शुक्रवार, 6 दिसंबर 2019

सिंचाई घोटाले में अजीत को क्लीन चिट

मुंबई। महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने सिंचाई घोटाले में पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार को क्लीन चिट दी। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में 27 नवंबर को एसीबी ने हलफनामा दायर किया, जिसमें कहा गया कि एजेंसियों के भ्रष्टाचार के लिए अजित पवार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, क्योंकि उनका कोई कानूनी कर्तव्य नहीं था।
महाराष्ट्र एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने सिंचाई घोटाले में पूर्व डिप्टी सीएम अजित पवार को क्लीन चिट दी। बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में 27 नवंबर को एसीबी ने हलफनामा दायर किया, जिसमें कहा गया कि एजेंसियों के भ्रष्टाचार के लिए अजित पवार को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है, क्योंकि उनका कोई कानूनी कर्तव्य नहीं था।


हाल ही में एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) के प्रमुख और मुंबई के पुलिस कमिश्नर संजय बारवे ने भी कुछ साल पहले कोर्ट में हलफनामा दायर किया था। एसीबी के हलफनामे में कहा गया था कि गोसीखुर्द और जीगाव परियोजनाओं के लिए टेंडर की फाइल पर अजित पवार ने साइन किए।


अब नए हलफनामे में कहा गया है कि विदर्भ इरिगेशन डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (वीआईडीसी) के सभी प्रावधानों का पालन किया गया। इसलिए उनका ऑब्जर्वेशन खारिज किया गया। गौरतलब है कि अजित पवार इस घोटाले में आरोपी थी। जब भाजपा की सरकार थी, तब मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भ्रष्टाचार के इन्हीं मामलों में अजित पवार को जेल भेजने की बात करते रहे। हालांकि बाद में फडणवीस ने इन्हीं अजित पवार के समर्थन से सरकार बनाई और पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया। पवार को क्लीन चिट देने की भी तभी शुरुआत हो गई थी। एसीबी ने अजित पवार से जुड़े कई मामलों में जांच बंद करने की घोषणा कर दी थी।


नवजात बच्ची को बिल्डिंग से नीचे फेंका

मुंबई।एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक मां ने नवजात बच्ची को बिल्डिंग की 17वीं मंजिल से नीचे फेंक दिया। यह घटना गुरुवार शाम की है।
मुंबई से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक मां ने नवजात बच्ची को बिल्डिंग की 17वीं मंजिल से नीचे फेंक दिया. यह घटना गुरुवार शाम की है। यह घटना 5 दिसंबर की शाम तब सामने आई जब नवजात बच्ची मुंबई के कांदिवली में जयभारत सोसाइटी की एसआरए बिल्डिंग के परिसर में मृत पाई गई।


बाथरूम की खिड़की से बच्ची को फेंका


नवजात बच्ची शाम करीब 5 बजे बिल्डिंग परिसर में पड़ी मिली। आसपास के लोगों ने पुलिस को इसकी जानकारी दी। पुलिस की प्राथमिक जांच में सामने आया कि मां ने गुरुवार दोपहर अपने फ्लैट के बाथरूम में बच्ची को जन्म दिया था और जन्म देने के बाद नवजात बच्ची को कथित तौर पर खिड़की से फेंक दिया।


पुलिस ने बताया कि महिला ने नवजात बच्ची को इसलिए फेंक दिया, क्योंकि उसका पिता महिला की कोई देखभाल नहीं कर रहा था, इस कारण महिला ने बच्ची को फेंक कर मार डाला। कांदिवाली के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, 'अभी हमलोग महिला को गिरफ्तार नहीं कर सकते, क्योंक अभी उसके और पति के बयान को दर्ज किया जाएगा। इसके अलावा अभी आस-पड़ोस के अन्य लोगों से पूछताछ की जा रही है।


जनता ने बरसाए फूल, उठे गई सवाल

हैदराबाद। पशु चिकित्सक के साथ हैवानियत करने वाले चारों आरोपियों को पुलिस ने मुठभेड़ में मार गिराया है। तेलंगाना पुलिस के अनुसार आरोपियों को राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर क्राइम सीन रीकंस्ट्रक्ट करने के लिए ले जाया गया था। इस दौरान आरोपियों ने पुलिस हिरासत से भागने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने उनपर गोलियां चला दीं। इस मुठभेड़ में चारों आरोपियों की मौके पर ही मौत हो गई। इस मामले पर लगातार प्रतिक्रियाएं और अपडेट आ रहे हैं। जानिए किसने क्या कहा और अबतक का अपडेट -- 
स्थानीय लोगों ने पुलिसकर्मियों पर फूल बरसाए। 
महिलाओं ने पुलिसकर्मियों का मुंह मीठा करवाया। 
घटनास्थल पर जुटे लोग पुलिस जिंदाबाद के नारे लगाते दिखे।  
पीड़ित डॉक्टर के पड़ोसियों ने पुलिसकर्मियों को राखी बांधी 
 


रामदेव ने किया समर्थन, विरोध में मेनका


बाबा रामदेव ने कहा कि बलात्कारी और आतंकवादियों के खिलाफ पुलिस, सेना और अर्धसैनिक बलों को ऐसी ही कार्रवाई करनी चाहिए। ऑन द स्पॉट फैसला होना चाहिए। इस तरह के खूंखार अपराधियों के साथ ऐसा ही सलूक होना चाहिए। इस घटना पर भाजपा सांसद मेनका गांधी ने कहा कि जो हुआ खतरनाक है, हमारे देश में कानून है, अदालत है, तो आप पहले से बंदूक क्यों चला रहे हैं। क्या बंदूक लेकर लोगों को मार देंगे। किसी केस में देरी हो रही है तो क्या बंदूक चला देंगे। वो निहत्थे थे, जेल से लाए गए थे, आपने उनको बंदूक से मार दिया।  


 सपा सांसद जया बच्चन ने कहा, देर आए दुरुस्त आए 


छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि जब कोई अपराधी भागने की कोशिश करता है तो पुलिस के पास कोई विकल्प नहीं रह जाता है। वहीं, शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कहा, जनता के दबाव की वजह से तो कहीं ये एनकाउंटर नहीं हुआ, पुलिस और सरकार अपने अधिकारों का दुरुपयोग न करे। 


जबकि दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि जनता गुस्से में हैं चाहे मामला उन्नाव का हो या हैदराबाद का, इसलिए लोग एनकाउंटर पर खुशी जाहिर कर रहे हैं। ये चिंता की भी बात है क्यों लोगों ने क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम में भरोसा खो दिया है। सभी सरकारों को इसे मजबूत करने पर काम करना होगा।


उन्नाव रेप कांडः नई एसआईटी टीम गठित

उन्नाव। जिंदा जलाए जाने के बाद बुरी तरह झुलसी उन्नाव गैंगरेप पीड़िता जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है। इसी क्रम में गुरुवार शाम लखनऊ मंडल के कमिश्नर मुकेश मेश्राम उन्नाव के बिहार थाना क्षेत्र के हिन्दुनगर गांव पहुंचे। यहां उन्होंने अधिकारियों से मामले की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने कहा कि घटना की जांच के लिए एक नई एसआईटी (SIT) की टीम गठित की गई है। उन्होंने कहा कि विवेचना अधिकारी अपनी विवेचना अलग करेंगे।


मेश्राम ने बताया कि एएसपी की अध्यक्षता में अलग से एसआईटी की टीम गठित की गई है। उन्होंने बताया कि एएसपी सभी आरोपियों के बयान दर्ज किए जाएंगे। वहीं कमिश्नर ने दावा करते हुए कहा कि इस मामले से जुड़े सभी साक्ष्य एसआईटी जुटाएगी। आपको बता दें कि अब तक युवती को जिंदा जलाने के मामले में पांचों आरोपियों की गिरफ्तारी की जा चुकी है।


सफदरजंग में चल रहा है इलाज
बताया जा रहा है कि जमानत पर छूट कर आए दो आरोपियों ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था। इस घटना में पीड़िता 90 फीसदी जल गई है। लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में इलाज करने के बाद उसे सफदरजंग अस्पताल रेफर कर दिया गया। पीड़िता को एयरलिफ्ट से सफदरजंग अस्पताल लाया गया जहां उसका इलाज चल रहा है।


राष्ट्रीय महिला आयोग ने को भेजा नोटिस
उधर घटना के बाद राष्ट्रीय महिला आयोग ने यूपी के डीजीपी ओपी सिंह से केस में विस्तृत रिपोर्ट तलब कर ली है। इसमें पीड़िता के केस दर्ज करवाने की तारीख से अब तक की कार्रवाई मांगी गई है। साथ ही पूछा गया है कि ये भी बताएं कि अगर साबित हुआ है तो रेप पीड़िता को सुरक्षा नहीं देने के लिए किन अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इसके अलावा महिला आयोग ने डीजीपी से उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ पिछले 3 साल में हुए जघन्य अपराधों और उनमें दी गई जमानतों की रिपोर्ट भी तलब कर ली है। एनसीडब्ल्यू की तरफ से कहा गया है कि जल्द से जल्द रिपोर्ट भेजें।


क्या है मामला


घटना बिहार थाना क्षेत्र के हिन्दुनगर गांव की है। कुछ दिन पहले ही युवती के साथ रेप हुआ था। इस मामले में दो नामजद आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। गुरुवार को युवती इसी मामले की पैरवी के लिए रायबरेली जा रही थी। सुबह चार बजे के करीब गांव के बाहर खेत में दोनों आरोपी व उसके तीन साथियों ने उसके ऊपर मिटटी का तेल छिड़ककर आग लगा दी। इसकी सूचना मिलते ही गांव में हड़कंप मच गया। सूचना पर पुलिस भी मौके पर पहुंची और पीड़िता को जिला अस्पताल पहुंचाया गया। जहां से उसे लखनऊ ट्रामा सेंटर रेफर किया गया।


झुंझुनू के शोर में दबाई जरूरत की आवाज

मुंबई। एक बार फिर शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' के संपादकीय के जरिए बीजेपी पर निशाना साधा है। शिवसेना ने कहा, देश में राजनैतिक परिदृश्य तेजी से बदला है। खासकर पिछले दो सालों में इसमें बहुत बड़ा बदलाव आया है। 71 फीसदी भूभाग का सत्तासुख भोगनेवाली पार्टी अब महज 40 फीसदी पर सिमट चुकी है। संपादकीय में लिखा, 'न केवल महाराष्ट्र बल्कि राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे महत्वपूर्ण प्रदेश अब भारतीय जनता पार्टी के पास नहीं हैं। हरियाणा में भले ही भाजपा ने चुनाव बाद गठबंधन का सौदा कर सरकार बचा ली हो पर स्वीकार्यता के मामले में उसे हर मोर्चे पर नाकामयाबी ही हाथ लगी है। इसी कड़ी में अब झटका देने की बारी झारखंड की नजर आ रही है। वहां जारी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर तस्वीर साफ है कि इस बार झारखंड की जनता भी सत्ता के अहंकार को जोर का झटका, जोर से ही देगी। हालांकि भाजपा ने चुनाव जीतने के लिए वहां पूरी ताकत झोंक दी है। प्रधानमंत्री मोदी से लेकर राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह तक मैदान में कूद पड़े हैं पर मैदान में उन्हें सुनने को भीड़ नहीं जुट रही। संपादकीय में लिखा, अभी पिछले गुरुवार को ही अमित शाह चतरा और गढ़वा गए थे प्रचार करने। पर दुर्भाग्य से वहां उन्हें सुनने लोग ही नहीं जुटे। इस पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने खासी नाराजगी भी जताई, पर शायद यह नाराजगी जताने में वे देरी कर गए हैं। समय रहते अपनी सरकार पर उन्होंने यह नाराजगी जताई होती तो शायद आज यह नौबत नहीं आती। वर्ष 2000 में झारखंड राज्य गठन से आज तक ज्यादातर वहां सत्ता भाजपा या उसके समर्थन से ही रही है। तब भी विकास के मामले में झारखंड हमेशा 'कुपोषित' ही बना रहा। आदिवासी संस्कृति और संपत्ति वाले प्राकृतिक संसाधनों के धनी इस राज्य में आज तक गरीबी, बेरोजगारी, अशिक्षा, बीमारू स्वास्थ्य सेवाएं, संगठित अपराध और अराजकता का बोलबाला रहा। वहां के आदिवासियों का जीवन अभावग्रस्त और कर्जग्रस्त ही बना रहा। वहां के आदिवासी-किसानों के लिए आज भी जल, जंगल और जमीन ही जमीनी मुद्दा हैं। वो सत्ताधारी भाजपा से इसी पर सवाल भी पूछ रहे हैं। वो केंद्र के 'राष्ट्रीय पराक्रम' को ज्यादा तवज्जो नहीं देते, उन्हें 'अपनी' सरकार की स्थानीय नीति क्या है, इससे सरोकार है। इसी पर वे सत्ताधारी भाजपा से जवाब चाहते हैं।
- विकास के झुनझुने के शोर ने दबा दी है जरूरत की आवाज
झारखंड की ताजा चुनावी तस्वीर देखकर लगता भी है कि वहां की जनता का जो संघर्ष अट्ठारहवीं शताब्दी से चला आ रहा था, वो आज भी जारी है। उन्हें खुद की 'सरकार' तो मिली पर जल-जंगल-जमीन और अपने प्राकृतिक संसाधनों का अधिकार नहीं मिल पाया। इससे उन्हें अब भी बेदखल किया जा रहा है। विकास के झुनझुने के शोर ने उनके जरूरत की आवाज दबा दी है। जंगल-पेड़ कट गए पर उन्हें क्यों रोटी-रोजगार नहीं मिला? आज जनता इसी का जवाब चाहती है। इसी पर वो सवाल भी उठा रही है. अलबत्ता, यह चुनाव ही वहां के किसान-आदिवासियों की अस्मिता, स्वायत्तता, संस्कृति और संपत्ति को बचाने का समर है।


मौत से लड़ती रेप पीड़िता दिल्ली शिफ्ट

नई दिल्ली। यूपी के लखनऊ से एयर लिफ्ट हुई उन्नाव पीड़िता गुरुवार रात दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल पहुंची। अस्पताल के आपातकालीन विभाग के आईसीयू में पीड़िता को भर्ती किया है। पीड़िता के साथ एक परिजन भी अस्पताल में मौजूद है। शाम करीब 6 बजे लखनऊ से दिल्ली रवाना होने के बाद इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर एयर एंबुलेंस पहुंची। रात 8 बजकर 22 मिनट पर हवाई अड्डे से सफदरजंग अस्पताल तक एंबुलेंस के लिए दिल्ली पुलिस ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया था। करीब 100 यातायात पुलिस और 50 पुलिस जवानों की मदद से ग्रीन कॉरिडोर के जरिए पीड़िता को अस्पताल पहुंचाया। इससे पहले उत्तर प्रदेश महिला आयोग की उपाध्यक्ष सुषमा भी अस्पताल पहुंची। उन्होंने बताया कि वह पीड़िता से मिलने आई हैं। उन्होंने ये भी कहा कि भले ही उत्तर प्रदेश पुलिस ने सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया हो, लेकिन आयोग इन आरोपियों को फांसी देने की मांग कर रहा है। सफदरजंग अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार अस्पताल के बर्न विभाग के वरिष्ठ डॉ. शलभ की निगरानी में तीन वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम ने पीड़िता का उपचार शुरू कर दिया है। पीड़िता का करीब 90 फीसदी शरीर आग की चपेट में आने के कारण उसकी हालत बेहद गंभीर बनी हुई है। डॉक्टरों का कहना है कि फिलहाल अगले 24 घंटे तक वे कुछ भी जानकारी नहीं दे सकते हैं।


आईसीयू में भर्ती पीड़िता का उपचार शुरू कर दिया है। कुछ मेडिकल जांच भी की गई हैं जिनकी रिपोर्ट शुक्त्रस्वार सुबह आएगी। इन रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की जानकारी दी जाएगी। मेडिकल टीम में तीन वरिष्ठ डॉक्टर के अलावा पांच सीनियर रेजीडेंट, चार नर्से भी शामिल हैं। उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को एयर एंबुलेंस से दिल्ली ले जाया जाएगा इससे पहले उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल पहुंच चुकी है। मीडिया से बात करते वक्त उन्होंने बताया कि वह पीड़िता से मिलने आई हैं। उन्होंने कहा कि यह एक जघन्य अपराध है। महिला आयोग ऐसे दोषियों के लिए फांसी के सजा की मांग करती है।  बता दें कि उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता को जिंदा जलाए जाने की घटना के बाद गुरुवार को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने इस मामले को लेकर उत्तर प्रदेश डीजीपी को एक पत्र लिखकर विस्तृत जानकारी मांगी है।


उन्होंने कहा कि युवती को अदालत जाते वक्त रास्ते में आग लगा दी गई। ऐसा सिर्फ इसीलिए हुआ क्योंकि न तो युवती को सुरक्षा दी गई थी और न ही उसके साथ दुष्कर्म करने वाले आरोपियों की जमानत पर अदालत ने किसी तरह की आपत्ती जताई थी। इससे पहले उन्नाव के बिहार थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाली सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता को गुरुवार सुबह पांच युवकों ने पेट्रोल डालकर जला दिया था। पिता की सूचना पर पहुंची पुलिस ने पीड़िता को जिला अस्पताल पहुंचाया। जहां पीड़िता की हालत गंभीर देख कानपुर हैलट रेफर कर दिया गया था। कानपुर के बाद पीड़िता को लखनऊ रेफर कर दिया गया।


पीड़िता ने बयान दिया है कि गुरुवार सुबह चार बजे वह रायबरेली जाने के लिए ट्रेन पकड़ने बैसवारा बिहार रेलवे स्टेशन जा रही थी। गौरा मोड़ पर गांव के हरिशंकर त्रिवेदी, किशोर शुभम, शिवम, उमेश ने घेर लिया और सिर पर डंडे से और गले पर चाकू से वार किया। वह चक्कर आने से गिरी तो पेट्रोल डालकर आग लगा दी। शोर मचाने पर भीड़ को आता देख वह भाग निकले। पीड़िता ने बताया कि पूर्व में आरोपियों ने उसके साथ दुष्कर्म किया था। उधर, घटना की जानकारी मिलने पर डीएम देवेंद्र पांडे, एसपी विक्रांत वीर समेत कई थानों की पुलिस फोर्स मौके पर पहुंची। पीड़िता की हालत गंभीर देख कानपुर हैलट रेफर कर दिया गया था। बताया जा रहा है कि सभी हमलावरों को हिरासत में ले लिया गया है। जानकारी के अनुसार दुष्कर्म पीड़िता रायबरेली मामले की पेशी के लिए जा रही थी। एसपी विक्रांत वीर ने बताया कि घटना के तत्काल बाद पीड़िता के बयान के आधार पर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। बाकी दो आरोपियों की तलाश के लिए चार टीमें बनाई गई हैं। लखनऊ में सिविल अस्पताल की बर्न यूनिट में भर्ती है। पीड़िता को देखने एडीजी जोन एसएन सावंत सिविल अस्पताल पहुंचे।


रेप के चारों आरोपियों का एनकाउंटर

हैदराबाद। हैदराबाद गैंगरेप को चारों आरोपी मारे गए हैं। हैदराबाद पुलिस ने चारों आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया है। बताया जा रहा है कि पुलिस इन चारों लोगों को वारदात की जगह ले जा रही है, जहां से इन चारों लोगों ने भागने की कोशिश की। इसके बाद पुलिस ने चारों आरोपियों का एनकाउंटर कर दिया।
हैदराबाद के बाहरी इलाके शमशाबाद में 27 नवंबर की रात को चार ट्रक ड्राइवरों और क्लीनर ने मिलकर महिला डॉक्टर के साथ गैंगरेप और जलाकर मारने जैसे अपराध को अंजाम दिया था.देश में रेप के मामलों में आरोपियों को सज़ा देने में कितनी देरी होती है, इससे हर कोई वाकिफ है। दिल्ली में निर्भया कांड को 7 साल बीत गए हैं, लेकिन आरोपियों को अभी तक फांसी की सज़ा नहीं मिली है। ज़ाहिर है कि हैदराबाद में महिला वेटनरी डॉक्टर से गैंगरेप के बाद हत्या और फिर लाश को जला देने की घटना के बाद देश भर में लोगों का गुस्सा फुट पड़ा। लोगों को लगा शायद इस केस में भी आरोपियों को सज़ा मिलने में सालों लग जाएंग। हालांकि, एनकाउंटर में आरोपियों को मार गिराए जाने के बाद लोगों ने राहत की सांस ली है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि ऐसी ही घटना हैदराबाद में 11 साल पहले भी हुई थी और तब आज के पुलिस कमिश्नर सीपी सज्जनार (वहां पुलिस सुपरिटेंडेंट थे।


साल 2008 का एनकाउंटर


ये घटना साल 2008 की है. आंध्र प्रदेश के वारंगल में तीन आरोपी पुलिस की हिरासत में थे। इन तीनों पर इंजिनिरिंग कॉलेज की 2 छात्राओं पर एसिड फेंकने का आरोप था। पुलिस यहां भी घटना के सीन को रि- क्रिएट करना चाहती थी। उन्हें भी घटनास्थाल पर ले जाया गया। यहां ये तीनों आरोपी पुलिसवालों पर एसिड फेंक कर भागने की फिराक में थे। तभी पुलिस ने इन पर गोलियां बरसा दी। घटनास्थल पर ही तीनों आरोपियों की मौत हो गई।


उस वक्त यहां के एसपी सीपी सज्जनार ही थे। उन्होंने पूरी घटना के बारे में मीडिया को बताया था और कहा था इन तीनों ने अपना गुनाह कबूल कर लिया था। लिहाजा पुलिस इस घटना को समझने के लिए घटनास्थल पर गई और एनकाउंटर हो गया। कहा जा रहा है कि इस घटना के बाद हैदराबाद में महिलाओं पर एसिड फेंकने की घटनाएं काफी कम हो गई।


11 साल बाद एक और एनकाउंटर और वहीं पुलिस ऑफिसर


आज एक बार फिर से 11 साल बाद हैदराबाद में इस एनकाउंटर ने लोगों को पुरानी घटना की याद दिला दी है। शुक्रवार की सुबह भी कुछ ऐसा ही हुआ। तेलंगाना पुलिस के मुताबिक सभी आरोपियों को सुबह घटनास्थल पर ले जाया गया था, जहां पर पूरी घटना को रिक्रिएशन किया जाना था। इसी दौरान आरोपी पुलिस की गिरफ्त से भागने की कोशिश करने लगे। पुलिस ने सभी आरोपियों को रुकने के लिए कहा, लेकिन वह भागते रहे। बाद में पुलिस को गोली चलानी पड़ी और सभी चारों आरोपियों की मौत हो गई।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...