शनिवार, 21 दिसंबर 2019

एयर इंडिया को पांच सौ करोड़ की गारंटी

नई दिल्ली। सरकार ने नकदी संकट से जूझ रही एअर इंडिया के लिये 500 करोड़ रुपये की गारंटी दी है। इससे एयरलाइन को परिचालन संबंधी जरूरतों को पूरा करने के लिये ताजा कोष हासिल करने में मदद मिलेगी।
घाटे में चल रही एअर इंडिया ने पिछले सप्ताह मुख्य रूप से परिचालन जरूरतों को पूरा के लिये कोष जुटाने को लेकर 2,400 करोड़ रुपये की गारंटी मांगी थी। एयरलाइन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने से कहा, सरकार ने एयर इंडिया को 500 करोड़ रुपये की गारंटी दी है। यह एयरलाइन को बुधवार को दिया गया।


उसने कहा कि सरकारी गारंटी से एयरलाइन को कुछ कोष हासिल करने में मदद मिलेगी. एअर इंडिया बैंकों के साथ पहले से कोष को लेकर बातचीत कर रही है। यह गारंटी 7,600 करोड़ रुपये की गारंटी का हिस्सा है जो चालू वित्त वर्ष में एयरलाइन को उपलब्ध करायी जाएगी।
अस्थायी अनुमान के अनुसार एयर इंडिया को 2018-19 में 8,556.35 करोड़ रुपये का घाटा हुआ। पिछले महीने नागर विमाान राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने संसद में कहा था कि अगर एयर इंडिया का निजीकरण नहीं हुआ तो उसे अपना कारोबार बंद करना पड़ जाएगा।


राष्ट्र निर्माण में अड़चनें तो आएगीः मोदी

नई दिल्ली। नागरिकता कानून (CAA) पर देश में हर तरफ बवाल की स्थिति है, विरोध प्रदर्शन के बीच पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को ASSOCHAM के एक कार्यक्रम में भाग लिया। इस कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि देश के हित के लिए कुछ करना हो तो लोगों का गुस्सा सहन करना ही पड़ता है। ये बातें उन्होंने अर्थव्यवस्था, GST और ईज़ ऑफ डूइंग की रैंकिंग को लेकर कही।


पीएम मोदी ने ASSOCHAM के कार्यक्रम में कहा- '2014 से पहले जब अर्थव्यवस्था तबाह हो रही थी, उसे संभालने वाले तमाशा देख रहे थे।' उन्होंने कहा- 'भारत की अर्थव्यवस्था तय नियमों से चले इसके लिए हमने व्यवस्था में परिवर्तन किया है। आज 5 ट्रिलियन डॉलर की इकॉनोमी के लिए मजबूत आधार बना है। जबतक पूरा देश मिलकर लक्ष्य को तय नहीं करता है, तबतक लक्ष्य पूरा नहीं होता। जब मैंने इस लक्ष्य को रखा तो पता था कि इसका विरोध होगा और कहा जाएगा कि भारत ये नहीं कर सकता।' अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए उन्होंने कहा- '5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था की बात अचानक नहीं आई है, पिछले पांच साल में देश मजबूत हुआ है इसलिए ऐसे लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकता है। 5-6 साल पहले हमारी अर्थव्यवस्था डिजास्टर की तरफ बढ़ रही थी, लेकिन हमारी सरकार ने इसे रोका है।'


प्रदर्शनों पर रोक लगाएगी सरकारः एचसी

बेंगलुरु। देश में CAA और NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन चरम पर पहुंच चुका है। पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं। लेकिन राज्य सरकार और केंद सरकार प्रदर्शन की इजाजत न देते हुए धारा 144 का प्रयोग कर रही है और इंटरनेट बंद कर रही है। सरकार का तर्क है कि इससे हिंसा को रोका जा सकेगा।
लेकिन धारा 144 के खिलाफ कर्नाटक हाइकोर्ट ने सरकार से सवाल किया है। दी इंडियन एक्सप्रेस खबर के मुताबिक हाइकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश अभय श्रीनिवास ओका ने इस संबंध में याचिका पर सुनवाई करते हुए ने राज्य सरकार से कहा कि 'क्या आप सभी विरोध प्रदर्शनों पर प्रतिबंध लगाएंगे। आप नियमों को पालन करते हुए पूर्व में दी गई अनुमति को कैसे रद्द कर सकते हैं? क्या राज्य इस धारणा के आधार पर निर्णय ले सकता है कि हर विरोध प्रदर्शन हिंसक हो जाएगा? क्या कोई लेखक या कलाकार शांतिपूर्ण विरोध नहीं कर सकता है, यदि वह सरकार के किसी निर्णय से असहमत है?'
हाइकोर्ट ने आगे कहा कि 'ये पता किया जाना चाहिए कि क्या आयोजकों को पूर्व में शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन की अनुमति दी गई थी लेकिन धारा 144 लागू करने के बाद इसे रद्द कर दिया गया था।'
आपको बता दें कि बैंगलोर में बीते गुरुवार को नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे। इतिहासकार रामचंद्र गुहा और शिवाजीनगर कांग्रेस विधायक रिजवान अरशद सहित कई प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने हिरासत में लिया था। कर्नाटक के बेंगलुरु समेत देश के विभिन्न हिस्सों में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ बीते गुरुवार को विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस दौरान कुछ जगहों पर हिंसा भी हुई और इन प्रदर्शनों ने दो लोगों की मौत हो गई। यह दो मौत तटीय कर्नाटक के मैंगलोर में हुई थी।


हिंसक प्रदर्शन में संघ साझेदारी की आशंका

कोलकाता। नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में देश के अलग-अलग हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं।कहीं शांति से प्रदर्शन हो रहे हैं तो कहीं प्रदर्शन में हिंसा हो रहा है, लोग सड़कों पर हैं। पुलिस बल प्रयोग कर रही है हिंसा रोकने के लिए। इस बीच पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद से छह लोगों को ट्रेन पर पत्थर फेंकते हुए देखा गया था। इनमें से दो लोगों को अब पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। यह छह लोग लुंगी टोपी पहन ट्रेन पर पत्थर बरसा रहे थे। हुलिया से यह सब मुसलमान लग रहे थे।
लेकिन the telegraph अखबार ने इस खबर को सूत्रों के हवाले से लिखा है कि यह लोग राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हुए लोग हैं। मुर्शिदाबाद के पुलिस अधिकारियों ने the telegraph को बताया कि यहां के राधामाधाब्ताला गांव के लोगों ने 6 लोगों को ट्रेन पर पत्थर मारते हुए पकड़ा। ये 6 लोग सिआल्दाह-लालगोला लाइन पर मौजूद ट्रायल इंजन पर पत्थर फेंक रहे थे। पुलिस ने कहा कि इनमें से एक अभिषेक सरकार (21) एक लोकल भाजपा कार्यकर्ता है। पुलिस ने बातचीत में बताया है कि पकड़े जाने पर ये 6 लोग बोलने लगे कि वे अपने यूट्यूब चैनल के लिए वीडियो शूट कर रहे थे। लेकिन जब उनसे उनके वीडियो चैनल के बारे में प्रूफ मांगा गया, तो वे लोग कोई प्रूफ दे पाने में असफल रहे।
गांव के लोगों ने भी मीडिया को बताया है कि पकड़ा गया शख्स अभिषेक कई मौकों पर भाजपा की रैली में देखा गया है। अख़बार लिखता है कि बीजेपी के छात्र संगठन एबीवीपी के सदस्य 21 वर्षीय अभिषेक सरकार को पांच अन्य युवकों के साथ रेलवे पटरी के पास कपड़े बदलते हुए देखा गया था इसके बाद इन सभी युवकों ने एक ट्रेन के इंजन पर पत्थर बरसाए थे। गांव वालों ने इन युवकों को पकड़कर पुलिस के हवाले कर दिया था।
शुक्रवार को इन्हें लालबाग की अदालत में पेश किया गया जहां अभिषेक के अलावा वीएचपी के सदस्य 22 वर्षीय प्रभाकर साहा को पुलिस कस्टडी में भेजने का आदेश दिया गया। यानी छह में से दो लोगों को पांच दिन की पुलिस हिरासत में भेजा गया है। बाकी के चार लड़के नाबालिग हैं जिनमें से तीन पर गंभीर अपराध के तहत मामला दर्ज कर उन्हें 14 दिन के लिए जेल भेज दिया गया है। एक युवक की तबीयत ख़राब होने की वजह से उन्हें अस्पताल में भर्ती किया गया है। सभी नाबालिग युवकों की उम्र 16-17 साल बताई गई है।
मामले पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी हैरानी जताते हुए कहा है, ”बीजेपी एक समुदाय को बदनाम करने के लिए और बंगाल में आग लगाने के लिए और कितना नीचे गिरेगी।”



नीतीश का आग्रह, एनडीए की आपात बैठक

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देशभर में हिंसा और पुलिस कार्रवाई का दौर जारी है। देश के कई राज्यों में हुए उपद्रव के बाद शनिवार को बिहार में भी बवाल देखने को मिला। जिसके बाद एनडीए के सहयोगी बिहार के सीएम और जनता दल युनाइटेड के प्रमुख नीतीश कुमार ने पीएम नरेंद्र मोदी से राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की आपात बैठक बुलाने की मांग उठाई है। नितीश के अनुसार पीएम को विवादास्पद मुद्दों पर सहमति बनाने के लिए सहयोगियों की बैठक बुलानी चाहिए। नीतीश ने कहा कि जेडीयू वर्तमान राजनीतिक स्थिति पर चर्चा के लिए तत्काल एनडीए की बैठक की मांग करती है। गौरतलब है कि जेडीयू ने नागरिकता संशोधन विधेयक को कानून बनाने के लिए संसद में इसके पक्ष में वोट किया था। हालांकि पार्टी उपाध्यक्ष प्रशांत किशोर द्वारा नागरिकता कानून और एनआरसी का विरोध किए जाने के बाद सूबे की राजनीति में हलचल तेज हो गई। प्रशांत किशोर ने संसद में जेडीयू द्वारा नागरिकता कानून को समर्थन दिए जाने का विरोध किया था। इसके बाद प्रशांत किशोर ने पटना में सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात के बाद कहा था कि नीतीश कुमार एनआरसी के विरोध में हैं। तब प्रशांत किशोर ने स्पष्ट कहा था कि सीएए को एनआरसी के साथ जोड़ने से परेशानी बढ़ेगी। किशोर ने उस समय कहा था कि नीतीश ने वादा किया है कि बिहार में एनआरसी लागू नहीं होगा।


टैक्स कलेक्शन को सरकार एक्शन में आई

नई दिल्ली। आर्थिक सुस्‍ती के बीच मार्च 2020 तक टैक्‍स के लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए मोदी सरकार एक्‍शन मोड में आ गई है। दरअसल, सरकार की ओर से टैक्‍स चोरों की पहचान और उन पर मामला दर्ज करने के लिए विशेष प्रयास करने का निर्देश दिया गया है। न्‍यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक वित्त मंत्रालय ने इसको लेकर शुक्रवार को टैक्‍स अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी की है। एजेंसी सूत्रों ने बताया कि राजस्व सचिव अजय भूषण पांडे की अध्यक्षता में हुई बैठक में जीएसटी और आयकर विभाग के बीच जानकारी साझा करने पर विचार-विमर्श किया गया है।


इसके तहत ऐसे टैक्‍सपेयर्स की जानकारी साझा की जाएगी, जिन्होंने ज्यादा इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) लिया है लेकिन इसकी जानकारी आयकर विभाग को दिए आयकर रिटर्न से मेल नहीं खाती है। इसके साथ ही आयकर विभाग को जीएसटी से जुड़ी जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी, ताकि जीएसटी के तहत कम कारोबार या गलत तरीके से जीएसटी रिफंड दिखाकर व्यक्तिगत आय को छुपाने और टैक्‍स चोरी करने वालों की पहचान की जा सके।


सूत्रों ने बताया कि अधिकारियों से पिछला बकाया वसूलने के लिए ताबडतोड़ अभियान चलाने के लिए कहा गया है। वहीं टैक्‍स अधिकारियों को आंकड़ों का विश्लेषण और सूचनाएं साझा करके टैक्‍स चोरी करने वालों की पहचान करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके साथ ही उनके खिलाफ मामला दर्ज कर कराने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं जीएसटी अधिकारियों के साथ इन निष्कर्षों को साझा करने के लिए कहा गया है ताकि जानबूझकर टैक्‍स चोरी करने वालों या फर्जी चालान का उपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू की जा सके।


हालांकि, अधिकारियों को टैक्‍स चोरों को नहीं बख्शने का निर्देश देने के साथ ही ईमानदार टैक्‍सपेयर्स को परेशान नहीं हो यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है।


सौहार्द स्थापित करने में 'प्रशासन व्यस्त'

वर्तमान परिस्थितियों को दृष्टिगत रखते हुए जनपद


अश्वनी उपाध्याय


गाजियाबाद। शांति एवं कानून व्यवस्था तथा आपसी सौहार्द बनाए रखने के उद्देश्य से जिला प्रशासन के अधिकारी गण एवं पुलिस के अधिकारी गण निरंतर रूप से जिला मजिस्ट्रेट अजय शंकर पांडेय के निर्देशन में गतिशीलता के साथ विभिन्न प्रकार की कार्यवाही सुनिश्चित कर रहे हैं। इसी श्रंखला में आज अपर जिलाधिकारी प्रशासन जेके शर्मा के द्वारा जनपद में व्यापक स्तर पर भ्रमण करते हुए प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन के अधिकारियों को कानून एवं शांति व्यवस्था तथा आपसी सौहार्द बनाए रखने के उद्देश्य से आवश्यक दिशा निर्देश प्रदान किए गए। अपर जिला अधिकारी के द्वारा मसूरी थाना क्षेत्र में व्यापक स्तर पर शांति व्यवस्था एवं कानून व्यवस्था के संबंध में स्थल निरीक्षण भी किया गया है। उन्होंने बताया कि जिलाधिकारी के निर्देशन में जनपद का आपसी सौहार्द बनाए रखने के उद्देश्य से जनपद में सेक्टर व्यवस्था लागू है और सभी अधिकारी गण अपनी-अपनी ड्यूटी पर तैनात होकर जनपद की कानून व्यवस्था एवं शांति व्यवस्था बनाने के उद्देश्य से कार्यवाही सुनिश्चित कर रहे हैं। राकेश चौहान जिला सूचना अधिकारी गाजियाबाद।


सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी

सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी  संदीप मिश्र  लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भी 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी के टैक्स फ्री ...