आदिल अहमद
उन्नाव! कभी भाजपा के विधायक रहे और बाद में पार्टी से निकाले गए विधायक कुलदीप सेगर पर बलात्कार के आरोप लगने के बाद उन्नाव जनपद चर्चा का केंद्र बना था। इसके बाद फिर रेप पीडिता की कार के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उन्नाव दुबारा चर्चा में आया था। इसकी चर्चाये ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही है और टाउनशिप के मामले में किसानो के ऊपर लाठीचार्ज करने की घटना ने एक बाद फिर उन्नाव को चर्चा में स्थान दिया था। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और कानपूर के बीच लगभग पड़ने वाला उन्नाव एक बार फिर इस प्रकरण में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। एक रेप पीडिता को केस की पैरवी में जाते समय आरोपियों द्वारा किरोसिन का तेल छिड़क जिंदा जलाने का प्रयास किया गया।
उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, कानून मंत्री बृजेश पाठक और भारतीय जनता पार्टी के सांसद साक्षी महाराज सहित प्रदेश के कुछ शीर्ष नेता उन्नाव से ही आते हैं। उसी उन्नाव में कानून व्यवस्था की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगडती जा रही है। कभी भारत का मेनचेस्टर कहे जाने वाले कानपुर से मात्र 25 किलोमीटर दूर उन्नाव में बलात्कार की प्रदेश में सबसे अधिक सामने आये है।
खबर के मुताबिक इस वर्ष 2019 में जनवरी से लेकर नवंबर तक 86 दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं। 31 लाख की जनसंख्या वाले इस जिले में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के 185 मामले भी सामने आए हैं। कुलदीप सिंह सेंगर दुष्कर्म मामले और गुरुवार को महिला को आग लगाने के मामले से इतर कुछ अन्य महत्वपूर्ण मामले भी हैं, जिसमें पुरवा में एक महिला के साथ हुए दुष्कर्म में प्राथमिकी इस साल एक नवंबर को लिखी गई।
उन्नाव के असोहा, अजगैन, माखी और बांगरमऊ में दुष्कर्म और छेड़खानी के मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से अधिकतर मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उन्हें या तो जमानत पर रिहा कर दिया गया, या फिर वे फरार चल रहे हैं। स्थानीय लोग राज्य में हो रहे इन मामलों के लिए पुलिस को दोष देते हैं।