शनिवार, 21 दिसंबर 2019

इंटरनेट सस्पेंड करने की पूरी प्रक्रिया

नई दिल्ली। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) के खिलाफ प्रदर्शन के चलते देश के कई हिस्सों में इंटरनेट अस्थाई रूप से बंद कर दिया गया है। इंडियन काउंसिल फॉर रिसर्च ऑन इंटरनैशनल इकनॉमिक रिलेशन्स समेत दो थिंक टैंक संस्थाओं की रिसर्च के मुताबिक, इंटरनेट बैन करने के मामले में भारत दुनिया भर में सबसे आगे है। मगर क्या आपको पता है कि सरकार इंटरनेट पर बैन लगाने का फैसला कैसे लेती है। इंटरनेट सस्पेंड करने की एक पूरी प्रकिया है, जिसे फॉलो करते हुए इस पर बैन लगाया जाता है। यहां हम आपको बता रहे हैं कि भारत में इंटरनेट कैसे बंद किया जाता है।
देश में इंटरनेट पर कैसे लगता है बैन?


केंद्र या राज्य के गृह सचिव इंटरनेट बैन करने का ऑर्डर देते हैं।
यह ऑर्डर एसपी या उससे ऊपर के रैंक के अधिकारी के माध्यम से भेजा जाता है। उक्त अधिकारी सर्विस प्रोवाइडर्स को इंटरनेट सर्विस ब्लॉक करने के लिए कहता है।
ऑर्डर को अगले कामकाजी दिन (वर्किंग डे) के भीतर केंद्र या राज्य सरकार के रिव्यू पैनल के पास भेजना होता है। इस रिव्यू पैनल को 5 वर्किंग डेज में इसकी समीक्षा करनी होती है। केंद्र सरकार के रिव्यू पैनल में कैबिन सेक्रेटरी, लॉ सेक्रेटरी और टेलिकम्युनिकेशन्स सेक्रेटरी होते हैं। वहीं, राज्य सरकार से दिए गए आदेश के रिव्यू पैनल में चीफ सेक्रेटरी, लॉ सेक्रेटरी और एक कोई अन्य सेक्रेटरी शामिल रहता है।


इमर्जेंसी में क्या होता है?
इमरर्जेंसी की स्थिति में केंद्र या राज्य के गृह सचिव द्वारा अधिकृत किए गए जॉइंट सेक्रेटरी इंटरनेट बैन करने के लिए आदेश दे सकते हैं। हालांकि, इसके लिए उन्हें 24 घंटे के भीतर केंद्र या राज्य के गृह सचिव से इसकी मंजूरी लेनी पड़ेगी।


2017 से पहले अलग नियमःसाल 2017 से पहले जिले के डीएम इंटरनेट बंद करने का आदेश देते थे। 2017 में सरकार ने इंडियन टेलिग्राफ ऐक्ट 1885 के तहत टेम्प्ररी सस्पेंशन ऑफ टेलिकॉम सर्विसेज (पब्लिक इमरजेंसी या पब्लिक सेफ्टी) रूल्स तैयार किए। इसके बाद अब सिर्फ केंद्र या राज्य के गृह सचिव या उनके द्वारा अधिकृत अथॉरिटी इंटरनेट बंद करने का आदेश दे सकते हैं।


फैक्ट्री में दर्दनाक हादसा, एक की मौत

सोनीपत। शहर के इंडस्ट्रियल एरिया स्थित एक केमिकल फैक्ट्री में बृहस्पतिवार देर रात स्टीम प्लेट फटने से एक मजदूर की मौत हो गई, जबकि तीन अन्य घायल हो गए।


हादसे की सूचना मिलने पर पुलिस तत्काल मौके पर पहुंची। फैक्ट्री मालिक नितिन गुरुदत्ता को भी बुलाया गया। घायल मजदूरों की पहचान उत्तर प्रदेश के देवरिया जिला के ककरा निवासी कमल व दुर्गेश एवं उत्तर प्रदेश के गुजराती पुरवा निवासी मनीष के रूप में हुई, जबकि इंडस्ट्रियल एरिया निवासी कॉलिंग (32) की मौत हो गई। सभी घायलों को नागरिक अस्पताल में दाखिल कराया गया, जहां से प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें पीजीआइ रोहतक रेफर कर दिया गया। शव को कब्जे में लेकर पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।


अधिकारियों की कार्यशैली से असंतुष्ट मेयर

रोहतक। रोहतक नगर निगम ने अपना एक साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। हालांकि मेयर मनमोहन गोयल कामकाज से कुछ खास खुश नजर नहीं आ रहे है। मेयर होते हुए कोई पावर ना होने की टीस उनकी बातों में देखने को मिल रही है। मेयर मनमोहन गोयल का कहना है कि उनके हाथ में कुछ नहीं है, वह शहर की बड़ी समस्या सीवरेज और पानी के समाधान का प्रस्ताव बनाते हैं, लेकिन अधिकारी अमल नहीं करते।


साल भर में हाउस की सिर्फ दो बैठक हुई। कई पार्षद और पूर्व पार्षद हाउस की कम बैठक को लेकर अपना रोष व्यक्त कर चुके है। इस पर मेयर का कहना है कि बैठक आयुक्त को बुलानी होती है। लेकिन आयुक्त व्यस्तता का हवाला देकर टालते रहे। गोयल ने कहा कि शहर की सीवरेज, पानी, बिजली आदि समस्याओं का समाधान करने के लिए सभी को मिलकर काम करना होगा। हाउस की बैठक होगी और अधिकारी मेयर व पार्षदों की बात सुनेंगे तभी बात बनेगी।


314 लेखपालों के विरुद्ध कार्रवाई


कुशीनगर। जनपद के लेखपालों द्वारा विभिन्न मागो को लेकर काफी दिनों से ज़िला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया जा रहा था ।जिला प्रशासन ने धारा 144 व एस्मा कानून के उल्लंघन के मद्देनजर 314 लेखपालों पर देर शाम बड़ी कार्यवाई करते हुए निलम्बन के साथ एफआईआर भी दर्ज कराई गई है ।
जिले की सभी तहसीलों के लेखपाल अपनी विभिन्न मांंगो को लेकर जिला मुख्यालय पर कई दिनों से धरना व प्रदर्शन करने वाले 314 लेखपालो को जिला प्रशासन ने गम्भीरता से लेते हुये। देर शाम निलंबित व बर्खास्तगी की कार्यवाही के लिए आनन-फानन मे नोटिस भी जारी कर दिया है। इस कार्यवाही से लेखपाल संगठन आहत है ।
पडरौना कोतवाली में धारा144 व एस्मा कानून के उलंघन मे के खिलाफ 17 नामज़द व अन्य सभी लेखपालों पर मुकदमा  एसडीएम रामकेश यादव पडरौना ने दर्ज कराया हैं।


अतिक्रमण हटाओ अभियान रहा असफल

एसडीएम के आदेश पर तीर्थनगरी के  फब्बारा चौक से अतिक्रमण तहत हटाये गये ठेले फिर से लगे


नरेश शर्मा
बृजघाट। तीर्थनगरी मे चौराहे पर फैले अतिक्रमण को हटाने का एसडीएम के आदेश का पालन करते हुए नगरपालिका कर्मचारियों ने फब्बारा चौक पर लगे ठेलो को हटा दिया गया ।लेकिन एक सप्ताह भी नही बीता कि एसडीएम के आदेशो का उल्लंघन करते हुए फिर से फब्बारा चौक पर ठेले लगे ।प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री के स्वच्छता के प्रति नगरों को साफ सुथरा  व अतिक्रमण मुक्त करने के परिपालन मे गढमुक्तेश्वर के एसडीएम विजय बर्धन तोमर ने तीर्थनगरी मे फैले अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया के अंर्तगत नगरपालिका के कर्मचारियों ने फब्बारा चौक को पूर्णतया मुक्त करा दिया और लगने वाले सभी ठेलो को हटाने दिया गया ।लेकिन ठेलो वालो की हठधर्मिता व मुठमर्दी देखिये कि फिर से फब्बारा चौक पर ठेले लगा लिए । देखना यह है कि एसडीएम के आदेश  के द्वारा हटाये गये फब्बारा चौक से ठेलो को फिर से किसके आदेश से फब्बारा चौक पर लगवाया गया है।यह एसडीएम के आदेश का उल्लंघन है।


बवाल रोकने में प्रशासन की तत्परता

अतुल त्यागी जिला प्रभारी
रिंकु सैनी रिपोरटर


हापुड़। जमीयत उलेमा हिंद-हापुड के द्वारा हापुड़ में भी सी.ए.ए.के विरोध में ज्ञापन देने आए लोगों में शामिल शरारती तत्वों ने पुलिस द्वारा कई बार रोकने के बावजूद भी हापुड़ तहसील पर प्रदर्श न करना शुरू कर दिया और पुलिस बल पर पथराव भी शुरू कर दिया। इसके बाद हापुड़ नगर सीओ राजेश कुमार सिंह ने तत्परता दिखाते हुए। न्यूनतम लाठी चार्ज करा कर, इकट्ठा हुए असामाजिक तत्वों को तितर-बितर कर दिया। पीछे से आ रही भीड़ को बुलंदशहर रोड पर ही रोक दिया गया। जिसके चलते एक बड़ा हादसा हापुड़ शहर में होने से बच गया। मौके पर उनके साथ हापुड़ सदर एस.डी.एम. सत्य प्रकाश, हापुड़ नगर कोतवाली प्रभारी अवनीश गौतम द्वारा सटीकता से कुछ देर के लिए खराब हुए माहौल पर नियंत्रण कर लिया गया।
 हापुड़ जनपद के सभी आला अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और मुस्लिम समाज के नेताओं से ज्ञापन लेने के पश्चात भीड़ को वहां से हटवा दिया गया।


डीएम ने किसान दिवस का आयोजन किया

पंकज राघव संवाददाता 


संभल। कलेक्टर सभागार बहजोई में जिलाधिकारी अविनाश कृष्ण सिंह की अध्यक्षता में किसान दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें सभी किसानों ने अपनी अपनी समस्या को बताया और जिलाधिकारी ने समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए जिसमें उन्होंने किसानों को पराली न जलाने की अपील की और उन्होंने सभी जिला स्तरीय अधिकारियों को सख्त हिदायत दी किसानों की समस्याओं को लेकर कोई भी लापरवाही ना की जाए और उन्होंने कहा कि गन्ना भुगतान शीघ्र से शीघ्र किया जाए जिससे किसानों को किसी प्रकार की समस्या ना हो उन्होंने कहा कि किसान हमारे देश की रीड की हड्डी है यदि किसान को परेशानी होती है तो उसकी परेशानी का विशेष हमें भी कहीं ना कहीं जेल नहीं पड़ता है किसान गोष्ठी में मौजूद किसानों ने बीना शुगर मिल पर गन्ना भुगतान न किए जाने को लेकर जिलाधिकारी के समक्ष अपनी बात रखी जिलाधिकारी ने गन्ना अधिकारी को निर्देश दिए कि किसानों के गन्ना भुगतान शीघ्र से शीघ्र किया जाए इस बीच में विकास अधिकारी उमेश कुमार त्यागी सहित जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।


'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला

'पीएम' मोदी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला  इकबाल अंसारी  नई दिल्ली। संसद सत्र की शुरुआत से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्ष पर...