सोमवार, 9 दिसंबर 2019

हम दो, हमारे पांच होने चाहिए: भराला

लखनऊ! अपने बयानों को लेकर अक्सर सुर्खियों में रहने वाले योगी सरकार के मंत्री सुनील भराला ने हिंदू परिवारों को तीन बच्चे पैदा करने की सलाह दी है! भराला का कहना है कि आज समाज में केवल दो बच्चे पैदा करने की मांग उठ रही है! हालांकि अभी ऐसा कोई कानून हीं है लेकिन अधिकांश हिंदू परिवार एक ही बच्चे तक सीमित हो गए हैं!


भराला ने आगे कहा कि व्यक्तिगत तौर पर मेरा मानना है कि हम पांच का विचार अपनाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हर परिवार में तीन बच्चे होने चाहिए और उनमें से एक लड़की हो! भराला का कहना है कि दादी-चाची के रिश्तों का क्या होगा! भाजपा नेता भराला ने कहा कि विशेष समुदाय को दो से ज्यादा बच्चे पैदा करने पर किसी भी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिलना चाहिए! जनसंख्या पर कानून बहुत जरूरी हो गया है!


उत्तर प्रदेश श्रम कल्याण परिषद के अध्यक्ष पंडि़त सुनील भराला ने इससे पहले किसानों को वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए हवन कराने की सलाह दी थी! तीन नवंबर को उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री सुनील भराला ने किसानों को वायु प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए हवन कराने की सलाह दी थी! भराला ने कहा कि सरकार परंपरा के तहत यज्ञ करवाकर भगवान इंद्र देव को मनाए! इंद्र भगवान बरसात कराएंगे और सबकुछ ठीक कर देंगे!


घटिया निर्माण सामग्री,विधायक का आरोप

राणा ओबराय

जींद नगरपालिका अधिकारीयो ने एमएलए के आदेश को कर दिया बेअसर, विधायक मिड्डा ने पार्क निर्माण में घटिया सामग्री के प्रयोग का लगाया आरोप
जींद! जींद के स्थानीय विधायक डॉक्टर कृष्ण मिड्ढा ने जींद शहर के सफीदों रोड पर चल रहे अटल पार्क के निर्माण कार्य पर औचक निरीक्षण किया जिसमें विधायक ने अनेक खामियां पकड़ी और जिस तरह से घटिया सामग्री का प्रयोग निर्माण कार्य में किया जा रहा था। वह एक जांच का विषय बन गया है। विधायक ने तुरंत प्रभाव से जींद के उपायुक्त डॉ आदित्य दहिया से संपर्क किया और सैंपल भरे जाने के आदेश किए। उपायुक्त ने तुरंत प्रभाव से संज्ञान लेते हुए सड़क भवन एवं निर्माण विभाग के आला अधिकारियों को सैंपल भरे जाने के लिए भेज दिया। लेकिन नगर परिषद विभाग से उपायुक्त महोदय के निर्देश के बाद भी कोई कर्मचारी और अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। विधायक और अधिकारियों ने नगर परिषद के अधिकारियों का करीब 2 घंटे इंतजार किया लेकिन एक भी कर्मचारी मौके पर नहीं पहुंचा मीडिया से रूबरू होते हुए विधायक ने कहा कि लगभग 5:50 करोड़ की लागत से यह निर्माण कार्य जारी है और यह क्षेत्र की मुख्य मांग थी लेकिन जिस तरह से घटिया सामग्री का प्रयोग किया जा रहा है इसमें नगर परिषद जींद के अधिकारियों और ठेकेदार के बीच भ्रष्टाचार की बू आ रही है। जिसकी शिकायत वह यूएलबी डायरेक्टर से भी करेंगे।


जेवर हवाई अड्डे पर कैबिनेट की मुहर

उत्तर प्रदेश जेवर हवाईअड्डे का निर्माण करेगा ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल कैबिनेट की लगी मुहर 


लखनऊ! उत्तर प्रदेश मंत्रिमण्डल ने जेवर हवाईअड्डे के निर्माण का जिम्मा ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को सौंपने के निर्णय पर सोमवार को मुहर लगा दी। प्रदेश सरकार के प्रवक्ता एवं कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने मंत्रिमण्डल की बैठक के बाद  बताया कि जेवर में बनने वाले नोएडा इंटरनेशनल ग्रीनफील्ड हवाईअड्डे के निर्माण की निविदा में सबसे उपयुक्त पेशकश रखने वाली कम्पनी ज्यूरिख एयरपोर्ट इंटरनेशनल को चुना गया था। कैबिनेट ने सोमवार को इस पर मुहर लगा दी है। 


उन्होंने बताया कि हवाईअड्डा निर्माण के लिये चार निविदाएं आयी थीं। उसके भारांक औसत (वेटेड एवरेज) के आधार पर ज्यूरिख हवाईअड्डा इंटरनेशनल को चुना गया है। वह सरकार को प्रति यात्री सबसे ज्यादा 406 रुपये देगा, जो सबसे ज्यादा है। सिंह ने बताया कि अनुमान है कि जेवर एयरपोर्ट का निर्माण कार्य अगले साल फरवरी तक शुरू हो जाएगा। उन्होंने कहा कि यह देश में अपनी तरह की पहली परियोजना है जिसमें 'टेंडर स्पेसिफिकेशन फ्रीबिड' के दौरान संशोधन के बाद तकनीकी दक्षता या वित्तीय निविदा प्रक्रिया में एक भी संशोधन की जरूरत नहीं पड़ी। नीति आयोग समेत हर जगह इसकी प्रशंसा हो रही है कि उत्तर प्रदेश में ने जो आदर्श बनाये हैं, उन्हें निविदा की बुकरूल के तौर पर सहेजा जाए।


सहकारी बैंक, बैंकिंग-अधिनियम दायरे में

एक आधिकारिक सूत्र ने संभावित बदलावों पर कहा, 'आरबीआई और वित्त मंत्रालय के बीच चर्चा काफी आगे बढ़ चुकी है। इस आशय के बदलाव वाले विधेयक को संसद के मौजूदा सत्र में ही पेश किया जा सकता है। इतना साफ है कि दोहरा नियमन खत्म हो जाएगा।'
शहरी सहकारी बैंकों का नोडल प्रभार कृषि मंत्रालय के पास है। इस संबंध में राज्य सरकारों की तरफ से भी सूचनाएं आने की संभावना है। आर गांधी समिति ने 2015 की अपनी रिपोर्ट में कहा था कि 20,000 करोड़ रुपये से अधिक कारोबार वाले सहकारी बैंकों को वाणिज्यिक बैंक बना दिया जाए। इस सुझाव पर फिर से गौर किया जा रहा है। यहां तक कि इस स्तर से नीचे के सहकारी बैंकों को भी बैंकिंग अधिनियम के दायरे में लाया जा सकता है। मसलन, संकट में फंसे पंजाब एवं महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक का कारोबारी आकार 12,000 करोड़ रुपये ही था। एक अन्य सूत्र कहते हैं, 'भले ही 20,000 करोड़ रुपये की सीमा रखने पर चर्चा चल रही है लेकिन ऐसी कोई वजह नहीं है कि इसे नीचे नहीं लाया जा सकता।'


गांधी समिति ने यह भी कहा था कि सहकारी बैंकों का वाणिज्यिक बैंक में रूपांतरण 'कानूनी तौर पर सही होना' जरूरी नहीं है। इसके अलावा यूसीबी के अनियंत्रित विस्तार पर लगाम रखने के लिए शाखाओं की संख्या, परिचालन क्षेत्र एवं कारोबार पर सजग नजर रखनी होगी। बड़े यूसीबी अमूमन एक से अधिक राज्यों में मौजूद हैं और एक निश्चित सीमा से ऊपर होने पर उन्हें अधिसूचित वाणिज्यिक बैंक बनाने के सिवाय कोई चारा नहीं रह जाएगा।


बड़े शहरी सहकारी बैंक को लघु वित्त बैंक (एसएफबी) बनाने का विचार पहले ही छोड़ दिया गया है। दरअसल एसएफबी पर लाइसेंस शर्तों के तहत कई पाबंदियां होती हैं जो बांटे जाने वाले कर्ज के आकार और व्यवसाय की प्रकृति से जुड़ी होती हैं।


आरबीआई ने अपनी हालिया मौद्रिक नीति समीक्षा में यूसीबी के भविष्य को लेकर कुछ संकेत दिए। उसने कहा कि बड़ी जमाओं के बारे में जानकारी मुहैया कराने को लेकर नए दिशानिर्देश बनाए जा रहे हैं। बड़े यूसीबी पर बैंकिंग नियमन अधिनियम लागू होने के बाद बेसल-3 मानकों का पालन करना वाणिज्यिक बैंकों की ही तरह जरूरी हो जाएगा। फिलहाल शहरी सहकारी बैंक बेसल-1 मानक का ही अनुसरण करते हैं जो पुराना हो चुका है। हालांकि उन्हें बेसल-3 के अनुसरण के लिए समय दिया जाएगा। अभी तक केवल एक बार ऐसा हुआ है जब किसी यूसीबी को वाणिज्यिक बैंक बनाया गया था। यह वाकया 1996 में डीसीबी बैंक के साथ हुआ था और वह भी जबरन नहीं हुआ था। जहां तक छोटे यूसीबी का सवाल है तो वे पहले की तरह सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार के नियमन में ही बने रहेंगे। इससे अपने पूंजी ढांचे को देखते हुए उनके पास वृद्धि के सीमित अवसर ही रहेंगे। ऐसे में इससे इनकार नहीं किया जा सकता है कि आगे चलकर कोई एसएफबी या वाणिज्यिक बैंक उनका अधिग्रहण कर लें।


वाराणसी में लूट के बाद मारी गोली

ए जावेद


वाराणसी। वाराणसी में अपराधियों की ख़ामोशी और नए एसएसपी के आगमन के बाद दुरुस्त पुलिसिंग को एक बार फिर अपराधियों ने चुनौती दे डाली है। कोतवाली थाना क्षेत्र और आदमपुर थाना क्षेत्र के लगभग बॉर्डर और दो पुलिस चौकियो के बीच चंद कदमो की दुरी पर आज सुबह तीन बदमाशो ने एक व्यवसाई को गोली मार कर लूट की घटना को दुस्साहसिक तरीके से अंजाम दिया है।


घटना के सम्बन्ध में प्राप्त समाचारों के अनुसार आज अहले सुबह कतुआपुरा निवासी ओमप्रकाश जायसवाल जो विशेश्वरगंज मंडी में घी-तेल के कमीशन एजेंट के तौर पर काम करते हैं। सुबह वह अपने घर से बाहर निकले थे। मच्छोदरी कूड़ाखाना के पास तीन बदमाशों ने उनकी जेब में मौजूद पैसा छीनने का प्रयास किया तो उन्होंने इसका विरोध किया। इस पर बदमाशों ने उन्हें गोली मारकर 50 हजार रुपये छीन लिए और भाग निकले। वहीं सुबह के वक्त गोली मारकर लूट की सूचना पर एसएसपी प्रभाकर चौधरी, एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह और सीओ कोतवाली बृजनंदन राय भी घटनास्थल पर पहुंच गए। इसके बाद स्थानीय लोगों की मदद से अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों के अनुसार तमंचे से निकली गोली ओमप्रकाश की बाईं बांह को आरपार करते हुए पीठ में लगी है। एसपी सिटी दिनेश कुमार सिंह ने बताया कि घटनास्थल के आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाल कर बदमाशों को चिन्हित करने का प्रयास किया जा रहा है।घटना के बाद एक्शन में आई पुलिस ने आस पास के सीसीटीवी फुटेज खंगालना शुरू कर दिया है। समाचार लिखे जाने तक बदमाशो की शिनाख्त नही हो सकती है।


बताया जाता है कि घायल व्यवसाई ओम प्रकाश जायसवाल पास ही बिशेश्वरगंज मंडी में घी तेल के कमीशन एजेंट के रूप में कार्य करते है। आज सुबह वह कुछ काम से अपने आवास से मछोदरी होते हुवे जा रहे थे, तभी घात लगाए बदमाशो ने घटना को अंजाम दे डाला। घटना गायघाट पुलिस चौकी से मात्र 20 कदमो के दुरी पर हुई थी। घटना की सुचना पाकर मौके पर पहुची पुलिस सुरग्गाशी में लगी है। वही दूसरी तरफ लूट का समाचार मिलते ही पुरे शहर में वाहन चेकिंग का अभियान शुरू कर दिया गया मगर कोई सफलता पुलिस के हाथ नही लगी है। पुलिस घटनास्थल और आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाल रही है। मामले में पुराने अपराधियों की गतिविधिया भी खंगाली जा रही है। लबेरोड़ इस दुस्साहसिक घटना के बाद क्षेत्र में दहशत का माहोल फ़ैल गया। यहाँ एक बार फिर हम आपको आम जनता की गतिविधियों पर ध्यान केन्द्रित करवा दे कि घटना के समय आसपास काफी लोग रहे होंगे, मगर किसी ने भी साहस थोडा भी नहीं दिखाया और घटना करने के बाद बदमाश आराम से मौके से फरार हो गए। आम तौर पर बिजली पानी की समस्या के लिए सडको पर आने वाली और बवाल काटने वाली जनता सुरक्षा के इन मुद्दों पर अपराध होते हुवे खामोश देखती रहती है।


बहरहाल, पुलिस प्रकरण में अपनी तफ्तीश में जुटी हुई है। कैमरों को खंगाला जा रहा है। क्राइम ब्रांच से लेकर आदमपुर और कोतवाली पुलिस और क्षेत्राधिकारी कोतवाली के साथ साथ खुद एसपी (सिटी) दिनेश सिंह घटना के जल्द खुलासे के लिए मेहनत मशक्कत कर रहे है। एक एक छोटी छोटी गतिविधियों का बारीकी से पुलिस अध्यन कर रही है। पुलिस जल्द ही घटना के खुलासे का दावा कर रही है।


'बीयर पीना' दूध से ज्यादा फायदेमंद

शराब या बियर पीना सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। शायद इसी वजह से हमें बचपन से ही दूध पीने के फायदों के बारे में बताया जाता है। वहीं, दूसरी ओर पेटा (पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल) ने दूध पीने से ज्यादा बियर पीना फायदेमंद बताया है। शारीरिक और मानसिक विकास के लिए दूध के फायदे हमें बचपन से ही बताए जा रहे हैं। इसके फायदों को देखते हुए तो कुछ परिवारों में रोजाना लोगों को एक से दो ग्लास दूध पीने के लिए दिया जाता है।


पेटा के अनुसार बियर पीना दूध से ज्यादा फायदेमंद है! बियर न सिर्फ हड्डियों को मजबूत बनाता है, बल्कि इसे पीने से उम्र भी बढ़ती है। पेटा ने लोगों को दूध न पीने की सलाह दी है।इतना ही नहीं, पेटा ने दूध पीने के कई नुकसान भी उजागर किए हैं। इसमें बताया गया है कि दूध मोटापा, डायबिटीज और कैंसर जैसी घातक बीमारियों का कारण भी बनता है।


पेटा ने यह दावा हार्वर्ड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ की एक रिपोर्ट के आधार पर किया है। इस बयान को शाकाहारी होने के फायदों से जोड़कर भी देखा जा रहा है। हालांकि इस दावे के बाद एक बड़ी बहस छिड़ गई है। बियर को एक एल्कोहल बेवरेज माना जाता है। इसे बनाने में जिन चीजों का इस्तेमाल किया जाता है उसमें कई पोषक तत्व पाए जाते हैं। बियर बनाने में जौ, गेहूं, मक्का और चावल का इस्तेमाल होता है। इतना ही नहीं, बियर में मौजूद 90 प्रतिशत पानी के अलावा फाइबर, कैल्शियम, आयरन समेत शरीर को फायदा पहुंचाने वाले कई पोषक तत्व होते हैं।


बियर इंसान के हड्डियों को भी मजबूत बनाने का काम करती है। शरीर की मांसपेशियों के विकास के लिए भी इसे काफी फायदेमंद बताया जाता है। जबकि दूध पीने से कई तरह के हृदय रोग, मोटोपा, डायबिटीज और कैंसर की बीमारियों उत्पन्न होती हैं। पेटा की तरफ से जारी बयान में यह भी बताया गया कि बियर दूध से ज्यादा फायदेमंद हो सकती है, लेकिन फिर भी वो एल्कोहो युक्त प्रोडक्ट है। जरूरत से ज्यादा बियर पीना भी सेहत के लिए खतरनाक है। इस खबर की पुष्टि खबरीलाल नहीं करता।


'फाँसी के फंदे' तैयार करने का निर्देश

10 फांसी के फंदे तैयार करने के जो निर्देश प्राप्त हुए क्या


रवि ठाकुर


पटना! बिहार की बक्सर जेल को इस सप्ताह के अंत तक फांसी के दस फंदे तैयार रखने का निर्देश दिया गया है, जिससे यह कयास लगाया जा रहा है कि ये दिल्ली के बहुचर्चित निर्भया मामले के दोषियों के लिए हो सकते हैं। बिहार की बक्सर जेल, राज्य की एकमात्र ऐसी जेल है जिसे फांसी के फंदा बनाने में महारत हासिल है। इस आशय का निर्देश पिछले सप्ताह प्राप्त हुआ था, हालांकि जेल प्रशासन को यह नहीं पता है कि फांसी के इन फंदों के लिए मांग कहां से और किस उद्देश्य से की गई है। बक्सर जेल अधीक्षक विजय कुमार अरोड़ा ने बताया कि हमें पिछले सप्ताह जेल निदेशालय से 14 दिसंबर तक 10 फांसी का फंदा तैयार करने के निर्देश मिले थे। हमें नहीं पता कि ये कहां इस्तेमाल होने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि संसद हमले के मामले में अफजल गुरु को मौत की सजा देने के लिए इस जेल में तैयार किए गए फांसी के फंदे का इस्तेमाल किया गया था। 2016-17 में हमें पटियाला जेल से आदेश मिले थे, हालांकि हम यह नहीं जानते कि किस उद्देश्य के लिए वे फंदे तैयार कराए गए थे।
अरोड़ा ने कहा कि बक्सर जेल में लंबे समय से फांसी के फंदे बनाए जाते हैं और एक फांसी का फंदा 7200 कच्चे धागों से बनता है। उसे तैयार करने में दो से तीन दिन लग जाते हैं जिस पर पांच-छह कैदी काम करते हैं तथा इसकी लट तैयार करने में मोटर चालित मशीन का भी थोड़ा उपयोग किया जाता है। उन्होंने बताया कि पिछली बार जब यहां से फांसी के फंदे की आपूर्ति की गई थी, तो एक की कीमत 1725 रुपए रही थी, पर इस बार 10 फांसी के फंदे तैयार करने के जो निर्देश प्राप्त हुए हैं, उसमें पीतल के बुश जो कि गर्दन में फंसती है, की कीमत में हुए इजाफा के कारण फांसी के फंदे की कीमत में थोड़ी बढोतरी हो सकती है।
यह कयास लगाया जा रहा है कि 16 दिसंबर 2012 को दिल्ली में एक चलती बस में एक युवती से बलात्कार के चार दोषियों को इस महीने के अंत में फांसी दी जा सकती है। संयोग से, निर्भया मामले के दोषियों में से एक अक्षय ठाकुर बिहार के औरंगाबाद जिले का निवासी है। हैदराबाद में एक महिला के बलात्कार और उसकी हत्या के चार आरोपियों की पुलिस मुठभेड़ में मौत के बाद निर्भया मामले के दोषियों को जल्द से जल्द फांसी दिए जाने की मांग ने और जोर पकड़ लिया है।


सीएम धामी ने 'गुरुद्वारे' में मत्था टेका, प्रार्थना की

सीएम धामी ने 'गुरुद्वारे' में मत्था टेका, प्रार्थना की  पंकज कपूर  देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार को गुरु नानक ज...