शनिवार, 7 दिसंबर 2019

मासूम पर पेट्रोल डाल,जलाने की कोशिश

नई दिल्ली! दिल्ली में सफदरजंग अस्पताल के बाहर उन्नाव दुष्कर्म केस के खिलाफ प्रदर्शन कर रही एक महिला ने अपनी छह साल की बेटी पर पेट्रोल डालकर आग लगाने की कोशिश की।
हालांकि वक्त रहते ही उसे पुलिस ने हिरासत में ले लिया और बच्ची को इलाज के लिए इमरजेंसी वार्ड में भेज दिया।


गौरतलब है कि उन्नाव दुष्कर्म मामले की पीड़िता की मौत हो जाने के बाद इसके विरोध में एक महिला सफदरजंग अस्पताल के बाहर प्रदर्शन कर रही थी। इसी दौरान उसने अपनी छह साल की बेटी पर पेट्रोल डालकर उसे आग लगाने की कोशिश की लेकिन पुलिस की सजगता के चलते वह कामयाब न हो सकी। पुलिस ने उसे हिरासत में ले लिया और बच्ची का इलाज चल रहा है।


पूर्व सीएम का 'विधानसभा' के बाहर धरना

लखनऊ! उन्नाव की रेप पीडि़ता की बीती रात दिल्ली में मौत के बाद प्रदेश का सियासी पारा एकाएक चढ़ गया है। मृत पीडि़ता के परिवारीजनों को इंसाफ दिलाने के लिए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी जहां उन्नाव के लिए रवाना हो गई, वहीं सपा अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव विधानभवन के सामने धरने पर बैठ गए।
प्रदेश में बिगड़ती कानून व्यवस्था, महिलाओं के प्रति अपराधों में वृद्धि पर आक्रोश जताने के लिए अखिलेश यादव 11 बजे विधानभवन के सामने पहुंचे और प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल व राष्ट्रीय सचिव राजेन्द्र चौधरी के साथ धरने पर बैठ गए।
इससे पहले उन्होंने दो मिनट का मौन रखकर दुष्कर्म पीड़िता को श्रद्धांजलि दी। अखिलेश के धरने पर बैठने की सूचना मिलते ही कार्यकर्ताओं का विधानभवन पहुंचना शुरू हो गया। सपा नेताओं ने कहा कि भाजपा राज में महिलाएं, बच्चियां सुरक्षित नहीं है। सपा पीडि़ता के परिवार को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ेगी।
इस दौरान अखिलेश यादव ने कहा उन्नाव की घटना बेहद दुखद और निंदनीय है। उन्होंने कहा कि उन्नाव की बेटी जिंदा रहना चाहती थी, लेकिन डॉक्टरों की कोशिश के बाद भी वह नहीं बची। बीजेपी सरकार में यह पहली घटना नहीं है। बीजेपी सरकार में बेटियां न्याय मांग रही हैं।
अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी सरकार में बेटियों के खिलाफ अपराध बढ़ा है। अखिलेश यादव ने कहा कि बीजेपी कानून व्यवस्था ठीक होने का दावा करती है। राज्य सरकार एक बेटी की जान नहीं बचा पाई।


बुलंदशहर में नाबालिग को बंधक बना 'गैंगरेप'

बुलंशहर! उत्तर प्रदेश में लगातार सामने आ रहे बलात्कार के मामलों ने राज्य की कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं! ताजा मामला बुलंदशहर का है जहां खेत में सब्जी तोड़ने गई? एक 14 साल की नाबालिग किशोरी को तीन युवकों ने खेत में बंधक बनाकर, उसके साथ गैंगरेप किया! आरोपियों ने गैंगरेप का वीडियो भी बनाया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया!
आनन-फानन में पुलिस ने मामला दर्ज कर, जहां पीड़िता को मेडिकल परीक्षण के लिए जिला महिला चिकित्सालय भेज दिया है! वहीं गैंगरेप के तीन नाबालिग आरोपियों और वीडियो वायरल करने वाले चौथे आरोपी को भी पकड़ लिया है! 
 इससे पहले शुक्रवार रात को उन्नाव में आग के हवाले की गई दुष्कर्म पीड़िता की शुक्रवार रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मौत हो गई!
करीब 90 फीसदी झुलस चुकी पीड़िता को गुरुवार को एअरबस से दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल लाया गया था! अस्पताल की ओर से बताया गया कि शुक्रवार (6 दिसंबर) को रात 11:40 बजे पीड़िता ने आखिरी सांस ली! 
पीड़िता को शुक्रवार रात को 11:10 बजे कार्डियक अरेस्ट आया, जिसके बाद डॉक्टरों की टीम उसे संभालने में जुट गए, लेकिन जान नहीं बचाई जा सकी! पीड़िता ने शुक्रवार सुबह में डॉक्टर से पूछा था कि क्या मैं बच जाऊंगी?' उसने अपने भाई से कहा था कि अगर उसकी मौत हो जाती है तो दोषियों को नहीं छोड़ना!


'हैवानो' को दौड़ा दौड़ा कर मारा जाए: पिता

नई दिल्ली! उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता ने शुक्रवार की रात 11.40 बजे सफदरजंग अस्पताल में दम तोड़ दिया। उन्नाव की दुष्कर्म पीड़िता सफदरजंग अस्पताल में जिंदगी के लिए करीब 44 घंटे तक जूझी, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।पीड़िता की मौत के बाद उसके पिता का बयान आया है, उन्होंने एक टीवी चैनल से बात करते हुए प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए। पिता ने योगी सरकार से मांग की है कि बेटी के साथ हैवानियत करने वालों को दौड़ा-दौड़ाकर मारा जाए। 


पीड़िता के पिता ने मांग कि है कि जैसे हैदराबाद में पुलिस ने आरोपियों को मारा, वैसे ही हमारी बेटी से दरिंदगी करने वालों को दौड़ा-दौड़ाकर मौत के घाट उतारा जाना चाहिए, नहीं तो आरोपियों को फांसी पर लटका देना चाहिए। उन्होंने आगे कहा कि आरोपियों को सजा मिलने के बाद ही बेटी की आत्मा को शांति मिल पाएगी। 


उन्नाव पीड़िता की भावुक अपील, मैं मरना नहीं चाहती


मौते से पहले सफदरजंग अस्पताल में भर्ती 90 फीसदी जली उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता ने आरोपियों को सजा देने की गुहार लगाई। गले और श्वास नली में सूजन के कारण ठीक से आवाज नहीं निकल पाने के बावजूद उसने टूटी आवाज और इशारों में कहा, मैं बच तो जाऊंगी ना। मैं मरना नहीं चाहती। उसने पास खड़े भाई से यह भी कहा कि उसके साथ दरिंदगी करने वाला कोई भी बचना नहीं चाहिए। 
 ये है पूरा मामला


 उन्नाव में गुरुवार को दुष्कर्म पीड़िता पर आरोपियों ने पेट्रोल डालकर उसे जलाकर मारने की कोशिश की। इसमें पीड़िता 90 फीसदी जल गई थी। चश्मीदीदों के मुताबिक पीड़िता आग लगने के बाद करीब एक किमी तक मदद की गुहार लगाते हुए दौड़ती रही थी। यहां तक की उसने खुद ही 112 पर फोन कर पुलिस को घटना की जानकारी दी थी, जिसके बाद वहां पुलिस की टीम और एंबुलेंस पहुंची थी।


1901 के बाद सबसे गर्म महीना 'नवंबर'

नई दिल्ली। नवंबर 2019 का महीना 1901 के बाद से अब तक का तीसरा सबसे गर्म महीना है। छिटपुट बारिश और बादलों से ढके होने के कारण इस साल नवंबर का महीना औसत तापमान से अधिक रहा। इस साल नवंबर का तापमान औसत से 0.72 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। 1901 के बाद से अब तक सबसे गर्म नवंबर 2015 रहा जब औसत से तापमान 0.87 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। औसत तापमान में वृद्धि1901 से अभी तक दूसरा सबसे गर्म महीना 1979 का रहा था जब औसत तापमान 0.86 डिग्री औसत से अधिक रहा। भारतीय मौसम विभाग पुणे के क्लाइमेट रिसर्च डिविजन के अरविंद कुमार श्रीवास्तव ने कहा, अगर सिर्फ औसत तापमान की बात की जाए तो इस साल नवंबर का महीना 1901 के बाद का सबसे गर्म महीना रहा।
दिल्ली का न्यूनतम तापमान सामान्य 2.1 डिग्री अधिक
पिछले महीने का न्यूनतम तापमान सामान्य से 1.5 डिग्री अधिक रिकॉर्ड किया गया जबकि 1979 में यह 1.64 डिग्री अधिक था। दिल्ली में औसत न्यूनतम तापमान सामान्य से 2.1 डिग्री अधिक रहा।
इस कारण गर्म रहा नवंबर
पुणे की सावित्रीबाई फुले यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर और पर्यावरणविद अल्का गाडगिल ने तापमान में वृद्धि के कारण बताए। उन्होंने कहा, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने लो प्रेशर सिस्टम और साइक्लोन का असर नवंबर के तापमान पर पड़ा। लो प्रेशर और साइक्लोन के कारण देश के कई हिस्सों में बारिश हुई और बादल छाए रहे। रात के वक्त में बादलों की मौजूदगी के कारण तापमान में कमी तो आती है, लेकिन वातावरण से उनकी मौजूदगी खत्म नहीं होती।


 


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


दिसंबर 08, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-124 (साल-01)
2. रविवार, दिसंबर 08, 2019
3. शक-1941, मार्गशीर्ष- शुक्लपक्ष, तिथि- द्वादशी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:50,सूर्यास्त 05:45
5. न्‍यूनतम तापमान -9 डी.सै.,अधिकतम-21+ डी.सै., कोहरा छाया रहने की संभावना ।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019

पुलिस स्टेशन में बनेगा 'महिला हेल्प डेस्क'

नई दिल्ली। मोदी सरकार ने महिला सुरक्षा को लेकर बड़ा फैसला लिया है। गृहमंत्रालय ने निर्भया फंड के लिए 100 करोड़ रुपये का फंड जारी किया है। सरकार ने पूरे देश के पुलिस स्टेशन में महिला हेल्प डेस्क बनाने का फैसला किया है। मंत्रालय के मुताबिक, इस स्कीम को राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के सहयोग से लागू किया जाएगा। केंद्र सरकार का यह फैसला ऐसे समय आया है जब रेप के बढ़ते मामलों से पूरा देश गुस्से में हैं। बलात्कारियों को कड़ी सजा देने के लिए सड़क से लेकर संसद तक फांसी की सजा की मांग की जा रही है। महिला सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े किए जा रहे हैं।


गृह मंत्रालय ने कहा, “महिला हेल्प डेस्क का उद्देश्य पुलिस स्टेशन को और अधिक वुमन-फ्रेंडली बनाना है। हेल्प डेस्क, पुलिस स्टेशन पहुंचने वाली महिलाओं की मदद के लिए हर संभव कदम उठाएगी। मंत्रालय के मुताबिक, महिला हेल्प डेस्क पर अधिकारियों को इस तरह से प्रशिक्षित किया जाएगा कि वे महिलाओं के प्रति ज्यादा से ज्यादा संवेदनशील रहें। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस डेस्क में महिला पुलिस अधिकारियों की तैनाती की जाएगी। डेस्क महिलाओं को कानूनी मदद, काउंसलिंग इत्यादि देने के लिए वकीलों और एनजीओ की मदद लेगी। दिसंबर 2012 में दिल्ली गैंगरेप की घटना के बाद 2013 में निर्भया फंड बनाया गया था। तत्कालीन यूपीए सरकार ने महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अलग से निर्भया फंड के लिए बजट जारी किया था। तत्कालीन सरकार ने इस फंड के लिए 10 हजार करोड़ रुपये प्रस्तावित किए थे। हालांकि हाल में जारी आंकड़े के मुताबिक, कई राज्यों ने इस फंड का इस्तेमाल ही नहीं किया। केंद्र सरकार ने पिछले पांच साल में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को 1656 करोड़ रुपये निर्भया फंड के जरिये जारी किए हैं! लेकिन कई राज्यों ने इसका इस्तेमाल ही नहीं किया है।


न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन

न्याय सम्मेलन एवं विशाल पैदल मार्च का आयोजन  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जनपद के टाउन हॉल में मंगलवार को सामाजिक न्याय क्रांति मोर्चा ...