सोमवार, 30 दिसंबर 2019

एसबीआई ने मानक अनुरूप ब्याज दर घटाई

मुंबई। देश के सबसे बड़े वाणिज्यिक बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कर्ज के लिए बाह्य मानकों पर आधारित अपनी ब्याज दर (ईबीआर) को 0.25 प्रतिशत कम कर 7.80 प्रतिशत करने की सोमवार को घोषणा की। अभी यह दर 8.05 प्रतिशत थी। नयी दर पहली जनवरी 2020 से प्रभावी होगी।बैंक के इस निर्णय से उसके आवास ऋण पर ब्याज कम हो जाएगा और उससे ईबीआर के आधार पर कर्ज लेने वाले सूक्ष्म, लघु और मझोले उद्यमों पर भी ब्याज के बोझ में प्रति सैकड़ा 25 पैसे की कमी हो जाएगी।


बैंक नए आवास रिण वार्षिक 7.90 प्रतिशत की दर से पेश करेगा। अब तक यह दर 8.15 प्रतिशत थी। भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों के अनुसार, भारतीय स्टेट बैंक ने पहली अक्टूबर 2019 से ईबीआर आधारित ब्याज की व्यवस्था लागू की है। बैंक ने इसके तहत 1 अक्टूबर 2016 से सूक्षम, लघु और मझोले उद्यमों, आवास खरीदारों तथा खुदरा ग्राहकों के लिए परिवर्तनशील दर पर लिए गए कर्जों का ब्याज रिजर्व बैंक की रेपो दर में घट बढ़ के आधार पर समायोजित करने का निर्णय लागू किया है। इसके तहत बैंक तीन माह एक बार अपने कर्ज की ब्याज दरों को समायोजित कर सकते हैं।भारतीय रिजर्व बैंक ने इस वर्ष फरवरी से कुल मिला कर रेपो दर 1.35 प्रतिशत कम की है। लेकिन बैंक उसका लाभ ग्राहकों को देने में धीमे रहे हैं। उनकी ओर से ब्याज में औसतन 0.44 प्रतिशत की ही कटौती की गयी है।


वयोवृद्ध अन्ना हजारे फिर बैठे मौन व्रत पर

मुंबई। वयोवृद्ध गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे निर्भया गैंगरेप और हत्याकांड के दोषियों को जल्द से जल्द सजा दिलाने की मांग को लेकर मौन व्रत पर बैठ गए हैं। इस बाबत उन्होंने इस बाबत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी भी लिखी है। अन्ना हजारे ने बताया कि उन्होंने अपने गांव रालेगासिद्धी में 20 दिसंबर से ही मौन व्रत पर हैं। बता दें कि निर्भया कांड के एक दोषी ने फांसी की सजा को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन दायर की थी, जिसे शीर्ष अदालत ने ठुकरा दिया।


इसके बाद सभी चारों दोषियों के वकील ने इस मामले में क्यूरेटिव पिटीशन दायर करने की बात कही है। इसके पास सभी दोषियों के पास राष्ट्रपति के पास मर्सी पिटीशन (दया याचिका) दाखिल करने का विकल्प भी बचा है। अन्ना हजारे ने पीएम मोदी को भेजी गई चिट्ठी में लिखा, मैंने आपको (पीएम मोदी) 9 दिसंबर 2019 को पत्र लिख कर देश में बढ़ रहे महिला अत्याचार और न्याय मिलने में अदालती प्रक्रिया में विलंब की बात बताई थी। दुर्भाग्य से कहना पड़ रहा है कि आज तक उसका कोई जवाब नहीं मिला।


इसलिए स्मरण दिलाने हेतु दूसरा पत्र लिख रहा हूं। निर्भया कांड को सबसे पहले निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी उसके बाद दोषियों ने हाई कोर्ट में इसे चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय से अर्जी खारिज होने के बाद सभी दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वहां से भी इनकी याचिका खारिज हो गई थी। इसके बाद इनमें से एक दोषी अक्षय कुमार ने शीर्ष अदालत में रिव्यू पिटीशन दाखिल की थी, जिसे ठुकरा दिया गया। अदालती प्रक्रिया में घटना को सात साल बीत चुके हैं।
सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने पीएम को लिखी चिट्ठी में स्पष्ट तौर पर कहा है कि निर्भया गैंगरेप और हत्या के दोषियों को सजा होने तक वह मौन व्रत पर ही रहेंगे। उन्होंने इस चिट्ठी की प्रति गृहमंत्री, कानून मंत्री और सभी राजनीतिक दलों को भी भेजा है। अन्ना हजारे ने अपनी चिट्ठी में 14 अन्य मांगें भी की हैं।


बाइक सवार युवकों को पिकअप ने रौंदा

फतेहगंज। दो बाइक सवार युवकों को पिकअप ने रौंद दिया जिसके चलते दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। थाना जहानाबाद के अंतर्गत न्याय पंचायत अकबरपुर नसीरपुर के पोजेपुर निवासी अश्वनी कुमार पुत्र जगतपाल सोनकर 22 वर्षीय एवं दीपक पुत्र बाबू चंद्र सोनकर 23 वर्ष रविवार की दोपहर बाद अपनी बाइक से अमौली मेला देखने जा रहे थे तभी अमौली मार्ग में कोल्ड स्टोर के पहले मेला ग्राउंड के समीप अमौली की ओर से आ रही तेज रफ्तार पिकअप ने जोरदार टक्कर मार दी जिससे दोनों युवकों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना पाते ही थाना पुलिस सहित भारी संख्या में कस्बे वासी व परिजन वहां जा पहुंचे पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बताते चलें कि बाबू चंद के चार पुत्रों में तीन पुत्रों सोनू, अमित, एवं दीपक की मौत मार्ग दुर्घटना में हो चुकी है।दो की मौत के बाद पोजेपुर सहित नगर में शोक की लहर दौड़ गई मृतकों की मां और पारिवारिक जनों का रो-रोकर बुरा हाल था।


सतेंदर यादव


धार्मिक जुलूस में 50 सिखों पर मामला

पीलीभीत। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में कीरतपुर गुरुद्वारा से एक धार्मिक जुलूस निकालने पर लगभग 55 सिख श्रद्धालुओं के खिलाफ सीपीसी की धारा 144 के तहत मामला दर्ज किया गया है। ये श्रद्धालु गुरु गोविंद सिंह के बच्चों की शहादत की याद में शहीदी दिवस मना रहे थे। प्राथमिकी में पांच लोगों को नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।


 पुलिस ने कहा कि यह जुलूस प्रशासन की अनुमति के बिना निकाला गया था, जिसके कारण धारा 144 के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया। इस धारा के अंतर्गत एक स्थान पर चार या इससे ज्यादा लोगों के इकट्ठे होने पर प्रतिबंध होता है। पुलिस ने जुलूस में शामिल केसरिया झंडों वाली एक कार को भी जब्त कर लिया। स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) संजीव कुमार उपाध्याय के अनुसार, श्रद्धालुओं पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोकसेवक के आदेश की अवज्ञा) के तहत मामला दर्ज किया गया है।


खेरी नौबरामद गांव के प्रधान रंजीत सिंह ने हालांकि कहा कि उन्होंने कालीनगर तहसील के उप जिला अधिकारी हरिओम शर्मा से अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया. उन्होंने कहा, “श्रद्धालु यह सोच रहे थे कि वे बिना कोई अव्यवस्था फैलाए सिर्फ शांतिपूर्वक धार्मिक जुलूस निकाल रहे थे। हालांकि पुलिस की कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण है। जुलूस में महिलाएं और बच्चे भी बड़ी संख्या में मौजूद थे।”दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा को मामले से अवगत कराया गया है और उन्होंने पुलिस कार्रवाई की निंदा की है।


ममता ने की थी संशोधन विधेयक की मांग

नई दिल्ली। नागरिकता कानून को लेकर जहां लोग सड़कों पर उतर रहे हैं वहीं कई यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाई है। इसी बीच रविवार को मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि केंद्र सरकार किसी भी कीमत पर राजनीति के हब में बदलते शैक्षणिक संस्थानों को बर्दाश्त नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत है लेकिन कॉलेज और यूनिवर्सिटियों को इससे बाहर रहना चाहिए क्योंकि बहुत से छात्र पढ़ाई करने के लिए सूदूर स्थानों से आते हैं। उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी सरकार इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।' जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली विश्वविद्यालय, जादवपुर विश्वविद्यालय और प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय सहित देश भर के विश्वविद्यालयों के हजारों छात्रों ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध किया है। पोखरियाल ने विपक्षी दलों पर सीएए पर जानबूझकर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'यह कांग्रेस है जो धार्मिक आधार पर देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार है। वह सीएए के बारे में गलत सूचना फैला रही है।' नागरिकता कानून का विरोध करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि टीएमसी सुप्रीमो ने 2005 में सांसद रहते हुए राज्य में अवैध प्रवासियों के खिलाफ प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा, 'ममता ने तब नागरिकता संशोधन विधेयक लाने की मांग की थी।' नई शिक्षा नीति जिसपर काम चल रहा है उसके बारे में पोखरियाल ने कहा कि इसे देश के मूल्यों के साथ जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा, 'नई शिक्षा नीति, जिसे 33 सालों के बाद लाया जा रहा है भारत केंद्रित होगी और इसे देश के मूल्यों के साथ जोड़ा जाएगा।' पोखरियाल ने कहा कि देश की शिक्षा को ज्ञान, विज्ञान और जांच के जरिए आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के केंद्र के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि ये देश 'धर्मनिरपेक्ष नहीं' हैं। मंत्री ने कहा कि विभाजन के दौरान धार्मिक अल्पसंख्यकों- जिनमें हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन और ईसाई शामिल हैं वह पाकिस्तान की आबादी का 23 प्रतिशत थे लेकिन वर्तमान में यह आंकड़ा 'लगभग 3 प्रतिशत' है।


आरोपी ने ट्रेन का सामने कूदकर की आत्महत्या

हरदा। मध्य प्रदेश पुलिस की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। हरदा  में पुलिस की गिरफ्त से छूटकर भागे दुष्कर्म के आरोपी ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। सिराली थाना पुलिस आरोपी संतोष कोरकू को कोर्ट में पेश करने के लिए हरदा लेकर आ रही थी। रास्ते में मसनगांव रेलवे फाटक पर आरोपी ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली।मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। पुलिस आरोपी को शासकीय वाहन के बजाये बाइक पर लेकर आ रही थी. आरोपी के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग की है।दुष्कर्म का आरोपी था कैदी दुष्कर्म के आरोपी संतोष कोरकू के ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर लेने को स्थानीय लोग भी पुलिस की लापरवाही बता रहे हैं। बताया गया कि सिराली थाने में नाबालिग लड़की की गुमशुदगी और अपरहण का मामला दर्ज हुआ था. इस मामले में पुलिस ने खंडवा निवासी संतोष को शनिवार को गिरफ्तार किया था। रविवार को दो पुलिसकर्मी सरजू और सुमित आरोपी संतोष को कोर्ट में पेश करने के लिए बाइक से ले हरदा ले जा रहे थे। रास्ते में मसनगांव रेलवे फाटक बंद था, इसलिए पुलिसकर्मियों ने बाइक रोकी। रेलवे फाटक खुलने से पहले ही अचानक आरोपी बाइक से कूदकर भागा और वहां से गुजर रही पुणे-गोरखपुर एक्सप्रेस ट्रेन के आगे कूद गया। जिससे आरोपी संतोष की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद पहुंचे आला अफसर रेलवे फाटक पर कैदी की आत्महत्या की खबर मिलने पर पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। इधर, जिला अस्पताल में मौजूद मृतक के परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा मचाया। संतोष की बहन पार्वती ने कहा कि पुलिस थाने से उन्हें इस बात की सूचना नहीं दी गई थी कि रविवार को ही उनके भाई को कोर्ट ले जाया जा रहा है। पुलिस ने परिजनों को सोमवार को आरोपी को अदालत में पेश करने की बात कही थी। परिजनों ने संतोष को बाइक से हरदा ले जाने पर भी सवाल उठाया। मामले पर सिविल लाइन थाना प्रभारी जयंत मर्सकोले ने बताया कि पुलिसकर्मियों की लापरवाही की जांच की जा रही है। दोष साबित होने पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि आरोपी पर दुष्कर्म और अपहरण का मामला दर्ज था।


उत्पादक संगठन बनाया जाएगाः आदित्यनाथ

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि उत्पादों की ब्रांडिंग पर जोर देते हुए रविवार को कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में राज्य के हर विकास खण्ड में एक किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाया जाएगा। योगी ने नाबार्ड और दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि आज का वक्त ब्रांडिंग का है। हम अपने ब्रांड को जितना आगे बढ़ाएंगे, उतना ही उसका मूल्य बढ़ेगा। अनेक एफपीओ बेहतर काम करके अपने उत्पादों की ब्रांडिंग करके इसका लाभ उठा रहे हैं।


उन्होंने कहा कि प्रदेश में 823 विकास खण्ड हैं। इस वित्त वर्ष के अंत तक प्रदेश के हर ब्लॉक में एक एफपीओ बनाया जाएगा, जो वहां के किसानों के लिये आदर्श साबित होगा।भविष्य में कोशिश होगी कि राज्य की सभी 60 हजार ग्राम पंचायतों में भी एक-एक एफपीओ स्थापित हो. इससे किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी। सीएम योगी ने  रैन बसेरों का औचक निरीक्षण किया था बता दें कि इससे पहले बीते 27 दिसंबर को सीएम योगी ने लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान, पुराने एसएसपी कार्यालय के पास और केजीएमयू स्थित रैन बसेरों का औचक निरीक्षण किया था।इस दौरान सीएम ने लोगों से उनका हाल-चाल लेते हुए सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की थी। ्सा्।  ही सीएम योगी ने निर्देश दिए थे कि प्रदेश के हर मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन के परिसर में एक-एक रैन बसेरा स्थापित किया जाए. उन्होंने कहा था कि जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, नगर निकाय द्वारा यह रैन बसेरे स्थापित किए जाएं। सीएम ने साथ ही यह भी कहा था कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी व्यक्ति जो अपने परिवार के रोगी की चिकित्सा के लिए शहर आया है, उसे किसी भी हालत में खुले में सोने पर मजबूर न होना पड़े।


27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा

27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा  गणेश साहू  कौशाम्बी। सैनी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में खेत से लौट रही बालिका के साथ 27 वर्ष पहले स...