शनिवार, 28 दिसंबर 2019

शीतलहर के कहर से कांंपा उत्तर-भारत

नई दिल्ली। देश की राजधानी दिल्ली समेत पूरा उत्तर भारत इन दिनों कड़ाके की सर्दी और शीतलहर की चपेट में है। लगातार लुढ़कते पारे के साथ कंपकंपाने वाली ठंड पड़ रही है। हाड़ कंपा देने वाली सर्दी ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। कई जगहों पारा लुढ़क कर शून्य से काफी नीचे चला गया है।


ठंड से ठिठुरा हिमाचल, पारा शून्य से नीचे
शिमला। हिमाचल प्रदेश में शुष्क मौसम के बावजूद शनिवार को शीतलहर जारी है। राज्य के ऊंचाई वाले पहाड़ी इलाकों में पारा शून्य से नीचे पहुंच गया है। मौसम विभाग के एक अधिकारी ने यहां आईएएनएस को बताया कि शिमला में न्यूनतम तापमान चार डिग्री सेल्सियस दर्ज हुआ, जबकि शुक्रवार को यहां तापतान 3.8 डिग्री सेल्सियस था।


लाहौल एवं स्पीति जिले के केलांग और किन्नौर जिले के कल्पा में क्रमश: शून्य से 11.5 डिग्री सेल्सियस नीचे और शुन्य से 1.8 डिग्री सेल्सियस नीचे तापमान दर्ज हुआ। चंबा जिले के डलहौजी में तापमान 5.1 डिग्री दर्ज किया गया, जबकि मनाली में यह 26 डिग्री सेल्सियस रहा। धर्मशाला में रात का तापमान 2.2 डिग्री सेल्सियस था। मौसम विभाग ने कहा कि 30 दिसंबर तक दिन में धूप रहेगी और मौसम शुष्क बना रहेगा। उसके बाद 31 दिसंबर से राज्य भर में बारिश और बर्फबारी की संभावना है।


पंजाब, हरियाणा में भीषण शीत लहर
चंडीगढ़। पंजाब और हरियाणा में भीषण शीत लहर का दौर शनिवार को भी जारी रहा। कुछ स्थानों पर आसमान में बादल छाने के कारण तापमान जमाव बिंदु के करीब तक पहुंच गया। मौसम विज्ञान विभाग के अधिकारियों के अनुसार, दोनों राज्यों में शीत लहर 31 दिसंबर तक जारी रह सकता है। इसके बाद कई क्षेत्रों में हल्की बारिश होने की भी संभावना है, जिसके बाद आसमान से बादल छंटेंगे।


हरियाणा के हिसार में तापमान 0.2 डिग्री और नारनौल में 0.5 डिग्री दर्ज किया गया। वहीं रोहतक में 1.8 डिग्री और सिरसा में दो डिग्री सेल्सियस तापमान दर्ज किया गया। हालांकि कई क्षेत्रों में घना कोहरा छंटने से लोगों को राहत मिली है। अधिकांश क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान 0.2 से 5.6 डिग्री सेल्सियस के बीच दर्ज किया गया। पंजाब के अमृतसर में न्यूनतम तापमान 4.7 डिग्री और लुधियाना में 5.6 डिग्री, जबकि बठिंडा में 2.3 डिग्री तापमान दर्ज किया गया। चंडीगढ़ में शनिवार को न्यूनतम तापमान 5.1 डिग्री और अधिकतम तापमान 11.1 डिग्री दर्ज किया गया।


राजस्थान के 5 शहरों में पारा शून्य के नीचे पहुंचा
जयपुर। राजस्थान के पांच शहरों में न्यूनतम तापमान शून्य से नीचे चला गया। मौसम विभाग के अधिकारियों ने यह जानकारी दी। शुक्रवार रात फतेहपुर में तापमान शून्य से तीन डिग्री सेल्सियस नीचे, जोबनर में शून्य से दो डिग्री नीचे, आबू में शून्य से 1.5 डिग्री नीचे, सीकर में शून्य से 0.8 डिग्री नीचे और चुरू में शून्य से छह डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज हुआ।


अन्य शहर जहां पांच डिग्री से कम तापमान दर्ज हुआ उन शहरों में पिलानी (0.4), राजसमंद (1.4), गंगानगर (1.4), अलवर (2.0), उदयपुर (3.2), जयपुर (4.0), अजमेर (4.0) और रामगंजमंडी (4.0) रहे। चार डिग्री सेल्सियस तापमान के साथ जयपुर पिछले पांच सालों में दिसंबर में सबसे ठंडा रहा, जबकि जोधपुर में 4.4 डिग्री दर्ज किया गया, जोकि 35 सालों में सबसे कम रहा। इस बीच, मौसम विभाग ने शनिवार तक राज्य के विभिन्न हिस्सों में शीतलहर की स्थिति रहने और घने कोहरे की चेतावनी दी है।


स्थापना दिवस पर कांग्रेसियो ने ली शपथ

लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा शनिवार को पार्टी के 135वें स्थापना दिवस समारोह में यहां शामिल हुईं। इस अवसर पर उन्होंने संविधान की प्रस्तावना पढ़ी और कार्यकर्ताओं को शपथ दिलाई। प्रियंका ने कांग्रेस नेताओं के बलिदान को याद करते हुए कहा कि कार्यकर्ताओं को पार्टी के महान नेताओं के पदचिह्नों पर चलने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे संविधान पर हमला करने वालों का विरोध करेंगी।


प्रियंका गांधी इसके बाद रणनीतिक और कार्ययोजना कमेटी के साथ बैठक करेंगी।


इससे पहले उन्होंने ट्वीट किया, “हम अंतिम पायदान पर खड़े इंसान की आवाज हैं। हम किसान, नौजवान, मजदूर, महिलाएं और हर मजलूम की आवाज हैं। प्रेम, भाईचारा, शांति, सत्य का अंदाज हैं। हम कांग्रेस हैं। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के 135वें स्थापना दिवस पर हम गर्व से अपनी पार्टी की अहिंसा और उदारता की विचारधारा के लिए पूर्ण समर्पण का संकल्प लेंगे।”


प्रियंका गांधी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) और नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के विरोध की अगली रणनीति तैयार करने के लिए शुक्रवार शाम सात बजे लखनऊ पहुंचीं। गोखले मार्ग स्थित अपने आवास पर उन्होंने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू और अन्य प्रमुख नेताओं से मुलाकात की थी।


'बढ़ती यौन हिंसा' से महिलाओं में तनाव

नई दिल्ली। बलात्कार और यौन हिंसा की बढ़ती घटनाओं के कारण महिलाओं में डिप्रेशन, एंग्जाइटी और पोस्ट ट्रामेटिक स्ट्रेस डिसआर्डर और यहां तक कि आत्महत्या की प्रवृत्ति जैसी मानसिक समस्याएं बढ़ रही हैं।


राजधानी के हैबिटाट सेंटर में इंडियन साइकिएट्रिक सोसायटी की ओर से महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य पर आयोजित तीसरी राष्ट्रीय संगोष्ठी में देश भर से आए मनोचिकित्सकों ने बताया कि पिछले कुछ समय के दौरान मनोचिकित्सकों के पास इलाज के लिए आने वाली उन महिलाओं की संख्या में 30 से 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हुई है अतीत में बलात्कार, यौन हिंसा या यौन दुर्व्यवहार का सामना करना पड़ा है।


इन विशेषज्ञों के अनुसार जिन महिलाओं के साथ यौन दुर्व्यवहार हुआ है उनमें रक्त चाप, हृदय रोग, अनिद्रा, डिप्रेशन और एंग्जाइटी होने का खतरा दो से तीन गुणा बढ़ जाता है। इस संगोष्ठी में देश भर के मनोचिकित्सकों एवं मानसिक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया। इस संगोष्ठी में महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य, आसपास के वातावरण, यौन हिंसा के मनोवैज्ञानिक प्रभाव, घरों और कार्यस्थलों पर हिंसा एवं मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित विभिन्न विषयों पर तकनीकी सत्र का आयोजन किया गया।


भोपाल की वरिष्ठ मनोचिकित्सक डा. रजनी चटर्जी ने कहा कि घर या बाहर होने वाले यौन दुर्व्यवहार एवं यौन हिंसा महिलाओं में डिप्रेशन एवं एंग्जाइटी जैसी मानसिक बीमारियों का मुख्य जोखिम कारक है और इस समस्या की रोकथाम के लिए महिलाओं की सुरक्षा में सुधार, शिक्षा एवं जागरूकता, त्वरित न्याय प्रक्रिया एवं महिला अनुकूल सामाजिक वातावरण जरूरी है।


वरिष्ठ मनोचिकित्सक एवं संगोष्ठी की आयोजक अध्यक्ष डा. नीना बोहरा कहती हैं कि महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे पर विचार करते समय हमें इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध का गहरा मानसिक प्रभाव पड़ता है। यौन हिंसा एवं अपराध की शिकार महिलाओं का मनोचिकित्सकीय मदद अवश्य मिलनी चाहिए अन्यथा इसके कारण उनमें ताउम्र के लिए मानसिक समस्याएं पैदा हो सकती हैं।


मुंबई की मनोचिकित्सक डा. रूकशीदा सइदा ने कहती हैं कि यह देखा गया है कि जो महिलाएं इलाज के लिए आती हैं उनमें पुरुषों की तुलना में बेहतर परिणाम देखने को मिलते हैं लेकिन कम महिलाएं ही मानसिक समस्याओं के उपचार के लिए सामने आती हैं।


कोलकाता की मनोचिकित्सक डा. शर्मिष्ठा चक्रवती ने कहा कि महिलाओं का मानसिक स्वास्थ्य पुरुषों से अलग होता है और वे पुरुषों की तुलना में सिजोफ्रेनिया और बाई पोलर डिसआर्डर से अधिक पीड़ित होती हैं। आज महिलाओं में मादक द्रव्यों का भी प्रयोग बढ़ रहा है।


महिलाओं को हार्मोन समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। इसके अलावा उनके साथ घर एवं दफ्तर में यौन दुर्व्यवहार एवं यौन हिंसा होने का खतरा अधिक रहता है। इसके कारण आज महिलाओं के मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे को अधिक महत्व दिए जाने की जरूरत है।


गुंडागर्दी का पर्याय बन गई राजनीति

कमल जगाती


नैनीताल। उत्तराखण्ड के नैनीताल में मुख्यमंन्त्री ने राज्य सिविल सेवा के नए बैच को कार्यालयों में महिलाओं के साथ दुराचार संबंधी विषय पर नैतिक मूल्यों का संदेश दिया और आम लोगों के साथ अच्छा व्यवहार बनाए रखने का निर्देश दिया ।आर.एस.टोलिया प्रशासनिक अकेडमी में 12 हफ्ते के नायब तहसीलदार ट्रेनियों का प्रशिक्षण कार्यक्रम चल रहा है । कार्यालयों में महिला कर्मचारियों के साथ शारीरिक शोषण नामक सब्जेक्ट पर चल रहे इस महत्वपूर्ण कोर्स में 47 ट्रेनी अधिकारी शामिल हैं । आयुक्त और मुख्यमंन्त्री के सचिव राजीव रौतेला ने बताया कि पहले इस अकादमी में देशभर से प्रशिक्षु आते थे लेकिन कालांतर में इसे उत्तराखण्ड तक सीमित कर दिया गया । इन प्रशिक्षुओं की यहां और अल्मोड़ा में ट्रेनिंग चल रही है । प्रोफेसर, अधिकारी व अन्य लोगों को भी ट्रेनिंग कराई जा रही है । उन्होंने कहा कि सभी मुख्यमंन्त्री के विचार, निर्देश और दिशानिर्देशों को ध्यान से सुनकर जीवन मे क्रियान्वित करें । इस दौरान छात्र छात्राओं के लिए कुमाऊनी भाषा की पुस्तकों का भी अनावरण किया ।      मुख्यमंन्त्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बताया कि उन्हें लोक भाषाओं में विश्वास है और इसका व्यापक प्रचार प्रसार और संग्रहालय में संरक्षण होना चाहिए । उन्होंने कहा कि हमें अपनी लोक भाषा मे बोलना चाहिए, हमने बोलना छोड़ा, इसलिए ही हमारी भाषा कम होती जा रही है । उन्होंने कहा की आप अधिकारियों को गांव गांव में अच्छा व्यवहार और काम करना चाहिए । उन्होंने ये भी कहा कि इंसान के अंदर और बाहर का रंग एक जैसा होना चाहिए, अच्छा बनना चाहिए क्योंकि उनसे ही समाज चलता है । उन्होंने राज नेताओं पर कटाक्ष करते हुए कहा कि राजनीति बदमाशी का पर्याय हो गयी है । नेताओं ने कुछ न कुछ तो बनना ही है । कर्मचारियों को तो डेली वेज में रखा जा सकता है लेकिन विधायक तो चुनना ही पड़ेगा । माता पिता ने अच्छे बच्चों को इस क्षेत्र में आने से रोकना नहीं चाहिए । मुख्यमंन्त्री ने ट्रेनीज को बताया कि आपका सामना अच्छे और गंदे लोगों के साथ पड़ेगा, आप लोग भी तो हमारे बीच से ही हो । जिम्मेदारी, नैतिक मूल्यों के लिए जगह होने के बाद आएगी । आप अपने काम को दायित्व समझकर करें । मैं मुख्यमंन्त्री कह रहा हूँ कि हर काम नहीं हो सकता, लेकिन आप मुस्कुराकर सामना करें । मुख्यमंन्त्री के साथ इस बीच उनके सचिव मेहरबान सिंह नेगी और सलाहकार रमेश भट्ट रहे । इसके अलावा आयुक्त राजीव रौतेला, डी.आई.जी.जगत राम जोशी, जिलाधिकारी सवीन बंसल, एस.एस.पी. सुनील कुमार मीणा समेत कई प्रशासनिक अधिकारी आदि मौजूद रहे ।


संप्रदायिकता में घोला जहर, भूले कसम

लखनऊ। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शनिवार को मेरठ के अफसरों के विवादित बोल का वीडियो जारी करके भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि भाजपा ने देश में सांप्रदायिकता का जहर इस कदर घोला है कि अफसरों में संविधान की कसम की कोई कद्र ही नहीं है।


प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, “भारत का संविधान किसी भी नागरिक के साथ इस भाषा के इस्तेमाल की इजाजत नहीं देता और जब आप अहम पद पर बैठे अधिकारी हैं तब तो जिम्मेदारी और बढ़ जाती है। भाजपा ने संस्थाओं में इस कदर सांप्रदायिकता का जहर घोला है कि आज अफसरों को संविधान की कसम की कोई कद्र ही नहीं है।”


गौरतलब है कि नागरिकता संसोधन कानून (सीएए) को लेकर 20 दिसंबर को मेरठ शहर में हुए उपद्रव के बाद सोशल मीडिया पर एक अफसर का वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें वह अटपटे बोल बोलते हुए दिख रहे हैं। वीडियो एक मिनट 43 सेकेंड का है। अफसर के हाथ में डंडा और हेलमेट है। प्रोटेक्टर जैकेट पहनकर गली में जाते दिखाई पड़ रहे हैं। वह मोबाइल से वीडियो बनाते हुए गली में वापस मुड़ते हैं। एक समुदाय के लोगों से कहते हैं कि जो हो रहा है, वह ठीक नहीं है।


इस पर वहां खड़ा एक व्यक्ति कहता है कि जो लोग माहौल बिगाड़ रहे हैं, वे गलत हैं। इस पर अफसर कहते हैं कि उनको कह दो कि “वे दूसरे मुल्क चले जाएं। कोई गलत बात मंजूर नहीं होगी।”इस दौरान उन्होंने कहा कि “यह गली मुझे याद हो गई है। जो एक बार याद कर लेता हूं तो उसे भूलता नहीं हूं। एक-एक आदमी को जेल भेज दूंगा। सुन लिया न।” इसके बाद वह फोर्स के साथ चले जाते हैं।


अयोध्या में नई घटने दी कोई अप्रिय घटना

अयोध्या। अयोध्या में एक बार फिर दिखी गंगा जमुनी तहजीब चारों तरफ रहा शांति का माहौल जुमे की नमाज को लेकर प्रशासन के आला अधिकारी रहे सतर्क मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में संवेदनशील इलाकों में पुलिस ने गस्त भी लगाया और रूट मार्च किया। कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं प्राप्त हुई है। आज जुम्मे की नमाज को देखते हुए पुलिस प्रशासन अलर्ट पर थी ।
अनिल निषाद


हिंसा से सबक, चाक-चौबंद रहा प्रशासन

मेरठ। बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद वेस्ट यूपी के कई जिलों में हुई हिंसा में सबक लेते हुए पुलिस प्रशासन पूरी तरह से चौकन्ना है। जगह-जगह भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया। कड़ी सुरक्षा के बीच सभी मस्जिदों में जुमे की नमाज अदा की गई। एडीजी प्रशांत कुमार, आईजी आलोक सिंह, डीएम अनिल ढींगरा, एसएसपी अजय साहनी, एसएसपी मेरठ अखिलेश नारायण सिंह ,सीओ कोतवाली दिनेश शुक्ला भारी फोर्स के साथ नमाज को शांतिपूर्वक संपन्न करने के मौके पर डटे रहे।


अरविंद शर्मा


 


हिजबुल्लाह के 12 हजार, 500 ठिकानों पर हमलें

हिजबुल्लाह के 12 हजार, 500 ठिकानों पर हमलें  अखिलेश पांडेय  जेरूसलम। इजराइल रक्षा बलों (आईडीएफ) ने पिछले अक्टूबर में संघर्ष की शुरुआत के बाद...