शुक्रवार, 3 जनवरी 2020

डीएम के माध्यम से पीएम को ज्ञापन

भारतीय मजदूर संघ ने जिलाधीश के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा।


अमित शर्मा


ऊना। मुख्यालय पर शुक्रवार को भारतीय मजदूर संघ ने धरना प्रदर्शन के बाद जिलाधीश के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपा। जिसने विभिन्न मुद्दों पर मांग की गई। भारतीय मजदूर संघ के प्रधान राकेश शर्मा ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए, जब तक सरकारी कर्मचारी घोषित नहीं किया गया जाता तब तक उन्हें न्यूनतम वेतन और हमारी सुरक्षा प्रदान की जाए।केंद्र सरकार द्वारा घोषित जीवन ज्योति योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना लागू की घोषणा हुई थी जो कि अभी तक पूरी नहीं हुई है। आंगनबाड़ी का मिड डे मील कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। भारतीय मजदूर संघ ने सरकार की विनिवेश नीति का कड़ा विरोध किया है। 2003 में बंद की गई पेंशन को तत्काल बहाल किया जाए । विभिन्न विभागों में आउटसोर्सेस जो कर्मचारी काम कर रहे हैं सरकारों उन्हें नियमित करें। औद्योगिक क्षेत्र में काम कर रहे श्रमिकों की अनदेखी की जा रही है उनकी भविष्य निधि योजना और राज्य कर्मचारी बीमा योजना भी लागू नहीं होती । महिला कामगारों को न्यूनतम वेतन से वंचित होना पड़ता है। राज्य परिवहन निगम और बिजली बोर्ड के निजीकरण पर रोक लगाई जाए और सरकारी शर्तों के लोगों का निजीकरण एवं विनिवेश बंद किया जाए। आयकर की गणना हेतु राशि 500000 से बढ़ाकर आठ लाख की जाए। मजदूरों के लिए कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए। महंगाई पर रोक लगाई जाए, बेरोजगारी समाप्त की जाए । ग्रामीणों क्षेत्र में डाक सेवकों को भी सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए । इस मौके पर भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष गुरमेल सिंह बैंस, तिलोक सिंह सैनी, आशा कार्यकर्ता संघ की प्रधान श्रीमती रीता देवी, महासचिव सुमन देवी, संरक्षक परिवहन मजदूर संघ हकीकत राय, परिवहन मजदूर संघ शक्ति सिंह, तकनीकी विद्युत कर्मचारी संघ अजय पराशर, सुषमा देवी , पुष्पा देवी,सोनिया देवी, बीना देवी अनीता शर्मा, पूनम, राजकुमारी, रजनी देवी, बीना कुमारी, सोनिया देवी निशी,राजरानी, पुष्पा देवी, कमलेश कुमारी, बबीता, सुषमा, नीरू, मीना सहित काफी संख्या में भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।


भारत की प्रथम महिला अध्यापिका

नई दिल्ली। पूरा सोशल मीडिया देश की पहली महिला शिक्षिका को याद करेगा। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में क्या चर्चा होगी ये आप जानतें हैं। पिछले 4-5 सालों में प्रगतिशील समुदाय ने उन लोगों पर फोकस किया है जिनका योगदान तो देश और समाज के हित में था लेकिन उनको उतनी ख्याति नहीं मिली। या जानबूझकर उनको अनदेखा किया गया। 3 जनवरी 1837 को महाराष्ट्र में जन्मी बहुजन नायिका सावित्रीबाई फूले की छवि प्रथम महिला अध्यापिका, नारी मुक्ति आंदोलन की प्रथम नेता, समाजसुधारक और लेखिका के रूप में है। जिन्होंने अपने पति ज्योतिबा फूले, सगुणाबाई, फ़ातिमा शेख़ और अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर अस्पृश्यता, सतीप्रथा, बाल-विवाह, विधवा विवाह निषेध और स्त्री शिक्षा के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है। सावित्रीबाई के संबंध में एक घटना है "जब वे छोटी थी तो एक बार किताब पढ़ने की कोशिश की, जिसके कारण उनके पिता ने उस किताब को छीनकर आग के हवाले कर दिया और उन्हें डांटे हुए कहा कि 'महिलाओं का जन्म केवल पुरुषवर्ग की सेवा के लिए हुआ है।' उस समय बालिका सावित्रीबाई ने अपने पिता की बातों का कोई विरोध नहीं किया लेकिन बाद में अपने पति ज्योतिबा फूले द्वारा उसी बात के प्रतिरोध स्वरुप शिक्षा प्राप्त की।  तथा समाज के संकीर्ण मानसिकता वाले नियम को तोड़ते हुए देश में प्रथम महिला विद्यालय की शुरुवात की तथा उसमे उन्होंने अध्यापिका का भी कार्य किया।  उनके इस कार्य के कारण समाज के लोगों से लगाय परिवार तक के लोगों के अनैतिक व्यवहार का सामना करना पड़ा। कुछ महिलाओं और लोगों द्वारा उनके ऊपर पत्थर और गोबर भी कई सालों तक लगातार फेंका गया। लेकिन सावित्रीबाई ने हार नहीं मानी और अपने कार्य में लगी रहीं। उन्होंने इसके बाद कई विधवा स्त्रियों की शादी करवाई और विधवा स्त्रियों के मुंडन करने की ओछी प्रथा के विरुद्ध आंदोलन भी किया और उसे समाप्त भी करवाया। उन्होंने उसी समय अपने पति के साथ मिलकर एक विधवा आश्रम भी खोला। अपने पति के मृत्युपरांत अपने हाथों उनका अंतिम संस्कार करके उन्होंने हज़ारों सालों से चली आ रही परंपरा को तोड़ दिया और हिन्दुधर्म के नियमों को प्रत्यक्ष चुनौती देते हुए समता की नींव रखी। 1897 में पूना प्लेग के दौरान रोगियों की सेवा का भी कार्य किया तथा इस समय उन्होंने 2000 रोगियों के लिए प्रतिदिन भोजन बनातीं थी। इसी दौरान उन्हें भी प्लेग का संक्रमण हो गया तथा उन्होंने 10 मार्च 1897 में यह लोक छोड़ दिया।


कांग्रेस के लिए व्यापार हमारे लिए प्यारःभगवा

लखनऊ। आदित्यनाथ ने कांग्रेस नेताओं का नाम लिए बिना कहा कि राजनीति के सौदागरों को चुनौती है भगवा. उत्तर प्रदेश का निशान है भगवा। मां भारती का स्वाभिमान है भगवा। भगवा पर योगी और प्रियंका के बीच ट्विटर वॉर'कांग्रेस के लिए व्यापार है भगवा''योगी जी का प्यार है भगवा' उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के बीच 'भगवा' पर लड़ाई अब ट्विटर के मैदान पर लड़ी जा रही है। प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ के भगवा वस्त्र पर सवाल उठाया तो सीएम योगी ने भगवा पर कई कविताएं ट्वीट की और प्रियंका गांधी वाड्रा को जवाब दिया। सीएम ने योगी ने कहा कि भगवा क्रांति की हुंकार और शांति का प्रतीक है। उन्होंने कहा है कि भगवा मर्यादा पुरुषोत्तम का तापस वेश है। इसके अलावा उन्होंने भगवा को योगी और राजयोगी का अन्तर्सम्बन्ध बताया। ट्विटर पर दिए जवाब के जरिए सीएम योगी ने कहा कि भगवा कांग्रेस के व्यापार और उनके लिए प्यार है।


सीएए के समर्थन में टोल फ्री नंबर जारी

नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ और समर्थन में चल रहे प्रदर्शनों के बीच भाजपा ने इस कानून के पक्ष में समर्थन जुटाने के लिए एक टोलफ्री नंबर जारी किया है। सीएए का समर्थन करने वाले इस नंबर पर काल कर अपना समर्थन जता सकते हैं। भाजपा ने सीएए पर देशभर में विरोध प्रदर्शनों का जवाब देने के लिए एक टोल फ्री नंबर 8866288662 लॉन्च किया है। भाजपा ने देशवासियों से अपील की है कि वे इस नंबर पर मिसकॉल देकर सीएए के समर्थन में अपने आप को रिजस्टर करें। भाजपा नागरिकता कानून पर लोगों से संपर्क करने और इस कानून के बारे में उन्हें पूरी जानकारी देने के लिए पांच जनवरी से जनसंपर्क अभियान भी शुरू करने जा रही है। इस अभियान से पहले ही पार्टी ने टोलफ्री नंबर पर मिस कॉल देने का अभियान शुरू किया है। भाजपा महासचिव अनिल जैन के मुताबिक, यह अभियान 10 दिनों तक चलेगा, जिसमें पार्टी के नेता और कार्यकर्ता आम लोगों से संपर्क करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, रविवार को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह दिल्ली में घर घर जा सकते हैं। गौरतलब है कि इस तरह के अभियान को भाजपा कई बार प्रयोग में ला चुकी है। सदस्यता अभियान में इस तरह का प्रयोग हो चुका है, जो काफी सकारात्मक और उत्साहवर्धक रहा था। उसी अभियान से सीख लेते हुए अब भाजपा सीएए के लिए टोल फ्री नंबर का इस्तेमाल करने जा रही है।


बागी विधायकों ने कांग्रेस का दामन थामा

नई दिल्ली। राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार का समर्थन करने वाले बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के छह बागी विधायकों ने दिल्ली में कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात के बाद शुक्रवार को औपचारिक तौर पर कांग्रेस की प्राथमिक सदस्यता ग्रहण कर ली। छह विधायकों में राजेंद्र सिंह गुढ़ा, जोगेंद्र सिंह अवाना, वाजिब अली, लखन सिंह, दीप चंद और संदीप यादव शामिल हैं। कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा, “ये विधायक पार्टी के साथ हैं और अब उनके द्वारा पार्टी ज्वाइन करने पर राजस्थान में राज्य सरकार और मजबूत हो गई है।” पिछले साल सितंबर में बसपा के छह विधायकों ने राज्य में बसपा को झटका देते हुए कांग्रेस का दामन थाम लिया था। बसपा 2018 के बाद से अशोक गहलोत सरकार को बाहरी समर्थन दे रही थी, लेकिन सितंबर में इन विधायकों के शामिल होने के बाद कांग्रेस सरकार सहज स्थिति में आ गई है।


वैज्ञानिकों को मोदी ने बताया सिद्धांत

बेंगलुरू। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को देश और दुनियाभर के शीर्ष वैज्ञानिकों, नोबेल पुरस्कार विजेताओं, गणमान्य व्यक्तियों और छात्रों की मौजूदगी में कड़ी सुरक्षा के बीच टेक सिटी बेंगलुरू में 107वीं भारतीय विज्ञान कांग्रेस (आईएससी 2020) का उद्घाटन किया। दो नोबेल पुरस्कार विजेताओं और भारत भर व विदेश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों सहित लगभग 15,000 प्रतिनिधि यहां कृषि विज्ञान विश्वविद्यालय (यूएएस) में आयोजित पांच दिवसीय इस वार्षिक महा आयोजन में भाग ले रहे हैं। यह तीसरी बार है, जब बेंगलुरू 2002 और 1987 के बाद विज्ञान कांग्रेस की मेजबानी कर रहा है। मोदी ने तीन जनवरी, 2016 को दक्षिणी राज्य मैसूर में 103वें सत्र का उद्घाटन किया था। चूंकि यह आयोजन एक कृषि विश्वविद्यालय में हो रहा है, लिहाजा कांग्रेस का मुख्य विषय 'विज्ञान और प्रौद्योगिकी : ग्रामीण विकास' है, जो शहरी और ग्रामीण भारत के बीच की खाई को पाटने के लिए संभवत: विज्ञान और प्रौद्योगिकी के माध्यम से किसानों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के बारे में है।


सावित्रीबाई जयंती पर मोदी ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाज सुधारक और देश की पहली महिला शिक्षक सावित्रीबाई फुले की जयंती पर शुक्रवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। मोदी ने ट्वीट कर कहा, “सावित्रीबाई फुले की जन्म जयंती पर उन्हें सादर नमन। उन्होंने सामाजिक एकता, शिक्षा और महिला सशक्तिकरण के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। सामाजिक चेतना के लिए उनका संघर्ष देशवासियों को सदा प्रेरित करता रहेगा।” गौरतलब है कि सावित्रीबाई ज्योतिराव फुले देश की प्रथम महिला शिक्षिका, समाज सुधारक एवं मराठी कवयित्री थीं। उन्होंने अपने पति ज्योतिराव गोविंदराव फुले के साथ मिलकर स्त्री अधिकारों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किए। उन्होंने 1852 में पहले बालिका विद्यालय की स्थापना की थी।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...