बुधवार, 25 दिसंबर 2019

पार्टी रहे ना रहे, देश रहेः अटल

देश आज पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी की 95वीं जयंती मना रहा है। इस अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई नेताओं ने वाजपेयी को श्रद्धांजलि अर्पित की। अटल बिहारी वाजपेयी एक ऐसा राजनेता रहे हैं जो अपनी पार्टी के साथ ही सभी दलों के प्रिय नेता रहे हैं। भारत के राजनीतिक इतिहास में अटल बिहारी वाजपेयी का संपूर्ण व्यक्तित्व शिखर पुरुष के रूप में दर्ज है। उनके भाषण के सभी कायल रहे हैं। जब वो सदन में बोलते थे तो हर कोई उन्हें सुनना चाहता था।


ऐसी सत्ता को चिमटे से भी छूना पसंद नहीं करूंगा


अटल बिहारी वाजपेयी राजनीतिक सिद्धांतों का पालन करने वाले नेता रहे। राजनीति में शुचिता के सवाल पर एक बार उन्होंने कहा था कि मैं 40 साल से इस सदन का सदस्य हूं, सदस्यों ने मेरा व्यवहार देखा, मेरा आचरण देखा, लेकिन पार्टी तोड़कर सत्ता के लिए नया गठबंधन करके अगर सत्ता हाथ में आती है तो मैं ऐसी सत्ता को चिमटे से भी छूना पसंद नहीं करूंगा।


31 मई 1996 को संसद में दिया गया 'अमर भाषण'


ऐसा ही सदन में दिया उनका भाषण अमर हो गया। वो भाषण था 31 मई 1996 का। जब अटल प्रधानमंत्री थे और उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया था तो उन्होंने खुद सदन में पार्टी के संख्या बल कम होने की बात कही थी और राष्ट्रपति को इस्तीफा सौंपा था। इस दौरान उन्होंने जो भाषण दिया वह आज भी राजनीति के सर्वश्रेष्ठ भाषणों में से एक गिना जाता है। इसके साथ ही अटल जी ने जो बातें विपक्षी दलों, पत्रकारों आदि के बारे में कही हैं उनसे सभी को प्रेरणा लेनी चाहिए। पढ़ें उनकी वो सभी बातें।


-लोग उनके बारे में क्या विचार रखते हैं उस बारे में उन्होंने संसद के पटल से कहा था, 'कई बार यह सुनने में आता है कि वाजपेयी तो अच्छा लेकिन पार्टी खराब….अच्छा तो इस अच्छे बाजपेयी का आप क्या करने का इरादा रखते हैं?'


-अपने इस्तीफे पर उन्होंने कहा था, 'आज प्रधानमंत्री हूं, थोड़ी देर बाद नहीं रहूंगा, प्रधानमंत्री बनते समय कोई मेरा हृदय आनंद से उछलने लगा ऐसा नहीं हुआ, और ऐसा नहीं है कि सब कुछ छोड़छाड़ के जब चला जाऊंगा तो मुझे कोई दुख होगा….'


-पार्टी के संघर्ष के बारे में उन्होंने कहा था, 'हमारे प्रयासों के पीछे 40 सालों की साधना है, यह कोई आकस्मिक जनादेश नहीं है, कोई चमत्कार नहीं हुआ है, हमने मेहनत की है, हम लोगों के बीच गए हैं, हमने संघर्ष किया है, यह पार्टी 365 दिन चलने वाली पार्टी है। यह कोई चुनाव में कुकरमुत्ते की तरह खड़ी होने वाली पार्टी नहीं है।'-राजनीतिक पारदर्शिता के बारे में वो बोले थे, 'राजनीति में जो कुछ हो पारदर्शी हो, दल अगर साथ आते हैं, तो कार्यक्रम के आधार पर आए हिस्सा बांट के आधार पर नहीं….बैंकों में लाखों रुपये जमा किए जाएं इसके लेकर नहीं।'


आडवाणी पर किया था ये मजाक


अपने करियर की शुरुआत पत्रकारिता से करने वाले वाजपेयी का पत्रकारों को लेकर बहुत सरल व्यवहार रहा। उन्होंने एक बार पत्रकारों से कहा था-


'मैं पत्रकार होना चाहता था, बन गया प्रधानमंत्री, आजकल पत्रकार मेरी हालत खराब कर रहे हैं,


मैं बुरा नहीं मानता हूं, क्योंकि मैं पहले यह कर चुका हूं….'


आडवाणी और अटल का रिश्ता बहुत ही गहरा रहा है। इन दोनों का नाम हमेशा साथ में लिया जाता था। एक बार आडवाणी को लेकर मजाकिया लहजे में अटल ने कहा था-


'भारत और पाकिस्तान को साथ-साथ लाने का एक तरीका यह हो सकता है कि दोनों देशों में सिंधी बोलने वाले प्रधानमंत्री हो जाएं, जो मेरी इच्छा थी वह पाकिस्तान में तो पूरी हो गई है लेकिन भारत में यह सपना पूरा होना अभी बाकी है।


पार्टियां रहे या न रहे लेकिन देश रहना चाहिए


वाजपेयी का मानना था कि पार्टियां बनें या बिगड़ें लेकिन देश नहीं बिगड़ना चाहिए। देश में स्वस्थ्य लोकतंत्र की व्यवस्था रहनी चाहिए-


जब जब कभी आवश्यकता पड़ी, संकटों के निराकण में हमने उस समय की सरकार की मदद की है, उस समय के प्रधानमंत्री नरसिंह राव जी ने मुझे विरोधी दल के रूप में जेनेवा भेजा था। पाकिस्तानी मुझे देखकर चकित रह गए थे? वो सोच रहे थे ये कहां से आ गया? क्योंकि उनके यहां विरोधी दल का नेता राष्ट्रीय कार्य में सहयोग देने के लिए तैयार नहीं होता। वह हर जगह अपनी सरकार को गिराने के काम में लगा रहता है, यह हमारी प्रकृति नहीं है, यह हमारी परंपरा नहीं है। मैं चाहता हूं यह परंपरा बनी रहे, यह प्रकृति बनी रहे, सरकारें आएंगी-जाएंगी, पार्टियां बनेंगा-बिगड़ेंगी पर यह देश रहना चाहिए…इस देश का लोकतंत्र अमर रहना चाहिए…


गर्लफ्रेंड के साथ फिल्म,पत्नी का धमाल

अहमदाबाद। गुजरात के अहमदाबाद में कुछ ऐसा हुआ, जिसने हर किसी को हैरान कर दिया। पति कथित गर्लफ्रेंड के साथ रानी मुखर्जी की फिल्म 'मर्दानी-2' देखने पहुंचा पत्नी को पता चला तो उसने सिनेमा हॉल में आकर जमकर बवाल काटा। खबर के मुताबिक, उनके एक परिचित का कॉल आया और बताया कि उनके पति सिनेमा हॉल में 'मर्दानी -2' देखने आए हैं।


महिला को पहली बार में बड़ी बात नहीं लगी। लेकिन, जब कॉल पर मौजूद व्यक्ति ने बताया कि उनके साथ एक 35 वर्षीय महिला है तो पत्नी को तुरंत शक हो गया। उन्होंने खुद जांच करने का फैसला किया और थियेटर में आ गईं। सिनेमा हॉल में उनका पति फिल्म को एन्जॉय कर रहा था।


पत्नी ने पति को मूवी हॉल के कॉर्नर सीट पर बैठा पाया जहां पति के साथ पास में एक महिला बैठी थी और दोनों रोमांस कर रहे थे। महिला ने पति पर अपना गुस्सा निकालने का फैसला किया और जनता की नजरों को खींचने के लिए चिल्लाना शुरू कर दिया। जब दूसरी महिला ने हस्तक्षेप किया तो पत्नी ने उसके बाल पकड़े और पीटना शुरू कर दिया, जिसके बाद पत्नी ने पुलिस को बुलाया और उन्हें अपने पति की बेवफाई के बारे में बताया।


पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पति ने पहले 'दबंग-3 ' का टिकट खरीदा था। जब उसने देखा कि सिनेमा हॉल भरा हुआ है तो उसने 'मर्दानी-2' की टिकट खरीदी सिनेमा हॉल खाली होने की वजह से उन्होंने इस फिल्म की टिकट खरीदी थी। तीनों को काउंसलिंग के बाद पुलिस ने वापस भेज दिया। क्योंकि महिला ने अपने पति पर कोई मामला दर्ज नहीं करने का फैसला किया।


मुस्लिमों को चिंतित होने की जरूरत नहीं

मुंबई । संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देशभर में हो रहे प्रदर्शनों के बीच महाराष्ट्र के सीएम एवं शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा है कि राज्य में कोई 'डिटेंशन सेंटर' नहीं है, और उनके शासन में मुस्लिम नागरिकों को चिंतित होने की जरूरत नहीं है। सीएम ठाकरे ने मुस्लिम समुदाय के कुछ विधायकों के नेतृत्व वाले प्रतिनिधिमंडल को भरोसा दिलाया, जिन्होंने उनसे मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे राकांपा विधायक नवाब मलिक ने कहा कि नवी मुंबई के खारघर स्थित डिटेंशन सेंटर मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्त विदेशी नागरिकों के लिए है। 
मलिक की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) ठाकरे नीत महाराष्ट्र विकास आघाड़ी सरकार का हिस्सा है। मलिक ने कहा कि सिर्फ 38 लोग वहां (खारघर डिटेंशन सेंटर) रखे जा सकते हैं। यह जेल से रिहा होने के बाद अपने मूल देशों में प्रत्यर्पित किए जाने से पहले विदेशी नागरिकों के लिए है।लोगों को नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के बारे में कोई गलतफहमी नहीं रखनी चाहिए। नबाव मालिक ने कहा, मेरी सरकार किसी धर्म या समुदाय के नागरिकों के अधिकारों को नुकसान नहीं पहुंचने देगी। मैं राज्य में शांति एवं सौहार्द की अपील करता हूं।
इस मौके पर महाराष्ट्र के गृहमंत्री एकनाथ शिंदे, उद्योगमंत्री सुभाष देसाई, पुलिस महानिदेशक सुबोध जायसवाल, मुंबई पुलिस आयुक्त संजय बर्वे, शिवसेना विधायक अब्दुल सत्तार और कांग्रेस विधायक अमीन पटेल भी मौजूद थे। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में एक रैली में कांग्रेस, उसके सहयोगी दलों और 'अर्बन नक्सलियों' पर मुसलमानों को डिटेंशन सेंटर में भेजे जाने की अफवाह फैलाने का आरोप लगाया था। वहीं, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा था कि उनकी सरकार ने उन विदेशी नागरिकों को अस्थायी रूप से रखने के लिए एक केंद्र बनाने का प्रस्ताव रखा था, जिनका वीजा समाप्त हो गया है, लेकिन इस तरह के केंद्र को डिटेंशन सेंटर कहना गलत होगा।


रेलवे बढ़ाएगा किराया, लेगा यूजर चार्ज

नई दिल्ली। रेल में सफर करने वाले यात्रियों के लिए अहम खबर आ रही है। खबर है कि आने वाले दिनों में रेल किराए में बढ़ोतरी हो सकती है। माना जा रहा है कि सरकार एयरपोर्ट की तर्ज पर रेलवे स्टेशन इस्तेमाल करने पर यूजर डिवेलपमेंट फीस (UDF) वसूलेगी। ऐसा बताया जा रहा है कि पहले चरण में यह 4 रेलवे स्टेशनों पर लागू होगा, इनमें नागपुर, अमृतसर, ग्वालियर और साबरमती स्टेशन शामिल हैं।


दरअसल रेल मंत्रालय स्टेशन री-डेवलप्मेन्ट योजना के तहत 4 स्टेशनों नागपुर, अमृतसर, ग्वालियर और साबरमती रेलवे स्टेशन का री-डेवलोपमेन्ट करने जा रहा है। री-डिवेलपमेंट के तहत स्टेशनों को ना केवल नया आधुनिक बनाया जाएगा बल्कि साथ ही यात्री सुविधाओं में जबरदस्त इजाफा होगा, जिसमें कमर्शियल एरिया भी डेवेलोप किया जाएगा। प्राइवेट प्लेयर को आमंत्रित कर स्टेशन री डेवलोपमेन्ट योजना को अंजाम दिया जाएगा।
ऐसी तमाम सुविधाओं के लिए रेलवे एयरपोर्ट की तर्ज़ पर यूडीएफ वसूलेगी। अभी जैसे आप एयरपोर्ट पर जाते है या फ्लाइट टिकट बुक करते हैं तो आपके फ्लाइट टिकट में एयरपोर्ट इस्तेमाल करने पर यूजर डेवलपमेंट फीस भी शामिल होती है। अभी अगर आप दिल्ली एयरपोर्ट से फ्लाइट पकड़ते हैं तो अमूमन 700-800 रुपए यूडीएफ लगता है। सूत्रों के मुताबिक, अगर आप इन 4 स्टेशनों पर ट्रेन में चढ़ते या उतरते हैं तो आपके रेल किराए में यूडीएफ शामिल होगा। यही नहीं इन 4 रेलवे स्टेशन पर प्लेटफार्म टिकट पर भी अतिरिक्त यूडीएफ लागू होगा। हालांकि रेलवे स्टेशनों पर भविष्य पर लगने वाले यूजर डेवलपमेंट फीस मामूली शुल्क होगा। प्लानिंग के तहत - 4 स्टेशनों पर आने वाले यात्रियों और स्टेशनों से जाने वाले यात्रियों से अलग अलग UDF शुल्क वसूला जाएगा। रेल मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले उपक्रम IRSDC(इंडियन रेलवे स्टेशन डेवलोपमेन्ट कॉर्पोरेशन) पर रेलवे स्टेशन री डेवलपमेंट की ज़िम्मेदारी है। पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप यानी पीपीपी मॉडल पर री डेवलप किये जा रहे स्टेशनों पर UDF लगेगा। अधिकारियों के मुताबिक जनवरी में कितना यूडीएफ या यूजर डेवलोपमेन्ट फीस लगेगी इसको नोटिफाई कर दिया जाएगा। अगले साल, 6 फरवरी 2020 तक 4 स्टेशनों के लिए टेंडर जारी कर दिया जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक अगले 3 साल यानी संभवतः 2023 तक चारों स्टेशन को नए डिज़ाइन और तमाम यात्री सुविधाओं, कमर्शियल एरिया के साथ तैयार कर लिया जाएगा जिसका बाड़ीं स्टेशनों पर आने या जाने के लिए किसी भी व्यक्ति को यूजर फीस चुकानी पड़ेगी।


नागपुर, अमृतसर, ग्वालियर और साबरमती के बाद अगले स्टेशन चिन्हित भी किए जा चुके हैं। मुम्बई का छत्रपति शिवाजी स्टेशन, लुधियाना, बिजवासन, आनंद विहार, दिल्ली स्टेशन भी फेहरिस्त में शामिल किए गए हैं। नागपुर, अमृतसर, ग्वालियर और साबरमती रेलवे स्टेशन के री डिवेलपमेंट के लिए सरकार ने RFQ (request for qualification) जारी कर दिया है। अगले चरण के तहत सरकार RFQ और फिर फाइनल टेंडर जारी करेगी।


हिजाब के कारण रोका,मेडल लेने से इनकार

नई दिल्ली। भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की मौजूदगी में हिजाब पहनने वाली गोल्ड विजेता छात्रा के साथ भेदभाव का मामला सामने आया है। यह घटना केंद्र शासित प्रदेश पुड्डुचेरी का है, जहां के एक विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे थे। इस दौरान उन्होंने सभी टॉपर छात्रों और छात्राओं को अपने हाथों से सम्मानित किया। लेकिन इस दौरान विश्वविद्यालय की गोल्ड मेडल विजेता मुस्लिम छात्रा राबिया को हिजाब पहने होने की वजह से कैंपस के अंदर समारोह में ही जाने से रोक दिया गया।


यूनिवर्सिटी में गोल्ड विजेता छात्रा राबिया का आरोप है कि जब तक राष्ट्रपति कोविंद समारोह में मौजूद रहे, तब तक उसे अंदर नहीं जाने दिया गया। बाद में जब कई छात्रों को सम्मानित करने के बाद राष्ट्रपति ऑडिटोरियम से बाहर निकल गए, तब उसे अंदर जाने दिया गया। इस भेदभाव वाले रवैये पर विरोध जताते हुए बाद में राबिया ने यूनिवर्सिटी से गोल्ड मेडल लेने से इनकार कर दिया।


राबिया का आरोप है कि उसे सबके सामने नीचा दिखाने और अपमानित करने की कोशिश की गई। छात्रा ने कहा, “मैं अन्य छात्रों के साथ सभागार के अंदर बैठी हुई थी, तभी मुझे वहां से बाहर जाने के लिए कहा गया। वहां पर मुझे अपना हिजाब हटाने के लिए कहा गया, लेकिन जब मैंने इससे इनकार कर दिया तो मुझे सभागार से बाहर बैठने के लिए कहा गया। इस पूरी घटना के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अंदर ही मौजूद थे।”


जापानी प्रतिनिधिमंडल से सीएम की वार्ता

रायपुर। छत्तीसगढ़ के भ्रमण पर आए जापानी प्रतिनिधि मण्डल ने बुधवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से उनके भिलाई स्थित निवास पर मुलाकात की। उन्होंने प्रदेश में स्थित पुरातात्विक स्थल सिरपुर और प्रज्ञागिरी डोंगरगढ़ के विकास के संबंध में मुख्यमंत्री के साथ विचार-विमर्श किया। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि यदि सिरपुर और प्रज्ञागिरी में सुविधाएं विकसित की जाएं तो ये दोनों स्थल जापानी पर्यटकों के लिए बड़े आकर्षण का केन्द्र बन सकते हैं। उन्होंने सिरपुर के नजदीक हेलीपेड निर्माण की आवश्यकता बताते हुए कहा कि इससे जापान के पर्यटक दो दिनों में सिरपुर का भ्रमण कर वापस जापान लौट सकेंगें।


उल्लेखनीय है कि सिरपुर के उत्खनन में बौद्ध धर्म से संबंधित अनेक पुरातात्विक स्थल सामने आए हैं और प्रज्ञागिरी को बौद्ध तीर्थ के रूप में विकसित किया गया है। जापानी प्रतिनिधिमंडल ने सिरपुर के नजदीक हेलीपेड निर्माण का आग्रह भी मुख्यमंत्री से किया। उन्होंने कहा कि इससे जापान से आने वाले पर्यटकों को सुविधा होगी और उनके समय की बचत होगी। प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को बताया कि जापान के लोगों के लिए भारत एक पवित्र तीर्थ स्थान है। जापान के लोग भारत से प्यार करते हैं। जब हम भारत आते हैं तो भारत की धरती को प्रणाम करते हैं और जब हम जापान जाते हैं तब भारत-भूमि के पावन मिट्टी जापान लेकर जाते हैं।


मुख्यमंत्री ने जापानी प्रतिनिधिमंडल को भारत देश से इतना स्नेह रखने के लिए धन्यवाद दिया और आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ के सिरपुर में बौद्ध धर्म की पुरातात्विक सम्पदा दुनिया के लिए अनमोल धरोहर है। यहां अनेक बौद्ध विहार और भगवान बुद्ध की प्रतिमाएं मिली हैं।  मुख्यमंत्री ने बताया कि सिरपुर में बौद्धाचार्य नागार्जुन निवास करते थे और चीनी यात्री हृेनसांग सिरपुर आये थे। जिन्होंने भारतीय इतिहास को चीनी भाषा में लिखकर भगवान बुद्ध के शांति एवं भाईचारा के संदेश को दुनिया में फैलाया और भारतीय इतिहास को बचाकर रखा।


आप लोग सिरपुर का यात्रा करें और सिरपुर का अध्ययन करें। जापानी प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से सिरपुर को टूरिज्म से जोड़ने को आग्रह किया वहां के नजदीक में एयरपोर्ट-हेलीपेड बनाने का भी आग्रह किया जिससे जापान के लोग दो दिन में भारत आकर जापान लौट सकें। हमारे जापानी लोगों के लिए समय बहुत बहुमूल्य होता है। चर्चा में मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ में अभी 27, 28, 29 दिसम्बर को रायपुर में आयोजित तीन दिन के अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी नृत्य के संबंध में जानकारी दी। जापानी प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि जापान में भी पारम्परिक नृत्य और गाने की समृद्ध परम्परा है। लोग बहुत उत्साह के साथ इनके आयोजनों में हिस्सा लेते है। आप रूचि लेंगे तो हम जापानी और भारतीय लोक पारम्परिक नृत्य का आयोजन कर सकते हैं।


जापानी प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री को जापान यात्रा करने के लिए आमंत्रित किया


मुख्यमंत्री से प्रतिनिधिमंडल ने बाबूजी नंदकुमार बघेल के नेतृत्व में मुलाकात की। जापान से आये पूज्य भन्ते शीन्दो कोन्दो ने जापानी भाषा में जापान की संस्कृति एवं वहां के लोगों के भारत के प्रति सद् विचारों की जानकारी दी। पूज्य भदन्त संघरत्न मानके ने भन्ते शीन्दो कोन्दो की बातों का हिन्दी अनुवाद मुख्यमंत्री को बताया। इस प्रतिनिधिमंडल में जापान से आये ताकाहिरो यामाशकी जापान ग्लोबल स्टेªटजी डेवलपमेंन्ट टीम के सदस्य हैं। उनके साथ सगुन लाल वर्मा, अधिवक्ता रामकृष्ण जांगड़े, विवेक वासनिक, रघु साहू एवं रजत गजबिये भी उपस्थित थे।


मुसलमानों के पास 150 देश, हिंदु का 1

गांधीनगर। नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) को लेकर देशभर में विरोध-प्रदर्शन जारी है और कई गैर भारतीय जनता पार्टी शासित राज्यों ने इसे अपने यहां लागू करने से मना कर दिया है। ऐसे में गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने सीएए का पुरजोर समर्थन करते हुए कहा कि अगर किसी दूसरे देश का हिंदू भारत वापस लौटना चाहता है तो उसमें गलत क्या है।


सीएम विजय रुपाणी के लिए इमेज नतीजे"
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) का समर्थन करते हुए कहा कि मुस्लिमों के पास जाने के लिए दुनिया में 150 देश हैं, जबकि हिंदुओं के पास केवल एक देश भारत ही है। ऐसे में अगर वे भारत वापस लौटना चाहते हैं तो इसमें गलत क्या है।


इस बीच नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर मचे घमासान के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस मुद्दे पर जन जागरण अभियान चलाने का फैसला किया है। राष्ट्रीय पदाधिकारियों की पिछले शनिवार को दिल्ली में हुई बैठक में तय किया गया कि पार्टी घर-घर जाकर नागरिकता संशोधन कानून के बारे में जानकारी देगी।


सीएम विजय रुपाणी के लिए इमेज नतीजे"
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के समर्थन में गुजरात भी शामिल है। बीजेपी इसी सिलसिले में गुजरात में भी जगह-जगह सीएए के समर्थन में रैलियां निकाल रही है। राज्य के 30 से ज्यादा जिलों में मंगलवार को रैलियां निकाली गईं।


कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब

कथा के आयोजन में उमड़ा भक्तों का जन-सैलाब  रामबाबू केसरवानी  कौशाम्बी। नगर पंचायत पूरब पश्चिम शरीरा में श्रीमद् भागवत कथा के आयोजन में भक्तो...