शनिवार, 4 जनवरी 2020

नवाज शरीफ हृदय इलाज के लिए भर्ती

इस्लामाबाद। लंदन में इलाज करा रहे पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को जल्द ही हृदय के इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। लंदन स्थित रॉयल ब्रॉम्प्टन हॉस्पिटल के एक सूत्र ने द न्यूज इंटरनेशनल को बताया कि हृदय रोग विशेषज्ञों ने शरीफ को बताया है कि उन्हें इलाज के लिए भर्ती होना होगा। सूत्र ने कहा कि पूर्व नेता को सलाह दी गई है कि एक सप्ताह में यह निश्चित हो जाएगा कि उनके हृदय का ऑपरेशन होगा, बाईपास सर्जरी होगी या हृदय स्टेंट होगा। शरीफ लगभग दो महीनों के लिए लंदन में हैं, क्योंकि उनकी रक्त प्लेटलेट्स अभी भी स्थिर नहीं हो सकी हैं। पूर्व प्रधानमंत्री के निजी फिजीशियन अदनान खान ने दो सप्ताह पहले कहा था कि डॉक्टर शरीफ का पूरा मेडिकल इतिहास जांचेंगे। उनके शरीर में प्लेटलेट्स काउंट कम होने का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है।


बेसुध युवती के मिलने से क्षेत्र सनसनी

योगेंद्र प्रजापति


डूंगरपुर। राजस्थान के डूंगरपुर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र में शुक्रवार सुबह एक युवती बेसुध हालत में तालाब किनारे मिलने से आसपास के इलाके में हड़कंप मच गया। पहले हत्या और फिर दुष्कर्म की आशंका के बीच स्थानीय लोगों ने पुलिस को सूचना दी. पुलिस ने युवती सांसे चलती देख तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया। शुरुआती पूछताछ में दो युवकों ने लिफ्ट देने के बहाने दो युवक पीड़िता को अपने साथ लेकर गए थे। इसके बाद उसके साथ क्या हुआ? इस पर फिलहाल स्थिति स्पष्ट नहीं हो सकी है। फिलहाल युवती का अस्पताल में इलाज जारी है और पुलिस युवती के बयानों के आधार पर आरोपी युवकों और स्थानीय लोगों से पूछताछ कर जांच में जुटी है। उदयपुर की रहने वाली है युवती, प्रेम प्रसंग से जुड़ा है मामला जानकारी के अनुसार युवती उदयपुर जिले की रहने वाली है और गुरुवार को डूंगरपुर के पास के एक गांव में अपनी सहेली के घर आई थी। हालांकि पूछताछ में यह भी सामने आया है कि गांव के एक युवक के साथ युवती का प्रेम प्रसंग चल रहा था और शुक्रवार  सुबह ही लड़के के परिजनों के साथ युवती की बहस भी हुई थी। ये कहानी सामने आई युवती के पूर्व बयानों की मानें तो सुबह जब पीड़िता अपने सहेली के घर से डूंगरपुर बस स्टैंड पर जा रही थी इस दौरान बाइक पर दो युवक आये ओर उसे बस स्टैंड छोड़ने की बात कह कर अपनी बाइक पर बैठा लिया। इसके बाद एक युवक ने युवती के साथ दुष्कर्म किया और उसके बाद पीड़ित बेसुध हो गई। ग्रामीणों ने पुलिस को सूचना दी, अस्पताल में भर्ती कराया कुछ ग्रामीण तालाब के पास जब लकड़ियां इकट्ठी कर रहे थे तब युवती को बेसुध हालत में पड़ा देखा। इसके बाद ग्रामीणों ने मामले की जानकारी पुलिस कंट्रोल रूम को दी। सूचना पर कोतवाली पुलिस की टीम मौके पर पहुंची और युवती को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया। पीड़िता इलाज के बाद होश में आ गई है और पुलिस मामले की जांच में जुट गई है।


महंगाईः सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन

किच्छा। किच्छा में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बढ़ती महंगाई के खिलाफ नारेबाजी कर जोरदार प्रदर्शन किया। कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने किच्छा में प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार के प्रतीकात्मक पुतले को आग के हवाले किया। कांग्रेस के किच्छा नगर अध्यक्ष अरुण तनेजा के नेतृत्व में तमाम कार्यकर्ताओं ने नगर के महाराणा प्रताप चौक पर केंद्र सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए नारेबाजी की। कांग्रेसियों ने कहा कि रसोई गैस-पेट्रोल-डीजल व प्याज के बढ़ते दाम से आम जनता परेशान हो गई है और महंगाई के चलते आम जनता का जीना दुश्वार हो गया है। इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर महंगाई पर लगाम लगाने में नाकाम साबित होने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा देने की भी मांग की। कांग्रेसियों ने कहा कि केंद्र सरकार उद्योगपतियों को लाभ पहुंचाने की दिशा में काम कर रही है। कांग्रेस कार्यकर्ता बंटी पपनेजा ने विरोध में साइकिल पर गैस सिलेंडर रखकर प्रदर्शन किया और केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस मौके पर नगर पालिका अध्यक्ष दर्शन कोली, कांग्रेस प्रदेश प्रवक्ता संजीव कुमार सिंह, प्रदेश महासचिव हरीश पनेरु व डॉ गणेश उपाध्याय, हाजी इकबाल अहमद, धनीराम, फरियाद शाह, बंटी पपनेजा, फजील खान, विनोद कोरंगा, नारायण बिष्ट, जगरूप सिंह गोल्डी, अब्दुल रशीद जक्कू, मोहम्मद आरिफ, निर्मल सिंह हंसपाल, जाकिर हुसैन, मोहम्मद खालिद, दानिश अहमद आदि मौजूद थे।


मलबे के नीचे दबकर 5 लोगों की मौत

झांसी। उत्तर प्रदेश के झांसी जिले के बरुआसागर थाना क्षेत्र में एक निर्माणाधीन दीवार गिर जाने से मलबे में दबकर पांच मजदूरों की मौत हो गई और सात लोग घायल हो गए। झांसी के पुलिस महानिरीक्षक (आईजी) सुभाष सिंह बघेल ने बताया कि बरुआसागर थाना क्षेत्र स्टोन क्रशर की दीवार पर कुछ मजदूर प्लास्टर कर रहे थे, तभी अचानक यह हादसा हो गया, जिसमें पांच लोगों की मौत हो गई और करीब सात लोग घायल हो गए। मरने वालों में दो पुरुष और तीन महिलाएं हैं। घायलों को झांसी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया है। एसएसपी व डीएम ने अस्पताल पहुंचकर घायलों के उपचार की जानकारी ली। संबंधित थाने के सिपाही और अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं। आसपास के लोगों ने बताया कि यहां स्टोन क्रशर की दीवार पर कुछ मजदूर प्लास्टर कर रहे थे, उसी दौरान यह हादसा हुआ। मौके पर राहत व बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। आशंका जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस हादसे पर दुख जताया है। उन्होंने जिलाधिकारी (डीएम) को घटनास्थल पर पहुंचने का निर्देश दिया है। साथ ही घायलों को हर संभव मदद देने का भरोसा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि दुर्घटना में घायलों के समुचित इलाज की व्यवस्था की जाए और पीड़ितों को अनुमन्य आर्थिक सहायता तत्काल उपलब्ध कराई जाए। मुख्यमंत्री ने हादसे के शिकार लोगों की आत्मा की शांति की कामना करते हुए शोक संतप्त परिजनों के प्रति अपनी संवेदना व्यक्त की है।


सूजन की वजह से हुई मादा हाथी की मौत

पैर में 15 सेमी. फ्रेक्चर एवं सूजन की वजह से कीचड़ से ना उठ पाने के कारण हुई मादा हाथी की मौत मामले में प्रभारी वनमंडलाधिकारी डी.डी.संत का सस्पेंशन को कटघोरा वनअमला ने बताया अनुचित


कोरबा। कटघोरा के केंदई रेंज अंतर्गत ग्राम कुल्हड़िया गाँव के समीप साल्ही पहाड़ के नीचे 28 दिसंबर को हुए एक मादा हाथी की मौत मामले में हाथी के सीधे पैर में 15 सेंटीमीटर फ्रेक्चर एवं सूजन होने के कारण कीचड़ से ना उठ पाने की वजह से डॉक्टरों की टीम ने हाथी का मौत होना बताया।हालाकि हाथी के मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही स्पष्ट होगा।लेकिन जिस स्थान पर हाथी की मौत हुई वह एक खेत है जो बांगों डुबान क्षेत्र के अंतर्गत आता है।और जहाँ हमेशा कीचड़ बना रहता है।उक्त स्थान पर लगभग डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर पहुँचना पड़ता है।उक्त कारणों से मौके पर एक्सीवेटर ना पहुँच पाने के कारण वनअमला का रेस्क्यू ऑपरेशन विफल रहा।और घायल मादा हाथी के कीचड़ से उठ ना पाने की वजह से मौत हुई।जहाँ पर हाथी की मौत हुई वहाँ लगभग 300 मीटर के दायरे में 45 हाथियों का दल लगातार 4 से 5 दिनों तक भ्रमण कर रहा था।मामले में बिना वास्तविकता जाने शासन द्वारा सीधे तौर पर प्रभारी डीएफओ डी डी संत का संस्पेंशन किये जाने को लेकर विभागीय अमला द्वारा कार्यवाही को अनुचित बताया जा रहा है। वन शासन के पास डॉक्टर एवं वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट नही आपको बता दें कि राज्य शासन और वन विभाग के पास मौजूदा समय में कोई भी एक्सपर्ट डॉक्टर और वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट नही है।पूर्व में दो एक्सपर्ट डॉक्टर थे।जिन्हें भी उनके मूल विभाग में वापस भेज दिया गया।जिसके कारण हाथी सहित अन्य घायल जानवरों को समय पर उचित उपचार नही मिलने के कारण उनकी असमय मौत हो जाती है। प्रभारी डीएफओ संत रहे नेताओं के निशाने पर।
स्थानीय स्तर के कुछ नेताओ द्वारा विभागीय स्तर पर कराए गए निर्माण कार्यों को लेकर घटिया निर्माण के कारण प्रभारी डीएफओ डी डी संत द्वारा उनका बिल भुगतान राशि रोक दिए जाने को लेकर वे नेताओं के निशाने पर रहे।डी डी संत के सस्पेंशन पश्चात वर्तमान में जांजगीर के प्रभारी डीएफओ (एसडीओ) जितेंद्र उपाध्याय को कटघोरा वनमंडल का प्रभार सौंपा गया है।जहाँ स्थानीय नेताओं के भुगतान राशि का रास्ता अब उन्हें क्लियर दिख रहा है।सम्भवतः संत पर गिरे गाज को उक्त नजरिये से भी जोड़कर कटघोरा वनमंडल में देखा जा रहा है।


आईजी का एसआई रिश्वत मामले में सस्पेंड

राणा ओबराय

रिश्वत मांगने के आरोप में आईजी ने एएसआई को किया सस्पेंड

करनाल। हरियाणा में करनाल जिले के सदर थाना में तैनात एएस आई सुरेश कुमार की तरफ से मारपीट के केस में रिश्वत मांगना महंगा उस समय भारी पड़ गया , जब पीड़ितों ने आईजी भारती अरोड़ा को शिकायत की और ऑडियो भी पेश कर दी। आईजी ने तुरंत कार्रवाई करवाते हुए सिविल लाइन थाना ने केस दर्ज कर लिया है । स्टोनडी गांव के लोगो ने शिकायत देते हुए कहा कि मारपीट के मामले में थाना सदर करनाल में 26.11.2019 को केस दर्ज करवाया था। इसकी जांच सुरेश कुमार द्वारा की जा रही थी। लेकिन इस कर्मचारी ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया और जब हमने गिरफतारी के बारे में कहा कि तो इसने हमसे पैसों की डिमांड की। सुरेश कुमार द्वारा कार्रवाई करने के बदले पैसे मांगने की ऑडियो रिकार्डिंग भी पुलिस महानिरीक्षक को सुनवाई गई। जिसके आधार पर पुलिस महानिरीक्षक ने सुरेश कुमार के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश किए। एएसआई के खिलाफा थाना सिविल लाईन करनाल में केस दर्ज करके उसे हिरासत में ले लिया। आज पुलिस कर्मचारी को कोर्ट में पेशकर न्याय की हिरासत में भेज दिया गया है।


हरियाणा से मिलेगी हिंदी में आदेश की कॉपी

राणा ओबराय

हरियाणा वासियो को न्यायालय से मिलेंगी हिंदी में आदेश की कॉपी, हर वर्ष बढ़ेगी 250 रुपये वृद्धावस्था पेंशन

चण्डीगढ़। 3 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अधीनस्थ न्यायालयों व अधिकरणों में हिंदी भाषा के उपयोग के संबंध में हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 के संशोधन को लाने के लिए एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की।
राज्य के लोगों की भाषा के रूप में हिंदी का प्रचार प्रसार करने के लिए यह आवश्यक है कि इस भाषा का उपयोग हमारे दिन-प्रतिदिन के काम में प्रयोग की जानी चाहिए। लोकतंत्र में न्याय का उद्देश्य यह है कि वादी को अपनी भाषा में जल्दी न्याय मिलना चाहिए और कार्यवाही के दौरान वह अवाक न रहे। हरियाणा राज्य के आधिकारिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा हिंदी को अपनाने के लिए हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 को राज्य विधानमंडल द्वारा पारित किया गया था। हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 के तहत हिंदी को हरियाणा राज्य की आधिकारिक भाषा बनाया गया। तब से, हिंदी भाषा का उपयोग ज्यादातर प्रशासन की भाषा के रूप में किया जा रहा है। पंजाब राजभाषा अधिनियम, 1967 में 1969 के पंजाब अधिनियम संख्या 11 द्वारा संशोधन किया गया था, जिसमें धारा 3ए और 3बी जोड़े गए थे, कि सभी सिविल न्यायालयों और आपराधिक न्यायालयों में पंजाब एवं हरियाणा के उच्च न्यायालय के अधीनस्थ थे और सभी राजस्व न्यायालय और अधिकरण, में काम पंजाबी में किए जाएंगे।
इसी तरह के संशोधन को हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 में भी लाया जाएगा, जो कि सभी न्यायालयों में उस कार्य को प्रदान करने के लिए, उच्च न्यायालय के अधीनस्थ और राज्य सरकार द्वारा गठित सभी न्यायाधिकरणों द्वारा हिंदी में देवनागरी लिपि में काम किया जाएगा और हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 में धारा 3ए को जोड़ा जाएगा, जिसके तहत पंजाब एवं हरियाणा के उच्च न्यायालय के अधीनस्थ सभी सिविल अदालतों और आपराधिक न्यायालयों में, सभी राजस्व अदालतें और रेंट ट्रिब्यूनलों या किसी अन्य अदालत या राज्य सरकार द्वारा गठित न्यायाधिकरण, ऐसी अदालतों और न्यायाधिकरणों में कार्यवाही, कोई भी निर्णय, डिक्री या आदेश पारित, हिंदी में होगा। मंत्रिमंडल ने यह भी निर्णय लिया कि प्रस्तावित संशोधन के सुचारू क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण सहित सभी अपेक्षित अवसंरचना को छह महीने के भीतर प्रदान किया जाएगा। हरियाणा सरकार को हरियाणा राज्य के 78 विधायकों, हरियाणा के महाधिवक्ता और सैकड़ों अधिवक्ताओं द्वारा हस्ताक्षरित एक मांग पत्र भी प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री ने न्यायालयों में उपयोग के लिए हिंदी भाषा को अधिकृत करने हेतू अपनी रुचि भी व्यक्त की है ताकि हरियाणा के नागरिक पूरी न्याय प्रक्रिया को अपनी भाषा में समझ सकें और आसानी से न्यायालयों के समक्ष अपने विचार रख सकें। हाल ही में, केरल उच्च न्यायालय के हीरक जयंती कार्यक्रम में, राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने स्वयं इस बात पर भी बल दिया कि न्यायालय के निर्णयों को वादी-प्रतिवादी की भाषा में उपलब्ध कराया जाना चाहिए। भारत के अधिवक्ताओं, बुद्धिजीवियों और न्यायविदों द्वारा शुरू किया गया भारतीय भाषा अभियान इस दिशा में भी काम कर रहा है कि भारत के न्यायालयों में भारतीय भाषाओं में काम शुरू किया जाना चाहिए। इसलिए, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अधीन न्यायालयों व अधिकरणों द्वारा दिए गए या पारित किए गए किसी भी निर्णय, डिक्री या आदेशों के लिए हिंदी भाषा के उपयोग को अधिकृत करना विवेक सम्मत है।


पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...