सोमवार, 9 दिसंबर 2019

मूर्तियां नहीं स्कूल बनवाए सरकार:राजन

नई दिल्ली! रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने नरेंद्र मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना की है! रघुराम राजन ने कहा है कि भारत को राष्ट्रीय और धार्मिक नायकों की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं बनाने के बजाए ज्यादा से ज्यादा आधुनिक स्कूल और विश्वविद्यालय बनवाने चाहिए! उन्होंने कहा है कि हिन्दू राष्ट्रवाद न सिर्फ सामाजिक तनाव को बढ़ाता है, बल्कि ये भारत को आर्थिक विकास के रास्ते से भी डिगा देता है!


मूर्तियां नहीं स्कूल-विश्वविद्यालय बनाए भारत


नरेंद्र मोदी सरकार की सामाजिक-राजनीतिक एजेंडे पर टिप्पणी करते हुए पूर्व आरबीआई गवर्नर ने कहा, “राष्ट्रीय या धार्मिक नायकों को विशाल प्रतिमाएं बनाने के बजाय भारत को ज्यादा से ज्यादा स्कूल और विश्वविद्यालय बनाने चाहिए, जहां पर यहां के बच्चों का मानसिक विकास होगा, वे ज्यादा सहिष्णु और एक दूसरे के प्रति सम्मान जताने वाले बनेंगे! इससे ये बच्चे भविष्य की कॉम्पीटिशन भरी दुनिया में अपनी जगह बनाने में कामयाब होंगे!”


तनाव पैदा करता है हिन्दू राष्ट्रवाद


रघुराम राजन ने लिखा है कि बहुसंख्यकवाद इस वक्त पूरी दुनिया में लोकप्रिय हो रहा है और भारत भी इसका अपवाद नहीं है! उन्होंने लिखा, “सत्ता में जो होते हैं उनकी एक प्रवृति होती है कि वे ज्यादा से ज्यादा नियंत्रण चाहते हैं, मौजूदा सरकार भी अपवाद नहीं है, खासकर तब जब इस सरकार के सोशल और पॉलिटिकल एजेंडा का फोकस दिखता है…” राजन आगे लिखते हैं, “हिन्दू राष्ट्रवाद न सिर्फ सामाजिक तनाव पैदा करेगा, जो किसी भी तरह से भारत के हित में नहीं है, बल्कि ये भारत के आर्थिक विकास पर भी असर डालता है, जिससे कि सामाजिक तनाव और भी बढ़ता है!”


रघुराम राजन ने सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग के लिए भी नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की है! उन्होंने कहा है कि सरकार अपने ही अधिकारियों को कमजोर कर रही है, क्योंकि उन्हें भविष्य की सरकारों द्वारा भी ऐसी ही कार्रवाई का डर सताएगा! राजन ने लिखा है कि प्रोफेशनलिज्म का मतलब ये है कि जांच करने वाली और टैक्स एजेंसियों को किसी के पीछे पड़ने की इजाजत नहीं देनी चाहिए! इसके अलावा जांच एजेंसियों को ये सावधानी बरतनी चाहिए कि वे सभी बिजनेस को ही कहीं झूठ और अपराधिक न घोषित कर दें! उन्होंने कहा कि ये संदेश नहीं जाना चाहिए कि इनका राजनीतिक बदले की भावना से इस्तेमाल किया जा रहा है!


 


नागरिकता विधेयक पर संसद में घमासान

नई दिल्ली! केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह आज लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश करने जा रहे हैं। कांग्रेस समेत कई विपक्षी दल इस बिल में मुस्लिम शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता नहीं दिए जाने के प्रावधान का जबर्दस्त विरोध कर रहे हैं। इस बिल में छह दशक पुराने नागरिकता कानून में संशोधन के जरिए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के शिकार सिर्फ गैर-मुस्लिम शरणार्थियों को ही भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव है। दोपहर में बिल पेश होने के बाद आज ही चर्चा भी होगी। सरकार इस विधेयक को आज ही पारित करवाना चाहेगी।


जोरदार विरोध करेगी कांग्रेसकांग्रेस संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक का पुरजोर विरोध करेगी क्योंकि यह विधेयक देश के संविधान और पार्टी के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ है। लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी ने रविवार को पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी के 10 जनपथ आवास पर कांग्रेस संसदीय रणनीतिक समूह की बैठक के बाद यह बयान दिया। चौधरी के अलावा राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, लोकसभा में मुख्य सचेतक कोडिकुन्नील सुरेश और सचेतक गौरव गोगोई सहित अन्य ने बैठक में हिस्सा लिया।


चौधरी ने संवाददाताओं से कहा, 'हम संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक का विरोध करेंगे क्योंकि यह हमारे संविधान, धर्मनिरपेक्ष मूल्यों और संस्कृति के विरूद्ध है।' सुरेश ने कहा, 'हम इस विधेयक का पूरी ताकत से विरोध करेंगे क्योंकि यह संविधान विरोधी और धर्मनिरपेक्षता विरोधी है।' उन्होंने कहा कि बैठक में निर्णय किया गया कि पार्टी बलात्कार के मामले और उन्नाव में महिला को जलाने की घटना को भी संसद में उठाएगी। पार्टी देश के विभिन्न हिस्से में महिलाओं पर हमले के मुद्दे को भी उठाएगी। केंद्रीय मंत्री अमित शाह सोमवार को लोकसभा में विधेयक पेश करेंगे।


संशोधन लाएगी सीपीएम
उधर, मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (माकपा) के महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश किए जाने पर पार्टी इसमें दो संशोधन लाएगी क्योंकि वह विधेयक के मौजूदा स्वरूप का विरोध करती है। येचुरी ने रविवार को कहा कि पार्टी दो संशोधन ला कर उन सभी शर्तों को हटाने की मांग करेगी, जो धर्म को नागरिकता प्रदान करने का आधार बनाते हैं। उन्होंने कहा, 'हम धर्म के आधार पर, वह भी तीन देशों के लोगों को नागरिकता देने वाले नागरिकता (संशोधन) विधेयक का पुरजोर विरोध करते हैं।' उन्होंने कहा कि भारत समान रूप से सभी धर्मों का घर है और सभी धर्मों के लोगों के साथ अवश्य ही समान व्यवहार होना चाहिए।


मुस्लिमों को भी मिले नागरिकता: अकाली दल
दूसरी तरफ पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने संसद में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश करने के एनडीए सरकार के फैसले की सराहना की। पार्टी ने चंडीगढ़ में कहा कि लंबे समय से लंबित उनकी मांग मान ली गई है। हालांकि पार्टी ने कहा कि विधेयक में सताए गए हर व्यक्ति को शामिल किया जाना चाहिए चाहे उसका धर्म कुछ भी हो। पार्टी ने कहा कि देश के धर्मनिरपेक्ष, समाजवादी और लोकतांत्रिक ढांचे के साथ ही मानवीय सिद्धांतों को ध्यान में रखते हुए, मुस्लिमों को उनके धर्म के आधार पर विधेयक से बाहर नहीं रखा जाना चाहिए था।


पूर्वोत्तर के राज्यों में विरोध प्रदर्शन
इस विधेयक के कारण पूर्वोत्तर के राज्यों में व्यापक प्रदर्शन हो रहे हैं और काफी संख्या में लोग तथा संगठन विधेयक का विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इससे असम समझौता 1985 के प्रावधान निरस्त हो जाएंगे जिसमें बिना धार्मिक भेदभाव के अवैध शरणार्थियों को वापस भेजे जाने की अंतिम तिथि 24 मार्च 1971 तय है। प्रभावशाली पूर्वोत्तर छात्र संगठन (नेसो) ने क्षेत्र में 10 दिसम्बर को 11 घंटे के बंद का आह्वान किया है।


नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2019 के मुताबिक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान में धार्मिक उत्पीड़न के कारण 31 दिसंबर 2014 तक भारत आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदाय के लोगों को अवैध शरणार्थी नहीं माना जाएगा बल्कि उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी। यह विधेयक 2014 और 2019 के लोकसभा चुनावों में बीजेपी का चुनावी वादा था।


बीजेपी नीत एनडीए सरकार ने अपने पूर्ववर्ती कार्यकाल में इस विधेयक को लोकसभा में पेश किया था और वहां पारित करा लिया था, लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों में प्रदर्शन की आशंका से उसने इसे राज्यसभा में पेश नहीं किया। पिछली लोकसभा के भंग होने के बाद विधेयक की मियाद भी खत्म हो गई।


असम के सीएम की युवाओं से अपील
असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल और वरिष्ठ मंत्री हिमंत बिश्व शर्मा ने रविवार को दावा किया कि राज्य हित के विरोधी बल आंदोलनों के माध्यम से 'विभिन्न समुदायों के बीच कलह' पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं और युवाओं से इन आंदोलनों में शामिल होने की बजाए विकास के लिए कड़ी मशक्कत करने की अपील की। सोनोवाल ने यहां एक कार्यक्रम में कहा, 'राज्य की युवा पीढ़ी को कड़ी मेहनत, समर्पण, ईमानदारी एवं निष्ठा से असम को वैश्विक मंच पर लाने का प्रयास करना चाहिए तथा उन्हें अपने जीवन का बहुमूल्य समय आंदोलनों एवं प्रदर्शनों में बर्बाद नहीं करना चाहिए।' इसी कार्यक्रम में, बीजेपी के वरिष्ठ नेता एवं मंत्री हिमंत बिश्व शर्मा ने लोगों से उन बलों को सफल नहीं होने देने की अपील की जो विभिन्न समुदायों के बीच कलह पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं क्योंकि राज्य को पिछले 40-50 वर्षों में आंदोलनों से कुछ नहीं मिला है।


बीजेपी का अपने लोकसभा सांसदों को व्हिप
लोकसभा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक पेश करने को देखते हुए सत्तारूढ़ बीजेपी ने अपने सभी लोकसभा सदस्यों को व्हिप जारी किया कि 9 दिसम्बर से तीन दिनों तक सदन में मौजूद रहें। एक सूत्र ने बताया कि व्हिप में बीजेपी के सभी सांसदों से सदन में मौजूद रहने के लिए कहा गया है। विधेयक के लोकसभा में आसानी से पारित होने की संभावना है क्योंकि 545 सदस्यीय सदन में बीजेपी के 303 सांसद हैं।


यूपी में 16 नई नगर पंचायत, 4 का विस्तार

डॉ अशद निजामी की रिपोर्ट


लखनऊ। राज्य सरकार धार्मिक नगरी अयोध्या का सीमा विस्तार करने जा रही है। अयोध्या के आसपास के 41 गांवों को नगर निगम सीमा में शामिल किया जाएगा।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में  सोमवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। इसके साथ ही प्रदेश के 20 जिलों में 16 नई नगर पंचायतें बनाने और चार का सीमा विस्तार करने संबंधी प्रस्ताव को भी मंजूरी मिल सकती है।
प्रदेश कैबिनेट की अमूमन मंगलवार को होने वाली बैठक इस बार सोमवार को हो रही है। कैबिनेट की बैठक में सबसे महत्वपूर्ण प्रस्ताव अयोध्या सीमा विस्तार का बताया जा रहा है। अयोध्या का सीमा विस्तार करना चाहती है, जिससे यहां आने वालों को बेहतर सुविधाएं दी जा सकें। इसके साथ ही बहराइच, सिद्धार्थनगर, बदायूं व कानपुर देहात समेत 20 जिलों में चार नगर पंचायतों का सीमा विस्तार किया जाएगा और 16 नई बनाई जाएगी।
नोएडा व ग्रेटर नोएडा के लिए बनेगी पटरी दुकानदार नीति
इसके साथ ही नोएडा व ग्रेटर नोएडा में फुटपाथ पर कारोबार करने वाले दुकानदारों के लिए बनी नियमावली में संशोधन किए जाने संबंधी प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। नियमावली को संशोधित करते हुए इसमें फुटपाथ कारोबारियों के यूनियन के प्रतिनिधियों को शामिल किया जाएगा, जिससे उनके हित के बारे में बेहतर फैसला किया जा सके। प्रदेश में बड़े उद्योगों की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए मेगा परियोजनाओं को रिफंड देने संबंधी प्रसताव को भी मंजूरी के लिए रखा जा सकता है। इसके अलावा पर्यटन और संस्कृति विभाग के कुछ महत्वपूर्ण प्रस्तावों को भी कैबिनेट मंजूरी के लिए रखा जा सकता है।


चीतल का शिकार करने वालों मे एक पकड़ा

रायपुर। वन विभाग के गठित टीम द्वारा रात्रि गश्त के दौरान सात दिसम्बर को मध्य रात्रि बारनवापारा तथा देवपुर परिक्षेत्र के अंतर्गत चीतल मारने वाले आरोपियों में से एक आरोपी को मौके पर ही पकड़ लिया गया। इसमें तीन अन्य सहयोगी आरोपी फरार है, जिसमें से एक वन विकास निगम का कर्मचारी जावेद फारूकी भी संलिप्त है।


फरार अपराधियों की तलाश की जा रही है। मौके पर पकड़े गए आरोपी नरेन्द्र पटेल को न्यायालय में प्रस्तुत कर आगे की कार्रवाई की जा रही है।सहायक प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरूण पांण्डेय ने बताया कि सात दिसम्बर की रात्रि एक वाहन कार क्रमांक-सी.जी.-06 जी.पी. 8910 संदिग्ध अवस्था में हरदी बीट के समीप बार से पकरीद मार्ग में देखा गया।


रात्रि गश्त के दल द्वारा इसका परीक्षण करने पर दो मृत चीतल को कार की डिक्की में मारकर रखे पाया गया है। इसके अलावा एक नर चीतल घटना स्थल पर मृत पाया गया। इसे जब्त कर वन्यप्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की जा रही है। रात्रि गश्त के दल में बारनवापारा तथा देवपुर वन परिक्षेत्रों के अधिकारी एवं कर्मचारियों आर.एस. मिश्रा, कृषाणु चन्द्राकर, पी.के. सिन्हा, मो. माबिया खान और सालिक राम डड़सेना के द्वारा आरोपीयों को पकड़ने में सहयोग रहा है।


सिपाही ने कमांडर को गोली मार, की खुदकुशी

रायपुर! छत्तीसगढ़ पुलिस की चौथी बटालियन के सिपाही विक्रमराम बाडेने ने कंपनी कमांडर मेलाराम कुर्रे को गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया है। वहीं, कमांडर को गोली मारने के बार सिपाही ने खुद को भी गोली मारकर खुदकुशी कर ली है।


रायपुर माना की चौथी बटालियन की डी कंपनी की तैनाती झारखंड चुनाव में की गई थी, झारखंड चुनाव ड्यूटी के दौरान एक जवान ने कंपनी कमांडर को गोली मारी, फिर खुदको भी गोली मारकर खुदकुशी कर ली। खबर लिखे जाने तक किस कारण से यह घटना हुई है इसकी पुख्ता जानकारी नही मिल पाई है । फिलहाल इस घटना की जांच चल रही है।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


दिसंबर 10, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-126 (साल-01)
2. मंगलवार, दिसंबर 10, 2019
3. शक-1941, मार्गशीर्ष- शुक्लपक्ष, तिथि- चतुर्दशी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:53,सूर्यास्त 05:45
5. न्‍यूनतम तापमान -9 डी.सै.,अधिकतम-21+ डी.सै., कोहरा छाया रहने की संभावना ।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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रविवार, 8 दिसंबर 2019

भारत-चीन में सबसे ज्यादा कैंसर पीड़ित

नई दिल्ली! दुनियाभर में सर्वाइकल कैंसर से सबसे ज्यादा भारतीय और चीनी जूझ रहे हैं। जर्नल लेंसेट ग्लोबल ने 2018 में कैंसर के मामले और इससे हुईं मौतों का आंकड़ा जारी किया है। इस वार्षिक रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में कैंसर से दुनिया में सबसे ज्यादा 60 हजार मौतें भारत में हुईं, लेकिन इसके सबसे ज्यादा 1 लाख 60 हजार मामले चीन में सामने आए। दुनियाभर में 2018 में सर्वाइकल कैंसर के कुल 5 लाख 70 हजार मामले सामने आए। इनमें एक तिहाई चीन और भारत से हैं।


रिपोर्ट में 185 देशों के आंकड़ों को शामिल किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 में सर्वाइकल कैंसर के कुल 5,70,000 मामलों में 3,11,000 मरीजों की मौत हुईं। भारत में 2018 में सर्वाइकल कैंसर के 97 हजार मामले सामने आए वहीं चीन में इससे 48,000 मौतें हुईं। रिपोर्ट- के मुताबिक, कैंसर के आंकड़े गांव और शहरी महिलाओं में अलग-अलग हैं। शहरी क्षेत्र के आंकड़ों कमी आई है, वहीं गांव में आंकड़े स्थिर हैं। सर्वाइकल कैंसर खासतौर पर मध्यम उम्र वर्ग की महिलाओं को जकड़ रहा है।कैंसर रोग विशेषज्ञ विनीत दत्ता के मुताबिक, सर्वाइकल कैंसर रोका जा सकता है! अगर इसका समय पर पता लगा लिया जाए, लेकिन ऐसा जांच से ही संभव है। भारत में कैंसर की जांच को लेकर जागरूकता कम होने के कारण मामले बढ़ रहे हैं।


कौशाम्बी: 'पीएम' नेहरू की जयंती मनाई गई

कौशाम्बी: 'पीएम' नेहरू की जयंती मनाई गई  गणेश साहू  कौशाम्बी। जिला कांग्रेस कार्यालय में कौशाम्बी कांग्रेस के जिलाध्यक्ष गौरव पाण्डे...