सोमवार, 2 दिसंबर 2019

बरसात से गिरी दीवार, 15 लोगों की मौत

कोयंबटूर। तमिलनाडु के कोयंबटूर में दीवार गिरने से 15 लोगों की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि कोयंबटूर में भारी बारिश से तीन मकान ढह गए हैं। मेट्टुपालयम में सोमवार सुबह हुए इस हादसे में अब तक 15 शव बरामद किए जा चुके हैं। मलबे में दबे बाकी लोगों को निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है। इसे स्थानीय लोगों की मदद से दमकल विभाग चला रहा है।बतादें कि तमिलनाडु के कई जिलों के स्कूलों में छुट्टी कर दी गई है। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों में और बारिश होने का पुर्वानुमान जताया है। बता दें कि चेन्नई में भारी बारिश के चलते एक व्यक्ति की मौत हो गई। क्षेत्रीय चक्रवात चेतावनी केंद्र के निदेशक एन पुविरासन ने कहा कि ऊपरी वायु प्रवाह के कारण राज्य में भारी बारिश हुई है। उन्होंने कहा कि अगले 24 से 48 घंटे में हल्की से भारी बारिश होने की संभावना है लेकिन रामनाथपुरम, तिरुनेलवेली, तूतीकोरिन, वेल्लोर, तिरुवल्लुर, तिरुवन्नमलाई जिलों में अगले 24 घंटों में भारी वर्षा हो सकती है। भारी बारिश की आशंका के चलते मद्रास यूनिवर्सिटी और अन्ना यूनिवर्सिटी की सोमवार को होने वाली परीक्षा को आगे के लिए टाल दिया गया है।


 


रिटायर प्रोफेसर ने दान किए 97 लाख रुपए

कोलकाता! एक सेवानिवृत्त महिला प्रोफेसर चित्रलेखा मल्लिक ने राज्य के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों को 97 लाख रुपये की रकम दान में देने का दावा किया है। उनमें से 50 लाख रुपये उन्होंने बीते साल जादवपुर विश्वविद्यालय के अपने शोध गाइड पंडित बिधुभूषण भट्टाचार्य की याद में दिए थे।


उन्होंने बताया कि वे शोधकर्ताओं की आर्थिक सहायता करना चाहती हैं। मल्लिक ने बताया कि उन्होंने अपने पहले दान के तौर पर वर्ष 2002 में विक्टोरिया संस्थान में राष्ट्रीय मूल्यांकन व प्रत्यायन परिषद (एनएएसी) के सदस्यों के दौरे से पहले बुनियादी ढांचे के विकास के लिए 50 हजार रुपये की रकम दी थी।


उन्होंने अपने माता-पिता के नाम पर हावड़ा में इंडियन रिसर्च इंस्टीट्यूट फॉर इंटीग्रेटेड मेडिसिन के लिए 31 लाख रुपये की बड़ी रकम भी दान दी है। उन्होंने बाकी रकम भी शिक्षा और गरीबों के कल्याण के लिए 2002 और 2018 के बीच विभिन्न संस्थानों को दी है।


अनुचित लाभ: धारा 409 के तहत मामला दर्ज

बरघाट (साई)। बरघाट पुलिस के द्वारा 55 अपात्र लोगों को अनुचित तरीके से लाभ पहुँचाने के आरोप में नगर परिषद बरघाट के अध्यक्ष रंजीत वासनिक, तत्कालीन मुख्य नगर पालिका अधिकारी भरत गजबे एवं उपयंत्री शील भालेवार के खिलाफ धारा 409 के तहत मामला पंजीबद्ध किया गया है।


बताया जाता है कि जिलाधिकारी के आदेश के उपरांत बनायी गयी जाँच समिति के द्वारा की गयी जाँच में प्रधानमंत्री आवास योजना में 55 अपात्र लोगों को एक करोड़ 13 लाख रूपये बांटने के आरोप सामने आये थे। इसके बाद की गयी कार्यवाही में पुलिस के द्वारा प्राथमिकी दर्ज की गयी है।


बरघाट पुलिस के द्वारा रविवार को दर्ज की गयी प्राथमिकी के उपरांत जिले में सियासी भूचाल आ गया है। इसमें नगर परिषद के निर्दलीय चुने गये अध्यक्ष रंजीत वासनिक सहित दो अधिकारियों के खिलाफ नामज़द प्राथमिकी दर्ज की गयी है।


बताया जाता है कि स्थानीय काँग्रेस नेता व नगर पंचायत के पूर्व अध्यक्ष अनिल सिंह ठाकुर और काँग्रेस प्रवक्ता सुरेंद्र जैसवाल ने जिलाधिकारी प्रवीण सिंह को एक शिकायत दी थी जिसमें प्रधानमंत्री आवास में घोटाले का आरोप लगाते हुए जाँच करवाये जाने की माँग की गयी थी।


इसके उपरांत जिला कलेक्टर प्रवीण सिंह ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व बरघाट, तहसीलदार बरघाट और नगर पंचायत के मुख्य नगर पालिका अधिकारी की एक समिति बनाकर इस मामले की जाँच करने के आदेश दिये थे। जाँच में पाया गया कि बरघाट क्षेत्र में स्वीकृत 1200 प्रधानमंत्री आवासों में से 55 अपात्रों को बिना किसी काम के भुगतान दे दिया गया। इस प्रकार लगभग एक करोड़ 13 लाख रुपये का गोलमाल प्रथम दृष्टया प्रकाश में आया है।


रविवार को प्रशासन ने इस मामले में अमानत में खयानत का मामला बरघाट थाने में दर्ज कराया। बरघाट पुलिस ने इस मामले में धारा 409 के तहत नगर परिषद अध्यक्ष रंजीत वासनिक, भरत गजबे तत्कालीन राजस्व उप निरिक्षक (वर्तमान में छिंदवाड़ा जिले के चौरई में सीएमओ के पद पर पदस्थ) व प्रधानमंत्री आवास की नोडल अधिकारी और उपयंत्री शील भालेवार के खिलाफ अमानत में खयानत का मामला दर्ज कर लिया है। वहीं प्रशासन का कहना है कि मामले में जाँच अभी जारी है जिसमें आगे और भी खुलासे हो सकते हैं। पुलिस ने प्रशासन की शिकायत पर धारा 409 के तहत अमानत में खयानत का मामला दर्ज किया है! इसके तहत 55 अपात्र लोगों को गलत तरीके से लाभ पहुँचाने के मामले में एक करोड़ रुपये से अधिक के राजस्व का नुकसान हुआ है!


भगत सिंह धुर्वे


भाजपा के लिए 'चिंतन-मनन' का समय

नई दिल्ली! भारतीय जनता पार्टी को भाजपा के आदर्श पुरूष श्यामा प्रसाद मुखर्जी के द्वारा 1951 में जनसंघ की नीव को ही उदय माना जाए तो अतिश्योक्ति नहीं होगा। 1977 में आपातकाल की समाप्ति के उपरांत जनता पार्टी को बनाए जाते समय जनसंघ सहित अन्य दलों का इसमें विलय कर दिया गया था। जनता पार्टी उस दौर में इतनी लोकप्रिय (या यह कहा जाए कि कांग्रेस से जनता बुरी तरह आज़िज आ चुकी थी) हो चुकी थी कि 1977 के आम चुनावों में कांग्रेस को जनता पार्टी के द्वारा करारी शिकस्त दी गई। 1980 में भारतीय जनता पार्टी का निर्माण हुआ। इसके बाद भाजपा ने एक के बाद एक सौपान तय किए, किन्तु इक्कसवीं सदी के दूसरे दशक में भाजपा का जनाधार जिस तरह से घटता दिख रहा है उसे देखते हुए भाजपा को अब अपनी स्थिति का आंकलन करते हुए चिंतन मनन करने की जरूरत महसूस की जाने लगी है।


 


हाल ही में महाराष्ट्र में भाजपा को जिस तरह का यू टर्न लेना पड़ा उससे भाजपा की साख बुरी तरह प्रभावित हुई है। सूबे में भाजपा और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की युती औंधे मुंह गिरी और इसके बाद कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना ने मिलकर सरकार का गठन कर लिया है।


शिवसेना के द्वारा भाजपा से ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री का पद मांगा जा रहा था। भाजपा के रणनीतिकार संभवतः महाराष्ट्र के सियासी समीकरणों को भांप नहीं पाए और उनके द्वारा राकांपा के साथ मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। महज एक दिन में ही यह सरकार ढेर हो गई।


शिवसेना के उद्धव ठाकरे की मांग अगर भाजपा के द्वारा मानी जाकर सरकार को बना लिया जाता और ढाई साल बाद जैसी भी परिस्थितियां निर्मित होतीं या की जातीं उसके बाद उपजने वाली परिस्थितियों में शिवसेना का साथ लिया जाता या छोड़ दिया जाता यह तो भविष्य के गर्भ में था पर कम से कम ढाई सालों में भाजपा अपने आप को एक बार फिर सूबे सहित देश में मजबूती के साथ खड़ा कर सकती थी।


कहा जाता है कि सियासी बियावान में कोई भी स्थाई मित्र या शत्रु नही होता है। परिस्थितियों के हिसाब से सियासी दल अपने मित्र या शत्रु तय करते हैं। महाराष्ट्र की सियासत इसका नायाब उदहारण मानी जा सकती है। वैचारिक मतभेद या मनभेद होने के बाद भी तीनों दल एक साथ खड़े दिख रहे हैं सूबे में।


महाराष्ट्र में सरकार में शामिल दल अब मुख्यमंत्री का पद नहीं चाह रहीं है। यह बात शिवसेना के लिए राहत भरी मानी जा सकती है। इसके अलावा कांग्रेस और राकांपा के द्वारा उप मुख्यमंत्री के साथ मलाईदार पदों पर कब्जा ही चाहा जा रहा है, जो उद्धव ठाकरे के लिए मुश्किल बात नहीं है।


इस तरह से बेमेल गठबंधन की सरकार महाराष्ट्र में बन तो गई है पर यह कितने दिन चलेगी यह कहना अभी जल्दबाजी ही होगी। आने वाले समय में अगर इस गठबंधन में खींचतान आरंभ हो जाए तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिए। भाजपा को अब महाराष्ट्र की सियासत पर बारीक नजर रखकर भविष्य को भांपते हुए कदम उठाने की जरूरत है।


ठेठ कांग्रेसी रहे शरद पंवार ने कांग्रेस का दामन सोनिया गांधी के विदेशी मूल मुद्दे को आधार बनाकर छोड़ा था। मराठा क्षत्रप के कदम तालों को पहचानना देश के सियासतदारों के बस की बात नहीं दिखती। शरद पंवार के द्वारा शिवसेना के आदर्शों में कथित तौर पर बदलाव करवाते हुए उसे भी धर्म निरपेक्ष रास्ते पर लाकर खड़ा कर दिया है।


शिवसेना के द्वारा जिस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं उसे देखकर लग रहा है कि सत्ता की मलाई चखने और मुख्यमंत्री पद की चाहत में शिवसेना के आलंबरदार अब शरद पंवार के जाल में इस तरह उलझ चुके हैं कि शिवसेना अपने मूल उद्देश्यों को बिसार दिया है।


महाराष्ट्र की नई त्रिफला सरकार के द्वारा जिस तरह का न्यूनतम साझा कार्यक्रम बनाया है वह गैर भाजपाई सरकारों के लिए एक नज़ीर बन सकता है। सरकार के द्वारा किसानों की पूरी कर्जमाफी, एक रूपए में डाक्टरी इलाज, दस रूपए में खाना, गंदी बस्तियों के निवासियों को 500 वर्ग फीट का निशुल्क भूखण्ड, लोकल लोगों को नौकरियों में विशेष आरक्षण आदि जैसी बातों को इसमें शामिल किया गया है।


पाक की नापाक हरकत पर 'सेना' सख्त

नई दिल्ली! लगातार मात खाने के बाद भी पाकिस्तानी सेना सुधरने का नाम नहीं ले रही है। पाकिस्तानी सेना ने रविवार को पुंछ जिले के कस्बा और शाहपुर सेक्टर में संघर्षविराम का उल्लंघन किया। पाकिस्तानी सेना ने यह नापाक हरकत शाम करीब चार बजे की। इस नापाक हरकत में एक स्थानीय नागरिक घायल हो गया।


वहीं एक बार फिर भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई से पाकिस्तान को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा। भारतीय सेना की जवाबी कार्रवाई में दो पाकिस्तानी सैनिकों के घायल होने की सूचना है। इसके साथ ही कई पाकिस्तानी चौकियों को भारी नुकसान भी पहुंचा है।


पाकिस्तानी फायरिंग में घायल हुए स्थानीय नागिरक की पहचान जमालदीन(55) पुत्र मिथ्थू के रूप में हुई है। वह कस्बा गांव के निवासी हैं। जम्मू मेडिकल कॉलेज में घायल का इलाज चल रहा है। इससे पहले पाकिस्तानी सेना ने शनिवार दोपहर करीब तीन बजे पाकिस्तानी सेना ने पुंछ जिले के कस्बा और किरनी सेक्टर में संघर्षविराम का उल्लंघन किया था। वहीं मंगलवार को भी पाकिस्तान की ओर से पुंछ जिले के मालती सेक्टर में संघर्षविराम का उल्लंघन किया गया था।


हैदराबाद रेप कांड में दर-परत-दर खुलासे

हैदराबाद! हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी में परत दर परत खुलासे हो रहे हैं। इस मामले में मुख्य आरोपी मोहम्मद अली उर्फ आरिफ को लेकर खुलासा हुआ है कि वह पिछले दो साल से बिना लाइसेंस के ट्रक चला रहा था और कभी पकड़ा भी नहीं गया।


25 नवंबर को विजिलेंस और परिवहन अधिकारियों ने महबूबनगर में उसकी पहचान कर ली थी, बावजूद इसके वह पकड़ में नहीं आया। पुलिस के मुताबिक उसने अपने ट्रक को कहीं खड़ा कर दिया था और जैसे ही पुलिस का पहरा कम हुआ ट्रक लेकर भाग गया। जांच में पता चला है कि किस तरह बिना लाइसेंस के ट्रक चलाने के बावजूद अली दो साल तक बचा रहा और किस तरह उसने अपने तीन साथियों के साथ इस घिनौनी वारदात को अंजाम दिया। 


चेकिंग में बच निकला ड्राइवर 


टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, 24 नवंबर को अली और ट्रक क्लीनर जोलू शिवा कर्नाटक से ईंटें भरकर हैदराबाद के लिए रवाना हुए। रिमांड रिपोर्ट के मुताबिक अली ने जोलू नवीन और चिंताकुंता से कहा कि वे उसे तेलंगाना के गुडीगांडला गांव में मिलें। उनकी योजना यहां से अवैध स्टील की सरिया हैदराबाद ले जाने का था। ट्रक में स्टील भरने के बाद चिताकुंता अपने गांव चला गया। बाकी तीनों हैदराबाद के लिए रवाना हो गए। 


महबूबनगर में संयुक्त चेंकिंग टीम ने आई टाउन पुलिस थाने के पास अली के ट्रक को पकड़ा। ये करीब सुबह चार बजे का वक्त था। उसके पास लाइसेंस ही नहीं था। अधिकारियों ने ट्रक को जब्त करने की सोची, लेकिन अली ने चालाकी दिखाते हुए सेल्फस्टार्ट केबल को निकाल दिया जिससे ट्रक हिल ही नहीं सका। इसके बाद पुलिस दूसरी जगह चेकिंग में जुट गई। इसी बीच तीनों आरोपी फरार हो
गए। 


इन लोगों ने ट्रक को पेट्रोल पंप के पास खड़ा कर दिया। रायकल टोल प्लाजा के पास इन्होंने स्टील चार हजार रुपये में बेच दिया। 26 नवंबर रात नौ बजे चारों शमशाबाद पहुंचे, वहां ट्रक को खड़ा किया और इसके अंदर ही सो गए। अगली सुबह पुलिस ने इन्हें ट्रक हटाने को कहा। 


महिला डॉक्टर को पहली बार देखा 


शमशाबाद छोड़ने की बजाए ये चारों थोंडुपली ओआरआर टोल प्लाजा पहुंचे और ट्रक को वहां खड़ा कर दिया। जब ये शराब पी रहे थे, उन्होंने महिला डॉक्टर को वहां अपना स्कूटर खड़ा करते देखा। तभी इन्होंने खौफनाक साजिश रच डाली। 


जांच में ये भी खुलासा हुआ है कि इन्होंने महिला डॉक्टर के मुंह में जबरन शराब डाली। यौन हमले के बाद पीड़िता होश खो बैठी। जब होश में आई तो अली ने उसे मार डाला। हत्या करने के बाद डॉक्टर की लाश को एक कपड़े में लपेटा और ट्रक में रख लिया। दो लोग पीड़िता के स्कूटर पर आगे चल रहे थे और ट्रक पीछे। चट्टनपल्ली में आशियाना होटल के पास फेंक दिया। यहां इन्होंने शव पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी। बाद में दोबारा जला हुआ शव देखने यहां लौटे। इस दौरान इन्होंने पीड़िता के दो सिम कार्ड भी नष्ट कर दिए। 


28 नवंबर को इन्होंने पीड़िता का स्कूटर कोथुर में खड़ा किया और सुबह पांच बजे ट्रक को आरामगढ़ ले गए। जब बाकी आरोपी चले गए तो अली ने शमशाबाद के ऑटोनगर में ट्रक को खड़ा किया और अपने घर चला गया।


नक्सलियों ने दो ग्रामीणों की हत्या की

राजनांदगांव! छत्तीसगढ़ के सीमा से सटे महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में नक्सली लगातार ग्रामीणों पर अपनी कहर बरपाते जा रहे है। नक्सलियों का इस समय पी एल जी यू सप्ताह चल रहा है! इस सप्ताह में नक्सली शासन प्रशासन एवं सरकार के लोकतांत्रिक कार्यों का विरोध करने के लिए जगह-जगह पर बैनर पोस्टर लगाते हैं और निर्दोष ग्रामीणों की हत्या करते हैं! सोमवार सुबह राजनांदगांव के सीमा से सटे महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले के ग्राम परसा गोली और ओलांदा में हथियारबंद नक्सलियों ने दो ग्रामीणों की निर्मम हत्या कर दी! नक्सलियों ने दोनों ग्रामीणों की हत्या पुलिस मुखबिरी के शक के आधार पर की है! मृतक ग्रामीणों में ऋषि नेताम और मासुसू गुमटी शामिल है! इधर घटना के बाद मौके पर अर्धसैनिक बल और महाराष्ट्र ग्रेहाउंड के जवानों द्वारा इलाके में नक्सलियों की सर्चिंग तेज कर दी गई है! साथ ही साथ छत्तीसगढ़ पुलिस नक्सलियों से सतर्कता बरत रहा है घटना के बाद गांव में दहशत का आलम है।


27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा

27 वर्ष बाद दुष्कर्मी को 10 साल की सजा  गणेश साहू  कौशाम्बी। सैनी कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में खेत से लौट रही बालिका के साथ 27 वर्ष पहले स...