मुंबई। रणवीर सिंह और सारा अली खान की फिल्म सिंबा के एक साल पूरे होने के मौके पर मेकर्स ने फैंस को सरप्राइज दिया है। मेकर्स ने रोहित शेट्टी की अपकमिंग फिल्म सूर्यवंशी की एक झलक दी है।
अजय देवगन ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक विडियो शेयर किया है जिसमें सिंघम और सिंबा सूर्यवंशी के साथ आते हैं।
अजय ने पोस्ट को कैप्शन दिया है, इससे बड़ा कुछ नहीं हो सकता। तीन गुना फन, तीन गुना ऐक्शन और तीन गुना ऐक्शन का वादा।
फैंस को इस फिल्म का इंतजार है और मेकर्स ने इसकी रिलीज डेट भी अनाउंस कर चुके हैं। फिल्म 27 मार्च 2020 को रिलीज होगी। बता दें कि पहले अक्षय कुमार स्टारर सूर्यवंशी और सलमान खान स्टारर इंशाअल्लाह बॉक्स ऑफिस पर एक ही दिन रिलीज होने वाली थीं। लेकिन बीते दिनों सलमान ने ट्विटर के जरिए बताया था कि सूर्यवंशी की रिलीज डेट बदल दी गई है। सलमान ने ट्वीट किया था, मैंने रोहित शेट्टी को हमेशा अपना छोटा भाई माना है और आज उसने यह साबित भी कर दिया। अब सूर्यवंशी 27 मार्च 2020 को रिलीज होगी।
रविवार, 29 दिसंबर 2019
सिंघम-सिंबा सूर्यवंशी के साथ आते हैं
बाल झड़ने से रोकने के कारगर उपाय
सर्दी के दिनों में सिर्फ त्वचा ही नहीं, बाल भी रूखे और बेजान हो जाते हैं, और बालों को अतिरिक्त पोषण की आवश्यकता होती है। सर्द मौसम में बालों का झडऩा एक बड़ी समस्या होती है, जिससे निजात पाना जरूरी है। जानें बाल झडऩे के कारण और 5 कारगर उपाय-
कारण – पोषण की कमी बालों के झडऩे की एक प्रमुख वजह है, लेकिन इसके अलावा भी कुछ कारण हैं जो बालों के झडऩे के लिए जिम्मेदार होते हैं। यह रहे बाल झडऩे के कारण –
1 तनाव
2 एनीमिया
3 बालों के साथ एक्सपेरिमेंट
4 विटामिन बी की कमी
5 प्रोटीन की कमी
6 हाइपो थॉयरॉडिज्म
7 डैंड्रफ
8 बोरिंग के पानी से बाल धोना
9 अनुवांशिक
10 बालों की जड़ों में इंफेक्शन
बालों को झडऩे से बचाने के लिए उसके कारण को पहचानना और सही उपचार अपनाना बेहद जरूरी है। अब जानिए ऐसे 5 कारगर उपचार, जो बालों को झडऩे से रोकने के लिए बेहद फायदेमंद साबित होंगे –
1 नारियल – बालों को पोषण देने के लिए नारियल हर रूप में बेहद उपयोगी है। नारियल तेल को हल्का गर्म कर बालों की जड़ों में मसाज करने से जड़ों को पोषण मिलता है और बाल मजबूत होते हैं। इसे कम से कम 1 घंटा बालों में लगाए रखें। इसके अलावा नारियल का दूध बालों में लगाकर मसाल करने के 1 घंटे बाद बाल धोने से भी लाभ होता है।
2 गुड़हल – गुड़हल के लाल फूल बालों के लिए वरदान से कम नहीं है। गुड़हल के फूल को पीसकर नारियल तेल के साथ बालों में लगाएं और आधे से 1 घंटे तक बालों में रखें। इसके बाद बालों को धो लें। यह प्रयोग बालों को डैंड्रफ से बचाने के साथ ही मजबूत और चमकदार बनाता है।
3 अंडा – अंडा प्रोटीन से भरपूर होता है, साथ ही इसमें जिंक, मिनरल और सल्फर भी होता है। ये सभी पोषक तत्व मिलकर बालों को मजबूती प्रदान करते हैं और बालों का झडऩा रोकते हैं। अंडे के सफेद भाग को जैतून के तेल के साथ अच्छी तरह मिक्स करके बालों में मसाज करें। आधे घंटे के बाद बाल धो लें।
4 प्याज – प्याज का रस लगाने से न केवल बालों का झडऩा कम होता है, बल्कि बालों का फिर से उगना और लंबाई बढऩा भी शुरू हो जाता है। सप्ताह में दो बार प्याज के रस का बालों में लगाकर आधे घंटे बाद शैंपू कर लीजिए। यह बेहद कारगर उपाय है।
5 लहसुन – सल्फर की अधिकता के कारण लहसुन भी बालों के लिए बेहद फायदेमंद है। इसे नारियल तेल में पकाकर या फिर इसके जूस को नारियल तेल में मिलाकर लगाने से काफी फायदा होता है।
शक्कर से करे कॉकरोच का सफाया
सभी के घरों में पाई जाने वाली शकर के कुछ ऐसे जबरदस्त नुस्खे है, जो सभी को नहीं पता होते। अगर आप इन नुस्खों को जानकर इन्हें आजमाएंगे तो आपकी कई परेशानियां दूर हो सकती है, जिनमें घर से कॉकरोच
का सफाया करना भी शामिल है। आइए, जानते हैं कैसे-
1 बादाम को खराब होने से बचाने के लिए कंटेनर में रखने से पहले उसमें तीन-चार चम्मच शक्कर डाल दें, इससे सालों-साल बादाम खराब नहीं होंगे।
2 यदि आप चाहते हैं कि फूलदान और गमलों का पानी जल्दी ना बदलना पड़ें तो लगभग 10-12 लीटर पानी में एक औंस हाइड्रोजन सल्फेट मिलाकर थोड़ी-सी चीनी डाल दें, इस घोल से फूल 15-20 दिनों तक ताजे बने रह सकते हैं।
3 फटे हाथ-पैरों के इलाज के लिए चीनी के शर्बत से उन्हें धोना चाहिए।
4 कॉकरोच कई बीमारियों के वाहक है, उनसे बचने के लिए दस ग्राम बोरिक एसिड पाउडर, एक बड़ा चम्मच चीनी, एक बड़ा चम्मच दही और एक बड़ा चम्मच गेहूं के आटे को मिलाकर गोलियां बनाएं, अब इन गोलियों को अलमारी या फ्रिज में रखें कॉक्रोच नहीं आएंगे।
अमरकंटक में दूसरे दिन भी न्यूनतम 1 डिग्री
अम्बिकापुर/पेंड्रा। छत्तीसगढ़ में कड़ाके की ठंड, बिलासपुर जिले में बदला गया स्कूलों को टाइम टेबल पूरा छत्तीसगढ़ कड़ाके की ठंड की चपेट में है। अमरकंटक में दूसरे दिन भी न्यूनतम पारा 1 डिग्री दर्ज किया गया। यहां कई जगहों पर बर्फ जम गई है। रंगमहला मंदिर, बस स्टैंड, रामघाट, कपिलधारा, श्री यंत्र मंदिर सोनमुडा सहित कई स्थानों में बर्फ की सफेद चादर बिछ गई है। वहीं पेंड्रा में पारा 5 डिग्री दर्ज की गई है।
ठंड से आम जनजीवन प्रभावित है। पेंड्रा में कड़ाके की ठंड के कारण जिला शिक्षा अधिकारी बिलासपुर ने स्कूलों के समय में बदलाव किया है। जारी किया आदेश के बाद अब स्कूल सुबह 8:30 बजे से 12 बजे। पहली पाली की कक्षाएं दोपहर 12:45 से शाम 5 बजे तक। दूसरी पाली की कक्षाएं और एकल पाली स्कूल के समय में कोई बदलाव नहीं किया गया है। 10 जनवरी तक यह व्यवस्था लागू रहेगी।
वहीं ठंड का कहर सरगुजा में भी जारी है। मैनपाट बर्फ की चादर से ढक गया है। फसलों तथा पैरा में भी बर्फ जम गई है। ठंड ने कई सालों का रिकार्ड तोड़ दिया है। यहां तापमान करीब 1 डिग्री तक पहुंच गया है। ठंड से आलू समेत कई फसलों को नुकसान हो रहा है।
देश में हिंसा के पीछे पीएफआई का हाथ
एनआरसी और सीएए के विरोध के पीछे खड़े होकर फैला रहे अराजकता
स्थानीय स्तर पर मुस्लिम युवकों को जोड़कर बढ़ा रहे अपना नेटवर्क
लखनऊ । देश में नागरिकता अधिनियम का विरोध कर रहे इस्लामिक संगठनों के बीच से एक नाम उभरकर सामने आ रहा है। वह है इस्लामिक चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया विश्वस्त सूत्रों के अनुसार उत्तर प्रदेश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भड़की हिंसा में पीएफआई का नाम प्रमुखता से सामने आया है। जानकारी के अनुसार, पीएफआई यानी पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया 2006 में केरल में नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट (एनडीएफ) के मुख्य संगठन के रूप में शुरू हुआ था। जो आज देश के कई राज्यों में मजबूत हो चुका है।
केंद्रीय एजेंसियों के साथ उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से साझा किए गए ताजा खुफिया इनपुट और गृह मंत्रालय के मुताबिक, यूपी में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध के दौरान शामली, मुजफ्फरनगर, मेरठ, बिजनौर, बाराबंकी, गोंडा, बहराइच, वाराणसी, आजमगढ़ और सीतापुर क्षेत्रों में पीएफआई लगातार सक्रिय रहा है जिसके कारण इन इलाकों में उपद्रव ज्यादा हुए हैं। केंद्र और राज्य सरकार की खुफिया विभागों की संयुक्त रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया ने नेशनल डेवलपमेंट फ्रंट, मनिथा नीति पासराई, कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी और अन्य संगठनों के साथ मिलकर कई राज्यों में पहुंच हासिल कर ली है और वह पिछले दो साल से उत्तर प्रदेश में अपना आधार फैला रहा है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि तत्कालीन मायावती सरकार की ओर से शुरू किए गए सख्त उपायों ने पीएफआई सदस्यों को उत्तर प्रदेश छोड़ने के लिए मजबूर किया था, लेकिन उन्होंने पिछले दो साल में राज्य में पैठ बनानी शुरू कर दी है। एक जानकारी के अनुसार पीएफआई के सदस्य पूर्वांचल से ज्यादा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सक्रिय हैं।
जहां शामली जिले में 19 दिसंबर से पीएफआई के 14 सदस्यों सहित 28 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जो कथित रूप से सीएए के विरोध प्रदर्शनों के दौरान बड़े पैमाने पर लोगों को उकसाने का प्रयास कर रहे थे। शामली के एसपी विनीत जायसवाल ने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, 'पीएफआई के कुल 14 सदस्य गिरफ्तार किए गए हैं जिनमें इस संस्था का अहम सदस्य मोहम्मद शदाब भी शामिल है. पीएफआई के दो और सदस्य वॉन्टेड हैं। वहीं प्रदेश की राजधानी लखनऊ भी पीएफआई के जद से बाहर नहीं दिखाई दे रही है । एसएसपी कलानिधि नैथानी ने कहा, 'लखनऊ हिंसा के मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी में बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। इनके नाम हैं वसीम, नदीम और अशफाक हैं और ये तीनों पीएफआई से जुड़े हैं। जिसमें वसीम पीएफआई का प्रदेश प्रमुख है जबकि वसीम खाजानची और नदीम इसी संस्था का सक्रिय सदस्य है। उत्तर प्रदेश पुलिस गिरफ्तार पीएफआई के सदस्यों के सहारे पूरे प्रदेश में हुए हिंसक प्रदर्शन के तार जोड़कर देख रही है। गिरफ्तार हुए इन सदस्यों के सहारे पुलिस इस पूरे संगठन को खत्म करने के प्रयास में जुटी हुई है।
कर्नाटक के किसान ने बनाया मोदी 'मंदिर'
प्रधानमंत्री की योजनाओं से है प्रभावित
प्रधानमंत्री किसान कल्याण निधि योजना से पहुंचा लाभ
मुंबई। एक तरफ जहां केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कानून नागरिकता संशोधन का देश में लगातार विरोध हो रहा है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दोषी ठहराया जा रहा है । वहीं दूसरी तरफ कर्नाटका में एक किसान ने प्रधानमंत्री मोदी की मूर्ति अपने खेत में स्थापित की है और रोज उसकी पूजा करता है। बता दें कि तमिलनाडु में एक किसान ने अपने खेत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मंदिर बनवाया है। पी.शंकर नाम के इस 50 वर्षीय किसान ने वहां करीब 63 किलोमीटर दूर इराकुड़ी गांव में पिछले सप्ताह मंदिर का उद्घाटन किया है। मोदी का यह मंदिर आठ गुणा आठ फुट का है और इसकी फर्श पर टाइल्स लगी है। लोगों के स्वागत के लिए परंपरागत रंगोली भी बनाई गई है। मंदिर की लागत करीब 1.2 लाख रुपये है और इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक मूर्ति लगी है। उसका कहना है वह प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि जैसी कल्याणकारी योजनाओं से बेहद प्रभावित है और उसे इसका स्कीम का फायदा भी मिला है। यही वजह है कि उसने पीएम मोदी का मंदिर बनाया है, जहां वह रोजाना उनकी आरती उतारता है। शंकर ने बताया, ''कुछ दिक्कतों के चलते मैं इसे जल्दी नहीं पूरा कर सका और मंदिर का उद्घाटन पिछले सप्ताह हुआ है।
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा 450 करोड़ का पुल
कर्मनाशा नदी पर बना पुल मात्र 10 सालों में धराशाई
बिहार से चंदौली के रास्ते ओवरलोड ट्रकों का कारनामा
प्रखर चंदौली। उत्तर प्रदेश बिहार की सीमा पर कर्मनाशा नदी पर बना 450 करोड़ का पुल मात्र 10 सालों में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया है। उसके पिलर के पाए क्षतिग्रस्त हो चुके हैं जिसको देखते हुए प्रशासन ने अब उस पर आवागमन प्रतिबंधित कर दिया है। एनएच-2 पर स्थित पुल के टूटने से यूपी से बिहार जाने के साथ-साथ पूरे उत्तर भारत के शहरों की तरफ जाने वाले वाहनों के आवागमन की समस्या हो गई है। वहीं, पुल के टूटने को लेकर जिला प्रशासन जहां जांच की बात कह रहा है, तो वहीं राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण ओवरलोडिंग की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ रहा है। फिलहाल पुलिस ने पुल टूटने की खबर मिलते ही दोनों तरफ के वाहनों की आवाजाही रोक दी है। बतादें कि
450 करोड़ रुपए की लागत से बने इस पुल का निर्माण 2003 में शुरू हुआ था। करीब 6 साल बाद साल 2009 में इस पर वाहनों की आवाजाही शुरू हुई थी। स्थानीय लोगों का आरोप है कि घटिया निर्माण के कारण मात्र 10 साल में इस पुल का गर्डर टूट गया है। यह घटना शनिवार के अलसुबह की है, जब तेज आवाज के साथ पुल के बीच का पिलर का विंग टूट गया। इस कारण पुल का बीच का हिस्सा बैठ गया। वहीं, अगल-बगल वाले पिलर में भी दरारें आ गईं हैं। वाहनों के चक्के थमने से एनएच-2 पर कई किलोमीटर का लंबा जाम लग गया। इस घटना के बाद जिलाधिकारी ने वैकल्पिक व्यवस्था के आदेश दिए हैं। लेकिन अब तक सिर्फ छोटी गाड़ियों के लिए ही पुराने पुल से रास्ता बनाया जा सका है । जबकि बड़ी गाड़ियों का जाम लगातार बढ़ता जा रहा है। इस मामले में चंदौली के जिला अधिकारी नवनीत सिंह ने जांच के आदेश दे दिए हैं । तो दूसरी तरफ राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण प्राधिकरण ने इस पर बयान देते हुए कहा है कि ओवरलोडिंग के कारण यह समस्या हुई है। एनएचएआई के अधिकारी योगेश गढ़वाल ने घटना को लेकर बताया कि ओवरलोडिंग की वजह से पिलर का विंग टूटा है। आपको बता दें कि कर्मनाशा नदी पर बने इस पुल से रोजाना सैकड़ों वाहन यूपी से बिहार और उत्तर भारत के अन्य शहरों के लिए गुजरते हैं। इस पुल के बंद होने से पूर्वांचल इलाके में बालू की सप्लाई के ठप होने का अंदेशा है। बता दें कि इस पुल के माध्यम से बिहार के कर्मनाशा से अवैध रूप से बालू लगातार पूर्वांचल के कई जनपदों में पहुंचता रहा है । अब इस घटना के बाद भले ही जिलाधिकारी चंदौली अब इस मामले में जांच कराने की बात कर रहे हो लेकिन अगर समय रहते इस पर कदम उठाया गया होता तो इस तरह की घटना सामने नहीं आती।
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