सोमवार, 30 दिसंबर 2019

67 का दूल्हा, 66 की दुल्हन ने रचाई शादी

केरल। कहते हैं प्यार करने की कोई उम्र नहीं होती है। उम्र के किसी पड़ाव में प्यार हो सकता है। प्यार के बंधन में कोई भी किसी उम्र में बंध सकता है। केरल से भी ऐसा ही मामले सामने आाया है, जहां एक अनोखी शादी देखने को मिली है।


केरल के एक सरकारी वृद्धा आश्रम में एक बुजुर्ग जोड़ा शादी के बंधन में बंध गया है। 67 साल के कोचानियन मेनन और 66 साल की लक्ष्मी अम्मल त्रिशूर जिले के रामावर्मापुरम के वृद्ध आश्रम में मिले। वृद्धा आश्रम में ही दोनों बुजुर्गों को आपस में प्यार हो गया, फिर क्या था दोनों ने उम्र के इस पड़ाव में किसी की परवाह किये बगैर शादी रचा ली।


जैसे ही मेनन (67) और लक्ष्मी (65) ने शादी की, सोशल मीडिया पर उनकी तस्वीरें वायरल हो गई। शादी के फोटोज में दोनों बुजुर्ग बेहद खूबसूरत और खुश नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर दोनों को लोग ढेर सारी बधाईयां भी दे रहे हैं।


प्रशांत किशोर ने नीतीश पर बोला हमला

पटना। जेडीयू के उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर ने एक बार फिर से सीएम नीतीश कुमार पर हमला बोला है। नागरिकता संशोधन कानून को समर्थन देने पर एक बार फिर से प्रशांत किशोर ने नीतीश कुमार के फैसले पर सवाल खड़े किये हैं। संसद में जेडीयू की ओर से नागरिकता संशोधन कानून को समर्थन देने पर प्रशांत किशोर ने अपना गुस्सा एक बार फिर से जाहिर किया है।


प्रशांत किशोर ने कहा है कि नीतीश कुमार ही बता सकते हैं कि आखिर किन परिस्थितियों में जेडीयू ने नागरिकता संशोधन कानून को संसद के दोनों सदनों में समर्थन दिया। आपको बता दें कि जबसे जेडीयू ने नागरिकता संशोधन कानून को संसद के दोनों सदनों में अपना समर्थन दिया है, तबसे प्रशांत किशोर पार्टी से नाराज चल रहे हैं। बिल को समर्थन देने के विरोध में प्रशांत किशोर पहले भी नीतीश कुमार के फैसले पर नाराजगी जता चुके हैं। 


पार्टी लाइन से अलग जाकर प्रशांत किशोर ने इसके लिए सीएम नीतीश की आलोचना भी की थी। हालांकि नीतीश कुमार से प्रशांत किशोर की मुलाकात के बाद ये मामला शांत हो गया था, जिसके बाद नीतीश कुमार ने भी सार्वजनिक तौर पर ये ऐलान किया था कि बिहार में NRC लागू नहीं किया जाएगा। लेकिन CAA पर एक बार फिर प्रशांत किशोर ने नीतीश के फैसले पर सवाल खड़ा किया है।


पत्रकारों का शोषण नहीं होगा बर्दाश्त

 अजय मिश्रा


प्रयागराज ,कोरांव। तहसील कोरांव अन्तर्गत क्षेत्र के लेड़ियारी बाजार में स्थित शिवजियावन इंटर कॉलेज के प्रांगण में शनिवार को ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन की बैठक एसोसिएशन के जिला महामंत्री दिगंबर त्रिपाठी की अध्यक्षता में आहूत की गई । उक्त बैठक में बतौर मुख्य अतिथि ग्रापए एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष अयोध्या प्रसाद केसरवानी ने हिस्सा लिया । इस दौरान उन्होने कहा कि पत्रकारों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। पत्रकारों की हर समस्या की लड़ाई जिले से लेकर प्रदेश स्तर तक लड़ी जाएगी । इस दौरान जिलाध्यक्ष ने वार्षिक प्रगति रिपोर्ट की जानकारी मौजूदा तहसील अध्यक्ष ईश्वर चंद्र मिश्र से ली। एसोसिएशन के महामंत्री दिगंबर त्रिपाठी ने एसोसिएशन के नियम कायदे एवं संगठनात्मक ढांचे को विस्तार से सभी पदाधिकारियों को बताया और वार्षिक सदस्यता शुल्क प्रांतीय सम्मेलन के साथ कई बिंदुओं पर अहम चर्चा की। उक्त बैठक में तहसील अध्यक्ष कोरांव का मनोनयन किया जाना था किंतु संगठन के अगुवाकारों के द्वारा यह निर्णय लिया गया कि 5 तारीख की जिले की बैठक में कोरांव तहसील के अध्यक्ष के नाम की घोषणा की जाएगी। उक्त बैठक में प्रमुख रूप से वरिष्ठ पत्रकार सुखलाल विश्वकर्मा, कृष्ण शंकर पांडे, लक्ष्मण प्रसाद द्विवेदी ,केके मिश्रा, श्री कृष्ण केसरी, अजय मिश्रा, राजेश सिंह, मनीष वर्मा, जनेश्वर तिवारी, सरस्वती प्रसाद मिश्र, सोमधर शुक्ला ,साहब लाल कुशवाहा, सचिन केसरी ,अनुज कुशवाहा, जयशंकर भास्कर, खेमराज सिंह, अरविंद कुमार सिंह, मुकेश द्विवेदी, मनोकामना पांडेय सहित भारी संख्या में पत्रकार मौजूद रहे।


भाजपा के 300 विधायक योगी के खिलाफ

भाजपा के 300 विधायक मुख्यमंत्री योगी के खिलाफ, अखिलेश यादव ने किया दावा                           


लखनऊ। युवाओं को संबोधित करते अखिलेश यादव सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपनी कुर्सी बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं। भाजपा के 200 से ज्यादा विधायक अपनी ही सरकार के खिलाफ धरने पर बैठ गए थे। हालत ये है कि भाजपा के करीब 300 विधायक सरकार के खिलाफ हैं इसलिए जानबूझकर प्रदेश में बवाल के बहाने मुद्दों से जनता का ध्यान हटाने की कोशिश की जा रही है।


अखिलेश यादव रविवार को लखनऊ में सपा मुख्यालय पर पार्टी नेताओं को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है भाजपा को हटाना है। भाजपा के लोग समाज में भेदभाव बढ़ाकर उसका लाभ लेने की कोशिश करते हैं। हम संविधान का सम्मान करते हैं और वो संविधान को नहीं मानते। आज जब देश की अर्थव्यवस्था आईसीयू में पहुंच गई है और इनके पास देश को दिखाने के लिए कुछ नहीं है तो समाज में एक दूसरे को लड़वाना चाहते हैं।


अखिलेश ने कहा कि समाजवादी लोग अन्याय के खिलाफ हैं। हम उनसे संघर्ष करेंगे। भाजपा सरकार को बताना चाहिए कि प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हुई हिंसा में कितने लोगों के खिलाफ कार्रवाई हुई? आज सभी फोटो और वीडियो मौजूद हैं उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए जो जनता को धमकी दे रहे हैं लेकिन ये मुख्यमंत्री ऐसे हैं जिन्होंने खुद पर ही चल रहे मुकदमों को हटवा दिया और अब कुर्सी बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं


'एनआरसी व एनपीआर हर गरीब के खिलाफ हर मुसलमान के खिलाफ'
अखिलेश यादव ने कहा कि हम सरकार को कोई दस्तावेज नहीं दिखाएंगे। हम इसी देश के नागरिक हैं। भाजपा के लोग बेरोजगारी और अर्थव्यवस्था से लोगों का ध्यान हटाने के लिए ये सब कर रहे हैं। गांवों में लोगों के पास दस्तावेज नहीं हैं वो कैसे प्रमाणित करेंगे कि वो इसी देश के रहने वाले हैं। मैं अपना कोई भी दस्तावेज नहीं दिखाऊंगा।


अखिलेश ने कहा कि राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर देश के गरीब, मुसलमान और माइनॉरिटी के खिलाफ है।


दूसरों की चिंता छोड़ मंथन करे कांग्रेस

बहिन मायावती जी का प्रियंका वाड्रा  को जबाव कहा-दूसरों की चिंता करने के बजाए आत्म-चिंतन करे कांग्रेस


लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा की तीखी टिप्पणी पर बसपा सुप्रीमो बहिन मायावती जी ने ट्वीट कर जवाब दिया है :- कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस समारोह में शनिवार को राजधानी लखनऊ पहुंची प्रियंका ने समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी पर हमला बोला था उन्होंने कहा था कि दोनों पार्टियां सरकार से डर रही हैं, वह कुछ नहीं कर रही हैं लेकिन कांग्रेस को संघर्ष की चुनौती स्वीकार है कार्यकर्ताओं के दिल में भय और हिंसा नहीं इस पर बहिन मायावती जी ने ट्वीट कर कहा :- कांग्रेस को दूसरों की चिंता के बजाए आत्म-चिंतन करने की सलाह दी है।


बहिन मायावती जी  ने ट्वीट किया है :- कांग्रेस आज अपनी पार्टी के स्थापना दिवस को 'भारत बचाओ, संविधान बचाओ' के रूप में मना रही है इस मौके पर दूसरों पर चिन्ता व्यक्त करने के बजाए कांग्रेस स्वयं अपनी स्थिति पर आत्म-चिन्तन करती है, तो यह बेहतर हो


नहीं भरेंगे एनपीआर, क्या करेंगे आप

लखनऊ। समाजवादी पार्टी (सपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रविवार को साफ-साफ शब्दों में कहा है कि वह नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर (एनपीआर) नहीं भरेंगे। समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक लखनऊ में पूर्व सीएम अखिलेश यादव का कहना है कि यदि जरूरत पड़ी तो मैं पहला ऐसा व्यक्ति बनूंगा, जो किसी भी फॉर्म को नहीं भरेगा। लेकिन सवाल यह है कि आप समर्थन करेंगे या नहीं। यादव ने आगे कहा कि हम नहीं भरते एनपीआर, क्या करेंगे आप?


नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लेकर उत्तर प्रदेश समेत देश के कई राज्यों में भड़की हिंसा के बीच अब एनपीआर को लेकर सभी विपक्षी दलों ने मोदी सरकार को घेरने की तैयारी कर ली है। एक तरफ कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सीएए के खिलाफ हुई हिंसा के आरोपियों के समर्थन में सड़कों पर हैं। पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने एनपीआर के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। अखिलेश यादव का कहना है कि वह खुद और न ही समाजवादी पार्टी का कोई कार्यकर्ता इस एनपीआर को भरेगा। उन्होंने कहा कि आज के युवाओं को रोजगार चाहिए ना कि एनपीआर। एनपीआर और एनआरसी हर गरीब और अल्पसंख्यकों के खिलाफ है। हमें पहले कांग्रेस ने नहीं गिना, अब भारतीय जनता पार्टी भी नहीं गिन रही है। अखिलेश यादव ये बातें समाजवादी छात्रसभा की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कही है।


राजनीतिः रद्द किए कोल ब्लॉक आवंटन

अब्दुल सलाम कादरी 


रांची। केंद्र सरकार ने चार राज्यों के छह कोल ब्लॉक आवंटन को रद्द कर दिया है। शुक्रवार को कोयला मंत्रालय की ओर राज्य की बिजली उत्पादन कंपनियों के साथ छह ब्लॉकों के आवंटन को रद्द कर दिया। इनमें झारखंड, ओडिशा, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र के कोल ब्लॉक शामिल है।चार बिलियन टन कोयले के स्टॉक वाले इन खदानों को 2007-10 के बीच आवंटित किया गया है। बताया जा रहा है कि इस कोल ब्लॉक्स का आवंटन भविष्य की बिजली उत्पादन प्रोजेक्ट के लिए किया गया था। लेकिन इस दिशा में काम आगे नहीं बढ़ने के बाद मोदी सरकार ने इनका आवंटन रद्द कर दिया।


झारखंड के दो कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द
केंद्र सरकार ने कुल 4 बिलिटन टन उत्पादन क्षमता वाले छह कोल ब्लॉक्स का आवंटन रद्द किया है। इसमें झारखंड के दो कोल ब्लॉक है। पहला मोरनी (225.4 मीट्रिक टन कोयला) दूसरा केरंदारी जिसमें 916.5 मीट्रिक टन कोयले का भंडारण है। इसके अलावे महाराष्ट्र का भिखुन माइंस (100 मीट्रिक टन), छत्तीसगढ़ का पिंडराखी (421.5 मीट्रिक टन) और पुता पारोगिया (629.2 मीट्रिक टन) और ओडिशा की बनखुई (800 मीट्रिक टन) माइंस शामिल है।


राजस्व पर पड़ेगा असर
झारखंड में फिलहाल सरकारी खजाने की हालत खस्ता है। कर्ज के बोझ तले दबे झारखंड के पास वेतन-भत्ता देने के लिए भी राशि कम पड़ रही है। ऐसे में कोल ब्लॉक का आवंटन रद्द होने से राज्य को राजस्व का और नुकसान उठाना पड़ेगा। सरकार का ये फैसला ऐसे समय में आया है जब मौजूदा वित्त वर्ष में कैप्टिव कोयला उत्पादन 25.1 मीट्रिक टन है, जो 2015 में संचालित 42 ब्लॉक्स में हुए 43.2 मीट्रिक टन से बहुत कम है।


हालांकि, रद्द किये गये 6 कोल ब्लॉक की नीलामी कब की जायेगी, इस बारे में मंत्रालय की ओर से कोई जानकारी नहीं दी गयी है। गौरतलब है कि झारखंड में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी की करारी हार हुई है। और सत्ताधारी भाजपा 25 सीटों पर सिमट गयी, जबकि जेएमएम-कांग्रेस के गठबंधन ने 45 सीटों पर कब्जा जमाते हुए अप्रत्याशित जीत दर्ज की है।अब झारखंड में बीजेपी सत्ता से बाहर है, वहीं केंद्र की मोदी सरकार ने झारखंड के दो कोल ब्लॉक समेत कुछ ब्लॉक का आवंटन रद्द कर दिया, जिससे राज्यों को राजस्व की हानि उठानी पड़ेगी।


सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली

सोरेन ने 14वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली  इकबाल अंसारी  रांची। झारखंड के 14वें मुख्यमंत्री के रूप में हेमंत सोरेन ने गुरुवार को शपथ ली। ...