शुक्रवार, 13 दिसंबर 2019

बांग्लादेशी विदेश मंत्री का भारत दौरा रद्द

नई दिल्ली! बांग्लादेश के विदेश मंत्री एके अब्दुल मोमेन ने अपनी भारत यात्रा रद्द कर दी है। बताया जा रहा है कि उनकी यह यात्रा नागरिकता संशोधन विधेयक के पारित होने से उत्पन्न स्थिति के चलते रद्द हुई है। विदेश मंत्रालय द्वारा दी गई पहले जानकारी के अनुसार, मोमेन को गुरुवार शाम 5:20 पर भारत आना था। उनकी यह यात्रा तीन दिनों के लिए थी।


मालूम हो कि नागरिकता संशोधन विधेयक बुधवार को राज्यसभा में पारित हो गया। इससे पहले विधेयक को लोकसभा की भी मुहर मिल चुकी थी। इसको लेकर असम और पूर्वोत्तर के कई राज्यों में विरोध प्रदर्शन हो रहा है। बिल पारित होने के बाद से ही असम में हालात लगातार चिंताजनक बने हुए हैं और अनिश्चितकालीन कर्फ्यू तथा इंटरनेट सेवाएं बंद होने से सैकड़ों यात्री गुवाहाटी हवाई अड्डे पर फंसे हुए हैं।शहर से 30 किलोमीटर दूर बोरझार स्थित लोकप्रिय गोपीनाथ बारदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के भीतर और बाहर छात्रों से लेकर कामकाजी पेशेवर, बुजुर्गों से लेकर महिलाओं तक की भीड़ देखी जा सकती है!


सोने की खान में स्खलन, 5 की मौत

काबुल! अफगानिस्तान के बडाख्शान प्रांत में सोने की एक खान में भूस्खलन से कम से कम पांच लोगों की मौत हो गयी जबकि 35 अन्य लापता हैं।प्रांतीय गवर्नर के प्रवक्ता नेक मोहम्मद नाजरी ने गुरुवार को अफगान टोलो न्यूज को बताया कि घटनास्थल से अब तक पांच शव बरामद किये जा चुके हैं जबकि 35 अन्य कर्मचारियों का अब तक पता नहीं चला है।


स्पूतनिक की रिपोर्ट के मुताबिक जिस इलाके में भूस्खलन हुआ है , वह तालिबान मूवमेंट के नियंत्रण में है जिसकी वजह से स्थानीय सरकार बचाव अभियान का काम नहीं कर सकती


विरोध में अटकी, भारत-जापान शिखर बैठक

नई दिल्ली | नागरिकता कानून के खिलाफ पूर्वोत्तर में हो रहे हंगामे का असर भारत-जापान शिखर बैठक पर भी पड़ा है। इस कानून के खिलाफ असम में हो रहे विरोध प्रदर्शन को देखते हुए गुवाहाटी में होने वाले भारत-जापान शिखर बैठक को टाल दिया गया है। इस बैठक में जापानी पीएम शिंजो आबे को शिरकत करनी थी। आबे की 15 से 17 दिसंबर तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ वार्षिक शिखर वार्ता के लिए भारत आने की योजना थी। 


असम में विरोध प्रदर्शन:असम में नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर पिछले दो दिन से व्यापक विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। हजारों लोग इस विधेयक को वापस लिए जाने की मांग को लेकर निषेद्याज्ञा का उल्लंघन करके सड़कों पर उतर रहे हैं। गुरुवार को पुलिस के साथ झड़प में गुवाहाटी में कम से कम दो लोगों की मौत हो गई थी।इससे पहले जापान के जीजी प्रेस ने कहा था कि आबे भारत की अपनी यात्रा को रद्द करने पर विचार कर रहे हैं क्योंकि गुवाहाटी में सुरक्षा हालात खराब हो गए हैं। जापान और भारत की सरकारें अंतिम संभावना की तलाश कर रही हैं।


वहीं, नई दिल्ली में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार से जब यह पूछा गया था कि क्या 15-17 दिसंबर तक गुवाहाटी में भारत-जापान वार्षिक शिखर वार्ता होगी, इस पर उन्होंने कहा था कि अभी हमारे पास कोई नई जानकारी नहीं है।यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार आयोजन स्थल बदलने पर विचार कर रही है इस पर रवीश कुमार ने कहा था कि मैं इस पर कुछ भी बताने की स्थिति में नहीं हूं। अभी तक मेरे पास कोई नई जानकारी नहीं है। सूत्रों ने बताया कि जापान के एक दल ने तैयारियों का जायजा लेने के लिए बुधवार को गुवाहाटी का दौरा किया था।


इस शिखर वार्ता पर अनिश्चितता के बादल मंडराने के बीच पत्र सूचना कार्यालय, हिंदी ने अपने टि्वटर हैंडल पर वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल की उनके जापानी समकक्ष के साथ एक तस्वीर पोस्ट की थी। तस्वीर के कैप्शन में लिखा था कि 16 दिसंबर को मोदी-आबे की बैठक से पहले उनकी बैठक हुई है।


ऐसे सांसद को लोकसभा में रहने का हक?

नई दिल्ली | कांग्रेस नेता राहुल गांधी के रेप इन इंडिया बयान को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी उन्हें निशाने पर लिया। लोकसभा में राजनाथ ने कहा कि इस तरह के बयान ने न सिर्फ लोकसभा बल्कि पूरे देश को आहत किया है। ऐसे सदस्य को सदन में रहने का नैतिक अधिकार नहीं है। राजनाथ ने कहा कि मेक इन इंडिया की पहल भारत को आयात करने वाले देश से निर्यात करने वाले देश में तब्दील करने के लिए शुरू की गई थी। पीएम मोदी ने इसके जरिए देश के युवाओं को रोजगार देने की पहल की थी। लेकिन अब लोग इसे लेकर ऐसी टिप्पणी कर रहे हैं जो असहनीय है। 


उन्होंने कहा कि ऐसे सांसद को लोकसभा का सदस्य रहने का कोई अधिकार नहीं। जब भाजपा सांसदों अनंत हेगड़े और साध्वी निरंजन ज्योति ने विवादित बयान दिए थे तब उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी थी। लोकसभा में आज भाजपा सांसदों ने राहुल गांधी से उनके इस बयान पर माफी मांगने की मांग की। हालांकि राहुल ने इसे ठुकरा दिया।


योगी सरकार के सपनों का 'राक्षस'

प्राथमिक विद्यालय के बच्चों को नहीं पता है आज का दिन व गिनती और फलों का नाम।


मध्यान्ह भोजन के बाद परिसर में पढ़ने के बजाय खेलते पाए गए बच्चे।


प्रतापगढ़। सदर विकासखंड के अंतर्गत संसारपुर प्राथमिक विद्यालय के इंचार्ज एवं शिक्षामित्र सूबे की सरकार के सपनों को चूर चूर कर पलीता लगा रही हैं। जहां एक तरफ योगी सरकार शिक्षा को लेकर बहुत ही सक्रिय होते हुए पूरे देश में एक जैसी शिक्षा बच्चों को दिलाने के सपने देख रही हैं वही सदर विकासखंड के संसारपुर प्राथमिक विद्यालय में इसी का विपरीत हो रहा है जहां पर बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं नियुक्त शिक्षक एवं शिक्षिकाएं। प्रदेश सरकार जहां बच्चों को समुचित शिक्षा दी जाए जिससे प्रदेश एवं देश का साक्षरता में वृद्धि हो सके तो वही इसी का विपरीत हो रहा है , जिस समय बच्चों को मध्यान भोजन के बाद शिक्षा ग्रहण करने के लिए अपने अपने कक्ष संख्या में जाकर पढ़ाई करना चाहिए तो वही विद्यालय परिसर में बच्चे खेल में धूम मचा बैठे हैं और वही सभी शिक्षक एवं शिक्षिका अपने स्मार्टफोन में व्हाट्सएप , फेसबुक इत्यादि में व्यस्त हैं। प्राथमिक विद्यालय संसारपुर में इंचार्ज आरती त्रिपाठी तथा 2 शिक्षा मित्र सोना सिंह एवं अभिषेक सिंह की नियुक्ति की गई है ।
मीडिया के पहुंचने पर इंचार्ज की जानकारी के अनुसार शिक्षामित्र अभिषेक सिंह दोपहर के भोजन के लिए अपने घर पर गए हुए हैं , दोपहर लगभग 1:00 बज के 30 मिनट तक बच्चे परिसर में खेल रहे थे और शिक्षक व्यस्त मिले थे , जो कि कैमरे में कैद किया गया है।


पाकिस्तानी हिंदु शरणार्थियों ने मनाया जश्न

नयी दिल्ली। राज्यसभा से नागरिकता (संशोधन) विधेयक पारित होते ही दिल्ली के मजनू का टीला इलाके में वर्षों से रहे पाकिस्तानी हिंदुओं की बस्ती में उत्सव का माहौल हो गया। उन्होंने अपनी खुशी का इजहार पटाखें जलाकर, सीटी और ताली बजाकर किया। बच्चों ने अपनी खुशी तिरंगे के साथ पटाखे जलाकर प्रकट की और ''भारत माता की जय'' और ''जय हिंद'' के नारे लगाए। वहीं, बड़े बुजुर्गों ने एक दूसरे को बधाई दी और मिठाइयां बांटी। यहां रहने वाले एक परिवार ने संसद से विधेयक पारित होने के बाद अपनी बेटी का नाम ''नागरिकता'' रखा। बेटी की दादी मीरा दास ने कहा कि बच्ची का जन्म सोमवार को हुआ था और परिवार ने उसका नाम ''नागरिकता'' रखने का फैसला किया जो राज्यसभा से अब पारित हो चुका है।  मीरा ने भी लोकसभा में विधेयक के पारित होने की मन्नत मांगी थी और उस दिन उपवास रखा था। उन्होंने कहा, ''सुरक्षित पनाहगाह की तलाश में हम आठ साल पहले भारत आए थे। यह हमारा एकमात्र घर है लेकिन नागरिकता नहीं मिलने की वजह से हम दुखी थे। अब गर्व से कह सकते हैं कि हम भारतीय हैं और हम पक्षी की तरह उड़ सकते हैं।''
नागरिकता (संशोधन) विधेयक पर बुधवार को जब राज्यसभा में चर्चा चल रही थी उस समय दिल्ली में मौजूद पाकिस्तानी हिंदू शरणार्थी रेडियो से चिपके ध्यान से बहस सुन रहे थे जबकि कुछ फोन पर खबर देख रहे थे क्योंकि यह विधेयक भारत को आशियाना बनाने की उनकी इच्छा पर मुहर लगाने वाला था। मजनू का टीला इलाके में टेंट, बिना प्लास्टर की दीवार और टिन की चादरों से बनी छत के नीचे गुजर बसर कर रहे 750 पाकिस्तानी हिंदू पड़ोसी देश से शरण की आस में आए थे। कई अन्य रोहिणी सेक्टर नौ एवं ग्यारह, आदर्श नगर और सिग्नेचर ब्रीज के आसपास रह रहे हैं।  पाकिस्तान से आए हिंदुओं में शामिल 42 वर्षीय सोना दास 2011 में सर्द रात में धार्मिक यात्रा के नाम पर 15 दिनों के वीजा पर कपड़े के झोले के साथ हैदराबाद पाकिस्तान से आए थे और उन्हें नहीं पता था कि उनके और परिवार का भविष्य क्या होगा। आठ साल में कई बार प्रदर्शन और अदालती मुकदमों के बाद दास पत्नी और नौ बच्चों के साथ रह रहे हैं और उनको उम्मीद है कि इस विधेयक से उनकी जिंदगी में स्थिरता आएगी। दास कहते हैं, ''हम चूल्हे पर खाना पकाते हैं और सौर ऊर्जा से चार्ज होने वाली बैटरी की मदद से घर में रोशनी करते हैं। केवल दो या तीन घरों में ही टेलीविजन है। नगर निगम ने पानी की व्यवस्था की है लेकिन सीवर की सुविधा नहीं है। सरकार हमारी नहीं सुनती क्योंकि हमारे पास मतदान का अधिकार नहीं है।''  
उल्लेखनीय है कि नागरिकता (संशोधन) विधेयक में 31 दिसंबर 2014 तक भारत में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए गैर मुस्लिमों को नागरिकता देने का प्रावधान है। यह विधायक सोमवार को लोकसभा से पारित हो चुका है।  विधेयक के संसद के दोनों सदनों से पारित होने पर इन देशों से आए गैर मुस्लिमों के लिए भारत की नागरिकता पाने के लिए केवल पांच साल तक ही देश में रहने की अर्हता होगी जबकि पहले यह मियाद 11 साल थी। इस विधेयक को लेकर देश के कई हिस्सों में विरोध हो रहा है विपक्षी नेता इसे अनैतिक बता रहे हैं लेकिन मजनू के टीले में माहौल एकदम अलग है।  खिड़कियों से झांकती महिलाएं और घुमावदार सड़कों पर दौड़ते बच्चे खराब रास्तों के बावजूद मीडिया के लोगों के साथ पूरे इलाके में उत्साह के साथ नजर आए। वे मंदिर में प्रार्थना कर रहे हैं, ''जय हिंद और ''जय श्रीराम'' के नारे लगा रहे हैं। वहां जमे कुछ लोग जिनमें में अधिकतर दैनिक कामगार हैं बुधवार को चर्चा कर रहे थे कि राज्यसभा में विधेयक पारित होने पर उनकी जिंदगी में क्या बदलाव आएगा।  वर्ष 2013 में 484 पाकिस्तानी हिंदुओं के साथ आए धर्मवीर बागड़ी ने कहा, ''अगर हमें नागरिकता मिली तो अंतत: मुश्किल के दिन खत्म हो जाएंगे ।'' उन्होंने कहा, '' गैर सरकारी संगठन बहुत दयालु हैं जो मूलभूत स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराते हैं। कुछ लोग हैं जो हमारे मुद्दे को उठाते हैं।'' 
झोले में गर्म कपड़े और मिठाईयां लेकर आए दंपति भूपिंदर सरीन (45) और रीमा सरीन (43) ने उन दिनों को याद किया जब वे आठ साल पहले दिसंबर की कंपकपाती सर्दी में दास और अन्य पाकिस्तानी हिंदुओं से मिले थे। भूपिंदर ने बताया, ''दिसंबर की रात थी, बारिश हो रही थी और इन लोगों के पास कोई ठौर ठिकाना नहीं था। वे पेड़ के नीचे कांप रहे थे। तभी वहां पर गुजरने के दौरान मेरी नजर उन पर पड़ी। मैंने अपने दोस्त को बुलाया और हमनें अलाव और खाने की व्यवस्था की। जो प्यार के रिश्ते की शुरुआत उस रात हुई वह दिनोदिन और मजबूत होती चली गई।'' गत वर्षों में भूपिंदर ने यमुना किनारे रह रहे हिंदुओं की जरूरतों के बारे में विभिन्न मंत्रालयों, राजनेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और गैर सरकारी संगठनों को लिखा।  रीमा ने बताया, कुछ गैर सरकारी संगठनों, विश्वविद्यालय छात्रों, सेवानिवृत्त शिक्षकों और अस्पताल कर्मी सामने आए और उनकी थोड़ी बेहतर जिंदगी के लिए मदद की।नया पथ नामक गैर सरकारी संगठन के संजय गुप्ता ने बताया कि उनके संगठन ने पाकिस्तान से आए हिंदुओं के आधार कार्ड आवेदन, दीर्घकालिक वीजा, बैंक खाता और अन्य कानूनी मामलों में मदद की।  पाकिस्तानी शरणार्थी रजनी बागड़ी(26) ने कहा भारतीय मतदाता पहचान पत्र से बहुत मदद मिलेगी जो उसके भारतीय नागरिक होने का सबूत है। उन्होंने कहा, ''हमारी सरकार से मांग है कि हमें नागरिकता दें और ठीक ढंग से पुनर्वास करे।'' बागड़ी ने कहा, ''सरकार की कई योजनाएं हैं जो हमारी पहुंच से दूर है। अगर हमें नागरिकता मिलती है तो राजनीतिक पार्टियां और सरकार हम पर ध्यान देंगी।''


केंद्रीय कारागार में विचाराधीन कैदी की मौत

केन्द्रीय कारागार नैनी के विचाराधीन कैदी की मौत


प्रयागराज। केन्द्रीय कारागार नैनी के एक विचाराधीन कैदी की गुरुवार की सुबह एसआरएन अस्पताल में मौत हो गई। सूचना पर पुलिस ने शव कब्जे में लेकर विधिक कार्रवाई की।
  कर्नलगंज थाना क्षेत्र के बेली रोड निवासी राजेंद्र कुशवाहा (65 वर्ष) पुत्र राम औतार वर्ष 2016 में बेटे बलराम की हत्या के आरोप मामले में जेल गया था। उसके दो पुत्र एवं दो पुत्री हैं। उसकी नैनी जेल में 8 दिसम्बर को अचानक तबियत खराब हो गई। इसके बाद राजेंद्र को उपचार के लिए स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में भर्ती कराया गया, जहां उसकी गुरुवार की सुबह मौत हो गई। शव को चिकित्सकों ने अन्त्य परीक्षण के लिए चीर घर भेज दिया। पुलिस ने मृतक के परिजनों को खबर दे दी है। पुलिस ने बताया कि आज सुबह एक विचाराधीन कैदी की मौत हो गई। नैनी पुलिस शव कब्जे में लेकर विधिक कार्रवाई की।


बृजेश केसरवानी


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