अब्दुल सलाम कादरी
रांची। केंद्र सरकार ने चार राज्यों के छह कोल ब्लॉक आवंटन को रद्द कर दिया है। शुक्रवार को कोयला मंत्रालय की ओर राज्य की बिजली उत्पादन कंपनियों के साथ छह ब्लॉकों के आवंटन को रद्द कर दिया। इनमें झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के कोल ब्लॉक शामिल है।चार बिलियन टन कोयले के स्टॉक वाले इन खदानों को 2007-10 के बीच आवंटित किया गया है। बताया जा रहा है कि इस कोल ब्लॉक्स का आवंटन भविष्य की बिजली उत्पादन प्रोजेक्ट के लिए किया गया था। लेकिन इस दिशा में काम आगे नहीं बढ़ने के बाद मोदी सरकार ने इनका आवंटन रद्द कर दिया।
झारखंड के दो कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द
केंद्र सरकार ने कुल 4 बिलिटन टन उत्पादन क्षमता वाले छह कोल ब्लॉक्स का आवंटन रद्द किया है। इसमें झारखंड के दो कोल ब्लॉक है। पहला मोरनी (225.4 मीट्रिक टन कोयला) दूसरा केरंदारी जिसमें 916.5 मीट्रिक टन कोयले का भंडारण है। इसके अलावे महाराष्ट्र का भिखुन माइंस (100 मीट्रिक टन), छत्तीसगढ़ का पिंडराखी (421.5 मीट्रिक टन) और पुता पारोगिया (629.2 मीट्रिक टन) और ओडिशा की बनखुई (800 मीट्रिक टन) माइंस शामिल है।
राजस्व पर पड़ेगा असर
झारखंड में फिलहाल सरकारी खजाने की हालत खस्ता है। कर्ज के बोझ तले दबे झारखंड के पास वेतन-भत्ता देने के लिए भी राशि कम पड़ रही है। ऐसे में कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द होने से राज्य को राजस्व का और नुकसान उठाना पड़ेगा। सरकार का ये फैसला ऐसे समय में आया है जब मौजूदा वित्त वर्ष में कैप्टिव कोयला उत्पादन 25.1 मीट्रिक टन है, जो 2015 में संचालित 42 ब्लॉक्स में हुए 43.2 मीट्रिक टन से बहुत कम है।
हालांकि, रद्द किये गये 6 कोल ब्लॉक की नीलामी कब की जायेगी, इस बारे में मंत्रालय की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गयी है। गौरतलब है कि झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की करारी हार हुई है। और सत्ताधारी भाजपा 25 सीटों पर सिमट गयी, जबकि जेएमएम-कांग्रेस के गठबंधन ने 45 सीटों पर कब्जा जमाते हुए अप्रत्याशित जीत दर्ज की है।अब झारखंड में बीजेपी सत्ता से बाहर है, वहीं केंद्र की मोदी सरकार ने झारखंड के दो कोल ब्लॉक समेत कुछ ब्लॉक का आवंटन रद्द कर दिया, जिससे राज्यों को राजस्व की हानि उठानी पड़ेगी।