लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का पुराना नाम लेने पर समाजवादी पार्टी के नेता आईपी सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। यह मामला अधिवक्ता कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने वाराणसी के शिवपुर थाने में दर्ज करवाई है। उनपर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप लगा है। आपको बता दें कि आईपी सिंह ने अपने ट्विटर अकाउंट पर योगी आदित्यनाथ का पुराना नाम 'अजय सिंह बिष्ट' लिखा था।
अधिवक्ता कमलेश चंद्र त्रिपाठी ने अपनी तहरीर में कहा है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संत परंपरा के अनुसार जीवन जीते हैं। गोरक्ष पीठ के पीठाधीश्वर होने के बावजूद आईपी सिंह सोशल मीडिया पर योगी आदित्यनाथ की जगह अजय सिंह बिष्ट लिखते हैं। इस तरह वह संतों और उनकी परंपराओं के साथ सनातन धर्म में आस्था रखने वालों की भावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं। आई पी सिंह पर आईटी एक्ट की धारा 67 (इलेक्ट्रॉनिक तरीके से घृणित वस्तु को प्रचारित करना) के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है। जानकारी के मुताबिक यह एफआईआर बीते सोमवार को शिवपुर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया है। कैनटॉनमेन्ट के सर्किल ऑफिसर मोहम्मद मुश्ताक ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि 'थाने में शिकायत दर्ज कराई गई थी कि आई पी सिंह ने धार्मिक भावनाओं को आहत किया है जिसके आधार पर यह एफआईआर दर्ज की गई है। उन्होंने मुख्यमंत्री का पुराना नाम लिया था...हमलोग इस मामले की तफ्तीश कर रहे हैं और जांच के बाद ही आगे की जानकारी दी जाएगी।'
सपा प्रवक्ता आईपी सिंह ने मुकदमा कायम होने की सूचना पर बुधवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को टैग किए ट्वीट में लिखा कि असली नाम लेना अगर गुनाह है तो भेजिए पुलिस और गिरफ्तार करवा लीजिए मुझे। उत्तर प्रदेश पुलिस ने सीरिया को भी कहीं पीछे छोड़ दिया है।
इधर इस पूरे मामले पर समाजवादी पार्टी के नेता आई पी सिंह का दावा है कि उन्हें इस एफआईआर के बारे में मीडिया रिपोर्ट्स से पता चला है। समाजवादी पार्टी के नेता के मुताबिक 'पुलिस ने उन्हें इस मामले में अभी तक कुछ भी नहीं कहा है। उनका आरोप है कि पुलिस ने इस मामले में बिना उनका पक्ष जाने उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज कर लिया मैंने यूपी के सीएम आदित्यनाथ का पुराना नाम लेकर कुछ गलत नहीं किया है।' एसपी नेता ने बीते बुधवार को ट्वीट कर कहा कि वो हाईकोर्ट जाएंगे और इस एफआईआर को चुनौती देंगे।