रविवार, 29 दिसंबर 2019

मां-बाप और मासूम भुगत रहे हैं सजा

जावेद अंसारी


नई दिल्ली। वह गुनाहगार है कि नहीं ये फैसला तो अदालत को करना है। दोनों पति पत्नी ने कोई खता किया या फिर ऐसे ही उनको बिना खता गिरफ्तार कर लिया गया, इसको अदालत ही बताएगी। मगर इन सबके बीच एक ऐसी मासूम सजा भुगत रही है जिसकी इस दुनिया में ही कोई अब तक खता नही हुई होगी। माँ बाप अगर उसके गुनाहगार भी है तो फिर भी इस मासूम की क्या खता जिसको उसके माँ बाप से दूर रखा गया है।


जी हां, हम बात कर रहे है 14 महीने की मासूम आर्या की। जिसके माँ बाप को वाराणसी पुलिस ने CAA के विरोध प्रदर्शन के आरोप में हिरासत में ले रखा है। उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन के दौरान पुलिस की बर्बरता के साथ हिंसक प्रदर्शन की कई तस्वीरें सामने आ रही हैं, लेकिन इसमें ये पहलू आपको परेशान कर सकता है, आप अगर एक माँ है या फिर एक पिता है या फिर आपके अन्दर इंसानियत कायम है तो आप इस मामले को जानकर ही परेशान हो जायेगे। इसी महीने की 19 तारीख़ को नागरिकता क़ानून को लेकर देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध-प्रदर्शन हुए थे। इसी क्रम में वाराणसी में भी जुमे की नमाज़ के बाद भारी संख्या में लोगों का जमावड़ा हुआ था। इस भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस ने बल प्रयोग किया था और कई लोगों को गिरफ़्तार किया था। गिरफ़्तार लोगों में विरोध प्रदर्शन करने वाले रवि शेखर और उनकी पत्नी एकता शेखर भी हैं। रवि और उनकी पत्नी एकता ने 14 महीने की बच्ची आर्या है जो पिछले एक हफ़्ते से अपने मां-बाप का इंतज़ार कर रही है। ऐसे में दोनों के घरवालों पर दोहरी ज़िम्मेदारी आ गई है। एक तो रवि और एकता की ज़मानत लेने की कोशिश दूसरी इस छोटी बच्ची को संभालने की। रवि शेखर की मां शीला तिवारी ने कहा, मेरे बेटे ने कोई गुनाह नहीं किया है। पुलिस ने उन्हें क्यों गिरफ्तार किया। वह शांतिपूर्वक प्रदर्शन कर रहे थे। क्या आप सोच सकते है कि बच्ची बिना अपनी मां के रह रही है। क्या क्राइम को कंट्रोल करने का यह तरीका है? गिरफ्तार हुए रवि की मां ने आगे कहा, ”वह कुछ खा नहीं रही। बमुश्किल से कुछ चम्मच हमने उसे खिलाया। वह पूरे समय कह रही है, 'अम्मा आओ, पापा आओ'। हम लगातार उससे कह रहे हैं कि वह जल्दी आ जाएंगे, लेकिन मुझे नहीं मालूम क्या करना चाहिए?”  वाराणसी में पुलिस का कहना है कि उन्हें गिरफ्तार किया जाना जायज है, क्योंकि लोगों के गैरकानूनी तरीके से इकठ्ठे होने की वजह से शहर में तनाव बढ़ गया था।


सुपरस्टार, निर्माता-निर्देशक 'राजेश खन्ना'

मुंबई। फिल्म अभिनेता निर्माता निर्देशक राजनैतिक राजेश खन्ना                                                     


 राजेश खन्ना एक भारतीय फिल्म अभिनेता, फिल्म निर्माता और राजनीतिज्ञ थे जो हिंदी सिनेमा में  प्रथम सुपरस्टार के रूप में जाना जाता हैं।
 जनम 29 दिसंबर 1942 को पंजाब राज्य में अमृतसर में हुआ था। राजेश खन्ना का असली नाम जतीन हैं जिनका पालन पोषण लीलावती चुन्नीलाल खन्ना ने कीया था। लीलावती खन्ना, जो राजेश खन्ना के जैविक माता-पिता के रिश्तेदार थे और उन्होंने राजेश खन्ना को गोद लिया था राजेश खन्ना के जैविक माता-पिता लाला हिरणंद और चंद्रराणी खन्ना थे जो पूर्व-विभाजन वाले पाकिस्तान से अमृतसर में आकर बस गए थे राजेश खन्ना ने सेंट सेबैस्टियन के गोयन हाई स्कूल में अपने दोस्त रवि कपूर के साथ दाखिला लिया, जिन्हें अभी जितेंद्र के नाम से जाना जाता हैं। खन्ना ने धीरे-धीरे थियेटर में दिलचस्पी लेना शुरू कर दिया, बहुत सारे मंच और थिएटर अपने स्कूल और कॉलेज के दिनों में खेलता रहा, और अंतःविषय कॉलेज नाटक प्रतियोगिताओं में कई पुरस्कार जीते। 1962 में, खन्ना ने अन्धा युग नाटक में एक घायल मौत का सिपाही का रोल निभाया और उनके प्रदर्शन से मुख्य अतिथि प्रभावित हुए उन्हें जल्द फिल्मों में आने का सुझाव दिया ।राजेश खन्ना ने 1959 से 1961 तक पुणे के नौवरजी वाडिया कॉलेज में अपनी पहली दो वर्ष की कला स्नातक की।  अपनी पहली फिल्म ऑडिशन के लिए नाम बदल कर राजेश खन्ना  नाम रख लिया । उन्होंने 1969-72 में लगातार 15 सुपरहिट फिल्में दिया – सच्चा झूठा, इत्त्फ़ाक़, दो रास्ते, बंधन, डोली, सफ़र, कटी पतंग, आराधना,आन मिलो सजना, ट्रैन, आनन्द, दुश्मन, महबूब की मेंहदी, खामोशी, हाथी मेरे साथी। बाद के दिनों में 1972-1975 तक अमर प्रेम, दिल दौलत दुनिया, जोरू का गुलाम, शहज़ादा, बावर्ची, मेरे जीवन साथी, अपना देश, अनुराग, दाग, नमक हराम, अविष्कार, अज़नबी, प्रेम नगर, रोटी, आप की कसम और प्रेम कहानी जैसी फिल्में भी कामयाब रहीं। 1976-78 में महा चोर, छलिया बाबू, अनुरोध, भोला भाला, कर्म कामयाब रहा। उन्होंने 1979 में वापसी किया अमर दीप के साथ। उन्होंने 1980-1991 तक बहुत सारे सफल फिल्में दी। 1979-1991 के दौरान उन्होंने कई सफल सिनेमा किये। उन्होंने 1966 में फ़िल्म आखरी खत के साथ अपने कैरियर की शुरुआत की थी अपने कैरियर के माध्यम से वह 168 से अधिक फीचर फिल्मों और 12 लघु फिल्मों में दिखाई दिए। उन्हें तीन बार फिल्मफेयर बेस्ट एक्टर अवार्ड और सर्वश्रेष्ठ अभिनेता (हिंदी) के लिए चार बार बीएफजेए पुरस्कार भी मिला । बाद में 1991 में उन्हें फिल्मफेयर स्पेशल अवार्ड से सम्मानित किया गया और 2005 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड प्राप्त हुआ। 1970 से 1987 तक वह सबसे महंगे भारतीय अभिनेता थे।


1991 के बाद राजेश खन्ना का दौर खत्म होने लगा। बाद में वे राजनीति में आये और 1991 वे नई दिल्ली से कांग्रेस की टिकट पर संसद सदस्य चुने गये। 1994 में उन्होंने एक बार फिर खुदाई फिल्म से परदे पर वापसी की कोशिश की। 1996 में उन्होंने सफ़ल फिल्म “सौतेला भाई” की। आ अब लौट चलें, क्या दिल ने कहा, प्यार ज़िन्दगी है, वफा जैसी फिल्मों में उन्होंने अभिनय किया लेकिन इन फिल्मों को कोई खास सफलता नहीं मिली। कुल उन्होंने 1966-2013 में 117 फिल्म की और 117 में 91 हिट रही। कुल उन्होंने 1966-2013 में 163 फिल्म किया और 105 हिट रहे।


1960 के दशक के उत्तरार्ध में और 1970 के दशक के शुरुआती दिनों में फैशन डिजाइनर और अभिनेत्री अंजू महेंद्रू के साथ प्यार में गिर गए थे। वे सात साल के लिए एक रिश्ते में थे । सूत्रों के अनुसार इस ब्रेक-अप के बाद युगल 17 साल तक एक-दूसरे से बात भी नहीं करते थे।


बाद में खन्ना ने मार्च 1973 में उभरते अभिनेत्री डिंपल कपाड़िया से शादी की, इससे पहले कपाडिया की पहली फिल्म बॉबी उस साल नवंबर में रिलीज हुई थी।उनकी शादी से दो बेटियां हैं; ट्विंकल और रिंकी । खन्ना और कपाडिया ने 1984 में अलग होकर तलाक की कार्यवाही पूरी नहीं की थी।


1980  से 1987 के बीच 11 फिल्मों में खन्ना के साथ काम करते हुए टीना मुनीम रोमांटिक रूप में जुड़े थे। मुनीम अपने स्कूल के दिनों से राजेश के प्रशंसक थी। बॉलीवुड मंत्र के रिपोर्टर के अनुसार टीना के साथ संबंध 1987 में खत्म हो गए । खन्ना ने उससे शादी करने से इनकार कर दिया  क्योंकि उनकी शादी के कारण उनकी बेटियों पर बुरा असर पड़ेगा।हालांकि खन्ना और कपाडिया ने एक सौहार्दपूर्ण संबंध बनाए रखा  जहां दोनों को एक साथ पार्टियों और परिवार के कार्यों में देखा गया कपाडिया ने खन्ना के चुनाव के लिए प्रचार किया और उनकी फिल्म जय शिव शंकर (1990) में काम किया। खन्ना की बड़ी बेटी ट्विंकल खन्ना, जो कि एक इंटीरियर डेकोरेटर और एक पूर्व फिल्म अभिनेत्री है, जिसने अभिनेता अक्षय कुमार से शादी की है। जबकि उनकी छोटी बेटी रिंकी खन्ना, जो कि एक पूर्व हिंदी फिल्म अभिनेत्री ने एक लंदन स्थित निवेश बैंकर समीर सरन से शादी कर ली । 17 जुलाई 2012 को, अनिता आडवाणी नाम की एक महिला ने दावा किया कि वह खन्ना के लाइव-पार्टनर थे और उन्होनें मुआवजा मांगने के लिए एक कानूनी नोटिस भेजा। राजेश खन्ना के परिवार ने दावों से इंकार किया। जून 2012 में, यह खबर मिली थी कि राजेश खन्ना का स्वास्थ्य खराब हो रहा था। 23 जून को उन्हें स्वास्थ्य जटिलताओं के कारण मुंबई में लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें अस्पताल से 8 जुलाई को छुट्टी मिली थी और कथित रूप से ठीक हो गया था। फिर 14 जुलाई को, खन्ना को लीलावती अस्पताल में भेज दिया गया था, लेकिन 16 जुलाई को उन्हें छुट्टी मिल गई थी। 18 जुलाई 2012 को मुंबई के अपने बंगले, आशीर्वाद में उनका निधन हो गया। सूत्रों ने पुष्टि की कि उनका स्वास्थ्य जुलाई 2011 से बिगड़ रहा था क्योंकि उन्हें कैंसर का पता चला था। उनकी मौत के बाद उनके सह-कलाकार मुमताज ने कहा कि खन्ना पिछले वर्ष की अवधि के लिए कैंसर से पीड़ित थे उनकी अंतिम संस्कार 19 जुलाई को 11:10 बजे हुआ उनके अंतिम संस्कार में 10 लाख से भी ज्यादा लोग थे और उनके प्रशंसक दिल्ली, अहमदाबाद, अमेरिका, सिंगापुर और अन्य कई विदेशी देशों से आए थे पुलिस ने उन लोगों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए लाठीचार्ज का सहारा लिया था अक्षय कुमार की सहायता से उनके पोते आरव द्वारा मुखाग्नि दी गयी अमिताभ बच्चन ने कहा कि खन्ना के आखिरी शब्द 'टाइम अप पैक अप हैं 25 जुलाई 2012 को उनकी अस्थियाँ उनकी पत्नी डिंपल कपाड़िया और बेटी रिंकी खन्ना द्वारा गंगा में विसर्जित हुई थी जन्मदिन के अवसर पर आइए सुनते हैं उनकी फिल्मों से लिए और उन पर फिल्माए गए गाने हैै।


खोखली श्रद्धा ऑफिस पर तड़पती गाय

सन्दीप मिश्रा


रायबरेली। गाय गंगा और गायत्री की बात करने वाली भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता और नेता भले ही चुनाव के समय गौशाला का फीता काट ले । लेकिन हकीकत सिर्फ राजनीति ही साबित होती है । जब रायबरेली कार्यालय के नीचे 8 दिन से एक गाय तड़पती रही और किसी भाजपाई की नजर उस बेजुबान गौवंश पर नहीं पड़ी।
मामला भाजपा के जिला कार्यालय के नीचे का है । सुपर मार्केट में भाजपा का जिला कार्यालय है और नीचे 8 दिन से इस ठंड में एक गाय तड़प रही है। स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि भाजपा के नेता उसके सामने से गुजर जाते हैं लेकिन उसकी सुध तक नहीं लेते हैं।
यह वही भाजपा के नेता है जिन्होंने चुनावों के समय गौशालाओं में रेट कार्पेट बिछाकर लखनऊ के नेताओं को बुलाकर फीता कटवाया था । उस समय गाय को मानने वाली जनता को ऐसा की अब गाय सुरक्षित होगी क्योंकि गाय गंगा गायत्री की बात करने वाले भाजपा की सरकार में बैठे लोग और जिले में काम करने वाले उनके कार्यकर्ता गायो की रक्षा करेंगे और उसको सुरक्षित रखेंगे।लेकिन तस्वीर कुछ और ही नजर आती है जब लग्जरी गाड़ियों में बैठकर गौशालाओं का फीता काटने तक की बातें सिर्फ औपचारिकता तक रह जाती हैं।
भाजपा के जिला कार्यालय के बगल में तड़प रही गाय इस बात का प्रमाण है कि भाजपा के नेताओं को गाय गंगा गायत्री से कोई सरोकार नहीं है। उनकी राजनीति ही उनके लिए सब कुछ है तभी उस बीमार गाय के बगल से निकल के ऊपर अपने कार्यालय में जाने वाले नेताओं की नजर इस पर नहीं पड़ी। इस हरकत से स्थानीय दुकानदारों ने भी नाराजगी जताई है।


ग्राम उद्योग अधिकारी ने सुनी जन समस्याएं

सन्दीप मिश्रा


रायबरेली। ब्लॉक और ग्रामीण स्तरों पर विकास कार्य किस प्रकार चल रहा है इसकी लगातार शिकायतों के बाद आज खादी ग्रामोद्योग अधिकारी अवधेश कुमार ने सदर तहसील के चंदई रघुनाथपुर गांव का स्थलीय निरीक्षण किया। जहां पर उन्हें तमाम शिकायतें सुनने को मिली ग्रामीणों का आरोप है कि ग्राम प्रधान गया प्रसाद लोधी द्वारा प्राईमरी पाठशाला की भूमि पर अपने चहेते लोगों द्वारा अवैध रूप से घूर डलवा कर कब्जा करवा रहे हैं । जिसकी कई बार शिकायत की गई परंतु कोई कार्रवाई नहीं हुई । यही नहीं ग्राम प्रधान व सचिव ने मिलकर गांव के कई इंडिया मार्का हैंडपंप को रिबोर दिखाकर सरकारी धन निकाल लिया । जबकि आज भी वहां पर नल या इंडिया मार्का नाम की कोई चीज दिखाई भी नहीं देती है। शिकायतकर्ता शैलेश कुमार ने बताया कि ग्राम प्रधान व सचिव ने मिलकर दीपक सिंह के दरवाजे से ग्राम प्रधान ने अपने दरवाजे तक इंटरलॉकिंग लगाकर रास्ता बनवाया है । जिसके लिये सरकारी धन का बंदरबांट और उपयोग किया गया। जिसकी भी शिकायत मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी की गई । लेकिन अभी तक कोई कार्यवाही नहीं हुई जबकि ब्लॉक द्वारा दिनेश मौर्या से इस मामले की जांच कराई थी और उन्होंने आरोपियों से मिल कर मनमानी रिपोर्ट लगाकर मामले को दबा दिया। जांच अधिकारी को ग्रामीणों ने साफ कहा कि कहने को तो ग्राम प्रधान गांव के विकास की बात कहते हैं परंतु हाल यह है कि एक ओर मुख्यमंत्री गड्ढा मुक्त प्रदेश की बात कहते हैं तो वहीं उक्त गांव के मुख्य सड़क पर गड्ढा नहीं बल्कि तालाब खुद नजर आता है। इस मामले में खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के अधिकारी ने भी आश्चर्य जताया कि बिना बरसात के मौसम के ही इस गांव की मुख्य सड़क पर महीनों से सड़क के नाम पर पानी का तालाब है । जिसमें लोगों का आवागमन जारी है ।परंतु सड़क के निर्माण का आया हुआ धन कहां गया इसकी निष्पक्ष जांच होगी । उन्होंने बताया कि स्थलीय परीक्षण कर लिया गया है और इसकी रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को प्रेषित की जाएगी।


पार्टी की आगे की रणनीति पर की चर्चा

लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार को राज्य पुलिस के साथ हुए विवाद के बाद अपने लखनऊ प्रवास की अवधि बढ़ा दी है। प्रियंका गांधी रविवार को उत्तर प्रदेश के रायबरेली स्थित पार्टी नेता सुनील श्रीवास्तव के परिवार वालों से मिलेंगी। ज्ञात हो कि 27 दिसंबर को लंबी बीमारी के बाद सुनील की मृत्यु हो गई थी। वह देर शाम लखनऊ वापस आएंगी, जिसके बाद उनके कार्यक्रम निर्धारित हैं। रायबरेली के लिए रवाना होने से पहले प्रियंका ने पार्टी नेताओं के साथ शनिवार की घटना को लेकर बैठक की और पार्टी की आगे की रणनीति पर चर्चा की। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जितिन प्रसाद, आचार्य प्रमोद कृष्णम और जफर अली नकवी ने लखनऊ में सीएए प्रदर्शन के दौरान 19 दिसंबर को मारे गए मोहम्मद वकील के घर का दौरा किया। वकील की मौत गोली लगने से हुई थी। पार्टी सूत्रों ने कहा कि यह निर्णय लिया गया था कि प्रियंका पुलिस के साथ किसी भी टकराव से बचेंगी और मोहम्मद वकील के घर नहीं जाएंगी। उनकी जगह पार्टी के अन्य नेता को वहां भेजा जाना तय किया गया था। ज्ञात हो कि राज्य पुलिस ने प्रियंका को सीएए विरोध प्रदर्शन के कारण जेल में बंद सेवानिवृत्त आईपीएस अधिकारी एस. आर दारापुरी के घर जाने से रोक दिया था। प्रियंका ने आरोप लगाया था कि जब वह दारापुरी के घर जाने की जिद कर रही थीं, तब एक महिला पुलिसकर्मी ने उनकी गर्दन पकड़ ली थी। हालांकि लखनऊ पुलिस ने इस घटना का खंडन किया और कहा कि महिला सिपाही केवल अपना कर्तव्य निभा रही थी और प्रियंका ने अपने इस कार्यक्रम के बारे में पुलिस को सूचित नहीं किया था। वहीं देर रात प्रियंका ने इंदिरा नगर स्थित दारापुरी के घर जाकर उनके परिवार वालों से मुलाकात की।


दिव्यांग खेल प्रतियोगिता के लिए निमंत्रण

नये साल 2020 के पहले दिन पुरकाजी में होगी दिव्यांगों की खेल प्रतियोगिता


सभी दिव्यांग भाई खेल में भाग लेने ज़रूर आयें- ज़हीर फ़ारूक़ी


बागपत। पुरकाजी चेयरमैन ज़हीर फ़ारूक़ी नये साल के पहले दिन हर साल पुरकाजी में दिव्यांग खेल प्रतियोगिता का आयोजन कराते हैं जिसमें आस पास इलाके के दिव्यांग भाग लेते हैं ट्राइसाइकिल नींबू चम्मच रेस, ट्राइसाइकिल रेस, बैसाखी रेस, सुईं धागा प्रतियोगिता, मंदबुद्धि सवाल जवाब,गुब्बारा निशाना, आदि खेल कराये जाते हैं जीतने वाले को पुरुस्कार से सम्मानित किया जाता है साल के पहले दिन पुरकाजी में दिव्यांगों का मनोबल बढ़ाने का काम किया जाता है 
       पुरकाजी चेयरमैन ने सभी दिव्यांगो से अपील की है कि वो खेल में भाग लेने के लिए पुरकाजी ज़रूर आये पुरकाजी के एस डी इंटर कॉलिज में खेल प्रतियोगिता सुबह 11 बजे शुरू की जायेगी खेल शुरू होने से पहले दिव्यांग भाई अपना खेल रजिस्ट्रेशन करा लें जिसमें वो प्रतिभाग करना चाहते हैं बरला से श्री ब्रजभूषण त्यागी और श्री शमशाद कोच खेल सम्पन्न करायेंगे। दिव्यांगों का मनोबल बढ़ाने के लिए सकारात्मक सोच के लोग ज़रूर खेल देखने आयें।


बृजभूषण त्यागी


संगठन को मजबूत बनाने में जुटी भाजपा

फतेहगंज । कस्बे के रेड रोजिज पब्लिक स्कूल में भाजपा मंडल अध्यक्ष की कमेटी के गठन को लेकर चुनाव प्रभारी के साथ विस्तृत चर्चा की गई। भाजपा मंडल स्तर पर संगठन को मजबूत बनाने में जुटेगी। यह बात चुनाव प्रभारी व जिला महामंत्री बदायूं राजेश्वर सिंह पटेल ने कार्यकर्ताओं के साथ आयोजित बैठक में कही। उन्होंने कहा कि किसी भी पार्टी के लिए वास्तविक काम मंडल व बूथ के कार्यकर्ता करते हैं। बूथ ही संगठन की शक्ति का केंद्र होता है। राजनीति की असली जमीन बूथ है। यह जितनी उपजाऊ बनेगी संगठन उतना ही मजबूत होगा।


कार्यकर्ताओं के बीच कामों का विकेंद्रीकरण इस तरह होना चाहिए कि मंडल और बूथ दोनों को मजबूत बनाया जा सके। मंडल अध्यक्ष पूरी गंभीरता से काम करें। मंडल अध्यक्ष संजय चौहान ने चुनाव प्रभारी को 70 लोगो के नामों की सूची सौंपी है। जिस पर चुनाव प्रभारी अपनी अंतिम मोहर लगाएंगे। कार्यक्रम में पूर्व मंडल अध्यक्ष अजय सक्सेना, नगर पंचायत अध्यक्ष कृष्णपाल मौर्य, व्यापार मंडल अध्यक्ष कैलाश शर्मा, जिला पंचायत सदस्य भद्रसेन गंगवार, मंजू कोरी, सुनील शर्मा, गौरव मिश्रा, अतुल कठेरिया, अमित साहू, महेंद्र मौर्य, बाबूराम कश्यप, राम सिंह फौजी, दौलत राम आदि लोग मौजूद रहे।


दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया

दिल्ली में 'एक्यूआई' 391 पर दर्ज किया गया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली और एनसीआर इलाके में प्रतिबंध के बावजूद जमीन से...