भारतीय मजदूर संघ ने जिलाधीश के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा।
अमित शर्मा
ऊना। मुख्यालय पर शुक्रवार को भारतीय मजदूर संघ ने धरना प्रदर्शन के बाद जिलाधीश के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ज्ञापन सौंपा। जिसने विभिन्न मुद्दों पर मांग की गई। भारतीय मजदूर संघ के प्रधान राकेश शर्मा ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए, जब तक सरकारी कर्मचारी घोषित नहीं किया गया जाता तब तक उन्हें न्यूनतम वेतन और हमारी सुरक्षा प्रदान की जाए।केंद्र सरकार द्वारा घोषित जीवन ज्योति योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना लागू की घोषणा हुई थी जो कि अभी तक पूरी नहीं हुई है। आंगनबाड़ी का मिड डे मील कार्यकर्ताओं को सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए। भारतीय मजदूर संघ ने सरकार की विनिवेश नीति का कड़ा विरोध किया है। 2003 में बंद की गई पेंशन को तत्काल बहाल किया जाए । विभिन्न विभागों में आउटसोर्सेस जो कर्मचारी काम कर रहे हैं सरकारों उन्हें नियमित करें। औद्योगिक क्षेत्र में काम कर रहे श्रमिकों की अनदेखी की जा रही है उनकी भविष्य निधि योजना और राज्य कर्मचारी बीमा योजना भी लागू नहीं होती । महिला कामगारों को न्यूनतम वेतन से वंचित होना पड़ता है। राज्य परिवहन निगम और बिजली बोर्ड के निजीकरण पर रोक लगाई जाए और सरकारी शर्तों के लोगों का निजीकरण एवं विनिवेश बंद किया जाए। आयकर की गणना हेतु राशि 500000 से बढ़ाकर आठ लाख की जाए। मजदूरों के लिए कल्याण बोर्ड का गठन किया जाए। महंगाई पर रोक लगाई जाए, बेरोजगारी समाप्त की जाए । ग्रामीणों क्षेत्र में डाक सेवकों को भी सरकारी कर्मचारी घोषित किया जाए । इस मौके पर भारतीय मजदूर संघ के अध्यक्ष गुरमेल सिंह बैंस, तिलोक सिंह सैनी, आशा कार्यकर्ता संघ की प्रधान श्रीमती रीता देवी, महासचिव सुमन देवी, संरक्षक परिवहन मजदूर संघ हकीकत राय, परिवहन मजदूर संघ शक्ति सिंह, तकनीकी विद्युत कर्मचारी संघ अजय पराशर, सुषमा देवी , पुष्पा देवी,सोनिया देवी, बीना देवी अनीता शर्मा, पूनम, राजकुमारी, रजनी देवी, बीना कुमारी, सोनिया देवी निशी,राजरानी, पुष्पा देवी, कमलेश कुमारी, बबीता, सुषमा, नीरू, मीना सहित काफी संख्या में भारतीय मजदूर संघ के कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।