नई दिल्ली। पूर्व वर्ल्ड चैम्पियन मीराबाई चानू ने गुरुवार को ओलंपिक क्वालीफायर रैंकिंग में आठवां स्थान बरकरार रखा है। इंटरनेशनल वेटलिफ्टिंग फेडरेशन द्वारा गुरुवार को जारी रैंकिंग में 49 किग्रा वर्ग में हिस्सा लेने वाली चानू 2966.6406 रैंकिंग अंकों के साथ आठवें स्थान पर हैं।टोक्यो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने के लिए एक भारोत्तोलक को नम्बर-2018 से अप्रैल-2020 के बीच छह महीनों के तीन पीरियड में से हर एक पीरियड में कम से कम एक इवेंट में हिस्सा लेना चाहिए। चानू ने बीते साल आयोजित एशियन चैम्पियनशिप में कुल 199 किग्रा वजन उठाया था। वह हालांकि बहुत कम अंतर से कांस्य पदक चूक गई थीं। इसके बाद सितम्बर, 2019 में आयोजित विश्व चैम्पियनशिप में चानू ने 200 किग्रा मार्क को तोड़ते हुए कुल 201 किग्रा वजन उठाया। इसके अलावा वह कतर इंटरनेशनल कप में भी स्वर्ण जीतने में सफल रहीं। यह एक ओलंपिक क्वालीफाईंग सिल्वर लेवल इवेंट है।
शुक्रवार, 3 जनवरी 2020
आरजेडी अध्यक्ष ने पटना में छोरे भूत
पटना। राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बिहार में भूत पॉलिटिक्स जारी है। नीतीश कुमार ने पहले ये बयान दिया था कि CM हाउस छोड़ने से पहले आरजेडी अध्यक्ष लालू प्रसाद ने वहां भूत छोड़ दिया था। नीतीश कुमार ने कहा था कि सीएम आवास के कैंपस में लालू-राबड़ी ने कई जगहों पर छोटी-छोटी पुड़िया भी रख दी थी साथ ही कैंपस की मिट्टी भी अपने साथ ले गये थे।
नीतीश के इस बयान पर सूबे की सियासत गरमा गई है। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद ने इस पर पलटवार करते हुए ट्वीट किया है। लालू प्रसाद यादव ने अपने ट्वीट में लिखा है कि, इस बार जनता कसके वोट की झाड़-फूँक से इनके सारे भूत-प्रेत छुड़ा देगी. विकराल बेरोजग़ारी, महँगाई, ध्वस्त विधि व्यवस्था, बदहाल शिक्षा व्यवस्था और घूसख़ोरी जैसे सतही भूत-प्रेती और डरावने मुद्दों की बात नहीं करके छलिया लोग जनता को भ्रमित करने के लिए भुतही बातें कर रहे हैं। इससे पहले राबड़ी देवी ने भी ट्वीट करके नीतीश कुमार पर निशाना साधा। राबड़ी देवी ने लिखा है कि, गरीबों के खेवनहार जब 2005 में सीएम आवास से निकले थे तब उसमें एक भूत घुसा था. “सीएम आवास में भूत छोड़कर आया हूँ”। साहब के इस वाक्य का भावार्थ नीतीश जी शायद समझ नहीं पाए। 15 वर्ष बाद भी नीतीश जी आवास में सुबह-2 आइना देखते है।
बिहार में पोस्टर वार, जदयू को जवाब
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अभी करीब 9 महीना बचा है लेकिन नए साल के शुरुआत से ही सूबे में राजनीति गरमा गई है। बिहार की सियासत में एक बार फिर से पोस्टवार शुरू हो गया है। आरजेडी ने जेडीयू को जवाब देने के लिए आज आरजेडी दफ्तर के पास नया पोस्टर लगाया है। राजद ने जो पोस्टर लगाया है उसमें लिखा है कि झूठ की टोकरी, घोटालों का धंधा लिखा है। इस पोस्टर में सीएम नीतीश कुमार और डिप्टी सीएम के सिर पर टोकरी लिए हुए तस्वीर भी है।
पाक एयरवेज से न गुजरे कर सकता है हमला
न्यूयॉर्क। अमेरिका (America) ने पाकिस्तान के एयरस्पेस (Pakistan Air Space) में आतंकी हमले (Terror alert) की अलर्ट जारी किया है। चेतावनी में कहा गया है कि पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी तत्वों की मौजूदगी से अमेरिकी विमानों पर छोटे हथियारों, एयरपोर्ट पर हमले और ऐंटी-एयरक्राफ्ट फायर के माध्यम से निशाना बनाए जाने का लगातार खतरा है। अमेरिका ने अपनी सभी कमर्शियल और दूसरी उड़ानों को ये चेतावनी जारी की है। एडवाइजरी में कहा गया है कि 2014 से 2019 के बीच पाकिस्तान में सक्रिय चरमपंथी/आतंकी समूहों ने एयरपोर्ट समेत एविएशन इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कई हमलों के माध्यम से अपने इरादों को जाहिर किया है।
अमेरिका ने ईरान के जनरल को मारा
अमेरिका ने लिया 'बदला', बगदाद में मिसाइलें दागकर ईरान के 'बाहुबली' जनरल को मारा
न्न्यूयॉर्क। बगदाद हवाई अड्डे पर अमेरिकी सेना द्वारा किए गए मिसाइल हमले में ईरान के शीर्ष कमांडर सहित आठ लोगों की मौत हो गई है। ताजा हमले के बाद अमेरिका और ईरान में तनाव और बढ़ने के आसार हैं। वहीं इराक से भी अमेरिकी संबंधों में खटास आ सकती है।
अमेरिका ने कम से कम तीन कत्यूषा मिसाइल दागे जिससे बगदाद हवाई अड्डे पर भीषण तबाही मची। हवाई अड्डे पर मौजूद ईरान और हिज्बुल्लाह की संपत्तियों को भारी नुकसान पहुंचा। अमेरिका ने यह हमला खुफिया जानकारी मिलने के बाद किया। अमेरिका ने यह भी दावा किया कि मारा गया ईरानी कमांडर अमेरिकी नागरिकों पर हमले की साजिश रच रहा था।
ट्रंप ने दिया था ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर की हत्या का आदेश: पेंटागन
अमेरिका के रक्षा मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने विदेश में अमेरिकी कर्मियों की सुरक्षा के लिए स्पष्ट रक्षात्मक कार्रवाई करते हुए ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड्स कमांडर कासिम सुलेमानी को मारने का आदेश दिया था।
रेवोल्यूशनरी गार्ड ने कासिम सुलेमानी की मौत की पुष्टि की
ईरान के रेवोल्यूशनरी गार्ड ने सरकारी टेलीविजन पर एक बयान में कुद्स यूनिट के कमांडर कासिम सुलेमानी की मौत की पुष्टि की है। बयान में कहा गया है कि बगदाद में अमेरिकी बलों के हमले में उनकी मौत हो गई।
अमेरिका के इस हमले में ईरान की कुद्स फोर्स के शीर्ष कमांडर कासिम सुलेमानी की भी मौत हो गई है। वहीं पॉपुलर मोबिलाइजेशन फोर्सिज (पीएमएफ) के डिप्टी कमांडर अबु महदी अल-मुहांदिस भी मारा गया है। पीएमएफ ने इस हमले के लिए अमेरिका को जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि इराकी सैन्य बल के घायलों को लेकर पुष्ट जानकारी नहीं मिली है।
अमेरिकी कर्मियों की रक्षा के लिए निर्णायक रक्षात्मक कार्रवाई की है: व्हाइट हाउस
व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के निर्देश पर अमेरिकी सेना ने विदेशी आतंकवादी संगठन ईरानी रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स-क्वैड्स फोर्स के प्रमुख कासिम सुलेमानी की हत्या करके विदेश में अमेरिकी कर्मियों की रक्षा के लिए निर्णायक रक्षात्मक कार्रवाई की है। व्हाइट हाउस ने यह भी दावा किया कि कासिम सुलेमानी सक्रिय रूप से इराक और उस क्षेत्र में रह रहे अमेरिकी राजनयिकों और अन्य सदस्यों पर हमले की योजना बना रहे थे।
ईरान बोला- अमेरिका को भारी कीमत चुकानी होगी
सुलेमानी की मौत को लेकर इरान के विदेश मंत्री जावेद जरीफ ने अमेरिका पर हमला बोला है। उन्होंने बगदाद हवाई अड्डे पर किए मिसाइल हमले को मूर्खतापूर्ण कदम बताया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा, 'अमेरिका का जनरल सुलेमानी को निशाना बनाने और उनकी हत्या करने के अंतर्राष्ट्रीय आतंकवाद का कदम बहुत खतरनाक और मूर्खतापूर्ण है। उनका बल प्रभावी रूप से दाएश (आईएसआईएस), अल नुसराह, अल कायदा एट अल से लड़ता था। अमेरिका को अपने इस दुस्साहस की भारी कीमत चुकानी होगी।'
सना इल्तिजा जावेद को किया नजरबंद
जम्मू। प्रशासन ने उन कश्मीरी नेताओं को अगले सप्ताह रिहा करने का फैसला किया है, जिन्होंने सशर्त रिहाई की खातिर बांड भरकर दे दिए हैं। करीब आधा दर्जन फिर भी नहीं माने हैं।
प्रशासन उनके कारण परेशान है क्योंकि उनको कहां रखा जाए का सवाल उसे इसलिए कचोट रहा है क्योंकि उनकी सेहत खराब होती जा रही है। इन नेताओें की रिहाई की खबर के बीच एक खबर यह भी है कि सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी सना इल्तिजा जावेद को नजरबंद कर दिया है।
एमएलए होस्टल में बीते एक माह से बंदी बनाकर रखे गए 5 से 6 नेताओं को छोड़ अन्य सभी को जल्द ही सशर्त रिहा करने के विकल्प पर प्रशासन गंभीरता से विचार कर रहा है। पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के चेयरमैन शाह फैसल, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के नईम अख्तर, वहीद उर-रहमान पारा और नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर को रिहा करने के बजाय किसी अन्य जगह स्थानांतरित किया जा सकता है। फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत तीनों पूर्व मुख्यमंत्रियों की मार्च से पहले रिहाई की संभावना भी न के बराबर व्यक्त की जा रही है।
पांच अगस्त, 2019 को जम्मू कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम को लागू किए जाने से उपजे हालात के बीच प्रशासन ने एहतियात के तौर पर अलगाववादियों के अलावा गैर भाजपा दलों से जुड़े मुख्यधारा की राजनीति करने वाले सभी प्रमुख राजनीतिक नेताओं व कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था। इनमें तीन पूर्व मुख्यमंत्री डा फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी हैं।
इन तीनों को अलग-अलग जगहों पर रखा गया है। फारूक अब्दुल्ला फिलहाल, पीएसए के तहत नजरबंद हैं। तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों के अलावा हिरासत में लिए गए सभी प्रमुख नेताओं को पहले शेरे कश्मीर इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर परिसर में स्थित सेंटूर होटल में रखा गया था। सेंटूर होटल को सबजेल का दर्जा दिया गया था। शुरू में सेंटूर जेल में करीब 57 लोगों को रखा गया। हालात में सुधार के बाद वहां से कई नेताओं को रिहा किया गया और कुछ को वहां से उनके घरों में स्थानांतरित कर नजरबंद रखा गया।
गत नवंबर माह के दौरान 34 नेताओं जिनमें सज्जाद गनी लोन, श्रीनगर के पूर्व डिप्टी मेयर शेख इमरान, नेशनल कांफ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर, श्रीनगर के पूर्व मेयर और नेशनल कांफ्रेंस की युवा इकाई के प्रधान सलमान सागर, नेकां विधायक इश्फाक जब्बार, पीडीपी के नईम अख्तर, वहीद उर रहमाना पारा, जहूर मीर, जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट के चेयरमैन शाह फैसल के नाम प्रमुख हैं, को सेंटूर सबजेल से एमएलए होस्टल में स्थानांतरित किया गया। इसके साथ ही एमएलए होस्टल को सबजेल का दर्जा दिया गया था।
सूत्रों ने बताया कि कश्मीर में लगातार सुधरते हालात और राजनीतिक गतिविधियों को बहाल करने के लिए केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देशानुसार एमएलए होस्टल में रखे गए राजनीतिक बंदियों की सिलसिलेवार रिहाई का क्रम जारी रखा हुआ है। यह रिहाई एक बांड के आधार पर हो रही है।
तीन दिन पहले सब जेल एमएलए होस्टल से पांच पूर्व विधायकों और एमएलसी को रिहा किया गया है। इन पांच नेताओं की रिहाई से पहले भी सबजेल एमएलए होस्टल से कुछ नेताओं को रिहा किया गया है और इस समय करीब दो दर्जन नेता ही इस सबजेल में एहतियातन हिरासत को झेल रहे हैं।
उन्होंने बताया कि इस सबजेल एमएलए होस्टल में बंद नेताओं में से अधिकांश को अगले 10-15 दिनों में क्रमानुसार रिहा किया जाएगा। इन सभी नेताओं ने एक बांड भरा है, जिसके अनुसार, यह लोग जम्मू कश्मीर में शांति व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग का यकीन दिला रहे हैं। उन्होंने बताया कि इसी क्रम में छह नेताओं जिनमें पीडीपी के पूर्व विधायक एजाज मीर, नेकां नेता सलमान सागर, शौकत गनई, अली मोहम्मद डार, अल्ताफ कालू, अवामी इत्तेहाद पार्टी के नेता बिलाल सुल्तान के नाम बताए जा रहे हैं को अगले पांच दिनों में रिहा किया जा सकता है। अल्ताफ कालू का स्वास्थ्य ठीक नहीं है, जबकि सलमान सागर के नाना का देहांत हुआ है और वह अपने परिजनों के साथ दुख की इस घड़ी में रहना चाहते हैं।
सूत्रों के अनुसार, पीपुल्स कांफ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद गनी लोन, पूर्व नौकरशाह शाह फैसल, पीडीपी नेता नईम अख्तर, वहीद उर रहमान पारा और नेकां महासचिव अली मोहम्मद सागर को फिलहाल रिहा किए जाने की कोई योजना नहीं है। इन नेताओं के साथ कई बार संबंधित प्रशासन ने रिहाई के मुद्दे पर चर्चा करते हुए बांड भरने को कहा है, लेकिन इन्होंने सशर्त रिहाई से इन्कार किया है। कहा जाता है कि शाह फैसल, नईम अख्तर, सागर और लोन ने तो बातचीत के लिए आए अधिकारियों के साथ तीखी बहस करते हुए एक बार बांड के दस्तावेज को भी फाड़ दिया था। इस बीच एक खबर यह है कि जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती की बेटी सना इल्तिजा जावेद ने दावा किया है कि उन्हें श्रीनगर में ही उनके ही घर पर नजरबंद किया गया है। एक ट्वीट के मुताबिक इस बात की जानकारी दी गई है। इस संबंध में और जानकारी का इंतजार है। हालांकि सुरक्षा एजेंसियों द्वारा इस संबंध में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान खत्म किए जाने के बाद कश्मीर के कई स्थानीय नेताओं को नजरबंद किया गया है। हाल ही में सना ने बयान भी दिया था कि अगर उन्हें भी नजरबंद कर लिया जाता है तो यह हैरानी वाली बात नहीं होगी।
नीतीश को मोदी सरकार का बड़ा झटका
पटना। बिहार की नीतीश कुमार सरकार को गुरुवार को उस समय बड़ा झटका लगा जब केंद्र की मोदी सरकार ने गणतंत्र दिवस परेड में 'जल जीवन हरियाली मिशन' पर आधारित बिहार सरकार की झांकी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया।
प्रस्ताव के खारिज होने का मतलब है कि राष्ट्रीय राजधानी में राजपथ पर भव्य गणतंत्र दिवस परेड में बिहार का प्रतिनिधित्व नहीं होगा। दिल्ली स्थित बिहार सूचना केंद्र के सूत्रों ने प्रस्ताव के खारिज होने की पुष्टि की।
प्रस्ताव को इस आधार पर स्वीकृति नहीं मिली कि यह राज्यों की झांकियों के चयन के लिए जरूरी मानकों को पूरा नहीं कर सकी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में हरित क्षेत्र और भूजल स्तर को बढ़ावा देने के लिए अक्टूबर 2019 में 'जल-जीवन-हरियाली मिशन' की शुरुआत की थी। बिहार ने इसी थीम पर आधारित झांकी का प्रस्ताव दिया था।
विपक्षी राजद ने झांकी का प्रस्ताव खारिज होने पर केंद्र की राजग सरकार पर निशाना साधते हुए उस पर बिहार के लोगों का अपमान करने का आरोप लगाया। राजद प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, 'उन्होंने (केंद्र की राजग सरकार ने) बिहार के लिए विशेष दर्जे की मांग को खारिज किया और अब गणतंत्र दिवस पर झांकी के जरिए अपनी योजना का प्रदर्शन करने के प्रस्ताव को भी खारिज कर दिया… यह ढिंढोरा पीटने वाली भाजपा की 'डबल इंजन' की सरकार की सच्चाई है।'
बिहार के साथ ही पश्चिम बंगाल और महाराष्ट्र के प्रस्ताव भी खारिज कर दिए गए हैं। इस तरह 3 बड़े राज्यों की झांकियां गणतंत्र दिवस परेड में नहीं दिखाई देगी।
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