न्यूयॉर्क! अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव से पास हो गया है! यूक्रेन विवाद के बाद स्पीकर नैन्सी पॉलोसी ने डोनाल्ड ट्रंप पर पद का दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए महाभियोग लाने की बात की थी! गुरुवार को 6 घंटे तक चर्चा के बाद जब मतदान हुआ तो दो आर्टिकल के तहत महाभियोग प्रस्ताव को पास कर दिया गया है! अब इस प्रक्रिया के बाद व्हाइट हाउस का बयान सामने आया है! महाभियोग प्रस्ताव पास होने के बाद व्हाइट हाउस ने अपने बयान में कहा है, “डोनाल्ड ट्रंप को उम्मीद है कि सीनेट सही तरीके से इस प्रक्रिया को पूरा करेगी! निष्पक्ष प्रक्रिया का पालन हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में पूरा नहीं किया गया! आगे की जो भी प्रक्रिया होगी, उसके लिए डोनाल्ड ट्रंप तैयार हैं!''व्हाइट हाउस ने कहा कि जब से डोनाल्ड ट्रंप ने ऑफिस संभाला है, तभी से वह बिना थके अमेरिकी जनता के लिए काम कर रहे हैं, जो वह ऑफिस में रहने के आखिरी दिन तक करते रहेंगे!
कांग्रेस में क्या हुआ?
बता दें कि हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में तो विपक्षी पार्टी डेमोक्रेट्स के पास बहुमत था, लेकिन सीनेट में ऐसा नहीं है! हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में जो दो प्रस्ताव डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ लाए गए उसमें 230-197, 223-198 वोट मिले थे! ये प्रस्ताव ऑफिस का गलत इस्तेमाल और कामकाज में कांग्रेस को नज़रअंदाज करने का था! हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव में प्रस्ताव पास होने के बाद अब ये सीनेट में जाएगा, जहां पर डोनाल्ड ट्रंप पर लगाए गए आरोपों का एक ट्रायल किया जाएगा! ट्रायल के बाद सीनेट में इन प्रस्तावों पर मतदान होगा! अगर वोटिंग में प्रस्ताव गिर जाता है, तो डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति के पद पर बरकरार रहेंगे! लेकिन पास होता है, तो उन्हें इस्तीफा देना होगा और वाइस प्रेसिडेंट टेक ओवर कर लेंगे!
अमेरिकी सीनेट में कुल 100 सदस्य हैं, इनमें 53 सदस्य रिपब्लिकन पार्टी, 45 डेमोक्रेट्स और 2 सदस्य निर्दलीय हैं! सीनेट में ट्रायल की प्रक्रिया 6 जनवरी के बाद शुरू होगी, जो कि कई हफ्तों तक चल सकती है! हालांकि, डेमोक्रेट्स उम्मीद लगा रहे होंगे कि ये फरवरी से पहले सामाप्त हो, क्योंकि फरवरी में प्राइमरी इलेक्शन शुरू होने हैंं! डोनाल्ड ट्रंप ऐसे तीसरे अमेरिकी राष्ट्रपति हैं, जिनके खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव पास हुआ है! इससे पहले एंड्रयू जॉनसन, बिल क्लिंटन के खिलाफ महाभियोग आ चुका है! हालांकि, दोनों राष्ट्रपतियों के खिलाफ प्रस्ताव सीनेट से पास नहीं हो पाया था!