सोमवार, 30 दिसंबर 2019

बाइक सवार युवकों को पिकअप ने रौंदा

फतेहगंज। दो बाइक सवार युवकों को पिकअप ने रौंद दिया जिसके चलते दोनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। थाना जहानाबाद के अंतर्गत न्याय पंचायत अकबरपुर नसीरपुर के पोजेपुर निवासी अश्वनी कुमार पुत्र जगतपाल सोनकर 22 वर्षीय एवं दीपक पुत्र बाबू चंद्र सोनकर 23 वर्ष रविवार की दोपहर बाद अपनी बाइक से अमौली मेला देखने जा रहे थे तभी अमौली मार्ग में कोल्ड स्टोर के पहले मेला ग्राउंड के समीप अमौली की ओर से आ रही तेज रफ्तार पिकअप ने जोरदार टक्कर मार दी जिससे दोनों युवकों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई। घटना की सूचना पाते ही थाना पुलिस सहित भारी संख्या में कस्बे वासी व परिजन वहां जा पहुंचे पुलिस ने शवों को कब्जे में लेकर पंचनामा कर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। बताते चलें कि बाबू चंद के चार पुत्रों में तीन पुत्रों सोनू, अमित, एवं दीपक की मौत मार्ग दुर्घटना में हो चुकी है।दो की मौत के बाद पोजेपुर सहित नगर में शोक की लहर दौड़ गई मृतकों की मां और पारिवारिक जनों का रो-रोकर बुरा हाल था।


सतेंदर यादव


धार्मिक जुलूस में 50 सिखों पर मामला

पीलीभीत। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले में कीरतपुर गुरुद्वारा से एक धार्मिक जुलूस निकालने पर लगभग 55 सिख श्रद्धालुओं के खिलाफ सीपीसी की धारा 144 के तहत मामला दर्ज किया गया है। ये श्रद्धालु गुरु गोविंद सिंह के बच्चों की शहादत की याद में शहीदी दिवस मना रहे थे। प्राथमिकी में पांच लोगों को नामजद और 50 अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।


 पुलिस ने कहा कि यह जुलूस प्रशासन की अनुमति के बिना निकाला गया था, जिसके कारण धारा 144 के उल्लंघन का मामला दर्ज किया गया। इस धारा के अंतर्गत एक स्थान पर चार या इससे ज्यादा लोगों के इकट्ठे होने पर प्रतिबंध होता है। पुलिस ने जुलूस में शामिल केसरिया झंडों वाली एक कार को भी जब्त कर लिया। स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) संजीव कुमार उपाध्याय के अनुसार, श्रद्धालुओं पर भारतीय दंड संहिता की धारा 188 (लोकसेवक के आदेश की अवज्ञा) के तहत मामला दर्ज किया गया है।


खेरी नौबरामद गांव के प्रधान रंजीत सिंह ने हालांकि कहा कि उन्होंने कालीनगर तहसील के उप जिला अधिकारी हरिओम शर्मा से अनुमति मांगी थी, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया. उन्होंने कहा, “श्रद्धालु यह सोच रहे थे कि वे बिना कोई अव्यवस्था फैलाए सिर्फ शांतिपूर्वक धार्मिक जुलूस निकाल रहे थे। हालांकि पुलिस की कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण है। जुलूस में महिलाएं और बच्चे भी बड़ी संख्या में मौजूद थे।”दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष मनजिंदर सिंह सिरसा को मामले से अवगत कराया गया है और उन्होंने पुलिस कार्रवाई की निंदा की है।


ममता ने की थी संशोधन विधेयक की मांग

नई दिल्ली। नागरिकता कानून को लेकर जहां लोग सड़कों पर उतर रहे हैं वहीं कई यूनिवर्सिटी के छात्रों ने भी इसके खिलाफ अपनी आवाज उठाई है। इसी बीच रविवार को मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि केंद्र सरकार किसी भी कीमत पर राजनीति के हब में बदलते शैक्षणिक संस्थानों को बर्दाश्त नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि किसी भी व्यक्ति को राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत है लेकिन कॉलेज और यूनिवर्सिटियों को इससे बाहर रहना चाहिए क्योंकि बहुत से छात्र पढ़ाई करने के लिए सूदूर स्थानों से आते हैं। उन्होंने कहा, 'नरेंद्र मोदी सरकार इसे किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं करेगी।' जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली विश्वविद्यालय, जादवपुर विश्वविद्यालय और प्रेसीडेंसी विश्वविद्यालय सहित देश भर के विश्वविद्यालयों के हजारों छात्रों ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) का विरोध किया है। पोखरियाल ने विपक्षी दलों पर सीएए पर जानबूझकर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगाया है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'यह कांग्रेस है जो धार्मिक आधार पर देश के विभाजन के लिए जिम्मेदार है। वह सीएए के बारे में गलत सूचना फैला रही है।' नागरिकता कानून का विरोध करने वाली पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि टीएमसी सुप्रीमो ने 2005 में सांसद रहते हुए राज्य में अवैध प्रवासियों के खिलाफ प्रदर्शन किया था। उन्होंने कहा, 'ममता ने तब नागरिकता संशोधन विधेयक लाने की मांग की थी।' नई शिक्षा नीति जिसपर काम चल रहा है उसके बारे में पोखरियाल ने कहा कि इसे देश के मूल्यों के साथ जोड़ा जाएगा। उन्होंने कहा, 'नई शिक्षा नीति, जिसे 33 सालों के बाद लाया जा रहा है भारत केंद्रित होगी और इसे देश के मूल्यों के साथ जोड़ा जाएगा।' पोखरियाल ने कहा कि देश की शिक्षा को ज्ञान, विज्ञान और जांच के जरिए आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश के धार्मिक अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के केंद्र के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि ये देश 'धर्मनिरपेक्ष नहीं' हैं। मंत्री ने कहा कि विभाजन के दौरान धार्मिक अल्पसंख्यकों- जिनमें हिंदू, बौद्ध, सिख, जैन और ईसाई शामिल हैं वह पाकिस्तान की आबादी का 23 प्रतिशत थे लेकिन वर्तमान में यह आंकड़ा 'लगभग 3 प्रतिशत' है।


आरोपी ने ट्रेन का सामने कूदकर की आत्महत्या

हरदा। मध्य प्रदेश पुलिस की लापरवाही एक बार फिर उजागर हुई है। हरदा  में पुलिस की गिरफ्त से छूटकर भागे दुष्कर्म के आरोपी ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली। सिराली थाना पुलिस आरोपी संतोष कोरकू को कोर्ट में पेश करने के लिए हरदा लेकर आ रही थी। रास्ते में मसनगांव रेलवे फाटक पर आरोपी ने ट्रेन के सामने कूदकर आत्महत्या कर ली।मामले में पुलिस की बड़ी लापरवाही उजागर हुई है। पुलिस आरोपी को शासकीय वाहन के बजाये बाइक पर लेकर आ रही थी. आरोपी के परिजनों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाकर कार्रवाई की मांग की है।दुष्कर्म का आरोपी था कैदी दुष्कर्म के आरोपी संतोष कोरकू के ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर लेने को स्थानीय लोग भी पुलिस की लापरवाही बता रहे हैं। बताया गया कि सिराली थाने में नाबालिग लड़की की गुमशुदगी और अपरहण का मामला दर्ज हुआ था. इस मामले में पुलिस ने खंडवा निवासी संतोष को शनिवार को गिरफ्तार किया था। रविवार को दो पुलिसकर्मी सरजू और सुमित आरोपी संतोष को कोर्ट में पेश करने के लिए बाइक से ले हरदा ले जा रहे थे। रास्ते में मसनगांव रेलवे फाटक बंद था, इसलिए पुलिसकर्मियों ने बाइक रोकी। रेलवे फाटक खुलने से पहले ही अचानक आरोपी बाइक से कूदकर भागा और वहां से गुजर रही पुणे-गोरखपुर एक्सप्रेस ट्रेन के आगे कूद गया। जिससे आरोपी संतोष की मौके पर ही मौत हो गई। घटना के बाद पहुंचे आला अफसर रेलवे फाटक पर कैदी की आत्महत्या की खबर मिलने पर पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौके पर पहुंचे। इधर, जिला अस्पताल में मौजूद मृतक के परिजनों ने पुलिसकर्मियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा मचाया। संतोष की बहन पार्वती ने कहा कि पुलिस थाने से उन्हें इस बात की सूचना नहीं दी गई थी कि रविवार को ही उनके भाई को कोर्ट ले जाया जा रहा है। पुलिस ने परिजनों को सोमवार को आरोपी को अदालत में पेश करने की बात कही थी। परिजनों ने संतोष को बाइक से हरदा ले जाने पर भी सवाल उठाया। मामले पर सिविल लाइन थाना प्रभारी जयंत मर्सकोले ने बताया कि पुलिसकर्मियों की लापरवाही की जांच की जा रही है। दोष साबित होने पर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने बताया कि आरोपी पर दुष्कर्म और अपहरण का मामला दर्ज था।


उत्पादक संगठन बनाया जाएगाः आदित्यनाथ

गोरखपुर। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कृषि उत्पादों की ब्रांडिंग पर जोर देते हुए रविवार को कहा कि मौजूदा वित्त वर्ष में राज्य के हर विकास खण्ड में एक किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ) बनाया जाएगा। योगी ने नाबार्ड और दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में कहा कि आज का वक्त ब्रांडिंग का है। हम अपने ब्रांड को जितना आगे बढ़ाएंगे, उतना ही उसका मूल्य बढ़ेगा। अनेक एफपीओ बेहतर काम करके अपने उत्पादों की ब्रांडिंग करके इसका लाभ उठा रहे हैं।


उन्होंने कहा कि प्रदेश में 823 विकास खण्ड हैं। इस वित्त वर्ष के अंत तक प्रदेश के हर ब्लॉक में एक एफपीओ बनाया जाएगा, जो वहां के किसानों के लिये आदर्श साबित होगा।भविष्य में कोशिश होगी कि राज्य की सभी 60 हजार ग्राम पंचायतों में भी एक-एक एफपीओ स्थापित हो. इससे किसानों की आमदनी बढ़ाने में मदद मिलेगी। सीएम योगी ने  रैन बसेरों का औचक निरीक्षण किया था बता दें कि इससे पहले बीते 27 दिसंबर को सीएम योगी ने लखनऊ के लक्ष्मण मेला मैदान, पुराने एसएसपी कार्यालय के पास और केजीएमयू स्थित रैन बसेरों का औचक निरीक्षण किया था।इस दौरान सीएम ने लोगों से उनका हाल-चाल लेते हुए सुविधाओं की जानकारी प्राप्त की थी। ्सा्।  ही सीएम योगी ने निर्देश दिए थे कि प्रदेश के हर मेडिकल कॉलेज, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन के परिसर में एक-एक रैन बसेरा स्थापित किया जाए. उन्होंने कहा था कि जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग, नगर निगम, नगर निकाय द्वारा यह रैन बसेरे स्थापित किए जाएं। सीएम ने साथ ही यह भी कहा था कि यह भी सुनिश्चित किया जाए कि कोई भी व्यक्ति जो अपने परिवार के रोगी की चिकित्सा के लिए शहर आया है, उसे किसी भी हालत में खुले में सोने पर मजबूर न होना पड़े।


सूअर के लात मारने से बड़ा विवाद, हत्या

जशपुर। जिले के कनमोरा गाँव मे सूअर को लात मारने को लेकर 2 युवकों में विवाद इतना बद्व गया कि युवक ने अपने ही दोस्त की हत्या कर दी। जिले की कोतवाली पुलिस मामले की जांच कर रही है।जानकारी के मुताबिक रविबार की दोपहर उजिन बेग नामक युवक ने अपने दोस्त अमित के सुअर को लात मार दिया। सूअर को लात मारना अमित को नागवार गुजरा और दोनो में झूमा झटकी शुरू हो गयी।गाँव के लोगो के द्वारा बीच बचाव करने विवाद तो शांत करा दिया गया लेकिन बाद में उनके बीच विवाद फिर शुरू हो गया इसी दौरान उजिन ने अमित के चेहरे पर बांस के डंडे से हमला कर दिया। बाद में उसे अस्पताल लाया गया लेकिन तबतक उसकी मौत हो चुकी थी।


टीटीपी कमांडर के मारे जाने की खबर

इस्लामाबाद। अफगानिस्तान में बंदूकधारियों ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के कमांडर कारी सैफुल्ला महसूद की गोली मारकर हत्या कर दी है। टीटीपी ने अपने कमांडर के मारे जाने की पुष्टि की है। बताया गया है कि यह हमला हक्कानी नेटवर्क द्वारा किया गया था। क्योंकि उन्होंने कुछ दिन पहले इलाके में टीटीपी के हकीमुल्ला महसूद ग्रुप से जुड़े तीन आतंकवादियों को मार गिराया था। 
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार आतंकी संगठन टीटीपी के प्रवक्ता ने एक ऑडियो संदेश में कहा कि सैफुल्ला खोस्त प्रांत में गुलून शिविर के बाहर मारा गया है। प्रवक्ता ने दावा किया कि यह हमला हक्कानी नेटवर्क द्वारा किया गया था, क्योंकि उन्होंने कुछ दिन पहले इलाके में टीटीपी के हकीमुल्ला महसूद समूह से जुड़े तीन आतंकवादियों को मार गिराया था।
टीटीपी की स्थापना 2007 में बैतुल्ला महसूद द्वारा की गई थी और वर्तमान में इसे चार गुटों में विभाजित किया गया है जिनमें स्वात समूह, मेहसूद समूह, बाजौर एजेंसी समूह और दर्रा आदम खेल समूह शामिल हैं। पाकिस्तान में हुई कई हमलों में आतंकी सैफुल्ला महसूद का हाथ रहा है, इसलिए वह पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा वांछित आतंकवादियों की सूची में भी शामिल था। एक ऑडियो संदेश में, महसूद ने दावा किया था कि उसके समूह ने इस साल 75 आतंकी हमले किए, जिनमें ज्यादातर खैबर पख्तूनख्वा के उत्तर और दक्षिण वजीरिस्तान जिलों में स्थानीय बुजुर्गों को निशाना बनाते हुए किया गया था। हालांकि पाकिस्तानी अधिकारियों द्वारा इस दावे का सत्यापन और पुष्टि नहीं की गई।
विश्लेषकों ने कहा कि महसूद की मृत्यु टीटीपी के लिए एक बड़ा झटका है क्योंकि वह चारों गुटों को एकजुट करने का प्रयास कर रहा था। पेशावर के एक वरिष्ठ पत्रकार साबूर खट्टक ने कहा कि टीटीपी पहले ही कई समूहों में विभाजित हो चुका है और मेहसूद उन्हें सक्रिय करने की कोशिश कर रहा था। दूसरा, वह सबसे सक्रिय आतंकवादी था और पाकिस्तान द्वारा कई आतंकवादी हमलों के लिए वांछित था। 
खट्टक ने बताया कि मेहसूद ने कराची में 2015 में हुए भयानक बस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इस हमले में 45 लोग मारे गए थे। उन्होंने बताया कि 2016 में, टीटीपी कमांडर को अफगानिस्तान में अमेरिकी सेना द्वारा गिरफ्तार किया गया था और उसे 14 महीने तक जेल में रखा गया था। हालांकि, बाद में उसे छोड़ दिया गया।


दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर इलाके में प्रतिबंध के बावजूद जमीन से...