मंगलुरु। कर्नाटक के मंगलुरु में संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन के दौरान पुलिस गोलीबारी में मारे गए 2 व्यक्तियों के खिलाफ एक FIR दर्ज की गई थी। इसके कुछ दिन बाद कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने बुधवार को कहा कि यदि दोनों दंगों में लिप्त पाए जाते हैं तो उनके परिवारों को अनुग्रह राशि प्रदान नहीं की जाएगी। येदियुरप्पा ने मंगलुरु में कहा कि जांच में यदि यह साबित हो गया कि संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ 19 दिसंबर के प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में दोनों की संलिप्तता थी तो सरकार उनके परिवारों को एक रुपया भी नहीं देगी। येदियुरप्पा प्राथमिकी में दोनों के नाम आने के बाद अनुग्रह राशि दिए जाने का विरोध किए जाने के मद्देनजर अनुग्रह राशि पर सरकार के रुख को लेकर पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। घटना के तत्काल बाद सरकार ने नौशीन (23) और जालिल कुदरोली (49) के परिवारों को 10-10 लाख रुपये की अनुग्रह राशि की घोषणा की थी जो प्रदर्शनों के दौरान हुई पुलिस गोलीबारी में मारे गए थे। हिंसा के बाद तटीय नगर में 3 दिन के लिए कर्फ्यू लगाना पड़ा था। यद्यपि बाद में राज्य के मंत्रियों सहित कुछ बीजेपी नेताओं ने मृतकों के परिवरों को मुआवजा प्रदान करने पर आपत्ति की थी और कहा था कि मृतकों को मामले में आरोपी बनाया गया है।
पुलिस की फायरिंग में नौशीन और जलील की मौत हो गई थी।
FIR के अनुसार जालिल और नौशीन सीएए के खिलाफ हिंसक प्रदर्शन का हिस्सा थे और उन्हें क्रमश: आरोपी नम्बर 3 और 8 है। प्रदर्शनों में कथित भूमिकाओं के लिए FIR में कुल 77 व्यक्तियों के नाम हैं। येदियुरप्पा ने कहा, 'यह आम विचार है कि उन्हें मुआवजा देना अनुचित होगा क्योंकि उनके खिलाफ कई आरोप हैं और अब इसके सबूत सामने आ रहे हैं कि वे हिंसा में लिप्त होने वालों में शामिल हैं।' उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारियों ने शहर में धारा 144 के तहत लागू निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया जबकि संगठनों को 19 दिसम्बर को प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी गई थी। उपद्रव बढ़ने पर पुलिस गोली चलाने को बाध्य हुई थी। इससे पहले केरल के निजी दौरे के बाद वापस आए मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने हिंसक घटनाओं और गोलीबारी में 2 व्यक्तियों की मौत को लेकर यहां दक्षिण कन्नड़ जिले के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ रात में और बुधवार सुबह बैठक की। शहर के हिंसा से प्रभावित होने के बाद येदियुरप्पा का शहर का यह दूसरा दौरा है। इससे पहले येदियुरप्पा ने शनिवार को दोनों पीड़ितों के परिवार के सदस्यों से मुलाकात की थी और ईसाई, मुस्लिम समुदायों के प्रतिनिधियों, नेताओं और अधिकारियों से बैठक के बाद शांति की अपील की थी।