नई दिल्ली। सरकार ने देशभर में 13.77 लाख आंगनबाड़ियों को हाईटेक बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। पहले चरण में पायलट प्रोजेक्ट के तहत 50 हजार आंगनबाड़ियों को कंप्यूटर व अन्य आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। महिला एवं बाल विकास मंत्रालय आंगनबाड़ियों की निगरानी के लिए एक तंत्र विकसित करने पर भी काम कर रहा है। सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय का लक्ष्य तहत 6 साल तक 16.54 करोड़ बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अच्छी शिक्षा, पोषणायुक्त भोजन और स्वस्थ वातावरण मुहैया कराना है। हाल ही में महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने संसद में बताया था कि देश में 1,59,568 आंगनबाड़ियों में पीने तक का पानी उपलब्ध नहीं है। वहीं 3,63,940 में शौचालय नहीं हैं, जबकि सरकार के पोषण अभियान का दारोमदार इन्हीं केंद्रों पर निर्भर है। अब सरकार ने अगले चार साल में आंगनबाड़ियों के कायाकल्प की योजना पर फरवरी से काम शुरू करने का तैयारी पूरी कर ली है।
रविवार, 22 दिसंबर 2019
राजनीतिक दलों ने भ्रमित कियाःऔवैसी
हैदराबाद। ऑल इंडिया मजलिस ए इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने शनिवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) को लेकर भ्रम पैदा किया है। उन्होंने इसे 'काला कानून' और 'असंवैधानिक' भी बताया। साथ ही कहा कि इसके जरिए केंद्र सरकार धर्म के नाम पर भेदभाव कर रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा की सरकार को कड़ा संदेश देने के लिए नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध करने वाले अपने घरों पर तिरंगा फहराएं।
शनिवार को देर रात हैदराबाद में आयोजित एक रैली को संबोधित करते हुए ओवैसी ने यह बातें कहीं। इस दौरान उनसे पूछा गया था कि क्या सीएए को लेकर 'अफवाहों' को दूर करने की जरूरत है क्योंकि सरकार द्वारा इस बात का स्पष्ट भरोसा देने के बावजूद कि भारतीय मुसलमानों को कुछ नहीं होगा, कई मुसलमानों का दावा है कि उन्हें बाहर कर दिया जाएगा। सबसे खास बात यह रही कि रैली के दौरान संविधान की प्रस्तावना भी पढ़ी गई। ओवैसी ने कहा कि सरकार क्यों नहीं कहती है... असम में, जहां एनआरसी लागू किया गया, आप करीब 5.40 लाख बंगाली हिंदुओं को सीएए के जरिए नागरिकता दे रहे हैं। आप असम में पांच लाख मुसलमानों को नहीं देंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि यह अफवाह है या सच? यह बात सरकार को बतानी चाहिए। उन्होंने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आप भेदभाव कर रहे हैं। आप धर्म के आधार पर कानून बना रहे हैं और फिर शिकायत भी कर रहे हैं। सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान हिंसा के बारे में पूछने पर ओवैसी ने कहा कि मैं इस तरह की हिंसा की निंदा करता हूं, चाहे फिर वह हिंसा लखनऊ, अहमदाबाद, बेंगलुरु या कहीं और ही क्यों न हुई हो। इसके साथ ही एआईएमआईएम नेता ने लोगों से अपील भी की कि विरोध के लिए अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल जरूर करें, लेकिन हिंसा की सभी को निंदा करनी चाहिए।
ओवैसी ने पूछा मैं कैसे देशद्रोही हूं?
ओवैसी ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ मुसलमानों की नहीं है, बल्कि दलितों, एससी और एसटी समुदायों की भी है। उन्होंने सवाल किया कि मैं कैसे देशद्रोही हूं? मैं अपने जन्म और मर्जी से भारतीय हूं। उन्होंने लोगों से 'संविधान बचाओ दिवस' आयोजित करने के लिए भी कहा। बता दें कि नागरिकता (संशोधन) अधिनियम 2019 में पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक उत्पीड़न किए जाने के चलते भागकर भारत आने वाले हिंदुओं, सिखों, जैनियों, पारसियों, बौद्धों और ईसाइयों को नागरिकता देने के लिए प्रावधान किया गया है, खास तौर पर ऐसे लोग जो 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत आए थे।
रैली में नजर आई वायरल वीडिया वाली जामिया की छात्राएं
रैली में जुटे लोगों में जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय की छात्रा लदीदा सखलून और आयशा रेना भी नजर आईं। यह दोनों छात्राएं केरल की रहने वाली हैं। बीते दिनों दिल्ली में नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें यह दोनों एक युवक काे पुलिस की पिटाई से बचाने की कोशिश करतीं नजर आई थीं।
पाक पीएम ने सीएए पर उंगली उठाई
इस्लामाबाद। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने एक बार फिर भारत के अंदरूनी मसले को मुद्दा बनाते हुए दुष्प्रचार किया है। उन्होंने शनिवार को एक के बाद एक कई ट्वीट कर आशंका जताई कि भारत घरेलू परिस्थितियों से ध्यान भटकाने के लिए उसके खिलाफ छद्म कार्रवाई कर सकता है। इसके साथ ही वह गीदड़भभकी देने से नहीं चूके कि पाकिस्तान ऐसी किसी भी कार्रवाई का मुहंतोड़ जवाब देगा। खान ने कहा कि मोदी सरकार में भारत फासीवादी विचारधारा के साथ हिंदू राष्ट्र की ओर से बढ़ रहा है।
CAA पर उठाई अंगुली
उन्होंने भारत में संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ हो रहे प्रदर्शन की पृष्ठभूमि में कहा, 'वे सभी भारतीय जो बहुलवादी भारत चाहते हैं, वे संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं और यह अब जनआंदोलन बनता जा रहा है।' खान ने कहा कि भारत में जिस तरह से विरोध-प्रदर्शन बढ़ रहा है, उससे पाकिस्तान पर खतरा भी बढ़ रहा है और भारतीय सेनाध्यक्ष जनरल बिपिन रावत की नियंत्रण रेखा पर हालात को लेकर की गई टिप्पणी से छद्म कार्रवाई को लेकर पाकिस्तान की चिंता भी बढ़ गई है।
फिर दी गीदड़भभकी
गौरतलब है कि जनरल रावत ने बुधवार को कहा था कि जम्मू-कश्मीर से लगते नियंत्रण रेखा पर कभी भी तनाव बढ़ सकता है और सेना इसके लिए तैयार है। उनकी टिप्पणी अगस्त में अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को निष्क्रिय करने के बाद पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा पर लगातार किए जा रहे संघर्ष विराम उल्लंघन की घटनाओं की पृष्ठभूमि में आई है। खान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को चेतावनी दी कि अगर नई दिल्ली उसके खिलाफ काई कार्रवाई करता है, तो पाकिस्तान के पास भारत को जवाब देने के अलावा कोई विकल्प नहीं होगा।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
यूनिवर्सल एक्सप्रेस (हिंदी-दैनिक)
दिसंबर 23, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254
1. अंक-139 (साल-01)
2. सोमवार, दिसंबर 23, 2019
3. शक-1941, मार्गशीर्ष- कृष्ण पक्ष, तिथि- एकादशी, संवत 2076
4. सूर्योदय प्रातः 07:13,सूर्यास्त 05:35
5. न्यूनतम तापमान -6 डी.सै.,अधिकतम-16+ डी.सै., शीत लहर के साथ बरसात की संभावना।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्ंकरण) प्रकाशित।
8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102
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शनिवार, 21 दिसंबर 2019
एयर इंडिया को पांच सौ करोड़ की गारंटी
नई दिल्ली। सरकार ने नकदी संकट से जूझ रही एअर इंडिया के लिये 500 करोड़ रुपये की गारंटी दी है। इससे एयरलाइन को परिचालन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिये ताजा कोष हासिल करने में मदद मिलेगी।
घाटे में चल रही एअर इंडिया ने पिछले सप्ताह मुख्य रूप से परिचालन जरूरतों को पूरा के लिये कोष जुटाने को लेकर 2,400 करोड़ रुपये की गारंटी मांगी थी। एयरलाइन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने से कहा, सरकार ने एयर इंडिया को 500 करोड़ रुपये की गारंटी दी है। यह एयरलाइन को बुधवार को दिया गया।
उसने कहा कि सरकारी गारंटी से एयरलाइन को कुछ कोष हासिल करने में मदद मिलेगी. एअर इंडिया बैंकों के साथ पहले से कोष को लेकर बातचीत कर रही है। यह गारंटी 7,600 करोड़ रुपये की गारंटी का हिस्सा है जो चालू वित्त वर्ष में एयरलाइन को उपलब्ध करायी जाएगी।
अस्थायी अनुमान के अनुसार एयर इंडिया को 2018-19 में 8,556.35 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। पिछले महीने नागर विमाान राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संसद में कहा था कि अगर एयर इंडिया का निजीकरण नहीं हुआ तो उसे अपना कारोबार बंद करना पड़ जाएगा।
राष्ट्र निर्माण में अड़चनें तो आएगीः मोदी
नई दिल्ली। नागरिकता कानून (CAA) पर देश में हर तरफ बवाल की स्थिति है, विरोध प्रदर्शन के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ASSOCHAM के एक कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि देश के हित के लिए कुछ करना हो तो लोगों का गुस्सा सहन करना ही पड़ता है। ये बातें उन्होंने अर्थव्यवस्था, GST और ईज़ ऑफ डूइंग की रैंकिंग को लेकर कही।
पीएम मोदी ने ASSOCHAM के कार्यक्रम में कहा- '2014 से पहले जब अर्थव्यवस्था तबाह हो रही थी, उसे संभालने वाले तमाशा देख रहे थे।' उन्होंने कहा- 'भारत की अर्थव्यवस्था तय नियमों से चले इसके लिए हमने व्यवस्था में परिवर्तन किया है। आज 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनोमी के लिए मजबूत आधार बना है। जबतक पूरा देश मिलकर लक्ष्य को तय नहीं करता है, तबतक लक्ष्य पूरा नहीं होता। जब मैंने इस लक्ष्य को रखा तो पता था कि इसका विरोध होगा और कहा जाएगा कि भारत ये नहीं कर सकता।' अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए उन्होंने कहा- '5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात अचानक नहीं आई है, पिछले पांच साल में देश मजबूत हुआ है इसलिए ऐसे लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। 5-6 साल पहले हमारी अर्थव्यवस्था डिजास्टर की तरफ बढ़ रही थी, लेकिन हमारी सरकार ने इसे रोका है।'
प्रदर्शनों पर रोक लगाएगी सरकारः एचसी
बेंगलुरु। देश में CAA और NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चरम पर पहुंच चुका है। पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं। लेकिन राज्य सरकार और केंद सरकार प्रदर्शन की इजाजत न देते हुए धारा 144 का प्रयोग कर रही है और इंटरनेट बंद कर रही है। सरकार का तर्क है कि इससे हिंसा को रोका जा सकेगा।
लेकिन धारा 144 के खिलाफ कर्नाटक हाइकोर्ट ने सरकार से सवाल किया है। दी इंडियन एक्सप्रेस खबर के मुताबिक हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अभय श्रीनिवास ओका ने इस संबंध में याचिका पर सुनवाई करते हुए ने राज्य सरकार से कहा कि 'क्या आप सभी विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाएंगे। आप नियमों को पालन करते हुए पूर्व में दी गई अनुमति को कैसे रद्द कर सकते हैं? क्या राज्य इस धारणा के आधार पर निर्णय ले सकता है कि हर विरोध प्रदर्शन हिंसक हो जाएगा? क्या कोई लेखक या कलाकार शांतिपूर्ण विरोध नहीं कर सकता है, यदि वह सरकार के किसी निर्णय से असहमत है?'
हाइकोर्ट ने आगे कहा कि 'ये पता किया जाना चाहिए कि क्या आयोजकों को पूर्व में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी लेकिन धारा 144 लागू करने के बाद इसे रद्द कर दिया गया था।'
आपको बता दें कि बैंगलोर में बीते गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे। इतिहासकार रामचंद्र गुहा और शिवाजीनगर कांग्रेस विधायक रिजवान अरशद सहित कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। कर्नाटक के बेंगलुरु समेत देश के विभिन्न हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बीते गुरुवार को विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान कुछ जगहों पर हिंसा भी हुई और इन प्रदर्शनों ने दो लोगों की मौत हो गई। यह दो मौत तटीय कर्नाटक के मैंगलोर में हुई थी।
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण
प्राधिकृत प्रकाशन विवरण 1. अंक-370, (वर्ष-11) पंजीकरण संख्या:- UPHIN/2014/57254 2. सोमवार, दिसंबर 23, 2024 3. शक-1945, पौष, कृष्ण-पक्ष, तिथ...
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