सोमवार, 9 दिसंबर 2019

उड़ने वाली कार लॉन्च, कीमत 4.3 करोड़

फ्लोरिडा। कुछ लोगों को यह मजाक लग रहा होगा लेकिन टेक्नोलॉजी (Technology) ने इतनी बढ़त कर ली है कि अब दुनिया में उड़ने वाली कार भी लॉन्च हो चुकी है। इस कार की स्पीड (Speed) भी हैरान कर देने वाली है। कार की सबसे बड़ी खासियत ये है की इससे उन शहरों में फायदा होगा जहां ट्रैफिक की दिक्कत रहती है। ये कार उड़ने के साथ चल भी सकती है। इस कार को फ्लोरिडा (Florida) में लॉन्च किया गया है। इसका नाम पर्सनल एयर लैंडिंग व्हीकल रखा गया है। जानें गाड़ी की कामत और इसकी खासियत के बारे में,


इस गाड़ी को चलाने के लिए गैसोलीन की जरूरत पड़ती है और हवा में इसकी सबसे तेज गति 200 मील प्रति घंटा है। वहीं, सड़क पर इसकी गति 100 मील प्रति घंटा है। हॉलैंड में बनी इस गाड़ी का तेजी से उत्पादन किया जा रहा है। इस गाड़ी को खरीदने के लिए पहले ही 70 लोगों ने बुकिंग कर दी है। इसकी कीमत लगभग 4.3 करोड़ रुपए रखी गई है। इस गाड़ी की पहली डिलीवरी 2021 तक किए जाने की संभावना है। मियामी 2020 एंड बियॉन्ड नामक कार्यक्रम में पाल-वी को प्रदर्शित किया गया।


इसमें 230 हॉर्सपावर के चार सिलेंडर इंजन लगाए गए हैं। यह गाड़ी तीन सीट वाली कार से दो सीट वाले गायरोकॉप्टर में सिर्फ 10 मिनट में बदल जाती है। गाड़ी आठ सेकेंड के अंदर शून्य से 60 मील प्रति घंटे की रफ्तार पकड़ सकती है। इस उड़ने वाली गाड़ी में दो लोगों के बैठने की जगह है और इसमें 230 हॉर्सपावर के चार सिलेंडर इंजन दिए गए हैं। इस कार को कॉर्बन फाइबर, टाइटेनियम और एल्युमिनियम से बनाया गया है और इसका वजन 680 किलोग्राम है। इस कार को कॉर्बन फाइबर, टाइटेनियम और एल्युमिनियम से बनाया गया है।


शाहिदा महाराष्ट्र महिला सेल की अध्यक्ष

मुंबई! भारतीय मानव समाज सेवक संस्थान के द्वारा समाज सेविका कुमारी शेरबानो शाहिदा दरबार को महाराष्ट्र महिला सेल( इंडिया वर्किंग मैनेजमेंट) का अध्यक्ष नियुक्त किया है! शेर बानो शाहिदा को सभी ने बधाई दी, उनकी लंबी उम्र की कामना की गई! ऊंच-नीच को त्याग कर, सबका साथ, सहयोग, सहायता के साथ-साथ राजधर्म का पालन करने की अपेक्षा की गई है! जनता की मूल समस्याओं का विरोध करना, जनविकास ही हमारी प्राथमिकता है!
शिक्षा-स्वच्छता, योजनाओं का प्रचार-प्रसार समाज और एवं सुरक्षा के साथ, महिलाओं को स्वावलंबी बनाने हेतु स्वरोजगार एवं परीक्षण का कार्य संस्था का मूल उद्देश्य्य है!


औद्योगिक इमारत निर्माण में रखे ध्यान

औद्योगिक इमारतों के निर्माण के लिए उपयुक्त स्थान का चुनाव करते समय निम्नलिखित बातों पर ध्यान देना आवश्यक हैं : विद्युत्शक्ति और जल सस्ता और पर्याप्त मात्रा में मिल सके। आवश्यक मात्रा और संतोषजनक रूप में श्रम सुलभ हो। कच्चे माल और आवश्यक उपकरण को उचित व्यय और सुविधाजनक रीति से प्राप्त करने तथा प्रस्तुत माल को बाहर भेजने के लिए समुद्र या नौसंवहन योग्य नदी, रेल लाइन और पक्की सड़क हो। व्यवसायजन्य रद्दी सामानों के उचित विक्रय की सुविधा हो। भूमि भवननिर्माण योग्य हो और पड़ोस ऐसा हो जिससे भविष्य में उद्योग का कम खर्च से सुविधाजनक एवं संतोषजनक रूप से विस्तार संभव हो सके। युद्धकालीन बमबारी जैसे जोखिमों से बचने के लिए यथासंभव जनाकीर्ण एंव सामरिक महत्व के क्षेत्रों को नहीं चुनना चाहिए।


स्थान की आवश्यकता पर सावधानी से विचार करना चाहिए। विभिन्न एककों की रचना बड़ी सतर्कता से करनी चाहिए जिससे दैनिक कार्यसंचालन में शक्ति का अपव्यय न हो और न स्थान, सामग्री, श्रम या धन की बरबादी हो। आयोजन सरल होना चाहिए जिससे कम से कम खर्च में प्रतिष्ठान में कार्य करनेवालों की कार्यक्षमता अधिक से अधिक बढ़ाई जा सके और उन्हें अधिकतम सुख सुविधा प्राप्त हो सके। जलवायु की स्थिति, वायुप्रवाह की दिशा, वर्षा की मात्रा आदि पर भी उचित ध्यान देना आवश्यक है। इमारतें एकमंजिली हों या कई मंजिलों की, यह उद्योगविशेष की अपनी आवश्यकताओं, भूमि के आपेक्षिक मूल्य, भूमि की स्थिति तथा क्षेत्रफल आदि पर निर्भर है। कई मंजिलोंवाली इमारतों में अग्नि के नियंत्रण के लिए स्वचालित व्यवस्था होनी चाहिए जिससे बीमे का खर्च कम हो। अग्निकांड और संकट के समय निकल भागने का भी उचित प्रबंध आवश्यक है। लिफ़्ट और स्वचालित सोपानों की व्यवस्था भी हो सके तो अच्छा है।


यह ध्यान रखना आवश्यक है कि प्रत्येक विभाग का विस्तार समय आने पर उचित रीति और कम व्यय से किया जा सके और इससे उत्पादन में कोई ह्रास न हो। प्रतिष्ठान के विस्तार के अनुरूप जलपान एवं भोजनगृह, विश्रामकक्ष, शौचालय, बहुमूल्य वस्तुओं को रखने के लिए सुरक्षित स्थान, चिकित्सालय एवं क्रीड़ांगण आदि कल्याणकारी सुविधाएँ भी नितांत अपेक्षित हैं। वास्तु को प्रभावशाली बनाने के लिए भवन के आकार प्रकार, बनावट, सौष्ठव और सम्यक् अनुपात का ध्यान रखना चाहिए। कर्मचारियों की मनोदशा और मानसिक वृत्तियों पर रंगों के आयोजन का बड़ा प्रभाव पड़ता है, जिससे अंतत: उत्पादन के परिमाण और अच्छाई दोनों प्रभावित होते हैं। प्रतिष्ठान की भीतरी दीवालों की रँगाई हल्के रंगों से या सफेद होनी चाहिए। इमारतों में रोशनी की पर्याप्त व्यवस्था होनी चाहिए जिससे निरंतर एकरूप प्रकाश मिल सके, किंतु चकाचौंध न उत्पन्न हो। प्राकृतिक प्रकाश का अधिकतम लाभ उठाना चाहिए। रात के समय कृत्रिम प्रकाश के रूप में बिखरकर आया बिजली का श्वेत प्रकाश अपेक्षित होता है। प्राय: विद्युन्नलिकाएँ (फ़्लुओरेसेंट ट्यूब लाइट) सर्वाधिक सुविधाजनक होती हैं। इसके लिए प्राकृतिक और कृत्रिम दोनों प्रकार की व्यवस्थाएँ की जा सकती हैं। तंबाकू, औषध और वस्त्रोद्योग जैसे प्रतिष्ठानों में, जहाँ ताप एवं आर्द्रता का नियंत्रण और धूलिकणों का दूर रखना बहुत आवश्यक होता है, वायु अनुकूलन की भी व्यवस्था करनी पड़ती है। औद्योगिक इमारतों का निर्माण अग्निसह होना चाहिए।


कुछ देशों में कारखानों की वृद्धि इतनी अधिक हुई है कि शहरों में उनका बनाना असंभव हो गया है। इसलिए बड़े कारखाने शहर से दूर बनाए जाते हैं और पास में ही कार्यकर्ताओं के लिए गृह, पाठशाला, उद्यान, अस्पताल, बाजार, सिनेमा आदि सभी विशेष रूप से बनाए जाते हैं। इस प्रकार प्रत्येक कारखाना एक छोटा सा नगर ही हो जाता है!


काली-सफेद मिर्च में औषधीय गुण

इसके दानों में 5 से 9 प्रतिशत तक पिपेरीन (Piperine), पिपेरिडीन (Piperidin) और चैविसीन (Chavicine) नामक ऐल्केलायडों के अतिरिक्त एक सुगंधित तैल 1 से 2.6 प्रति शत तक, 6 से 14 प्रति शत हरे रंग का तेज सुगंधित गंधाशेष, 30 प्रति शत स्टार्च इत्यादि पाए जाते हैं।


काली मिर्च सुगंधित, उत्तेजक और स्फूर्तिदायक वस्तु है। आयुर्वेद और यूनानी चिकित्साशास्त्रों में इसका उपयोग कफ, वात, श्वास, अग्निमांद्य उन्निद्र इत्यादि रोगों में बताया गया है। भूख बढ़ाने और ज्वर की शांति के लिए दक्षिण में तो इसका विशेष प्रकार का 'रसम' भोजन के साथ पिया जाता है। भारतीय भोजन में मसाले के रूप में इसका न्यूनाधिक उपयोग सर्वत्र होता है। पाश्चात्य देशों में इसका विशिष्ट उपयोग विविध प्रकार के मांसों की डिब्बाबंदी में, खाद्य पदार्थो के परिरक्षण के लिए और मसाले के रूप में भी किया जाता है।सफेद मिर्च, काली मिर्च की एक विशेष किस्म है जिसकी कटाई फसल पकने से पहले ही हो जाती है। सफेद और काली मिर्च दोनों एक ही पौधे के फल हैं; बस अपने रंग की वजह से उनका इस्तेमाल अलग हो जाता है। सफेद मिर्च का प्रयोग आमतौर हल्के रंग के व्यंजनों जैसे कि सूप, सलाद, ठंडाई, बेक्ड रेसिपी इत्यादि में किया जाता है!


वजन घटाने में लाभकारी अखरोट

अखरोट (Walnut) वजन घटाने का बेहतरीन स्रोत है। यह शरीर में थर्मोजेनिक प्रभाव पैदा करता है, जिससे हृदय की धमनियों में जमा हुआ वसा घुलनशील अवस्था (Soluble state) में आकर धीरे-धीरे खत्म होने लगता है। इस तरह से आपके हृदय (Heart) को शरीर में रक्त संचार के लिए अधि‍क मेहनत नहीं करनी पड़ती। प्राकृतिक मिनरल्स (Natural mineral) से भरपूर अखरोट में जिंक, कॉपर, फास्फोरस, आयरन और कैल्शि‍यम जैसे तत्व भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो आपके शरीर के आंतरिक अंगों को पोषि‍त कर उन्हें बेहतर तरीके से कार्य करने के लिए प्रेरित करते हैं।


अखरोट की 100 ग्राम मात्रा में लगभग 600 कैलोरी होती है। जिसे खाने से शरीर को अत्यधि‍क एनर्जी (Energy) मिलती है। जैसा कि हमने कहा है कि अखरोट वजन घटाने (Weight loss) के लिए भी बेहतरीन है, क्योंकि इसकी थोड़ी मात्रा भी आपको विटामिन एफ, सी, विटामिन बी9, बी2 और विटामिन ए मिलता है। इन सभी विटामिन और मिरनल्स के अलावा अखरोट फैटी एसिड, ओमेगा 3 और ओमेगा 6 का भी एक बेहतरीन स्रोत माना जाता है, जो आपके मस्तिष्क के अंगों के लिए बहुत फायदेमंद है और याददाश्त बढ़ाने में भी मदद करते हैं।


यही नहीं, अखरोट पैंक्रियाज ग्रंथि (Pancreatic gland) में भी होने वाले कैंसर से बचाता है और महिलाओं में स्तन कैंसर (Breast Cancer) की संभावना को कम करता है। इसके अलावा यह रक्त को जमने से रोकता है और टाइप 2 डाइबिटीज से भी आपको बचाता है। रोजाना कम कम मात्रा में अखरोट को खाएं, इससे सेहत हमेशा अच्छी रहेगी। अखरोट एक अच्छा ऑप्शन माना जाता है क्योंकि इसको खाने से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याओं से बचाव मिलेगा।


विधेयक हिंदू-मुस्लिमों का अदृश्य विभाजन

मुंबई! लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक (कैब) पेश किए जाने के मद्देनजर शिवसेना ने सवाल उठाए कि क्या हिंदू अवैध शरणार्थियों की 'चुनिंदा स्वीकृति' देश में धार्मिक युद्ध छेड़ने का काम नहीं करेगी और उसने केंद्र पर विधेयक को लेकर हिंदुओं तथा मुस्लिमों का 'अदृश्य विभाजन' करने का आरोप लगाया! उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने यह भी कहा कि विधेयक की आड़ में 'वोट बैंक की राजनीति' करना देश के हित में नहीं है! पार्टी के मुखपत्र 'सामना' में एक संपादकीय में शिवसेना ने विधेयक के समय पर सवाल उठाते हुए कहा, 'भारत में अभी दिक्कतों की कमी नहीं है लेकिन फिर भी हम कैब जैसी नयी परेशानियों को बुलावा दे रहे हैं! ऐसा लगता है कि केंद्र ने विधेयक को लेकर हिंदुओं और मुस्लिमों का अदृश्य विभाजन किया है!'


साथ ही शिवसेना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कुछ पड़ोसी देशों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील की !शिवसेना ने सवाल किया, 'यह सच है कि हिंदुओं के लिए हिंदुस्तान के अलावा कोई दूसरा देश नहीं है, लेकिन अवैध शरणार्थियों में से केवल हिंदुओं को स्वीकार करके देश में एक गृह युद्ध नहीं छिड़ जाएगा?' उसने कहा, 'अगर कोई नागरिकता (संशोधन) विधेयक की आड़ में वोट बैंक की राजनीति करने की कोशिश करता है तो यह देश के हित में नहीं है.' संपादकीय में कहा गया है, 'पाकिस्तान की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अन्य पड़ोसी देशों को भी कड़ा सबक सिखाना चाहिए जो हिंदू, सिख, ईसाई, पारसी और जैन समुदायों पर अत्याचार करते हैं! शिवसेना ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पहले ही दिखाया है कि कुछ चीजें ''मुमकिन” हैं! उसने जम्मू कश्मीर में कश्मीरी पंडितों का 'पुनर्वास न किए जाने' का लेकर भी भाजपा पर तीखा हमला किया!पार्टी ने कहा, ''यह स्पष्ट नहीं है कि वे (पंडित) अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद भी जम्मू कश्मीर जाएंगे या नहीं! क्या केंद्र जम्मू कश्मीर में पड़ोसी देशों के अवैध शरणार्थियों को फिर से बसाएगा! क्योंकि अब वह आधिकारिक रूप से देश के शेष हिस्से से जुड़ा हुआ है?'


हंगामे के बीच संसद में 'विधेयक' पारित

नयी दिल्ली। देश का चिर प्रतिक्षित नागरिक संशोधन बिल आज संसद में लाया गया है। बिल को प्रस्तुत किया जाये या नहीं, इस पर वोटिंग हो रही है। गृहमंत्री अमित शाह ने इस बिल को सदन में लाया। इस दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष में तीखी बहस भी हुई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में नागरिकता बिल को पेश किया. इसपर अधीर रंजन चौधरी ने विरोध जताया जिसपर अमित शाह ने जवाब दिया. अमित शाह ने अधीर रंजन को जवाब देते हुए कहा कि ये बिल कहीं पर भी इस देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है।


लोकसभा में गृहमंत्री अमित शाह ने पेश किया नागरिकता संशोधन विधेयक, कहा- यह बिल 0.001% भी देश के अल्पसंख्यकों के खिलाफ नहीं है! बिल पेश होते ही लोकसभा में हंगामा, कांग्रेस ने विरोध किया! अमित शाह ने कहा कि बिल पर चर्चा हो सकती है लेकिन इसके मेरिट पर चर्चा नहीं हो सकती! अमित शाह ने कहा- मैं सारे सवालों के जवाब दूंगा, वॉक आउट कर जाना!


क्या है उस बिल में जानिये:संशोधन बिल इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार गैर मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता देने का प्रावधान है! इस विधेयक में छह दशक पुराने नागरिकता कानून में संशोधन की बात है और इसके बाद इस पर चर्चा होगी और इसे पारित कराया जाएगाा! इस विधेयक के कारण पूर्वोत्तर के राज्यों में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं और काफी संख्या में लोग तथा संगठन विधेयक का विरोध कर रहे हैं! उनका कहना है कि इससे असम समझौता 1985 के प्रावधान निरस्त हो जाएंगे जिसमें बिना धार्मिक भेदभाव के अवैध शरणार्थियों को वापस भेजे जाने की अंतिम तिथि 24 मार्च 1971 तय है! प्रभावशाली पूर्वोत्तर छात्र संगठन (नेसो) ने क्षेत्र में दस दिसम्बर को 11 घंटे के बंद का आह्वान किया हैै! नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसम्बर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी नहीं माना जाएगा बल्कि उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी! यह विधेयक 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में भाजपा का चुनावी वादा था! भाजपा नीत राजग सरकार ने अपने पूर्ववर्ती कार्यकाल में इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया था और वहां पारित करा लिया था! लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों में प्रदर्शन की आशंका से उसने इसे राज्यसभा में पेश नहीं किया! पिछली लोकसभा के भंग होने के बाद विधेयक की मियाद भी खत्म हो गयी!


सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...