लखनऊ। समाजवादी छात्र सभा की बैठक लखनऊ स्थित कार्यालय पर रविवार को आयोजित हुई। इस बैठक में सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी शामिल हुए। यहां उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून, एनआरसी और एनपीआर जैसे मुद्दों पर भाजपा सरकार को घेरने की कोशिश की है। अखिलेश ने कहा कि न तो वह खुद और न ही सपा का कोई कार्यकर्ता इस रजिस्टर को भरेगा। अखिलेश ने कहा कि, 'आज खुशी का दिन है कि बड़ी संख्या में नौजवान इस लोहिया सभागार में उपस्थित हैं। बड़ी मेहनत से छात्रसंघ चुनाव जीतने वाले सभी नौजवानों को बधाई। बीजेपी के लोगों ने नौजवानों को घेरा और तोड़फोड़ की। नौजवानों को पीटने वाले और एसओ को पीटने वालों पर कार्रवाई नहीं हुई। वाराणसी में नौजवानों के साथ एसओ को भी पीटा, लेकिन न्याय नहीं मिला। पार्टी के लोग मुकदमों से नहीं डरते। मुख्यमंत्री जब मुकदमे वापस ले रहे हैं तो आपके मुकदमे सरकार आते ही वापस होंगे। समाजवादी कार्यकर्ताओं पर दर्ज हो रहे सब मुकदमे वापस होंगे। आप वाराणसी नहीं आज क्योटो से आए हैं। आप पासपोर्ट बनवा कर रखिए आपको वास्तविक क्योटो दिखाएंगे। बीजेपी ध्यान भटकाने के लिए सब काम कर रही है।' आगे उन्होंने कहा कि, 'सरकार ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। आप बताइये रोजगार चाहिए या एनपीआर चाहिए। हम सब यहां के नागरिक हैं, कोई भाजपा के नेता हमारी नागरिकता तय नहीं कर सकता है। मैं NPR फॉर्म नहीं भरूंगा। सभी सपा के कार्यकर्ता भी NPR फॉर्म नहीं भरेंगे। पहले भारत को बचाओ।' अखिलेश ने कहा कि जिन लोगों की जान गई है, उसकी जिम्मेदार भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री खुद हैं। बीजेपी के खिलाफ उनकी ही पार्टी के 200 विधायक सदन में बैठ गए थे। करीब 300 से ज्यादा विधायक उनसे नाराज हैं। ये अन्याय अपनी कुर्सी बचाने के लिए हो रहा है। उन्होंने सपा कार्यकर्ताओं से कहा कि अब आने वाले 6 महीनों में इनसे कोई सवाल नहीं पूछेगा।
रविवार, 29 दिसंबर 2019
सीएए का पक्षःविधायक के खिलाफ कार्रवाई
लखनऊ। नागरिकता कानून को लेकर देश भर में चल रहे विरोध- प्रदर्शन के बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने अपनी ही पार्टी के विधायक के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया है। उन्होंने मध्यप्रदेश के पथेरिया से विधायक रमाबाई परिहार द्वारा सीएए का समर्थन करने पर पार्टी से निलंबित कर दिया। साथ ही परिहार पर पार्टी के किसी भी कार्यक्रम में भाग लेने पर रोक लगा दी। मायावती ने अपने ट्वीटर में लिखा, “बीएसपी एक अनुशासित पार्टी है व इसे तोड़ने पर पार्टी के एमपी/एमएलए आदि के विरूद्ध भी तुरंत कार्रवाई की जाती है। इसी क्रम में मध्यप्रदेश में पथेरिया से पार्टी की विधायक रमाबाई परिहार द्वारा सीएए का समर्थन करने पर उनको पार्टी से निलंबित कर दिया है। उनपर पार्टी कार्यक्रम में भाग लेने पर भी रोक लगा दी गई है। मायावती ने लिखा, “जबकि बसपा ने सबसे पहले सीएए को विभाजनकारी व असंवैधानिक बताकर इसका तीव्र विरोध किया, संसद में भी इसके विरूद्ध वोट दिया तथा इसकी वापसी को भी लेकर राष्ट्रपति को ज्ञापन दिया। फिर भी विधायक परिहार ने सीएए का समर्थन किया। पहले भी उन्हें कई बार पार्टी लाइन पर चलने की चेतवानी दी गई थी।
मोटापा घटाने के लिए रखे ध्यान
लखनऊ। पेट और कमर पर जमा चर्बी को तेजी से घटाने के लिए हमें अपने सुबह के खाने पर ध्यान देने की जरूरत होती है। सुबह की डाइट काफी मायने रखती है कि आप ब्रेकफास्ट में क्या खाते हैं। वजन घटाने के लिए ब्रेकफास्ट के बारे में तो आपने सुना ही होगा लेकिन क्या आप ब्रेकफास्ट की उन गलतियों के बारे में जानते हैं जो आपका मोटापा बढ़ा सकते हैं। तेजी से वजन घटाना चाहते हैं, तो आपको वजन कम करने के लिए भोजन पर खास ध्यान देना होगा। सुबह के नाश्ते से आप अपने दिन की शुरुआत करते हैं, इसलिए यह जरूरी है कि ना केवल आप अपनी कमर और पेट को सही शेप में लाने के लिए ही बल्कि अपने आप को स्वस्थ रखने के लिए भी, सुबह एक हेल्दी नाश्ता लें। लेकिन, आमतौर पर सुबह के नाश्ते में आप कुछ गलतियां करते हैं जो आपका मोटापा और भी बढ़ा देते हैं! 1. ज्यादा फैटी ब्रेकफास्ट लेना ज्यादा फैटी ब्रेकफास्ट जैसे नूडल्स और उपमा आदि खाने से आप पूरे दिन भारी-भारी महसूस करेंगे। इसलिए आप कॉर्नफ्लेक्स और दूध ले सकते हैं, फल ले सकते हैं, ब्रेड टोस्ट का इस्तेमाल कर सकते हैं जो बहुत ही हल्के होते हैं। 2. चाय या कॉफी में क्रीम का मिलाना. अगर आप पेट की चर्बी से परेशान हैं तो सुबह ब्रेकफास्ट में इन गलतियों को दोहराना छोड़ दें। कई लोग अपनी चाय या कॉफी में फैटी क्रीम को मिलाते हैं तो यह स्वादिष्ट तो होगी लेकिन, इससे आपका वजन भी बढ़ सकता है और आपके शरीर का शेप खराब हो सकता है। इसलिए आप सुबह सुबह ग्रीन टी में शहद मिलाकर पिए 3. ज्यादा नमक खाना नमक न सिर्फ आपके ब्लड प्रेशर को अनकंट्रोल कर सकता है बल्कि यह आपका मोटापा भी बढ़ा सकता है। नमक खाना बनाने के लिए जरूरी होता है, क्योंकि यह स्वाद को बढाता है लेकिन बहुत अधिक मात्रा में नमक का इस्तेमाल करने से हाई ब्लडप्रेशर की समस्या हो सकती है। बहुत से ऐसे ब्रेकफास्ट फूड्स हैं जिनमें नमक की जरूरत पड़ती है जैसे पराठा, फ्रेंच टोस्ट, पोहा। इसलिए आप ऐसा ब्रेकफास्ट फ़ूड लें जिनमें नमक की जरूरत कम हो। क्या आप दही के इन चमत्कारी फायदों के बारे में जानते हैं… 4. ओट्स में शुगर मिलाना कुछ लोग ओट्स में शुगर मिला देते हैं जिससे यह आपके लिए फायदेमंद नहीं हो पाता। ओट्स बहुत अच्छा ब्रेकफास्ट होता है लेकिन जब आप इसमें शुगर मिला देते हैं तो यह सबसे खराब नाश्ता हो जाता है। अगर आप ओट्स को स्वादिष्ट बनाने के लिए सप्लीमेंट्स मिलाना ही चाहते हैं तो इसमें आप ड्राई फ्रूट्स और शहद मिला सकते हैं। 5. ज्यादा फाइबर लेना खाने में फाइबर लेना आपके लिए काफी फायदेमंद होता है। लेकिन, इसकी बहुत अधिक मात्रा लेने से हम दिनभर सुस्त महसूस करेंगे। इसलिए आपको यह सलाह है कि आप बिना शुगर के ओट्स का इस्तेमाल अपने नाश्ते में करें। 6. ब्रेकफास्ट ना करना कई लोग सुबह की जल्दी में नाश्ता ही नहीं करते हैं यह भी आपके मोटापे का कारण बनता है! अगर आप सोचते हैं कि कम करने के लिए नाश्ता ही ना करेंगे, तो यह आपके लिए खतरनाक हो सकता है क्योंकि इससे आपके मेटाबोलिज्म का संतुलन बिगड़ जाएगा और आपको ज्यादा भूख लगेगी जिसकी वजह से आप ज्यादा खाने की कोशिश करेंगे जो आपके लिए ठीक नहीं है। 7. डेयरी प्रोडक्ट्स का ज्यादा सेवन दूध हमेशा ही एक अच्छा ऑप्शन होता है नाश्ते के लिए लेकिन अगर आप उसमें ज्यादा शुगर मिला देंगे तो दूध की गुणवत्ता ख़त्म हो जाती है। इसी तरह अगर आप भोजन में ज्यादा पनीर या बटर इस्तेमाल करेंगे तो आपके शरीर की शेप खराब हो सकती है जो आप बिल्कुल नहीं चाहते होंगे।
भाजपा जिला अध्यक्ष को खिसकाया पीछे
आखिर दिनेश सिंघल को क्यों नहीं मिली प्रथम पंक्ति में जगह
सचिन विशौरिया
गाजियाबाद। उत्तर-प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी वैसे तो संस्कारों व विचारों और प्रोटोकॉल की पार्टी अपने आपको बताती है। लेकिन जब कहीं बड़े कार्यक्रम आयोजन की बात होती है तो कहां चला जाता है इस पार्टी का प्रोटोकॉल। यह बात समझ से बाहर है। लेकिन जब होल्डिंग व बैनरों पर फोटो लगाने की बात हो तो नेता आपस में प्रोटोकॉल का हवाला देते दिखते हैं। ऐसा ही एक मामला आरडीसी में उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के कार्यक्रम के दौरान देखा गया। जहां प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ती हुई साफ नजर आई। इस दौरान जिला गाजियाबाद के अध्यक्ष दिनेश सिंघल को प्रेस वार्ता में दूसरे बैच में धकेलने का काम आखिर किसने किया, कौन नहीं चाहता था कि दिनेश सिंघल फ्रफ्रंट में बैठकर पत्रकारों को संबोधित करें? क्या महानगर अध्यक्ष और जिलाध्यक्ष में भी चल रहा है। आपसी मनमुटाव यह तो समय ही बताएगा लेकिन जिस तरह से जिलाध्यक्ष को छोड़कर अन्य विधायकों को मौका दिया गया। इस बात को देखकर साफ है के जिलाध्यक्ष व महानगर अध्यक्ष में नहीं बन पा रही है।
रेलवे ने ट्रेन की बंद, उपजा बड़ा संकट
बलिया। वाराणसी जाने के लिए एकलौता एक्सप्रेस ट्रेन इण्टरसिटी ट्रेन जो छपरा से बलिया वाया रसड़ा-मऊ ,दुल्हपुर, जखनियां, औड़िहार जंक्शन होते हुए वाराणसी सीटी तक जाने वाली इंटरसीटी एक्सप्रेस को रेलवे प्रशासन द्वारा एक बार फिर बंद कर दिए जाने से, एक तरफ जहां रेलवे को प्रतिदिन लाखों की क्षति हो रही है। वहीं दूसरी तरफ इस ट्रेन से जाने वाले सैकड़ों मरीजों के समक्ष इन दिनों गंभीर संकट उत्पन्न हो गई है। गौरतलब है कि रेल प्रशासन ने पिछले साल दिसम्बर महीनें में अचानक इस ट्रेन का संचालन बंद कर दिया था। लंबे समय तक बंद रहने के पश्चात इस ट्रेन को पुन: 14 जनवरी से चलाया गया लेकिन मात्र दो दिनों के संचालन के पश्चात अचानक रेल प्रशासन ने इस ट्रेन को पुन: बंद कर दिया। रेल विभाग इस ट्रेन के बंद होने के कारणों का कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दे पाता है।
अखण्ड भारत न्यूज संवाददाता ने स्टेशन अधीक्षक सुरेन्द्र प्रसाद से जानकारी प्राप्त करना चाहा तो उन्होंने बताया कि कंट्रोल के आदेशानुसार 16 दिसम्बर से 31 दिसम्बर तक इण्टरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन बंद रहेगी । वहीं दूसरी तरफ प्रतिदिन चिकित्सा के लिए मऊ तथा वाराणसी जाने वाले सैकड़ों रोगियों के सामने ठंड मे विकट समस्या खड़ी हो गई है। ट्रेन बंद होने से यात्रियों की हो रही परेशानियों के संबंध में रेल प्रशासन को खबर के माध्यम से बार बार ध्यान आकृष्ट कराया जाता रहा है लेकिन रेल प्रशासन इस तरह कोई ध्यान नहीं दे रहा है। उधर इस ट्रेन के बंद होने से यात्रियों सहित मरीजों में भारी आक्रोश बढ़ता जा रहा है। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताआें व सामाजिक संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि इस ट्रेन का संचालन जल्द शुरू नहीं किया गया तो बाध्य होकर उन्हें आंदोलन का सहारा लेना पड़ेगा। खबर के माध्यम से रेल वाराणसी डीआरएम सहित, महाप्रबंधक का ध्यान जनहित में आकृष्ट कराया जाय ।
वाराणसी जाने के लिए इण्टरसिटी ट्रेन इधर के मरीजों के लिए किसी वरदान से कम नहीं लोग सुबह जाते है और शाम को इसी ट्रेन से वापस भी दवा लेकर चलें आते है वैसे इस सरकार मे सबका साथ, सबका विकास की खुब ट्रेन में चर्चा होती हैं साथ ही यात्रियों तो यहां तक कहते हैं कि इण्टरसिटी चलने से अच्छे दिन तो है ही इसी ट्रेन से उपचार कर सवस्थ हैं वहीं इन दिनों मरीज यही कह रहे है। बुलेट ट्रेन मत चलवाई साहब हम गरीबों का इण्टरसिटी ट्रेन ही चलवा दिजिए, हुजूर छपरा से ना सही बलिया से चलवा दिजिए जनता की मांग है।
पिन्टू सिंह
हरियाणा कांग्रेस नए रंग-ढंग में आएगी नजर
राणा ओबराय
वर्ष 2020 में हरियाणा कांग्रेस नए रंग ढंग में आएगी नजर! जिलो में कांग्रेस अध्यक्ष की हो सकती है नियुक्ति! कुछ फेरबदल भी सम्भव?
चण्डीगढ़। हरियाणा कांग्रेस संगठन में थोड़े दिन की एकता के बाद विधानसभा चुनाव में 31 सीट हासिल कर लेना सभी राजनीतिक दलों को अचंभित कर रहा है। हरियाणा में आज छोटे से लेकर बड़ा कांग्रेसी अफसोस कर रहा है की काश थोडी सी मेहनत और कर लेते तो प्रदेश में कांग्रेस की सरकार होती। कहते हैं अब पछताए होत क्या, अब फिर कांग्रेस आलाकमान ने प्रदेश कांग्रेस को मजबूत करने के लिए 2020 में कुछ नया करने की सोची है। हरियाणा विधानसभा चुनाव में पार्टी के सत्ता तक ना पहुंचने के कई कारण रहे जिसमें संगठन की कमी मुख्य कारण सामने आया है। इसको देखते हुए नए साल पर पार्टी नए रंग में रंगने वाली है। कोशिश हो रही है कि पार्टी को नए ढंग से खड़ा किया जा सके ताकि अगली बार पार्टी प्रदेश की सत्ता में फिर वापस आए। खबर यह है कि नव वर्ष 2020 में हरियाणा कांग्रेस प्रत्येक जिले में अध्यक्ष एवं ब्लाक अध्यक्ष की नियुक्ति कर सकती है। इसकी जमीन तेजी से तैयार की जा रही है। नव वर्ष में जिले से लेकर ब्लॉक स्तर तक नया संगठन मिल जाएगा। सबसे अहम बात यह है कि पदों के बंटवारे पर टकराव टालने के लिए विशेष रणनीति अपनाई जाएगी। यह नीति पद आवंटन में सभी वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं को तवज्जो देने की रहेगी। हरियाणा प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष कुमारी सैलजा व कांग्रेस विधायक दल के नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा दोनों ही रणदीप सिंह सुरजेवाला, कैप्टन अजय सिंह यादव, किरण चौधरी व कुलदीप बिश्नोई सहित उन वरिष्ठ नेताओं की राय को काफी हद तक अहमियत देंगे। इससे कार्यकर्ताओं औऱ लोगों के बीच नेताओं की टकराव की खबरें भी कम जाएगी। माना जा रहा है कि प्रदेश कांग्रेस को हर स्तर पर खड़ा किया जाएगा। पिछले दिनों कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेताओं ने दावा किया था कि पार्टी वर्ष 2019 की समाप्ति के तुरंत बाद बहुत मजबूत फैसले लेने वाली है। अब देखने वाली बात यह होगी कि क्या वाक़ई हरियाणा कांग्रेस एकजुट होकर प्रदेश में काम करेगी, क्या प्रदेश स्तर से लेकर ब्लाक स्तर पर संगठन खड़ा होगा! अथवा पहले की तरह ही कांग्रेस नेता आपस मे लड़कर गुटबाजी का शिकार होते रहेंगे!यह सब तो आने वाला समय ही बताएगा।
मृतकों के परिजनों से मिले कांग्रेसी नेता
मृतक मुसहर परिजनों से मिले कांग्रेसी नेता, बंधाया ढाढस
एक सप्ताह के अंदर दो मुसहरों की हो चुकी है आकास्मिक मौत, एक दर्जन मुसहर टीवी और अन्य गंभीर बीमारियों से है पीड़ित
कुशीनगर। जनपद के दुदही विकास के ग्राम पंचायत रामपुर बरहन के टोला धनुष में दो मुसहरों की मौत होने के बाद प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू अपने समर्थकों के साथ गांव में पहुंच पीड़ित परिवार से मिले तथा उनके जुबानी जमीनी हकीकत जानी। बीडीओ विवेकानंद मिश्र भी गांव में पहुंच पीड़ितों से मिले और सचिव निशिद राय को एक सप्ताह के अन्दर सभी मुसहर परिवारों का पीएम आवास पूर्ण कराने का सख्त निर्देश दिया।
उक्त पंचायत के धनुष टोली मुसहर बस्ती के मुसहर बीमारी के चपेट में आकर एक - एक कर दम तोड़ रहे है। पिछले एक सप्ताह के अन्दर दो मुसहर क्रमशः मिथुन मुसहर उम्र 26 वर्ष तथा 40 वर्षीय एक अन्य मुसहर के आसमयिक मौत के बाद इस गांव के करीब एक दर्जन मुसहर टीवी और अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित है लेकिन जिम्मेदार इस पूरे मामले में अंजान बने हुए हैं। लगातार दो मुसहर व्यक्ति के मौत की सूचना के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू अपने समर्थकों के साथ गांव में आज दोपहर को पहुंच पीड़ित मुसहर परिवारों से मिले तथा ढासढ बंधाते हुए सहायता धनराशि उपलब्ध किया। गांव में बीमारी से पीड़ित सभी मुसहर परिवारों से मिले । बीडीओ ने मुसहर बस्ती में घुमकर मुसहरों के पीएम आवास की स्थिति को देखा तथा सचिव निशिद राय को एक सप्ताह के अंदर जल्द से जल्द पुरा करने का आदेश दिया ।
जिन्दगी और मौत से जुझ रहे मुसहर, प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग बना अंजान
रामपुर बरहन के धनुष टोली मुसहर बस्ती में एक सप्ताह के अंदर बीमारी से दो मुसहरों के आकास्मिक मौत होने तथा एक दर्जन मुसहरों के गंभीर बीमारी से पीड़ित होकर जिन्दगी और मौत के बीच लड़ाई लड़ने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार पीड़ितों के समुचित इलाज का प्रबंध करने के बजाय पूरे मामले से अंजान बने हुए हैं। जिसका नतीजा यह है कि एक - एक कर मुसहरों की आकास्मिक मौत हो रही है और प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार मुकदर्शक बने हुए हैं।
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