बुधवार, 25 दिसंबर 2019

सीएम भूपेश ने जनता का धन्यवाद किया

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नगरीय निकाय चुनाव में पार्टी प्रत्याशियों की जीत को अभूतपूर्व बताते हुए आज कहा कि शहरी क्षेत्र में मतदाताओं ने एक बार फिर कांग्रेस पर भरोसा जताया है। कांग्रेस को ऐतिहासिक जनादेश मिला है। 


मुख्यमंत्री आज राजधानी में राजीव भवन में मीडिया से बात कर रहे थे। उन्होंने शानदार जीत के लिए पीसीसी चीफ मोहन मरकाम को बधाई भी दी। मुख्यमंत्री ने कहा कि लगभग सभी जगह हम लोग जीते, एक जगह कोरबा में बीजेपी जरूर आगे है, लेकिन वहां भी उन्हें बहुमत नहीं मिला। उन्होंने जीत को आशातीत बताते हुए कहा कि हमारी जीत हर क्षेत्र में हुई। धमतरी में हमारी ना जाने कब जीत हुई थी, वहां भी काँग्रेस जीती है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह के क्षेत्र में भी कांग्रेस एकतरफा जीती।
उन्होंने कहा कि पहली बार ऐसा ऐतिहासिक जनादेश मिला है। यही नहीं, पहली बार ऐसा हुआ है जब किसी भी नगर निगम में बीजेपी के पास बहुमत नहीं है। जबकि बीजेपी को शहरी वोटरों वाली पार्टी के तौर पर जाना जाता है।
प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मोहन मरकाम ने जीत का श्रेय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के शानदार एक साल के कार्यकाल को दिया है। उन्होंने कहा कि ये जीत कांग्रेस सरकार की उपलब्धियों पर मुहर लगाती है। उन्होंने दावा किया कि सभी 10 नगर निगमों में कांग्रेस की सरकार बनेगी, वो भी उस सूरत में जब बीजेपी शहरी क्षेत्र में खुद का दबदबा बताती है।


बुंदेलखंड में पेयजल योजना को मंजूरी

लखनऊ। राज्य सरकार द्वारा कैबिनेट की मीटिंग में कई अहम फैसले लिए गए हैं। जिनमें से बुन्देलखण्ड 7के कुल नौ जनपदों के समस्त ग्रामों तक शुद्ध पानी मुहैया कराने के लिए पाइप पेय जल योजना को मंजूरी मिली।
जिसपर कुल 17722.89 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे।
नगर निगम शाहजहांपुर व आगरा की सीमा विस्तार प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली है।
हाथरस की नगर पालिका परिषद हाथरस , महाराजगंज की महाराजगंज नगर पालिका परिषद व अम्बेडकर नगर की नगर पालिका परिषद जलालपुर की सीमा विस्तार को मंजूरी मिली।


संतकबीनगर की नगर पंचायत मेहदावल व महाराज गंज की नगर पंचायत आनंद नगर की सीमा विस्तार के प्रस्ताव को मंजूरी मिली है ।


सुल्तानपुर जिले के गांव पंचायत लम्भुआ अलीगढ़ के मडराक गांव पंचायत कुशीनगर के ग्राम पंचायत तमकुही आजमगढ़ के जहानागंज बाजार जौनपुर के गौराबादशाहपुर, कानपुर देहात के कस्बा राजपुर महाराज गंज के ग्राम पनियरा व ग्राम परतावल तथा लखनऊ में मोहन लाल गंज तहसील मुख्यालय कस्बा को नगर पंचायत बनाने के प्रस्ताव को पास किया गया है।
एटा व हरदोई जनपद के जिला चिकित्सालयों को मेडिकल कालेज में उच्चीकृत करने व पुराने निष्प्रर्योज्य भवनों को ध्वस्त करने के प्रस्ताव को भी राज्य सरकार की कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


दिसंबर 26, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-142 (साल-01)
2. बृहस्पतिवार, दिसंबर 26, 2019
3. शक-1941, मार्गशीर्ष- कृष्ण पक्ष, तिथि- चत्तुर्दशी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 07:13,सूर्यास्त 05:35
5. न्‍यूनतम तापमान - डी.सै.,अधिकतम-16+ डी.सै., शीत लहर के साथ बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
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मंगलवार, 24 दिसंबर 2019

प्रयागराज में 3 दिन बाद इंटरनेट बहाली

प्रयागराज। तीन दिनों से बंद चल रहे इंटरनेट सेवा चौथे दिन दोपहर में चालू होने से लोगों ने राहत की सांस ली तथा तथा रुका हुआ काम दोबारा पटरी पर आने लगा 


गुरूवार को मध्य रात्रि से एन आर सी कैब को लेकर मचे बवाल को लेकर सरकार के दिशा निर्देशन में सभी सरकारी एंव प्राइवेट इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई थी । जिससे लोगों को बडी दिक्कतों का सामना करना पडा । सारी संचार व्यवस्था ठप पड़ जाने से सारे काम अस्त व्यस्त हो गए थे ।


सोमवार को चौथे दिन दोपहर बाद इंटरनेट सेवा बहाल होने से लोगों ने राहत की सांस ली । तथा पूर्व की भांति सभी रूके काम धीरे धीरे पटरी पर आने लगे हैं ।बता दें कि  कई कस्बो  में कैब एंव एनआरसी को लेकर किसी भी प्रकार का कोई भी जुलूस एंव धरना प्रदर्शन नहीं हुआ । ऐहतियातन अब भी क्षेत्र के विभिन्न स्थानों पर पुलिस बल तैनात है और बराबर गस्त करती नजर आ रही है।


रिपोर्ट डा.लालचन्द्र पटेल


लखनऊ हिंसा के पीछे पीएफआई,एक अरेस्ट

लखनऊ। 19 दिसंबर को हिंसा और आगजनी को लेकर लखनऊ पुलिस को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। पुलिस ने हिंसा के पीछे तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। जिसमें गिरफ्तार इंदिरा नगर निवासी मास्टरमाइंड वसीम के बारे में पुलिस ने बताया तीनों लोग पीएफआई के लिए काम करते थे और लखनऊ में पिछले कई महीनों से रुक कर पीएफआई को फैला रहे थे। 


लखनऊ में 19 दिसंबर को हिंसा आगजनी तोड़फोड़ को लेकर पुलिस ने तीन मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार किया है। जिसमें से एक आरोपी वसीम को लखनऊ इंदिरा नगर लखनऊ और नदीम और अशफाक को बाराबंकी से गिरफ्तार किया है। तीनों के पास से पुलिस ने भारी मात्रा में पोस्टर, बैनर पेपर जिसमें एनआरसी के विरोध को लेकर पर्चे और बाबरी मस्जिद से जुड़े कागज, राम जन्मभूमि बाबरी मस्जिद की उर्दू किताबें बरामद की है। एसएसपी लखनऊ का कहना है यह तीनों यूपी के और राज्यों में भी पीएफआई को फैलाने की साजिश कर रहे थे। पुलिस ने कहा कि इनसे और पूछताछ की जा रही है। आगे जो भी बातें सामने आएंगी वह मीडिया के साथ रखी जाएंगी। 


वहीं एसएसपी लखनऊ ने यह भी बताया कि मुख्य आरोपी वसीम लखनऊ में रहकर 19 तारीख की हिंसा को लेकर प्लान बना रहा था। 19 तारीख को दो और आरोपी बाराबंकी से लखनऊ आए इन तीनों ने मिलकर लखनऊ में हिंसा को अंजाम दिया। पुलिस ने जब इनके व्हाट्सएप खंगाले तो उसमें कई ऐसे ग्रुप मिले जिसमें लोग भड़काऊ भाषण लिखकर लोगों तक पहुंचा कर आगजनी के लिए उग्र कर रहे थे। पुलिस ने बताया कि इन लोगों ने योजनाबद्ध तरीके से इस घटना को अंजाम दिया और आगजनी फैलाई थी। एसएसपी लखनऊ ने बताया
19 तारीख की घटना को लेकर अब तक टोटल 39 मुकदमे दर्ज किए गए हैं, जिसमे 19 तारीख से पहले 6 मुकदमे लिखे गए थे। बाकी के 33 मुकदमे बाद में लिखे गए थे और पुलिस ने बताया कि ये तीनो पीएफआई जो सिमी संगठन का सदस्य हैं, उसके लिए काम करते थे। इन तीनो साथियों ने योजना बनाकर शांति भंग व आगजनी की और पुलिस ने बताया की सिमी से जुड़े पीएफआईसी मौलाना को भी गिरफ्तार किया जा चुका है। 


वही इस घटना में शामिल तीनों आरोपी में से वसीम अहमद प्रदेश अध्यक्ष पीएफआई है। यह लखनऊ के इंदिरा नगर का रहने वाला है नदीम और अशफाक रामनगर जनपद बाराबंकी का रहने वाला है। पुलिस ने यह कहा कि लखनऊ से रिहाई मंच के मोहम्मद शोएब को भी हम लोगों ने गिरफ्तार करके जेल भेज दिया है।इन लोगो ने 4 नवंबर को गांधी प्रेक्षागृह में एक मीटिंग की थी। जो बिना परमिशन के मीटिंग थी। कई लोगों को इस मीटिंग में बुलाया गया था। रिहाई मंज के मो शोएब को भी गिरफ्तार कर लिया गया था।


एसएसपी लखनऊ ने कहा कि आगे इस मामले में और भी लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा। तब आप लोग को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके उस बारे में जानकारी दे दी जाएगी। मगर बड़ा सवाल यह है कि पीएफआई जुड़े संगठन के मास्टरमाइंड 6 महीने से लखनऊ में डेरा डालकर किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में थे। जो उन लोगों ने 19 तारीख को अंजाम दे दिया। यदि लखनऊ पुलिस को इस बात की कानों कान खबर तक लगी इधर इस मामले में कई बड़े अफसरों की भी लापरवाही की बात सामने आई है। पुलिस की एलआईयू टीम की भी लापरवाही की बात सामने आई है। अगर पुलिस पहले ही सतर्क होकर ऐसे मास्टरमाइंड लोगों को पकड़ लेती तो शायद लखनऊ में हुई आगजनी और तोड़फोड़ का यह दंगा भड़कता ही नहीं।


वीओ-- वहीं पुलिस द्वारा पकड़े गए आरोपियों ने बताया कि उन्होंने कोई भी गुनाह नहीं किया है। उन्हें पुलिस फर्जी तरह से फंसा रही है साथ ही उन्होंने बताया कि उनकी जांच करा लें।


बृजेश केसरवानी


 


प्रयागराज में नई घटी कोई घटना,सौहार्द

प्रयागराज! नागरिकता कानून को लेकर उत्तर प्रदेश के तमाम शहरो में बवाल और आगजनी हुई। लेकिन इस मामले में प्रयागराज के लोगो ने एक मिसाल कायम की है। इस शहर में विरोध हुआ जुलुस निकला लेकिन कही भी कोई ऐसी घटना नहीं हुई जिससे लोगो का जान माल का नुकसान हो।सोमवार को प्रयागराज की जनता को इस सय्यम के लिए प्रशासन और पुलिस के अफसरों ने बधाई दी है. डी आई जी के पी सिंह ने पुलिस हेड क्वाटर के लॉन में शहर के बुध्जीवी और मानिंद लोगो के साथ अफसरों की एक बैठक आयोजित की।


इस बैठक में पुलिस अफसरों में एडीजी सुजीत पांडेय ,एसएसपी सत्यार्थ पंकज अनिरुद्ध ,sp सिटी बृजेश श्रीवास्तव ,जबकि प्रशासन की तरफ से कमिश्नर आशीष गोयल ,डीएम भानु चंद्र गोस्वामी और मेयर अभिलषा गुप्ता  शामिल रही।  


सभी अफसरों ने प्रयागराज की जनता की काफी तारीफ की और कहा की ऐसे माहौल में प्रयागराज की जनता ने दुनिया को बता दिया की ये शहर वाकई में गंगा जमुनी तहज़ीब की मिसाल है! बैठक में डीएम ने ऐलान किया की जिन लोगो ने प्रशासन का सहयोग किया उनको जल्द ही सम्मान से नवाज़ा जायेगा और जिन्होंने अफवाह फैला कर लोगो को गुमराह किया उनकी गतिविधियों की जांच कराकर सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी। बैठक में राजनितिक संगठनों के साथ मुस्लिम धर्मगुरु भी शामिल हुए!   


बृजेश केसरवानी


1 साल में पांच राज्यों ने भाजपा को नकारा

आदिल अहमद/ रोहित कुमार


वाराणसी! कांग्रेस लोकसभा चुनावों में हार के बाद अपनी सियासी ज़मीन की तलाश में दिखाई दे रही थी। आन्तरिक हलचल और इस हलचल पर भाजपा नेताओं के जमकर हमलावर होने के बाद भी कांग्रेस ने कही न कही अपनी रणनीति को सजोये रखा था। बीते दो लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के बेहतरीन प्रदर्शन और कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद एक तरफ पीएम मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को बड़ा रणनीतिकार साबित किया जा रहा था। वहीं दूसरी तरफ कमजोर होते विपक्ष की बात भी चल उठी थी। 2019 में जब लगातार दूसरी बार बीजेपी जीतकर आई तो राजनीति के जानकारों ने इसका श्रेय कमजोर विपक्ष को भी दिया। बीजेपी की जीत और कमजोर विपक्ष पर उठ रही उंगलियों के बीच कांग्रेस पार्टी की रणनीति पर भी सवाल खड़े होने लगे थे। ऐसे में कांग्रेस के सामने अपनी खो रही सियासी जमीन तलाशने की बड़ी चुनौती थी।


अध्यक्ष बनने के बाद ही राहुल गांधी ने संगठन को जमीनी स्तर से दोबारा खड़ा करने की कवायद शुरू की। इसका फायदा पार्टी को मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनाव में भी मिला। लेकिन राहुल गांधी 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी को ज्यादा सीटें नहीं दिला सके।  इस चुनाव में पार्टी के खराब प्रदर्शन को देखते हुए उन्होंने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया और कई महीनों तक चली प्रक्रिया के बाद पार्टी ने एक बार फिर वरिष्ठ नेता सोनिया गांधी को जिम्मेदारी सौंपी। सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया।


राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाने और बाद में सोनिया गांधी को पार्टी का कमान देने का साफ तौर पर असर विधानसभा चुनाव के परिणामों में दिखा। पार्टी ने 2018 और 2019 के बीच हुए विधानसभा चुनावो में  भाजपा को कुल 5 राज्यों में सत्ता से बेदखल कर दिया है।


एमपी-राजस्थान और छत्तीसगढ़ में बनाई कांग्रेस ने सरकार राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष बनने के बाद 2018 में मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने पहले से बेहतर प्रदर्शन किया। मध्य प्रदेश में कांग्रेस को इस चुनाव में 114 सीटें मिलीं, जो पिछले चुनाव से 56 सीटें ज्यादा थीं। वहीं राजस्थान में कांग्रेस को कुल 100 सीटें मिलीं, पिछले चुनाव में राज्य में कांग्रेस को महज 21 सीटें मिली थीं। यानी पिछले चुनाव की तुलना में यहां कांग्रेस को 79 सीटों का फायदा हुआ। उधर, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने बीजेपी को पछाड़ते हुए राज्य में बुहमत के साथ सरकार बनाई। छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ने 2018 में हुए चुनाव में कुल 68 सीटें जीतीं। बता दें कि पिछले चुनाव (2013) में कांग्रेस को 39 सीटों से संतोष करना पड़ा था।


महाराष्ट्र और हरियाणा में कांग्रेस ने किया वापसी राज्यों के चुनाव में कांग्रेस का बेहतर प्रदर्शन 2019 में भी जारी रहा। पार्टी ने महाराष्ट्र और हरियाणा में पहले की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया। महाराष्ट्र में सीटों के लिहाज से तो कांग्रेस का प्रदर्शन 2014 के आसपास ही रहा, लेकिन उसकी सहयोगी एनसीपी 41 से बढ़कर 54 तक पहुंच गई। जबकि हरियाणा में तो पार्टी सरकार पिछले चुनाव से दोगुना सीटें हासिल की। खास बात यह है कि हरियाणा चुनाव में राहुल गांधी ने जहां गिनती की ही रैलियां की थी वहीं सोनिया गांधी यहां चुनाव प्रचार से पूरी तरह से दूर रहीं थी। जानकारों का मानना है कि अगर पार्टी राज्य में थोड़े समय पहले चुनावी मूड में आ जाती तो इसकी सीटों में और इजाफा हो सकता था।


झारखंड में भी हुई भाजपा की करारी हार? कांग्रेस ने झारखंड चुनाव में भी ज़बरदस्त वापसी किया और जेएमएम के साथ गठबंधन की जीत हासिल कर स्पष्ट बहुमत प्राप्त किया है। झारखंड विधानसभा की 81 सीटों के लिए मतदान की गिनती में बीजेपी को JMM-कांग्रेस गठबंधन ने ज़बरदस्त हार का स्वाद चखा दिया। गठबंधन कुल 47 सीटों को जीत कर भाजपा को मात्र 25 सीट पर सिमित कर दिया। स्पष्ट बहुमत पाई कांग्रेस गठबन्धन की सरकार के बाद भाजपा को सत्ता से उतार फेकने वाली कांग्रेस की यह एक बड़ी जीत है। भाजपा ने जहा झारखण्ड में राम मंदिर, धारा 370 और नागरिकता संशोधन कानून का कार्ड खेला था तो कांग्रेस गठबंधन ने ज़मीनी स्तर की स्थानीय समस्याओं पर चुनाव लड़ा था। और आखिर स्थानीय मुद्दे भारी पड़े और भाजपा सत्ता से बेदखल हो गई।


बेदखली भी कोई छोटी नहीं रही, खुद मुख्यमंत्री रघुबर दास अपना चुनाव हार गए और निर्दल प्रत्याशी के तौर पर चुनाव लड़े सरयू राय ने चुनाव जीत कर भाजपा को एक और बड़ा झटका दिया है। भाजपा की तरफ से खुद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इस राज्य में 9 रैली, अमित शाह ने 11 रैली और रघुबर दास ने कुल 51 रैलिया किया था। भाजपा ने चुनाव में पूरी ताकत झोक दिया था। वही कांग्रेस के बड़े नेताओं की इस चुनाव में रेलिया भाजपा के अनुपात में न के बराबर हुई। इसके बाद भी भाजपा की यह हार कही न कही से केंद्रीय नेतृत्व पर भी बड़ा सवाल उठा रही है।


'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया

'सीएम' शिंदे ने अपने पद से इस्तीफा दिया  कविता गर्ग  मुंबई। राजभवन पहुंचे मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्यपाल सीपी राधा कृष्णन से मु...