शनिवार, 7 दिसंबर 2019

2019 में 'उन्नाव' में रेप के 86 मामले

आदिल अहमद


उन्नाव! कभी भाजपा के विधायक रहे और बाद में पार्टी से निकाले गए विधायक कुलदीप सेगर पर बलात्कार के आरोप लगने के बाद उन्नाव जनपद चर्चा का केंद्र बना था। इसके बाद फिर रेप पीडिता की कार के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद उन्नाव दुबारा चर्चा में आया था। इसकी चर्चाये ख़त्म होने का नाम ही नहीं ले रही है और टाउनशिप के मामले में किसानो के ऊपर लाठीचार्ज करने की घटना ने एक बाद फिर उन्नाव को चर्चा में स्थान दिया था। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ और कानपूर के बीच लगभग पड़ने वाला उन्नाव एक बार फिर इस प्रकरण में चर्चा का केंद्र बना हुआ है। एक रेप पीडिता को केस की पैरवी में जाते समय आरोपियों द्वारा किरोसिन का तेल छिड़क जिंदा जलाने का प्रयास किया गया।


उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित, कानून मंत्री बृजेश पाठक और भारतीय जनता पार्टी के सांसद साक्षी महाराज सहित प्रदेश के कुछ शीर्ष नेता उन्नाव से ही आते हैं। उसी उन्नाव में कानून व्यवस्था की स्थिति दिन प्रतिदिन बिगडती जा रही है। कभी भारत का मेनचेस्टर कहे जाने वाले कानपुर से मात्र 25 किलोमीटर दूर उन्नाव में बलात्कार की प्रदेश में सबसे अधिक सामने आये है।


खबर के मुताबिक इस वर्ष 2019 में जनवरी से लेकर नवंबर तक 86 दुष्कर्म के मामले सामने आए हैं। 31 लाख की जनसंख्या वाले इस जिले में महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न के 185 मामले भी सामने आए हैं। कुलदीप सिंह सेंगर दुष्कर्म मामले और गुरुवार को महिला को आग लगाने के मामले से इतर कुछ अन्य महत्वपूर्ण मामले भी हैं, जिसमें पुरवा में एक महिला के साथ हुए दुष्कर्म में प्राथमिकी इस साल एक नवंबर को लिखी गई।


उन्नाव के असोहा, अजगैन, माखी और बांगरमऊ में दुष्कर्म और छेड़खानी के मामले दर्ज किए गए हैं। इनमें से अधिकतर मामलों में आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद उन्हें या तो जमानत पर रिहा कर दिया गया, या फिर वे फरार चल रहे हैं। स्थानीय लोग राज्य में हो रहे इन मामलों के लिए पुलिस को दोष देते हैं।


विजेताओं को मिलेगा 'परीक्षा पे चर्चा' में मौका

नई दिल्ली! स्टूडेंट्स के बोर्ड परीक्षाओं का समय नजदीक आ गया है! परीक्षाओं के नजदीक आते ही छात्रों में अपनी तैयारियों को लेकर बेचैनी भी बढ़ती जाती है! सीबीएसई, आईसीएसई और यूपी और बिहार बोर्ड के अलावा कई अन्य राज्यों में भी बोर्ड परीक्षाएं जल्द ही शुरू होने वाली हैं! अपनी परीक्षाओं को ध्यान में रखकर छात्र जमकर मेहनत कर रहे हैं! कई स्कूल्स में एक्स्ट्रा क्लोसेज की भी व्यवस्था की गई है! कई स्कूलों ने अपनी प्री- बोर्ड परीक्षाएं भी लेनी शुरू कर दी हैं!


इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आने वाली परीक्षाओं को ध्यान में रखकर एक अहम घोषणा की है! प्रधानमंत्री ने 9वीं से लेकर 12वीं तक के छात्रों के लिए एक कॉन्टेस्ट की घोषणा की है! दरअसल, इन दिनों छात्रों में परीक्षाओं को लेकर तनाव बहुत ज्यादा रहता है! छात्रों के इसी तनाव को कम करने के लिए ट्वीट के जरिए प्रधानमंत्री ने ये जानकारी साझा की है! अपने ट्वीट में उन्होंने लिखा, ”परीक्षाएं नजदीक आ रही हैं! और 'परीक्षा पे चर्चा भी'! परीक्षाओं के तनाव को कम करने के लिए चलो मिलकर काम करते हैं! 9वीं से लेकर 12वीं कक्षा तक के बच्चों के लिए एक दिलचस्प प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है! जो भी छात्र विजेता रहेंगे उन्हें 2020 की शुरुआत में होने वाली 'परीक्षा पे चर्चा' में हिस्सा लेने का मौका मिलेगा! आपको बता दें कि इस 'परीक्षा पे चर्चा' की शुरुआत 2018 में की गई थी! जिसमें परीक्षाओं को लेकर छात्र-छात्राओं के तनाव के साथ-साथ उनके परिजनों से भी बातचीत की जाती है! प्रधानमंत्री ने अपने ट्वीट में ये कहा है कि जो छात्र इस प्रतियोगिता में विजेता रहेंगे उन्हें 2020 में होने वाली परीक्षा पे चर्चा में हिस्सा लेने के साथ-साथ उनसे मिलने का भी मौका मिलेगा! प्रतियोगिता से परीक्षा पे चर्चा में पहुंचे छात्र पीएम मोदी से मनचाहे सवाल भी पूछ सकते हैं! परीक्षा में चर्चा के तहत बोर्ड की परीक्षाओं के अलावा अन्य परीक्षाओं में शामिल होने वाले युवा छात्रों के तनाव को कम करने में मदद की जाएगी!


महिलाओं को कमजोर कहने पर 'लताड़'

मुंबई! कलर्स टीवी के विवादित रिएलिटी शो 'बिग बॉस 13' में सिद्धार्थ शुक्ला और आसिम रियाज मौजूदा कंटेस्टेंट्स हैं! दर्शकों ने पहले इन दोनों कंटेस्टेंट्स की दोस्ती देखी थी, अब वहीं दर्शक इन दोनों की दुश्मनी के भी गवाह हैं! हर एक मौके पर आसिम और सिद्धार्थ एक दूसरे को नीचा दिखाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं! बीते एपिसोड में देखने को मिला की कप्तानी की दावेदारी के लिए हुए टास्क में सिद्धार्थ शुक्ला ने आसिम को धक्का दिया था! जिसके बाद काफी हंगामा मचा था! बिग बॉस ने भी इसके लिए सिद्धार्थ शुक्ला की निंदा की थी और दंड स्वरूप उन्हें घर से बेघर होने के लिए दो हफ्तों के लिए सीधे-सीधे नॉमिनेट कर दिया!


अब, बिग बॉस की एक्स कंटेस्टेंट रह चुकीं काम्या पंजाबी ने सोशल मीडिया आसिम की बातों को गलत ठहराते हुए अपनी बातें रखती नजर आईं! काम्या पंजाबी ने कहा कि आसिम को बात करने के दौरान अपनी जुबान पर काबू रखने की जरूरत हैं, और कुछ कहते समय उचित शब्दों का चयन करना चाहिए है! सिद्धार्थ और असीम की एक हालिया लड़ाई में, काम्या ने बेहद तल्खी भरे ट्वीट में महिलाओं को 'कमजोर' कहने पर आसिम की बातों से नाराजगी जाहिर की है! बात करें आसिम की तो आसिम फिलहार शो के अंदर हिमांशी खुराना के साथ नजदीकियों को लेकर चर्चा में हैं! हालिया एपिसोड में अपनी प्रेम कहानी को और आगे ले जाते हुए आसिम रियाज, हिमांशी खुराना से कहते हैं कि वह उनकी जिंदगी में आईं इसके लिए वह आसिम उन्हें धन्यवाद देना चाहते हैं! आसिम ने बताया हिमांशी के साथ रहने पर जो वाइब्स आती हैं! उसके वह हमेशा उनके आसपास रहना चाहेंगे. हिमांशी मजाक करती हैं! और आसिम से कहती हैं! इस तरह लोग उन्हें 'मजनू' कहेंगे!


यूपी पुलिस ने सार्वजनिक किए आंकड़े

लखनऊ! हैदराबाद पुलिस ने गैंगरेप के सभी 4 आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया और ये चारों आरोपी शुक्रवार को मारे गए! हैदराबाद पुलिस की इस कार्रवाई पर बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने एनकाउंटर की तारीफ करते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस को तेलंगाना पुलिस से सीख लेने की नसीहत दी थी! इस नसीहत के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने अपने एनकाउंटर के आंकड़े जारी कर दिए! यूपी पुलिस ने ट्वीट करते हुए का दावा किया कि दो साल में 103 अपराधियों का एनकाउंटर किया गया! यूपी पुलिस ने अपने ट्विटर पर लिखा, 'आंकड़े अपने आप बोलते हैं! जंगल राज अतीत की बात है अब नहीं है! पिछले 2 सालों में 5178 मुठभेड़ की घटनाएं हुई हैं, जिसमें 103 अपराधी मारे गए और 1859 घायल हुए. 17745 अपराधियों ने आत्मसमर्पण किया या जेल जाने के लिए अपनी खुद की बेल रद्द कर दी!'


सीख ले यूपी पुलिसः मायावती
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने एनकाउंटर पर कहा, 'अपनी पार्टी के लोगों को भी हमने जेल भेजा था, जिन पर किसी तरह के आरोप लगे थे. मेरा उत्तर प्रदेश की सरकार से कहना है कि हैदराबाद की पुलिस से यूपी पुलिस को सीख लेनी चाहिए और अपराधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए. बसपा प्रमुख मुख्यमंत्री ने कहा कि दुख की बात ये है कि दिल्ली-यूपी में पुलिसकर्मी आरोपी लोगों को सरकारी मेहमान बनाकर रखे हुए हैं, दिल्ली पुलिस और यूपी पुलिस को बदलना होगा! तभी बलात्कारी लोगों की हरकतें रुक सकती हैं, लोगों में कानून का खौफ नहीं हैै!


जताई ख़ुशी:मायावती ही नहीं कई अन्य नेताओं ने भी इस एनकाउंटर की तारीफ की है! आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने कहा कि हैदराबाद में जो कुछ भी हुआ उससे आज देश की जनता में संतोष है! लोगों में खुशी है कि उन चारों दरिंदों जिन्होंने हैवानियत की थी उनको पुलिस ने मार गिराया! हालांकि AIMIM प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार हर मुठभेड़ की जांच की जानी चाहिए! इस मामले में राज्य सरकार बहुत सक्रिय थी! हमें महिला सुरक्षा के लिए अनुकूल माहौल बनाने की जरूरत है. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस घटना पर खुशी जताई! हैदराबाद की घटना से लोगों में संतोष और ख़ुशी है। ये चिंता का विषय है कि देश की कानून व्यवस्था पर लोगों का विश्वास टूट चुका है। हम सब को मिलकर हमारी कानून व्यवस्था और जांच प्रणाली को मजबूत करना होगा ताकि लोग दोबारा इस व्यवस्था पर विश्वास करने लगे और हर पीड़ित को जल्द न्याय मिल पाए.पुलिस का कदम बिल्कुल सही


वहीं उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने इस मामले पर कहा कि पुलिस का कदम बिल्कुल सही है, मानवाधिकार के नाम पर कभी आतंकी, तो कभी देशद्रोही और ऐसे जघन्य अपराधी को बचाया जाता रहा है! क्या ये मानवाधिकार अपराधियों के प्रति ही जागता है? मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस ने जो एनकाउंटर किया है, उन्हें एक्ट के तहत इसका अधिकार है!


'शिक्षकों' के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला

आजमगढ़! बेसिक शिक्षा विभाग ने फर्जी डिग्री पर नौकरी पाए 29 शिक्षकों के खिलाफ शुक्रवार को सिधारी थाने में धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज कराया गया। सभी को पहले ही बर्खस्त किया जा चुका है। एफआईआर दर्ज करने के बाद अब सभी से वेतन की भी रिकवरी की जाएगी।


वर्ष 2015-16 में परिषदीय विद्यालय में सहायक अध्यापकों की हुई भर्ती में फर्जीवाड़े की शिकायत मिलने पर बेसिक शिक्षा विभाग ने अपने स्तर से नियुक्त शिक्षकों की डिग्री का संबंधित बोर्ड से सत्यापन कराया था। सत्यापन के दौरान जिले में पिछले एक वर्ष के दौरान 29 शिक्षकों की डिग्री फर्जी पाई गई थी। इस पर सभी को विभिन्न तिथियों में बर्खास्त कर दिया गया था। बर्खास्तगी के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवेंद्र कुमार पांडेय ने पुलिस अधीक्षक को पिछले माह एफआईआर दर्ज कराने के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र भेजा था। इस पर गुरुवार को पुलिस  अधीक्षक के निर्देश पर सिधारी थाने की पुलिस ने सभी फर्जी शिक्षकों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया।


इन पर हुआ मुकदमा 
बर्खास्त किए गए फर्जी शिक्षकों में हरैया ब्लाक के प्राथमिक विद्यालय झनझन का पूरा पर तैनात रहे सहायक अध्यापक भाष्कर राय, ठेकमा के हरईपुर प्राथमिक विद्यालय पर तैनात रही करूणा राय, चंद्रभानपुर विद्यालय पर तैनात पीयुष कुमार श्रीवास्तव, जिवली विद्यालय की सरिता राय, मार्टीनगंज ब्लाक के महुजा नेवादा विद्यालय के नवनीत कुमार श्रीवास्तव, प्रियंका अस्थाना शामिल है। इसके अलावा अहरौला ब्लाक के दमदियवना विद्यालय पर तैनात रहे शिक्षक मिथिलेश श्रीवास्तव, ह्दय नारायण शुक्ला, तहबरपुर ब्लाक के लिलारी विद्यालय की चित्रा मिश्रा, गढ़वा विद्यालय के बृजेश कुमार राय, गोविंदपुर विद्यालय के अमित कुमार श्रीवास्तव, मेहमौनी विद्यालय के सौरभ, महुवारा विद्यालय की लक्ष्मी तिवारी, पश्चिमपट्टी विद्यालय के रवि राय, जहानागंज ब्लाक के बरही विद्यालय की पूनम श्रीवास्तव शामिल है। फर्जी शिक्षकों में मिर्जापुर ब्लाक के दुर्वासा के संजय कुमार श्रीवास्तव,राजापुर सिकरौर विद्यालय के अमितेश कुमार राजभर,बस्ती विद्यालय के उमेश प्रसाद शर्मा, महराजगंज ब्लाक में शिवपुर विद्यालय के सत्येंद्र कुमार राय, लालगंज ब्लाक में राजेपुर विद्यालय की मीना सिंह, मेहनगर ब्लाक में गौरा प्रथम विद्यालय के उज्जवल नारायण राय,बिलरियागंज ब्लाक में पठ विसंभर विद्यालय की सीमा, पवई ब्लाक में सलारपुर विद्यालय के अरविंद राय, मुहम्मदपुर ब्लाक में ईश्वरपुर विद्यालय पर तैनात रही कुसुमलता राय, रानी की सराय ब्लाक में दिलौरी विद्यालय की रंजना सिंह, लालगंज ब्लाक में नाऊपुर विद्यालय की सुनीता चौबे,सठियांव ब्लाक के पुसड़ा आइमा विद्यालय के जैश कुमार सिंह, तरवा ब्लाक में बीबीगंज विद्यालय की पुष्पा देवी शामिल है।


राम रहीम केस में 'जज' बदलने की मांग

राम रहीम के केस में जज बदलने की मांग
पंचकूल! पंचकूला साध्वी यौनशोषण और पत्रकार रामचंद्र छत्रपति की हत्या के दोषी गुरमीत राम रहीम के एक सहयोगी और आरोपित कृष्ण लाल ने विशेष सीबीआई अदालत में एक याचिका लगाई है। इसमेें उसनेे मांग की है कि डेरा प्रबंधक रंजीत सिंह हत्या मामले में वह सीबीआई  के विशेष न्यायाधीश जगदीप सिंह से इस मामले की सुनवाई नहीं करवाना चाहता।
इसलिए की है जज बदलने की मांग:बचाव पक्ष ने कहा कि गुरमीत राम रहीम के खिलाफ पहले ही दो मामलों में जगदीप सिंह सजा सुना चुके हैं, इसलिए तीसरे मामले में वह किसी और जज से सुनवाई कराना चाहते हैं। इस मामले में सीबीआई ने अपना जवाब दाखिल करते हुए याचिका में जो बातें कही हैं उन्हें पूरी तरह झूठा करार दिया है और मामले में जानबूझकर देरी करवाने की बात कहीं है।
आज हुई थी इस मामले सुनवाई:साध्वी यौन शोषण मामले में सजा काट रहे दोषी गुरमीत राम रहीम पर चल रहे डेरा के मैनेजर रंजीत मर्डर मामले ने आज पंचकूला स्थित विशेष सीबीआई अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई में गुरमीत राम रहीम वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए पेश हुए। बाकी आरोपित प्रत्यक्ष रूप से कोर्ट में पेश हुए। सुनवाई में आज फाइनल बहस शुरू होनी थी जोकि नहीं हो पाई।


आज की सुनवाई में बचाव पक्ष ने विशेष सीबीआई कोर्ट में एक याचिका लगाई। याचिका लगाकर बचाव पक्ष ने सीबीआई कोर्ट से मांग की कि वे इस मामले की सुनवाई सीबीआई कोर्ट में नहीं करवाना चाहते। बल्कि किसी और कोर्ट में करवाना चाहते हैं। बचाव पक्ष द्वारा लगाई गई याचिका पर सीबीआई विशेष कोर्ट ने सीबीआई से जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई अब 10 दिसंबर 2019 को होगी।


गणराज्य का वास्तविक स्वरूप (विचार)

देश की जेलों में सजा काट रहे हैं एक लाख से ज्यादा बलात्कारी


हैदराबाद की वैटर्नरी डॉक्टर के गैंगरेप और मर्डर के चारों आरोपियों पर अदालत में मुकद्दमा चलने से पहले उनका पुलिस ने एनकाऊंटर कर दिया। यह एनकाऊंटर सही था कि गलत? यह एक अलग विषय है, लेकिन कानून व्यवस्था को लेकर देश में मचा बवाल थम-सा गया। सोशल मीडिया पर सभी इस एनकाऊंटर की सराहना कर रहे हैं। 
अदालतों में लाखों रेप के केस विचाराधीन
रेप के अभियुक्तों को जेल होने पर किसी भी पीड़िता के परिजनों को कितना सुकून मिलता है! इसका अंदाजा लगाना तो मुश्किल है! लेकिन देश में भारतीय संविधान की धारा के तहत सजा काट रहे एक लाख से ज्यादा कैदियों में 10,892 बलात्कारी हैं। अदालतों में रेप के लाखों केस विचाराधीन हो सकते हैं क्योंकि नैशनल क्राइम ब्यूरो (एन.सी.आर.बी.) का 2017 तक का महिला अपराध का आंकड़ा साढ़े 3 लाख पार कर चुका है। विडंबना तो यह है कि महंगाई, बेरोजगारी, कानून और अर्थव्यवस्था की बेहाली के बीच आम जनता एक समय में एक ही मुद्दे पर ध्यान देती है। बाकी मुद्दों पर सियासतदान पर्दा नहीं बल्कि कफन डालने का प्रयास करते हैं।
किस जुर्म में कितने बंद:एनसीआरबी के आंकड़ों के मुताबिक 2017 तक आईपीसी के तहत 1 लाख 21 हजार 997 कैदी जेलों में सजा काट रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा 84 फीसदी (102535) मामले मानव शरीर को नुक्सान पहुंचाने और कत्ल के हैं। ऐसे मामलों में सिर्फ  कत्ल के मामलों की संख्या 68.4 फीसदी यानि 70,170 है। अब रेप के मामलों की बात की जाए तो 10.6 फीसदी (10,892) बलात्कारी जेलों में सजा काट रहे हैं। दहेज उत्पीडन के मामलों में 29.7 फीसदी (5,448) सजा काट रहे हैं। ये आंकड़े 31 दिसम्बर 2017 तक के हैं। यहां सिर्फ उन मामलों की बात हो रही है जिनमें अपराधियों को सजा हो चुकी है।
महिला अपराधों का बढ़ रहा ग्राफ:देश में महिलाओं की हर क्षेत्र में जहां भागीदारी बढ़ती जा रही है वहीं सरकारें इनके प्रति बढ़ते हुए अपराधों को लेकर गंभीर नहीं दिखाई पड़ती हैं। बीते माह एन.सी.आर.बी. की पब्लिक डोमेन पर डाली गई रिपोर्ट के मुताबिक भी देश की महिलाओं की स्थिति कुछ अच्छी नहीं है। महिलाओं के प्रति अपराध कम नहीं हो रहे हैं बल्कि बढ़ते जा रहे हैं। एन.सी.आर.बी. की ताजा रिपोर्ट के मुताबिक साल 2017 में 50 लाख 07 हजार 44 मामले दर्ज किए गए हैं जिनमें से 3 लाख 59 हजार 849 मामले महिलाओं के खिलाफ  अपराध संबंधी हैं। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2015 में महिलाओं के प्रति अपराध के 3 लाख 29 हजार 243 मामले दर्ज किए गए। 2016 में यह आंकड़ा में 3 लाख 38 हजार 954 तक पहुंच गया था।


आंकड़ों के मकडजाल में सरकार:थॉमसन रायटर्स फाऊंडेशन ने 2018 में एक जनमत सर्वेक्षण किया था! जिसमें कहा गया था कि भारत महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक देश है। यह घोषणा किसी रिपोर्ट या आंकड़ों पर नहीं बल्कि एक जनमत सर्वेक्षण पर आधारित है। इस संस्था के दावे को भारत सरकार ने सिरे से खारिज कर दिया था। सरकार महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने रैंकिंग को एक अवधारणा बताया था। यह मात्र 6 प्रश्नों के जवाब पर आधारित है। इसके अतिरिक्त इस सर्वेक्षण में मात्र 548 लोगों को शामिल किया गया है। रायटर्स के अनुसार ये व्यक्ति महिला संबंधी मामलों के विशेषज्ञ हैं। यहां इस बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है कि महिलाएं देश में कितनी सुरक्षित हैं। यह बताना भी जरूरी है कि 2015-16 में कराए गए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-4 में इस बात का उल्लेख किया गया है कि भारत में 15.49 आयु वर्ग की 30 फीसदी महिलाओं को 15 साल की आयु से ही शारीरिक हिंसा का सामना करना पड़ता है।


पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया

पूर्व पीएम सिंह को इमरजेंसी विभाग में भर्ती कराया  अकांशु उपाध्याय  नई दिल्ली। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को बृहस्पतिवार को ...