डन शंख पुरस्कार दिया जाएगा। जबकि अन्य पुरस्कारों में एक से पांच लाख तक के सिल्वर शंख, ट्राफी और प्रमाण पत्र भी हैं। इस बार ।


अमेरिका-ईरान तनाव से लिया निर्णय

नई दिल्ली। अमेरिका-ईरान में तनाव बढ़ता देख भारतीय नौसेना ने खाड़ी क्षेत्र में अपने जंगी जहाजों को तैनात कर दिया है। भारत ने समुद्री रास्तों से होने वाले कारोबार और सुरक्षा के तौर पर एहतियातन यह कदम उठाया है, ताकि किसी भी आकस्मिक हालात से समय रहते निपटा जा सके। इसके अलावा ओमान की खाड़ी में पहले से तैनात आईएनएस त्रिखंड को भी सतर्क कर दिया गया है। नौसेना के अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि मौजूदा हालात को देखते हुए जंगी जहाजों और विमानों को तैनात कर दिया गया है। भारतीय कारोबारियों को सुरक्षा का भरोसा दिया जा रहा है। हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है और किसी भी आकस्मिक हालात से निपटने के लिए तैयार रहने को कहा गया है। नौसेना द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि भारतीय कारोबारी पोतों की आवाजाही सुरक्षित तरीके से हो और समुद्री कारोबार सुरक्षित तरीके से हो, इसलिए यह कदम उठाया गया है। भारतीय नौसेना देश की समुद्री हितों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।


जंग की स्थिति में कारगर होंगे ये जंगी बेडे़


आईएनएस त्रिखंड युद्धपोत इन दिनों ओमान की खाड़ी में तैनात है। साथ ही आईएनएस सुमेधा भी करीब ही अदन की खाड़ी में एंटी-पायरेसी पेट्रोलिंग के लिए तैनात है। अगर अमेरिका और ईरान के बीच युद्ध हुआ तो इन सभी जहाजों को सुरक्षित वहां से निकालने की जिम्मेदारी ऑपरेशन संकल्प की तरह ही भारतीय नौसेना की ही होगी।


बीते साल नौसेना ने चलाया था ऑपरेशन संकल्प


बीते साल जून में जब ओमान की खाड़ी में दो तेल टैंकरों पर हमला हुआ था तो हालात बिगड़ने की आशंका के चलते भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन संकल्प से भारत के वाणिज्यिक जहाजों को सुरक्षित वहां से बाहर निकाला था। इसके लिए भारतीय नौसेना ने अपने युद्धपोतों को फारस की खाड़ी में तैनात किया था ताकि किसी भी तरह से समुद्री रास्ते पर कोई रुकावट न आ। ऑपरेशन संकल्प को इस साल भारतीय नौसेना ने गणतंत्र दिवस की परेड की झांकी का हिस्सा भी बनाया है।


क्या है त्रिखंड की खासियत


2013 में भारतीय नौसेना में शामिल आईएनएस त्रिखंड पर अनेक युद्धक हथियारों का जखीरा है। इसमें सुपर सोनिक ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली, सतह से हवा में मार करने वाला आधुनिक प्रक्षेपास्त्र शीतल, मध्यम दूरी तक मार करने वाला समुन्नत ए-190 तोप, तारपीडो और रॉकेट जैसे पनडुब्बी को नष्ट करने वाले हथियार हैं। जहाज में रडार, चुंबकीय और ध्वनि पहचानों को कम करने के अलावा टैंक रोधी विशेषताएं हैं। यह जहाज एक साथ 31 हेलीकॉप्टर की ढुलाई कर सकता है।


बड़ी-बड़ी इमारतें बनाना लक्ष्य नहीं

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि हमारा लक्ष्य गगनचुंबी इमारतों और हवाई अड्डों का निर्माण करना नही है, बल्कि छत्तीसगढ़ में रहने वाले व्यक्तियों पर ध्यान केंद्रित करना है। श्री बघेल आज चेन्नई में द न्यू इंडियन एक्सप्रेस – थिंक एडु कॉन्क्लेव 2020 के श्रोताओं को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने उन कार्यक्रमों के बारे में भी बताया जो उनकी एक वर्षीय सरकार ने राज्य के विकास को बढ़ावा देने के लिए अपनाए हैं। श्री बघेल ने कहा कि हमारे राज्य में किसानों को धान का पूरे देश में सबसे ज्यादा कीमत मिल रही है। जब से यह सरकार सत्ता में आई है, हमने किसानों की कर्ज माफी की है और उन्हें बिजली बिल में छूट दी है। उन्होंने कहा कि सिर्फ एक साल में ही ऑटोमोबाइल, जवाहरात और रियल एस्टेट सेक्टर में उनके राज्य की वृद्धि प्रभावशाली रही है।


श्री बघेल ने कहा कि 39 प्रतिशत आबादी अभी भी गरीबी रेखा से नीचे है। हमारे बच्चों का एक बड़ा हिस्सा कुपोषित है। हमारी कई महिलाएं एनेमिक हैं। और ये समस्या नक्सलवाद से भी बड़ी हैं। हर समस्या का हल है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के गरीब और कुपोषित बच्चों को गर्म पौष्टिक भोजन दिया जाता है। नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में हमने 200 ऐसे स्कूल फिर से खोल दिए हैं, जो पहले नक्सलियों द्वारा बंद कर दिए गए थे। नक्सल गतिविधियों के कारण इस क्षेत्र में शिक्षा का बहुत नुकसान हुआ था। उन्होंने कहा कि जगारगुंडा और भेज्जी में स्कूलों को 13 साल बाद फिर से खोल दिया गया है। स्कूलों को भी फिर से तैयार किया गया और यहां बच्चों की बेहतर शिक्षा की व्यवस्था की गई है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पास 55,000 सरकारी स्कूल हैं जहां 65 लाख छात्र पढ़ रहे हैं। हमने हाल ही में पैरा शिक्षकों और स्वयंसेवी शिक्षकों के साथ काम किया और उन्हें सरकारी तंत्र में शामिल कर लिया। 1.5 लाख से अधिक शिक्षक अब स्थायी शिक्षक बन गए हैं। इस वर्ष 15,000 नए शिक्षकों की भर्ती की गई थी। उन्होंने कहा कि 2014 के नेशनल अचीवमेंट सर्वे ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के बीच हमारे राज्य को 34 वें स्थान पर रखा।


छत्तीसगढ़ में शीतलहर ने बढ़ाई ठंड, कई जगहों पर जोरदार बारिश का अलर्ट


हमारे पास हालांकि, इस साल हमारी रैंक में सुधार हुआ है और यह 19 वें स्थान पर है। श्री बघेल ने शिक्षा क्षेत्र में उनकी सरकार द्वारा किए गए सुधारों के बारे में भी बात की।  उन्होंने कहा कि हमारा ध्यान शिक्षा के माध्यम से विकास पर है। सरकार ने कक्षा शिक्षण शैलियों में भी सुधार किया है। हमने एक ऐसी प्रणाली को अपनाया है जो व्यक्तिगत सीखने पर ध्यान केंद्रित करती है। इन दिनों सामुदायिक भागीदारी की गुंजाइश है। हमने स्कूली छात्रों के लिए मोबाइल ऐप भी विकसित किए हैं। उन्होंने कहा कि नक्सलवाद निश्चित रूप से एक ऐसा मुद्दा है जिसे कोई भी छत्तीसगढ़ की बात करते हुए नजरअंदाज नहीं कर सकता है। हम हिंसा के साथ हिंसा को हल नहीं कर सकते। यह एक रणनीति है जिसका सरकारों ने वर्षों से पालन किया है। हालांकि, हम इसके बजाय सभी हितधारकों के साथ चर्चा और बातचीत कर सकते हैं, यह आगे का रास्ता है।


डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...