शनिवार, 4 जनवरी 2020

सूजन की वजह से हुई मादा हाथी की मौत

पैर में 15 सेमी. फ्रेक्चर एवं सूजन की वजह से कीचड़ से ना उठ पाने के कारण हुई मादा हाथी की मौत मामले में प्रभारी वनमंडलाधिकारी डी.डी.संत का सस्पेंशन को कटघोरा वनअमला ने बताया अनुचित


कोरबा। कटघोरा के केंदई रेंज अंतर्गत ग्राम कुल्हड़िया गाँव के समीप साल्ही पहाड़ के नीचे 28 दिसंबर को हुए एक मादा हाथी की मौत मामले में हाथी के सीधे पैर में 15 सेंटीमीटर फ्रेक्चर एवं सूजन होने के कारण कीचड़ से ना उठ पाने की वजह से डॉक्टरों की टीम ने हाथी का मौत होना बताया।हालाकि हाथी के मौत का कारण पोस्टमार्टम रिपोर्ट मिलने के बाद ही स्पष्ट होगा।लेकिन जिस स्थान पर हाथी की मौत हुई वह एक खेत है जो बांगों डुबान क्षेत्र के अंतर्गत आता है।और जहाँ हमेशा कीचड़ बना रहता है।उक्त स्थान पर लगभग डेढ़ किलोमीटर पैदल चलकर पहुँचना पड़ता है।उक्त कारणों से मौके पर एक्सीवेटर ना पहुँच पाने के कारण वनअमला का रेस्क्यू ऑपरेशन विफल रहा।और घायल मादा हाथी के कीचड़ से उठ ना पाने की वजह से मौत हुई।जहाँ पर हाथी की मौत हुई वहाँ लगभग 300 मीटर के दायरे में 45 हाथियों का दल लगातार 4 से 5 दिनों तक भ्रमण कर रहा था।मामले में बिना वास्तविकता जाने शासन द्वारा सीधे तौर पर प्रभारी डीएफओ डी डी संत का संस्पेंशन किये जाने को लेकर विभागीय अमला द्वारा कार्यवाही को अनुचित बताया जा रहा है। वन शासन के पास डॉक्टर एवं वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट नही आपको बता दें कि राज्य शासन और वन विभाग के पास मौजूदा समय में कोई भी एक्सपर्ट डॉक्टर और वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट नही है।पूर्व में दो एक्सपर्ट डॉक्टर थे।जिन्हें भी उनके मूल विभाग में वापस भेज दिया गया।जिसके कारण हाथी सहित अन्य घायल जानवरों को समय पर उचित उपचार नही मिलने के कारण उनकी असमय मौत हो जाती है। प्रभारी डीएफओ संत रहे नेताओं के निशाने पर।
स्थानीय स्तर के कुछ नेताओ द्वारा विभागीय स्तर पर कराए गए निर्माण कार्यों को लेकर घटिया निर्माण के कारण प्रभारी डीएफओ डी डी संत द्वारा उनका बिल भुगतान राशि रोक दिए जाने को लेकर वे नेताओं के निशाने पर रहे।डी डी संत के सस्पेंशन पश्चात वर्तमान में जांजगीर के प्रभारी डीएफओ (एसडीओ) जितेंद्र उपाध्याय को कटघोरा वनमंडल का प्रभार सौंपा गया है।जहाँ स्थानीय नेताओं के भुगतान राशि का रास्ता अब उन्हें क्लियर दिख रहा है।सम्भवतः संत पर गिरे गाज को उक्त नजरिये से भी जोड़कर कटघोरा वनमंडल में देखा जा रहा है।


आईजी का एसआई रिश्वत मामले में सस्पेंड

राणा ओबराय

रिश्वत मांगने के आरोप में आईजी ने एएसआई को किया सस्पेंड

करनाल। हरियाणा में करनाल जिले के सदर थाना में तैनात एएस आई सुरेश कुमार की तरफ से मारपीट के केस में रिश्वत मांगना महंगा उस समय भारी पड़ गया , जब पीड़ितों ने आईजी भारती अरोड़ा को शिकायत की और ऑडियो भी पेश कर दी। आईजी ने तुरंत कार्रवाई करवाते हुए सिविल लाइन थाना ने केस दर्ज कर लिया है । स्टोनडी गांव के लोगो ने शिकायत देते हुए कहा कि मारपीट के मामले में थाना सदर करनाल में 26.11.2019 को केस दर्ज करवाया था। इसकी जांच सुरेश कुमार द्वारा की जा रही थी। लेकिन इस कर्मचारी ने आरोपियों को गिरफ्तार नहीं किया और जब हमने गिरफतारी के बारे में कहा कि तो इसने हमसे पैसों की डिमांड की। सुरेश कुमार द्वारा कार्रवाई करने के बदले पैसे मांगने की ऑडियो रिकार्डिंग भी पुलिस महानिरीक्षक को सुनवाई गई। जिसके आधार पर पुलिस महानिरीक्षक ने सुरेश कुमार के खिलाफ मामला दर्ज करने के आदेश किए। एएसआई के खिलाफा थाना सिविल लाईन करनाल में केस दर्ज करके उसे हिरासत में ले लिया। आज पुलिस कर्मचारी को कोर्ट में पेशकर न्याय की हिरासत में भेज दिया गया है।


हरियाणा से मिलेगी हिंदी में आदेश की कॉपी

राणा ओबराय

हरियाणा वासियो को न्यायालय से मिलेंगी हिंदी में आदेश की कॉपी, हर वर्ष बढ़ेगी 250 रुपये वृद्धावस्था पेंशन

चण्डीगढ़। 3 जनवरी- हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिमंडल की बैठक में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अधीनस्थ न्यायालयों व अधिकरणों में हिंदी भाषा के उपयोग के संबंध में हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 के संशोधन को लाने के लिए एक प्रस्ताव को स्वीकृति प्रदान की।
राज्य के लोगों की भाषा के रूप में हिंदी का प्रचार प्रसार करने के लिए यह आवश्यक है कि इस भाषा का उपयोग हमारे दिन-प्रतिदिन के काम में प्रयोग की जानी चाहिए। लोकतंत्र में न्याय का उद्देश्य यह है कि वादी को अपनी भाषा में जल्दी न्याय मिलना चाहिए और कार्यवाही के दौरान वह अवाक न रहे। हरियाणा राज्य के आधिकारिक उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल की जाने वाली भाषा हिंदी को अपनाने के लिए हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 को राज्य विधानमंडल द्वारा पारित किया गया था। हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 के तहत हिंदी को हरियाणा राज्य की आधिकारिक भाषा बनाया गया। तब से, हिंदी भाषा का उपयोग ज्यादातर प्रशासन की भाषा के रूप में किया जा रहा है। पंजाब राजभाषा अधिनियम, 1967 में 1969 के पंजाब अधिनियम संख्या 11 द्वारा संशोधन किया गया था, जिसमें धारा 3ए और 3बी जोड़े गए थे, कि सभी सिविल न्यायालयों और आपराधिक न्यायालयों में पंजाब एवं हरियाणा के उच्च न्यायालय के अधीनस्थ थे और सभी राजस्व न्यायालय और अधिकरण, में काम पंजाबी में किए जाएंगे।
इसी तरह के संशोधन को हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 में भी लाया जाएगा, जो कि सभी न्यायालयों में उस कार्य को प्रदान करने के लिए, उच्च न्यायालय के अधीनस्थ और राज्य सरकार द्वारा गठित सभी न्यायाधिकरणों द्वारा हिंदी में देवनागरी लिपि में काम किया जाएगा और हरियाणा राजभाषा अधिनियम, 1969 में धारा 3ए को जोड़ा जाएगा, जिसके तहत पंजाब एवं हरियाणा के उच्च न्यायालय के अधीनस्थ सभी सिविल अदालतों और आपराधिक न्यायालयों में, सभी राजस्व अदालतें और रेंट ट्रिब्यूनलों या किसी अन्य अदालत या राज्य सरकार द्वारा गठित न्यायाधिकरण, ऐसी अदालतों और न्यायाधिकरणों में कार्यवाही, कोई भी निर्णय, डिक्री या आदेश पारित, हिंदी में होगा। मंत्रिमंडल ने यह भी निर्णय लिया कि प्रस्तावित संशोधन के सुचारू क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए कर्मचारियों के प्रशिक्षण सहित सभी अपेक्षित अवसंरचना को छह महीने के भीतर प्रदान किया जाएगा। हरियाणा सरकार को हरियाणा राज्य के 78 विधायकों, हरियाणा के महाधिवक्ता और सैकड़ों अधिवक्ताओं द्वारा हस्ताक्षरित एक मांग पत्र भी प्राप्त हुआ है। मुख्यमंत्री ने न्यायालयों में उपयोग के लिए हिंदी भाषा को अधिकृत करने हेतू अपनी रुचि भी व्यक्त की है ताकि हरियाणा के नागरिक पूरी न्याय प्रक्रिया को अपनी भाषा में समझ सकें और आसानी से न्यायालयों के समक्ष अपने विचार रख सकें। हाल ही में, केरल उच्च न्यायालय के हीरक जयंती कार्यक्रम में, राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने स्वयं इस बात पर भी बल दिया कि न्यायालय के निर्णयों को वादी-प्रतिवादी की भाषा में उपलब्ध कराया जाना चाहिए। भारत के अधिवक्ताओं, बुद्धिजीवियों और न्यायविदों द्वारा शुरू किया गया भारतीय भाषा अभियान इस दिशा में भी काम कर रहा है कि भारत के न्यायालयों में भारतीय भाषाओं में काम शुरू किया जाना चाहिए। इसलिए, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के अधीन न्यायालयों व अधिकरणों द्वारा दिए गए या पारित किए गए किसी भी निर्णय, डिक्री या आदेशों के लिए हिंदी भाषा के उपयोग को अधिकृत करना विवेक सम्मत है।


पूर्व मंत्री ग्रोवर पर लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

राणा ओबराय

विधायक बलराज कुंडु ने पूर्व मंत्री ग्रोवर पर लगाये भ्रष्टाचार के आरोप, सही जांच न होने पर सरकार से समर्थन वापिस लेने की धमकी

रोहतक। महम से निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने पूर्व सहकारिता मंत्री मनीष ग्रोवर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। आज उन्होने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मनीष ग्रोवर पर भ्रष्टाचार और जाट आंदोलन के दौरान दंगे भड़काने का आरोप लगाए। उन्होंने यहां तक कह दिया कि साल 2016 में हुए जाट आरक्षण आंदोलन के दंगों के लिए मनीष ग्रोवर जिम्मेदार है। उन्‍होंने रोहतक नगर निगम क्षेत्र में चल रही सड़क निर्माण पर सवाल उठाते हुए कहा कि करोड़ों रुपए का मेस्टिक लेयर बिछाकर पूर्व मंत्री ने खुद को फायदा पहुंचाया है। इसके अलावा कौड़ियों के भाव शीरे की खरीद व अन्य घोटालों के आरोप भी लगाए हैं। बलराज कुंडू ने कहा कि मंगलवार को शहरी स्थानीय निकाय मंत्री अनिल विज को लिखित में शिकायत सौंपेंगे। इसके साथ ही यह सब मामले विधानसभा में भी उठाएंगे। ऐसे ही मल्टी स्टोरी पार्किंग के निर्माण को लेकर आरोप लगाते हुए कहा कि यहां पर भी भ्रष्टाचार हो रहा है। भाजपा को बड़ी पार्टी बताते हुए कहा कि ग्रोवर अपने कर्मों के कारण हारे हैं। ग्रोवर अपनी भ्रष्टाचारी छवि के कारण हारे हैं और यही उनकी हार की वजह है।रोहतक स्थित मैना पर्यटन केंद्र में आयोजित पत्रकार वार्ता में निर्दलीय विधायक कुंडू ने यह भी कहा की पैसा और दारू बांट कर दंगों को भड़काने का काम पूर्व मंत्री ग्रोवर ने किया था, निष्पक्षता से जांच हो तो पूर्व मंत्री ग्रोवर सलाखों के पीछे होंगे। विधायक कुंडू ने आरोप लगाते हुए यह भी कहा निष्पक्षता से यदि जांच नहीं हुई तो वह बीजेपी सरकार से समर्थन वापस ले सकते हैं। मंत्री ग्रोवर से व्यक्तिगत कोई दुश्मनी न होने का दावा करते हुए कहा मेरी लड़ाई किसी व्यक्ति से नहीं सिर्फ भ्रष्टाचार के खिलाफ है … इसके लिए अगर विधानसभा के बाहर धरना भी देना पड़ा इससे भी पीछे नहीं हटूंगा।


सहकारिता मंत्री ने सुनी जनता की समस्याएं

राणा ओबराय


सहकारिता मंत्री डॉ बनवारीलाल ने सुनी प्रदेश वासियो की समस्याएं।


चण्डीगढ़। हरियाणा में सहकारिता मंत्री डॉ बनवारीलाल ने सिविल सचिवालय चण्डीगढ़ में अपने कार्यालय में प्रदेश से आये कार्यकर्ताओं एवं जनता की समस्या सुनकर उनका मोके पर ही समाधान कर दिया। इस अवसर पर हरियाणा सिविल सचिवालय के कर्मचारियों ने सहकारिता मंत्री को एक ज्ञापन भी दिया।


भीषण हादसे में 5 लोगों की दर्दनाक मौत

पंजाब में दो भीषण हादसे: दादा-पोती समेत 5 लोगों की मौत


अमित शर्मा


जैतो। जैतो-बठिंडा रोड पर कार और जीप की टक्कर में तीन लोगों की मौत हो गई और कई लोग  गंभीर रूप से घायल हो गए। जैतो के एसएचओ मुख्तयार सिंह गिल ने बताया कि कार में बच्ची समेत 6 लोग सवार थे जबकि जीप में 3 लोग सवार थे।
कार सवार गांव भुच्चो (बठिंडा) से विवाह में शामिल होने के उपरांत गांव हरीनो लौट रहे थे जबकि जीप सवरा अपने गांव रोडि़कपुरा से बठिंडा की तरफ जा रहे थे। रास्ते में दोनों वाहनों की टक्कर गांव चंदभाव के पास हो गई। हादसे में कार चालक भूपिंदर सिंह भोला उनकी पोती एकमवीर कौर (5) और जसपाल कौर (74) की मौत हो गई जबकि बाकी 6 घायलों का इलाज अस्पताल में चल रहा है। इसी प्रकार तलवंडी साबो में  मोटरसाइकिल पेड़ से टकराने से दो लोगों की मौत हो गई। मृतकों की पहचान इंद्रजीत सिंह और राजा सिंह रायपुर के रूप में हुई है। 


मौसम का बदला मिजाज, खुशी की लहर

हिमाचल प्रदेश में मौसम का मिजाज बदला पर्यटकों में खुशी की लहर



शिमला। हिमाचल प्रदेश में मौसम का मिजाज बदल गया है। बता दें कि शिमला मेें आज सुबह से ही हल्के बादल छाए हुए थे लेकिन अब धीरे-धीरे बर्फ के फाहे गिरने का सिलसिला जारी है। जिसका पर्टयक पूरा आनंद ले रहे है। उधर प्रदेश के दुर्गम जिलों सहित ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी का दौर शुरू हो गया है। शिमला जिला के खड़ा पत्थर, चांशल, नारकंडा में भी बर्फबारी हो रही है। किन्नौर में भी शीतलहर के साथ बर्फ गिर रही है। वहीं कुल्लू व लाहुल स्पीति में नववर्ष की पहली बर्फबारी हुई है। जलोड़ी दर्रे पर बर्फबारी से एनएच 305 बंद हो गया है। ताजा बर्फबारी के बाद प्रदेश ठंड की चपेट में है। मौसम विभाग ने प्रदेश में 6 जनवरी को भी अधिकतर क्षेत्रों में बर्फबारी की संभावना जताई है, जबकि निचले क्षेत्रों में वर्षा की संभावना जताई गई है।


अध्यात्म: आज मनाया जाएगा 'छठ' पर्व, जानिए

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