नई दिल्ली। चंद्रयान-2 के बाद अब इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) चंद्रयान-3 मिशन की तैयारी में जुट गया है। इस मिशन के लिए इसरो ने केंद्र सरकार से 75 करोड़ रुपए मांगे हैं। यह राशि इसरो ने पहले से अवंटित बजट के अलावा मांगी गई है। वित्त मंत्रालय ने बताया कि इसरो ने चंद्रयान-3 अभियान शुरु करने के लिए 75 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट मांगा है। मौजूदा वित्तीय वर्ष के पूरक बजट के प्रावधानों के तहत इस बजट की मांग की गई है। इसमें से 60 करोड़ रुपए मशीनरी, उपकरण और दूसरे खर्चों के लिए और बाकी 15 करोड़ रेवेन्यू खर्च के अंतर्गत मांगे गए हैं। सूत्रों ने बताया है कि इसरो को आश्वासन दिया गया है कि उसे पैसे दिए जाएंगे, लेकिन प्रक्रिया अभी पूरी नहीं हुई है।
इसरो ने 2019-2020 के दौरान कुल 666 करोड़ रुपए का बजट मांगा है, जिसमें से 11 फीसदी से ज्यादा सिर्फ चंद्रयान-3 के लिए मांगा गया है। 666 करोड़ में से 8.6 करोड़ रुपये 2022 के प्रस्तावित ह्यूमन स्पेसफ्लाइट प्रोग्राम, 12 करोड़ स्मॉल सैटलाइट लॉन्च वीइकल और 120 करोड़ लॉन्चपैड के डिवेलपमेंट के लिए मांगे गए हैं। सबसे ज्यादा डिमांड यूआर राव सैटलाइट सेंटर और सतीश धवन स्पेस सेंटर के लिए की गई है। दोनों के लिए 516 करोड़ रुपये मांगे गए हैं। बता दें कि इससे पहले इसरो चंद्रयान और चंद्रयान-2 मिशन पर काम कर चुका है। चंद्रयान में जहां सिर्फ एक ऑर्बिटर चांद तक भेजा गया था, वहीं चंद्रयान-2 में ऑर्बिटर के साथ लैंडर और रोवर भी भेजे गए थे। इसरो का मिशन लैंडर को चांद की सतह पर लैंड कराना था लेकिन क्रैश लैंडिंग के कारण उस मिशन का यह हिस्सा सफल नहीं हो सका था। हालांकि, ऑर्बिटर चांद की कक्षा में चक्कर काट रहा है और अपना काम सही से कर रहा है।
सोमवार, 9 दिसंबर 2019
'चंद्रयान-3' के लिए मांगे 75 करोड़
नजरबंदी से फूटा कांग्रेसियों का गुस्सा
मनीष मिश्रा
बांदा! कांग्रेसियों को नजर बन्द कर भेजा गया जेल ,यूपी के बांदा जनपद में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे को देखते हुए, कांग्रेसियों के द्वारा मुख्यमंत्री से मिलने का प्रयास किया गया था लेकिन जनपद की पुलिस फोर्स के द्वारा समस्त कांग्रेसियों को कार्यालय में ही नजरबंद कर दिया गया! इसके बाद सभी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को बंदी रक्षक गाड़ी में जेल भेज दिया गया! बताया जा रहा है कि कांग्रेसी कार्यकर्ताओं के द्वारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के काफिले को काले झंडे दिखाकर विरोध प्रदर्शन करने का कार्यक्रम तय किया गया था! इसी को लेकर पुलिस प्रशासन ने उन्हें नजरबंद कर जेल भेज दिया है!
मामला बांदा जनपद के स्टेशन रोड स्थित कांग्रेस कार्यालय का है जहां आज कांग्रेस कार्यकर्ताओं के द्वारा उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्य नाथ से मिलने जाने का कार्यक्रम था! जिसको लेकर सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं के द्वारा जोर शोर से तैयारी की जा रही थी! जब पूरे मामले की जानकारी पुलिस प्रशासन को लगी तभी पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर सभी कांग्रेसियों को नजरबंद कर लिया और नजर बंद करने के साथ-साथ बंदी रक्षक गाड़ी में उन्हें जेल भेजने का भी काम कर दिया! मामले की जानकारी देते हुए महिला मोर्चा की कांग्रेस जिलाध्यक्ष ने बताया कि हम लोग आज अपने कार्यालय से उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने जा रहे थे! तभी पुलिस के लोगों के द्वारा हम लोगों को कार्यालय में ही नजरबंद कर लिया गया और हमारे कई साथियों को गाड़ी के जरिए जेल भेज दिया गया है! हमारा उद्देश्य अपने प्रदेश के मुख्यमंत्री से मिलकर उत्तर-प्रदेश में होने वाली समस्याओं के विषय में अवगत कराना था! उनके साथ किसी भी प्रकार की अभद्रता का कोई कार्यक्रम नही था! हम तो केवल अपने मुख्यमंत्री योगी से मिलने जा रहे थे! हमें ना तो मुख्यमंत्री को गाली देनी थी ना ही गोली मारनी थी। और ना ही उनका बलात्कार करना था! हमें तो केवल उन्नाव में हुए जघन्य घटना के विषय में उनको जानकारी देनी थी और यह बताना था कि मुख्यमंत्री जी हमें तो लगता है कि आपको प्रदेश की बेटियों से ज्यादा गायों की सुरक्षा प्यारी है! इसलिए आप उन्नाव जैसे कांड को छोड़कर आप यहां जनपद में अपने अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करने आए हैं! इन सब से ऐसा प्रतीत होता है कि इस सरकार में वाकई में जंगलराज कायम हो चुका है! जिसके चलते आज प्रदेश की बहू बेटियों की आबरू सुरक्षित नहीं है।
तीन मोबाइल कंपनियों के 3 प्लान लॉन्च
नई दिल्ली! एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया ने अनलिमिटेड कॉलिंग फ्री करने के बाद अब तीन नए प्रीपेड प्लान लॉन्च कर दिए हैं। इन प्लान्स मे 56 दिन तक की वैलिडिटी के साथ कम से कम 1जीबी डेटा ऑफर किया जा रहा है। लॉन्च किए गए तीन प्लान 219 रुपये, 399 रुपये और 449 रुपये के हैं। टेलिकॉम टॉक की रिपोर्ट के अनुसार लॉन्च किया गया 219 रुपये वाला प्लान 169 रुपये वाला ही है, जो ये दोनों कंपनियां टैरिफ रिवाइज होने से पहले ऑफर कर रही थीं। हालांकि, अब यह 50 रुपये महंगा हो गया है। वहीं, दोनों कंपनियां 399 रुपये और 449 रुपये के नए प्लान भी लेकर आई हैं। इन प्लान्स में 56 दिन की वैलिडिटी मिलती है।
219 रुपये वाले प्लान में यूजर्स को रोज 1जीबी डेटा दिया जा रहा है। प्लान में बिना किसी FUP लिमिट के अनलिमिटेड कॉलिंग दी जा रही है। प्लान को सब्सक्राइब कराने वाले यूजर्स को रोज 100 फ्री एसएमएस भी दिया जा रहा है। प्लान में मिलने वाले अन्य बेनिफिट्स की बात करें तो इसमें एयरटेल फ्री हेलो ट्यून्स, विंक म्यूजिक का अनलिमिटेड ऐक्सेस और एयरटेल एक्सट्रीम ऐप का सब्सक्रिप्शन भी मिल रहा है। वहीं, वोडाफोन यूजर्स को इस प्लान में वोडाफोन प्ले ऐप का फ्री सब्सक्रिप्शन भी दिया जा रहा है।
399 रुपये वाले प्लान की बात करें को इसमें 56 दिन की वैलिडिटी के साथ रोज 1.5जीबी डेटा दिया जा रहा है। प्लान अनलिमिटेड कॉलिंग और डेली 100 फ्री एसएमएस के साथ आता है।
लॉन्च किया गया तीसरा प्लान 449 रुपये का है। दोनों कंपनियां इसमें यूजर्स को रोज 2जीबी डेटा ऑफर कर रही हैं। प्लान में देशभर में किसी भी नेटवर्क पर करने के लिए अनलिमिटेड फ्री कॉलिंग भी मिलती है। हालांकि, डेली मिलने वाले फ्री एसएमएस के मामले में दोनों कंपनियों में थोड़ा अंतर है। इस प्लान को सब्सक्राइब कराने वाले एयरटेल यूजर्स को प्लान में डेली 90 एसएमएस और वोडाफोन यूजर्स को रोज 100 एसएमएस मिलता है।
वोडाफोन-आइडिया, एयरटेल और जियो के 444 रुपये और 399 रुपये वाले प्लान में फर्क
तीनों कंपनियां 339 रुपये का प्लान ऑफर कर रही हैं और इनमें यूजर्स को रोज 1.5जीबी डेटा दिया जा रहा है। प्लान में 56 दिन की वैलिडिटी और डेली 100 फ्री एसएमएस भी मिलता है। कॉलिंग की बात करें एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया यूजर्स को जहां अनलिमिटेड कॉलिंग मिलती हैं, वहीं, जियो यूजर्स को केवल जियो नेटवर्क के लिए ही फ्रई कॉलिंग मिलती है। दूसरे नेटवर्क्स पर कॉलिंग के लिए जियो यूजर्स को इस प्लान में 2000 IUC मिनट मिलते हैं।
444 रुपये वाले प्लान की बात करें तो इसमें भी जियो यूजर्स को दूसरे नेटवर्क्स पर कॉल करने के लिए 2000 मिनट ऑफर किया जा रहा है। इसके साथ ही रिवाइज किए गए 444 रुपये वाले जियो के ऑल-इन-वन प्लान में कंपनी वही सारे बेनिफिट दे रही है जो एयरटेल और वोडाफोन-आइडिया अपने यूजर्स को ऑफर रही हैंं!
'हिंसा में विश्वास' रखने वालों की सरकार
तिरुवंतपुरम! केरल दौरे पर गए कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि पूरे देश में महिलाओं के खिलाफ हिंसा और अत्याचार के मामले बढ़े हैं और ये सब इसलिए हो रहा है क्योंकि एक ऐसा व्यक्ति देश चला रहा है जो कि हिंसा में विश्वास करता है और पूरी ताकत अपने पास रखता है।
कांग्रेस नेता ने कहा कि महिलाओं के खिलाफ अत्याचार बढ़ता जा रहा है। हर दिन देश में महिलाओं से बलात्कार, छेड़छाड़ और उत्पीड़न की खबरें सामने आती हैं, यह कानून के नदारद होने की स्थिति है।
अल्पसंख्यकों पर किया जा रहा है अत्याचार
उन्होंने कहा कि अल्पसंख्यकों पर अत्याचार किया जा रहा है। उनके खिलाफ घृणा फैलाई जा रही है। दलितों के खिलाफ हिंसा हो रही है, उन्हें परेशान किया जा रहा है। आदिवासियों के खिलाफ अत्याचार हो रहा है, उनकी जमीनें छीनी जा रही हैं।
प्रियंका गांधी ने योगी सरकार पर साधा निशाना
वहीं, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने भी यूपी की कानून-व्यवस्था को लेकर योगी सरकार पर हमला बोला है। शनिवार को प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, मैं ईश्वर से प्रार्थना करती हूं कि उन्नाव पीड़िता के परिवार को इस दुख की घड़ी में हिम्मत दें। यह हम सबकी नाकामी है कि हम उसे न्याय नहीं दे पाए। सामाजिक तौर पर हम सब दोषी हैं, लेकिन यह उत्तर प्रदेश में खोखली हो चुकी कानून-व्यवस्था को भी दिखाता है।
मूर्तियां नहीं स्कूल बनवाए सरकार:राजन
नई दिल्ली! रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना की है! रघुराम राजन ने कहा है कि भारत को राष्ट्रीय और धार्मिक नायकों की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं बनाने के बजाए ज्यादा से ज्यादा आधुनिक स्कूल और विश्वविद्यालय बनवाने चाहिए! उन्होंने कहा है कि हिन्दू राष्ट्रवाद न सिर्फ सामाजिक तनाव को बढ़ाता है, बल्कि ये भारत को आर्थिक विकास के रास्ते से भी डिगा देता है!
मूर्तियां नहीं स्कूल-विश्वविद्यालय बनाए भारत
नरेंद्र मोदी सरकार की सामाजिक-राजनीतिक एजेंडे पर टिप्पणी करते हुए पूर्व आरबीआई गवर्नर ने कहा, “राष्ट्रीय या धार्मिक नायकों को विशाल प्रतिमाएं बनाने के बजाय भारत को ज्यादा से ज्यादा स्कूल और विश्वविद्यालय बनाने चाहिए, जहां पर यहां के बच्चों का मानसिक विकास होगा, वे ज्यादा सहिष्णु और एक दूसरे के प्रति सम्मान जताने वाले बनेंगे! इससे ये बच्चे भविष्य की कॉम्पीटिशन भरी दुनिया में अपनी जगह बनाने में कामयाब होंगे!”
तनाव पैदा करता है हिन्दू राष्ट्रवाद
रघुराम राजन ने लिखा है कि बहुसंख्यकवाद इस वक्त पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो रहा है और भारत भी इसका अपवाद नहीं है! उन्होंने लिखा, “सत्ता में जो होते हैं उनकी एक प्रवृति होती है कि वे ज्यादा से ज्यादा नियंत्रण चाहते हैं, मौजूदा सरकार भी अपवाद नहीं है, खासकर तब जब इस सरकार के सोशल और पॉलिटिकल एजेंडा का फोकस दिखता है…” राजन आगे लिखते हैं, “हिन्दू राष्ट्रवाद न सिर्फ सामाजिक तनाव पैदा करेगा, जो किसी भी तरह से भारत के हित में नहीं है, बल्कि ये भारत के आर्थिक विकास पर भी असर डालता है, जिससे कि सामाजिक तनाव और भी बढ़ता है!”
रघुराम राजन ने सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग के लिए भी नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की है! उन्होंने कहा है कि सरकार अपने ही अधिकारियों को कमजोर कर रही है, क्योंकि उन्हें भविष्य की सरकारों द्वारा भी ऐसी ही कार्रवाई का डर सताएगा! राजन ने लिखा है कि प्रोफेशनलिज्म का मतलब ये है कि जांच करने वाली और टैक्स एजेंसियों को किसी के पीछे पड़ने की इजाजत नहीं देनी चाहिए! इसके अलावा जांच एजेंसियों को ये सावधानी बरतनी चाहिए कि वे सभी बिजनेस को ही कहीं झूठ और अपराधिक न घोषित कर दें! उन्होंने कहा कि ये संदेश नहीं जाना चाहिए कि इनका राजनीतिक बदले की भावना से इस्तेमाल किया जा रहा है!
नागरिकता विधेयक पर संसद में घमासान
नई दिल्ली! केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश करने जा रहे हैं। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इस बिल में मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता नहीं दिए जाने के प्रावधान का जबर्दस्त विरोध कर रहे हैं। इस बिल में छह दशक पुराने नागरिकता कानून में संशोधन के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार सिर्फ गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को ही भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है। दोपहर में बिल पेश होने के बाद आज ही चर्चा भी होगी। सरकार इस विधेयक को आज ही पारित करवाना चाहेगी।
जोरदार विरोध करेगी कांग्रेसकांग्रेस संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक का पुरजोर विरोध करेगी क्योंकि यह विधेयक देश के संविधान और पार्टी के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ है। लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के 10 जनपथ आवास पर कांग्रेस संसदीय रणनीतिक समूह की बैठक के बाद यह बयान दिया। चौधरी के अलावा राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में मुख्य सचेतक कोडिकुन्नील सुरेश और सचेतक गौरव गोगोई सहित अन्य ने बैठक में हिस्सा लिया।
चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, 'हम संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक का विरोध करेंगे क्योंकि यह हमारे संविधान, धर्मनिरपेक्ष मूल्यों और संस्कृति के विरूद्ध है।' सुरेश ने कहा, 'हम इस विधेयक का पूरी ताकत से विरोध करेंगे क्योंकि यह संविधान विरोधी और धर्मनिरपेक्षता विरोधी है।' उन्होंने कहा कि बैठक में निर्णय किया गया कि पार्टी बलात्कार के मामले और उन्नाव में महिला को जलाने की घटना को भी संसद में उठाएगी। पार्टी देश के विभिन्न हिस्से में महिलाओं पर हमले के मुद्दे को भी उठाएगी। केंद्रीय मंत्री अमित शाह सोमवार को लोकसभा में विधेयक पेश करेंगे।
संशोधन लाएगी सीपीएम
उधर, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश किए जाने पर पार्टी इसमें दो संशोधन लाएगी क्योंकि वह विधेयक के मौजूदा स्वरूप का विरोध करती है। येचुरी ने रविवार को कहा कि पार्टी दो संशोधन ला कर उन सभी शर्तों को हटाने की मांग करेगी, जो धर्म को नागरिकता प्रदान करने का आधार बनाते हैं। उन्होंने कहा, 'हम धर्म के आधार पर, वह भी तीन देशों के लोगों को नागरिकता देने वाले नागरिकता (संशोधन) विधेयक का पुरजोर विरोध करते हैं।' उन्होंने कहा कि भारत समान रूप से सभी धर्मों का घर है और सभी धर्मों के लोगों के साथ अवश्य ही समान व्यवहार होना चाहिए।
मुस्लिमों को भी मिले नागरिकता: अकाली दल
दूसरी तरफ पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश करने के एनडीए सरकार के फैसले की सराहना की। पार्टी ने चंडीगढ़ में कहा कि लंबे समय से लंबित उनकी मांग मान ली गई है। हालांकि पार्टी ने कहा कि विधेयक में सताए गए हर व्यक्ति को शामिल किया जाना चाहिए चाहे उसका धर्म कुछ भी हो। पार्टी ने कहा कि देश के धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और लोकतांत्रिक ढांचे के साथ ही मानवीय सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए, मुस्लिमों को उनके धर्म के आधार पर विधेयक से बाहर नहीं रखा जाना चाहिए था।
पूर्वोत्तर के राज्यों में विरोध प्रदर्शन
इस विधेयक के कारण पूर्वोत्तर के राज्यों में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं और काफी संख्या में लोग तथा संगठन विधेयक का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे असम समझौता 1985 के प्रावधान निरस्त हो जाएंगे जिसमें बिना धार्मिक भेदभाव के अवैध शरणार्थियों को वापस भेजे जाने की अंतिम तिथि 24 मार्च 1971 तय है। प्रभावशाली पूर्वोत्तर छात्र संगठन (नेसो) ने क्षेत्र में 10 दिसम्बर को 11 घंटे के बंद का आह्वान किया है।
नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी नहीं माना जाएगा बल्कि उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी। यह विधेयक 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी का चुनावी वादा था।
बीजेपी नीत एनडीए सरकार ने अपने पूर्ववर्ती कार्यकाल में इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया था और वहां पारित करा लिया था, लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों में प्रदर्शन की आशंका से उसने इसे राज्यसभा में पेश नहीं किया। पिछली लोकसभा के भंग होने के बाद विधेयक की मियाद भी खत्म हो गई।
असम के सीएम की युवाओं से अपील
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और वरिष्ठ मंत्री हिमंत बिश्व शर्मा ने रविवार को दावा किया कि राज्य हित के विरोधी बल आंदोलनों के माध्यम से 'विभिन्न समुदायों के बीच कलह' पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और युवाओं से इन आंदोलनों में शामिल होने की बजाए विकास के लिए कड़ी मशक्कत करने की अपील की। सोनोवाल ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, 'राज्य की युवा पीढ़ी को कड़ी मेहनत, समर्पण, ईमानदारी एवं निष्ठा से असम को वैश्विक मंच पर लाने का प्रयास करना चाहिए तथा उन्हें अपने जीवन का बहुमूल्य समय आंदोलनों एवं प्रदर्शनों में बर्बाद नहीं करना चाहिए।' इसी कार्यक्रम में, बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री हिमंत बिश्व शर्मा ने लोगों से उन बलों को सफल नहीं होने देने की अपील की जो विभिन्न समुदायों के बीच कलह पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि राज्य को पिछले 40-50 वर्षों में आंदोलनों से कुछ नहीं मिला है।
बीजेपी का अपने लोकसभा सांसदों को व्हिप
लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश करने को देखते हुए सत्तारूढ़ बीजेपी ने अपने सभी लोकसभा सदस्यों को व्हिप जारी किया कि 9 दिसम्बर से तीन दिनों तक सदन में मौजूद रहें। एक सूत्र ने बताया कि व्हिप में बीजेपी के सभी सांसदों से सदन में मौजूद रहने के लिए कहा गया है। विधेयक के लोकसभा में आसानी से पारित होने की संभावना है क्योंकि 545 सदस्यीय सदन में बीजेपी के 303 सांसद हैं।
यूपी में 16 नई नगर पंचायत, 4 का विस्तार
डॉ अशद निजामी की रिपोर्ट
लखनऊ। राज्य सरकार धार्मिक नगरी अयोध्या का सीमा विस्तार करने जा रही है। अयोध्या के आसपास के 41 गांवों को नगर निगम सीमा में शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में सोमवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। इसके साथ ही प्रदेश के 20 जिलों में 16 नई नगर पंचायतें बनाने और चार का सीमा विस्तार करने संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल सकती है।
प्रदेश कैबिनेट की अमूमन मंगलवार को होने वाली बैठक इस बार सोमवार को हो रही है। कैबिनेट की बैठक में सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव अयोध्या सीमा विस्तार का बताया जा रहा है। अयोध्या का सीमा विस्तार करना चाहती है, जिससे यहां आने वालों को बेहतर सुविधाएं दी जा सकें। इसके साथ ही बहराइच, सिद्धार्थनगर, बदायूं व कानपुर देहात समेत 20 जिलों में चार नगर पंचायतों का सीमा विस्तार किया जाएगा और 16 नई बनाई जाएगी।
नोएडा व ग्रेटर नोएडा के लिए बनेगी पटरी दुकानदार नीति
इसके साथ ही नोएडा व ग्रेटर नोएडा में फुटपाथ पर कारोबार करने वाले दुकानदारों के लिए बनी नियमावली में संशोधन किए जाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। नियमावली को संशोधित करते हुए इसमें फुटपाथ कारोबारियों के यूनियन के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा, जिससे उनके हित के बारे में बेहतर फैसला किया जा सके। प्रदेश में बड़े उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए मेगा परियोजनाओं को रिफंड देने संबंधी प्रसताव को भी मंजूरी के लिए रखा जा सकता है। इसके अलावा पर्यटन और संस्कृति विभाग के कुछ महत्वपूर्ण प्रस्तावों को भी कैबिनेट मंजूरी के लिए रखा जा सकता है।
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