शनिवार, 4 जनवरी 2020

एचडीएफसी का सभी सावधि के लिए ब्याज

एचडीएफसी लिमिटेड ने सभी अवधि के लिए ब्याज


मुंबई! अगर आप होम लोन लेने की सोच रहे हैं तो आपके लिए एक अच्‍छी खबर है। दरअसल, देश की सबसे बड़ी फाइनेंस कंपनी एचडीएफसी लिमिटेड (HDFC Limited) ने अपने ग्राहकों को नए साल का तोहफा देते हुए ब्याज दरें घटाने का फैसला किया है। ब्याज दरें 0.05 फीसदी तक घटा दी है। इस फैसले के बाद होम, ऑटो और पर्सनल लोन की EMI घट जाएगी। वहीं, नए कस्टमर्स के लिए लोन लेना सस्ता हो जाएगा। आपको बता दें कि हाल में SBI और ICICI बैंक ने भी कर्ज की ब्याज दरों में कटौती करने का ऐलान किया था। कंपनी की ओर से जारी बयान में बताया गया है, "HDFC लिमिटेड ने सभी अवधि के लिए ब्याज दरें 0.05 फीसदी तक घटाने का फैसला किया है। इससे ग्राहकों की लोन ईएमआई में 0.05 फीसदी की कमी आएगी यानी हर महीने करीब 0.05 फीसदी की बचत होगी। नई दरें 6 जनवरी से 2020 से लागू होंगी।'' यहां बता दें कि HDFC अपने होम लोन पर रेट्स को रिटेल प्राइम लेंडिंग रेट के आधार पर तय करता है। बहरहाल, HDFC की नई दरें 8.20 फीसदी से 9 फीसदी के दायरे में रहेंगी। वहीं बैंक का यह फैसला नए और पुराने दोनों तरह के ग्राहकों के लिए लागू होगा।
6 जनवरी 2020 से अगर कोई महिला ग्राहक 30 लाख रुपए का होम लोन लेती है तो उसके लिए दरें अब घटकर 8.05 फीसदी पर आ गई है। वहीं, महिलाओं के लिए 30-75 लाख रुपए तक के होम लोन की दरें 8.3 फीसदी है। इसके अलावा, 75 लाख रुपए से ज्यादा के होम लोन की दरें 8.4 फीसदी है। आपको बता दें कि महिलाओं के लिए मुकाबले पुरुषों के लिए होम लोन की दरें 0.05 फीसदी अधिक है ICICI बैंक ने की कटौती
इससे पहले ICICI बैंक ने सभी अवधि के लिए ब्याज दरें 0.05 फीसदी तक घटाने का फैसला किया है। इससे ग्राहकों की लोन ईएमआई में 0.05 फीसदी की कमी आएगी यानी हर महीने करीब 0.05 फीसदी की बचत होगी। SBI ने भी ब्‍याज दर में की है कटौती इससे पहले भारतीय स्टेट बैंक ने भी होम और ऑटो लोन पर ब्‍याज दरें कम कर दी हैं। अब नए मकान खरीदने वालों को बैंक 7.90 फीसदी की ब्याज दर पर लोन देगा। पहले ब्याज दर 8.15 फीसदी थी। बैंक ने एक्सटर्नल बेंचमार्क बेस्ड रेट (EBR) को 8.05 फीसदी से घटाकर 7.80 फीसदी कर दिया है। यह एक आधार दर है जो इस बात का सूचक होता है कि लोन की दर इससे कम नहीं हो सकती।


परंपरा की आड़ में हो रहा देह व्यापार

 नीमच। जिले में पुलिस ने एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश किया है, जो परंपरा के नाम पर हाइवे के किनारे वैश्यावृत्ति का धंधा चला रहा था। पुलिस ने छापे के दौरान 4 नाबालिगों समेत 12 महिलाओं को हिरासत में लिया है जबकि मौके से 12 ग्राहक भी आपत्तिजनक हालत में पकड़े गए. जिन्हें पुलिस ने संबंधित धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया है। दरअसल, पुलिस ने यह कार्रवाई एक गुप्त सूचना के आधार पर अंजाम दी। पुलिस के अनुसार एक गैरसरकारी संगठन ने पुलिस को इस शर्मनाक धंधे के बारे में सूचित किया था। पुलिस को मिली शिकायत के मुताबिक नीमच के जेतपुरा में फोर लेन हाईवे के किनारे बांछड़ा समुदाय के लोग रहते हैं। जो अपने घर की महिलाओं और बेटियों से देह व्यापार कराते हैं। बांछड़ा समुदाय के लोगों ने हाइवे के किनारे पर ही अपने डेरे बना रखे हैं। जहां बीते कई महीनों से जिस्मफरोशी का धंधा चलाए जाने की सूचना पुलिस को मिल रही थी। नीमच थाने के प्रभारी नरेंद्र सिंह ठाकुर ने बताया कि एनजीओ से मिली जानकारी के बाद पता चला कि बांछड़ा समुदाय अपनी नाबालिग बच्चियों से भी वैश्यावृत्ति करा रहा है। इसी सूचना के आधार पर टीम बनाई गई और जेतपुरा में फोर लेन हाईवे के किनारे छापेमारी की गई। इस दौरान मौके से वैश्यावृत्ति में शामिल 12 ग्राहकों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जबकि मौके से बरामद नाबालिग लड़कियों को चाइल्ड लाइन की मदद से सीडब्ल्यूसी काउंसलिंग के लिए भेजा गया।


'अचूक' हथियार से मार गिराया जनरल

नई दिल्ली। इराक के बगदाद इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर अमेरिकी हमले में टॉप कमांडर जनरल कासिम सुलेमानी के मारे जाने से आगबूबला ईरान हैरान भी है। अमेरिका ने इस मिशन को बिना सेना की सीधे इस्तेमाल के इतने गोपनीय और अचूक अस्त्र के जरिए अंजाम दिया कि ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड से जुड़ी कुद्स फोर्स के चीफ सुलेमानी को बचने को कोई मौका नहीं मिल पाया। हमले में इराक में ईरान समर्थित पैरामिलिट्री फोर्स के प्रमुख अबू मेहंदी अल मुहंदीस समेत 8 लोग भी मारे गए। दरअसल सुलेमानी पर यह जानलेवा हमला अमेरिका ने हजारों फीट ऊपर से किया था। जानिए अमेरिका के उस हवाई 'ब्रह्मास्त्र' के बारे में जिसका इस्तेमाल सुलेमानी को मारने के लिए किया गया…MQ-9 रीपर ड्रोनः अमेरिका का गुप्त हथियार
सुलेमानी पर जानलेवा वार के लिए इस्तेमाल हुए अमेरिका के इस अचूक हथियार का नाम है MQ-9 रीपर ड्रोन। यह बेहद उन्नत किस्म का टोही और लक्ष्यभेदी ड्रोन है जिसका इस्तेमाल अक्सर वैसे लक्ष्यों को मिटाने में किया जाता है, जिस पर लंबे वक्त तक नजर रख पाना मुश्किल हो। दरअसल, अमेरिका ने पहली बार ईरानी जनरल कासिम सुलेमानी को मारने के लिए ही ड्रोन का इस्तेमाल नहीं किया, उसने अपने दुश्मनों को निशाना बनाने के लिए ऐसे कई ड्रोन हमले किए। जासूसी में भी माहिर है MQ-9 रीपर ड्रोन बगदाद में जिस ड्रोन अटैक को अंजाम दिया गया, वह लक्ष्य की खुफिया जानकारी जुटाता है और फिर उसे खत्म करने के लिए हमले भी करने में सक्षम है। यानी, यह ड्रोन तलाश और विध्वंस का दोहरा काम करने में माहिर है। हथियारों से लैस, मध्यम ऊंचाई तक पहुंचाने वाला, एक साथ कई अभियानों को अंजाम देने और लंबी देर तक हवा में रहने में सक्षम ड्रोन है। अमेरिकी वायुसेना 2007 से इसका इस्तेमाल कर रही है। अमेरिका ने MQ-9 रीपर ड्रोन को विदेशी सैन्य अभियानों की मदद के मकसद से विकसित किया। इसमें M अमेेरिकी रक्षा विभाग के मल्टि-रोल डेजिग्नेशन का प्रतिनिधित्व करता है जबकि Q का मतलब दूर से संचालित एयरक्राफ्ट है। वहीं, 9 का मतलब है कि यह अपनी तरह के एयरक्राफ्ट का 9वीं सीरीज है। 2,222 किलो वजनी यह ड्रोन छोटी-छोटी गतिविधियों का भी पता लगा लेता है और बेहद कम समय में लक्ष्य को निशाना बना लेता है। कितना घातक है यह ड्रोन
इस ड्रोन में कई बेहद घातक हथियार लगे होते हैं। इनमें लेजर से निर्देशित होने वाले हवा से जमीन पर मार करने वाले चार AGM-114 हेलफायर मिसाइल भी शामिल हैं। ये मिसाइल बिल्कुल लक्ष्य पर निशाना साधते हैं जिससे कि आसपास कम-से-कम नुकसान हो। साथ ही, इसमें टार्गेटिंग सिस्टम लगा है जिसमें विजुअल सेंसर्स लगे हैं। इसमें 1,701 किलो वजन तक का बम गिराने की क्षमता है।


बांग्लादेशी उपद्रवियों ने दिल्ली में किया उत्पात

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में 20 दिसंबर को दिल्ली में हुई हिंसा के मामले में विशेष जांच दल ने रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि हिंसक प्रदर्शन में बांग्लादेशी शामिल थे। इन बांग्लादेशियों की संख्या 15 से अधिक थी और ये सभी सीमापुरी इलाके में छिपकर अवैध रूप से से रह रहे थे। इन सभी की पहचान हो गई है और बहुत जल्द इनकी गिरफ्तारी कर ली जाएगी। इसके अलावा इन दंगाइयों को कौन और कैसे फंडिंग कर रहा था इसके भी कुछ सुराग एसआईटी के हाथ लगे हैं। उपद्रव के दौरान इलाकों में एक्टिव रहे मोबाइल फोन के डंप डेटा और विडियो फुटेज का इंतजार है। अगली कड़ी में इनकी पड़ताल की जाएगी। दिल्ली में 13 से 20 दिसंबर तक उपद्रव के 10 मुकदमे दर्ज हुए थे। उन मोबाइल नंबरों को छांटा जाएगा, जो आसपास के टावरों में बहुत ज्यादा एक्टिव नहीं रहते हैं। पुलिस ने कई चैनलों से फुटेज मुहैया कराने को लेटर लिखे हैं। अब एसआईटी प्राइवेट टीवी चैनलों से जांच में सहयोग करने के लिए उपद्रव प्रभावित इलाकों की फुटेज की मांग करेगी। मोबाइल से विडियो बनाने वाले लोगों से भी इन्हें एसआईटी से शेयर करने का अनुरोध किया जाएगा। बता दें कि कोर्ट ने पिछले दिनों सीलमपुर हिंसा केस में 14 आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था।


कौशल्या की जयंती मनाने का प्रादुर्भाव

जांजगीर-चांपा। हम सभी देशवासी अनेक जयंती मनाते हैं। गंगा अवतण दिवस से लेकर बाल्मीकि जयंती तक अनेक अनादिकालीन महापुरुषों एवं मातृशक्ति के जन्मदिवस को बड़ी धूमधाम के साथ मनाते आ रहे हैं लेकिन जिस माता ने परम ब्रह्म परमात्मा भगवान श्री रामचंद्र को अपने गर्भ में 9 महीने तक धारण किया उस कौशल्या माता की जयंती देश में कहीं पर भी देखने को प्राप्त नहीं होता। इसके लिए कोई निर्धारित तिथि भी हम सबके बीच में नहीं है। इसलिए महंत रामसुंदर दास के मन में यह भाव आया कि क्यों न ऐसी पहल की जाए जिसमें देश के विद्वान, धर्माचार्य, ज्योतिषाचार्य से लेकर सभी विद्वत्जन जो धर्म के प्रति आस्था रखते हैं वे शोध करके यह निर्धारित करें कि माता कौशल्या का कोई निश्चित जन्मतिथि हम सबके बीच में प्राप्त हो जाए जिसके द्वारा हम सभी भारतवासी मिलकर उस निर्धारित तिथि को माता कौशल्या की अवतरण दिवस के रूप में बड़े धूमधाम के साथ मना सके। आपकों बता दें कि दूधाधारी मठ पीठाधीश्वर राजेश्री महन्त ने महाराज दशरथ की पटरानी एवं प्रभु श्री रामचंद्र की माता कौशल्या देवी की जन्मतिथि के सही निर्धारण करने वाले विद्वानों के लिए ग्यारह लाख रुपए नगद पुरस्कार प्रदान कर उसे विशेष सम्मान पत्र से सम्मानित करने की घोषणा की है। इसके लिए यह निर्धारित किया गया है कि विद्वानों की प्रविष्ठियां 31 जनवरी सन 2020 तक प्रति महंत रामसुंदर दास, दूधाधारी मठ, पुरानी बस्ती, रायपुर के पते पर पहुंच जाना चाहिए। इसके लिए बकायदा 78049 22620 तथा 7974 921 927 दूरभाष नंबर भी प्रदान किया गया हैं। इसके पूर्व प्रविष्टि की अंतिम तारीख 31 दिसंबर 2019 थी जिसे बढ़ाकर 31जनवरी सन 2020 की गई है। इस संदर्भ में पूछे जाने पर कि इतनी प्राचीन कालीन घटनाओं का निर्धारण किस आधार पर होगा? राजेश्री महन्त ने कहा कि हम महर्षि वाल्मीकि , महर्षि गौतम, विश्वामित्र, गुरु वशिष्ट की जयंती मनाते आ रहे हैं। यह सब लगभग समकालीन हैं। जब इन सब की जयंती का निर्धारण इस देश में किया जा चुका है तो उस माता के जन्म का भी निर्धारण विद्वानों के शोध के प्रतिफल स्वरूप होगा जिसने परम ब्रह्म परमात्मा को अपने गर्भ में धारण किया।


त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए नामांकन

जांजगीर-चांपा। त्रिस्तरीय पंचायत आम चुनाव 2019-20 के तहत 3 जनवरी को जिला पंचायत सदस्य चुनाव के लिए 18 अभ्यर्थियों ने नामांकन दाखिल किया। अभ्यर्थियों से नामांकन रिटर्निंग आफिसर एवं कलेक्टर जनक प्रसाद पाठक और सहायक रिटर्निंग आफिसर एवं अतिरिक्त कलेक्टर श्रीमती लीना कोसम ने जमा किया। 3 जनवरी को जिन अभ्यर्थियों ने नामांकन जमा किया, उनमें सरस्वती कश्यप, शेखर चंदेल, योगेश वर्मा, भीषम लाल केंवट, गणेशराम साहू, अजय कुमार साहू, योगेश साहू, महादेव नेताम, संदीप यादव, अजीत साहू, लालबहादुर सिंह, रामबाई सिदार, हरिप्रिया वर्मा, इंद्रा बाई लहरे, गायत्री जाटवर, यनिता चन्द्रा, तुलसीदेवी साहू, सुकृता देवी चन्द्रा, चन्द्रदेव महंत, कमलकिशोर पटेल, जानकी देवी चौधरी शामिल है। आपकों बता दें कि नामांकन 6 जनवरी सोमवार को दोपहर तीन बजे तक प्राप्त किया जाएगा। 7 जनवरी को सुबह 10 बजे से पंच, सरपंच, जनपद और जिला पंचायत सदस्य पद के लिण् दाखिल नामांकन पत्रों की संवीक्षा की जाएगी। 9 जनवरी को दोपहर 3 बजे तक नामांकन पत्र वापस लिया जा सकेगा। 9 जनवरी को ही 3 बजे के बाद उम्मीदवारों की सूची तैयार कर उन्हें चुनाव चिन्ह आबंटित किया जाएगा और चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों की सूची का प्रकाशन किया जाएगा।


झूठ बोलकर निकाले महिला के दोनों ब्रेस्ट

स्टाफ्स। एक  28 साल की महिला ने खुलासा किया है कि डॉक्टरों ने उनसे कैंसर के बारे में झूठ बोला और सर्जरी करके दोनों ब्रेस्ट निकाल दिए। 2 बच्चों की मां को डॉक्टरों ने कैंसर का डर दिखाया और कीमोथेरेपी के इंजेक्शन भी देते रहे। इंग्लैंड के स्टाफ्स नाम की जगह पर रहने वाली महिला सारा बोयले ने कहा है कि उन्हें कुछ साल पहले डॉक्टरों ने ट्रिपल निगेटव कैंसर होने की बात कही थी। तब 25 साल की रही महिला को डॉक्टरों ने कई राउंड कीमोथेरेपी की। सारा ने कहा कि घटना के काफी वक्त बीतने के बाद भी उन्हें इसके बारे में बात करने में तकलीफ हो रही है। कीमोथेरेपी के बाद डॉक्टरों ने कहा कि बीमारी फैले नहीं इसलिए उनके दोनों ब्रेस्ट निकालने होंगे। लेकिन बाद में रॉयल स्ट्रोक यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल के डॉक्टरों ने बताया कि उनके टेस्ट को गलत समझा गया और गलत इलाज किया गया। लेकिन सारा के लिए और तकलीफदेह बात ये थी कि उन्हें बताया गया कि अगर वह दोबारा अपने ब्रेस्ट पाने के लिए रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी कराती हैं तो इससे उन्हें कैंसर होने का खतरा पैदा हो सकता है। सारा ने बताया कि शुरुआत में उन्हें ये भी कहा गया कि कैंसर ट्रीटमेंट की वजह से उनकी फर्टिलिटी प्रभावित हो सकती है, लेकिन उन्होंने दूसरे बच्चे को जन्म दिया। अब सारा हॉस्पिटल में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के इस्तेमाल की वकालत कर रही हैं ताकि अन्य महिलाओं को इस तरह की तकलीफों से न गुजरना पड़े।


अध्यात्म: आज मनाया जाएगा 'छठ' पर्व, जानिए

अध्यात्म: आज मनाया जाएगा 'छठ' पर्व, जानिए  सरस्वती उपाध्याय  हर साल कार्तिक मास की शुक्ल-पक्ष की चतुर्थी तिथि को छठ पर्व की शुरुआत ह...