शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

महिला चिकित्सक को रेप के बाद,जलाया

 दिल दहला देने वाली घटना, महिला डॉक्टर को रेप के बाद जलाया!
हैदराबाद। तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में 27 साल की महिला पशु चिकित्सक की रेप के बाद हत्या महिला डॉक्टर की लाश भी जला डाली। यह घटना बुधवार (27 नवंबर) रात हुई। हालांकि अभी तक अनुमान लगाया जा रहा है कि मृतक की स्कूटी पंचर थी जो मदद के बहाने उसके साथ रेप और जला देने की घटना हुई है। हालांकि अभसी तक पुलिस स्पष्ट रूप घटना के बारे में सही दिशा में नहीं पहुंच पाई है।


(बतादें अभी कुछ ही महीने पूर्व रंगारेड्डी जिले (Rangareddy District)  में एक महिला तहसीलदार (Female tehsildar) को पेट्रोल डालक जिंदा जला दिया गया था। इसके बाद से यहां प्रशासन में खौफ देखा जा रहा है। महिला तहसीलदार की घटना के बाद तेलंगाना के करीमनगर बिजली बोर्ड में अपर विभागीय अभियंता पोदेती अशोक ने अपने कार्यालय में एक ऐसा बोर्ड लगाया जिसमें लिखा था- मैं भ्रष्ट नही हूं।)


साइबराबाद पुलिस के अनुसार, महिला डॉक्टर रात करीब 8 बजे अपने क्लिनिक से घर लौट रही थी। रास्ते में उसकी स्कूटी पंक्चर हो गई, जिसकी जानकारी उसने अपनी बहन को दी। बहन ने स्कूटी टोल प्लाजा पर छोड़ने और कैब से घर आने की सलाह दी। इससे पहले कि महिला डॉक्टर कोई फैसला लेती, 2 लोगों ने उसे मदद की पेशकश की और उसकी स्कूटी रिपेयर कराने के लिए ले गए।


पुलिस के अनुसार, हत्या के बाद आरोपी उसकी डेडबॉडी को कुछ किलोमीटर दूर स्थित निर्माणाधीन पुल के पास ले गए और जला दिया। जांच के दौरान घटनास्थल से करीब 100 मीटर दूर महिला डॉक्टर के इनरवियर मिले हैं, जिससे अनुमान लगाया जा रहा है कि पीड़िता का यौन उत्पीड़न किया गया। पुलिस के मुताबिक, फिलहाल वारदात को अंजाम देने वालों की संख्या का सटीक पता नहीं लग पाया है। यह भी स्पष्ट नहीं है कि इस घटना को क्या उन्हीं लोगों ने अंजाम दिया, जो महिला डॉक्टर की स्कूटी रिपेयर कराने गए थे।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


नवंबर 30, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-116 (साल-01)
2. शनिवार, नवंबर 30, 2019
3. शक-1941, मार्गशीर्ष- शुक्लपक्ष, तिथि- चतुर्थी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:45,सूर्यास्त 05:45
5. न्‍यूनतम तापमान -12 डी.सै.,अधिकतम-23+ डी.सै., हल्की बरसात के साथ कोहरे की संभावना बनी रहेगी।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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 (सर्वाधिकार सुरक्षित)


 


गुरुवार, 28 नवंबर 2019

जमीन के भगवान पी रहे जनता का खून

महाराजगंज! उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार देश में आम जनता तक स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतर व्यवस्था का दावा कर रही है । लेकिन उसे सरकार में ऐसे तमाम जमीन के भगवान हैं जो इलाज के नाम पर जनता का खून पी रहे हैं। मामला महाराजगंज जनपद के निचलौल  क्षेत्र के संजीवनी हॉस्पिटल का है जहां पर पूर्व में भी संयुक्त निदेशक जे डी स्वास्थ्य एके चौधरी द्वारा कोई भी प्रशिक्षित चिकित्सक के ना होने,अस्पताल में गंदगी और अल्ट्रासाउंड के दौरान लिंग की पहचान बताने की शिकायत पर उसे सीज कर दिया था । परंतु आज यह अस्पताल फिर से शुरू हो गया है और आश्चर्यजनक बात तो यह है कि अस्पताल आज भी उसी दिशा दशा में मौजूद है जिस दशा में उसे संयुक्त निदेशक जेडी स्वास्थ्य ने सीज किया था । आपको जानकर आश्चर्य होगा कि अस्पताल के संचालनकर्ता डॉ ब्रहस्पति पटेल खुद को एमबीबीएस A.m. परामर्श चिकित्सक बताते हैं जिसे आप को हम आपके मोबाइल स्क्रीन पर दिखाने की कोशिश कर रहें है जो दीवाल पर साफ साफ दिखाई दे रहा है। और उन्हें यह भी नहीं पता है कि एमबीबीएस  को शुद्ध रूप से कहते क्या हैं। कहा जा सकता है कि उन्हें एमबीबीएस डिग्री की जानकारी ही नहीं है उन्हें एमबीबीएस का फुल फॉर्म तक नहीं पता है ।


अपने आप को परामर्श चिकित्सक बताने वाले बृहस्पति पटेल ने डाक टाइम्स चैनल की टीम को बताया कि अस्पताल के वे संचालन कर्ता है यहां पर मरीज आने के बाद गोरखपुर से चिकित्सकों को बुलाया जाता है जो मरीज का इलाज करते हैं। इससे आप सहज अंदाजा लगा सकते हैं कि गोरखपुर से महाराजगंज के बीच की दूरी तय करने में चिकित्सक को कितना समय लगता होगा और इतने समय में तो एक पूरी कौम को खत्म करने के लिए पर्याप्त है। लेकिन अस्पताल में दलालों के मकड़जाल में मरीजों को फंसा कर उनका आर्थिक शोषण पहले भी होता रहा है और आज भी बदस्तूर जारी है। मौजूदा डॉक्टर  पटेल के अनुसार अस्पताल में डिलीवरी ऑपरेशन और भगंदर से लेकर कैंसर तक के इलाज होते हैं परंतु खास बात तो यह है कि अस्पताल में कोई भी चिकित्सक नहीं है और जो चिकित्सक हैं भी उन्हें पता ही नहीं कि वह किस चीज के चिकित्सक हैं । क्योंकि डॉ0 पटेल बताते हैं कि उन्हें अल्टीमेट मेडिसिन की डिग्री मिली है।लेकिन एमबीबीएस क्या होता है उन्हें नही पता है।अब सीधा सवाल स्वास्थ्य महकमे से है  क्या जिस डॉक्टर को अपने स्वास्थ्य महकमे से अपने CMO, CMS या कहिए उत्तर प्रदेश के मुख्य चिकित्सा निदेशक का नाम नहीं मालूम यहां तक कि उसे अपने डिग्री के बारे में मालूम नहीं तो क्या वास्तव में इन जैसे लोगो को भी जमीन का भगवान कहा जा सकता है।इस मामले में जब डाक टाइम्स न्यूज़ टीम ने जिला चिकित्सा अधिकारी से वाया फोन  संपर्क करना चाहा तो उनका फोन नही रिसीव हुआ। जिसके बाद अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी से जब बात किया तो एमबीबीएस एम की डिग्री को फर्जी बताते हुए क्या कहे खुद देख लीजिए इस वीडियो में सैकड़ों साक्ष्य मीडिया के पास मौजूद फिर क्यों कर रही है जिला प्रशासन हीलाहवाली क्यों जिला प्रशासन ऐसे डॉक्टर को भगवान का दर्जा दे रही है जिसे मालूम नही डॉक्टर का मतलब क्या होता है? यह बहुत बड़ा प्रश्न चिन्ह है उत्तर प्रदेश के स्वास्थ्य महकमे के ऊपर!


बरसात-ओलावृष्टि से किसानों को काफी नुकसान

बेमौसम बारिश से कहीं फसलों फायदा तो कहीं नुकसान



हस्तिनापुर। बुधवार शाम से शुरू हुई बेमौसम बरसात धीरे धीरे अपने चरम पर पहुंची, जिसके बाद क्षेत्र में घटा छा गई!जिसके बाद गुरुवार दोपहर को क्षेत्र के दर्जनों गांवो में भारी बारिश और भीषण ओलावृष्टि हुई। जिससे किसानों की सरसों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा, साथ ही किसानों की रबी की फसलों पर संकट के बादल मंडराने लगे और यह बारिश खादर क्षेत्र में गंगा किनारे तराई के क्षेत्र में गेहूं की फसलों के लिए भी घातक सिद्ध हो सकती हैं! इस बे मौसम बरसात ने किसानों चेहरे पर चिंता की लकीरें हो एक बार फिर बढ़ा दिया।
बेमौसम बरसात से एक बार फिर खादर क्षेत्र के किसानों की मुश्किले बढ़ती दिखाई दे रही हैं बुधवार शाम से शुरू हुई बेमौसम बरसात धीरे धीरे गति पकड़ती रही और गुरुवार दोपहर को क्षेत्र के दर्जनों गांव तारापुर, सराय, फाजलपुर, सहजादपुर, मानपुर, राठौरा खुर्द, कुंहेडा, फतेहपुर प्रेम, आदि गांव में भारी बारिश के साथ भीषण ओलावृष्टि हुई कई मिनट तक हुई ओलावृष्टि से क्षेत्र की सड़क के सफेद रंग में तब्दील हो गई गुरुवार को हुई भारी ओलावृष्टि से किसानों के खेतों में खड़ी सरसों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। वही गंगा के तराई इलाकों में किसानों के द्वारा बोई गई गेहूं की फसल में पानी भर गया है जिन गेहूं की फसलों पर अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं। रबी के सीजन में मौसम में आया यह बदलाव आलू, सरसों, चना, मसूर, फूलगोभी, मटर आदि सब्जियों के साथ-साथ निचले इलाकों में बोई गई गेहूं की फसलो के लिए भी घातक सिद्ध हो सकती है। खादर क्षेत्र में गंगा के आसपास तराई इलाकों में हजारों एकड़ गेहूं की फसल इससे पूर्व भी बेमौसम बरसात से बर्बाद हुई हैं। गुरुवार को हुई तेज बारिश ओलावृष्टि से रेतीले इलाके में खड़ी गेहूं की फसल गन्ने की फसल में सिंचाई हो गई है जिससे किसानों को काफी राहत मिली है यहां बारिश तो हल्की ही हुई है। वहीं इस ओलावृष्टि से तिलहन फसलों पर नुकसान बहुत ज्यादा है और साथ ही साथ आलू, टमाटर आदि सब्जियों पर गलन रोग बढ़ने की संभावना है।
कई मिनट तक हुई ओलावृष्टि!
करीब आठ से दस मिनट तक सिर्फ पत्थर (ओले) गिरे हैं, फिर बारिश हुई। एक एक पत्थर कंचे के बराबर था। जिससे सरसों की खड़ी फसल टूट चुकी है। और कुछ में पानी भरने से गलने की संभावना बढ़ गई है।
तेज हवाओं से गन्ने की फसल भी गिरी;
बुधवार शाम से लगातार तेज हवाओं हो रही बारिश से किसानों के खेतों में खड़ी गन्ने की तैयार फसल भी धरती पर लेट गई है जिसके कारण किसानों की गन्ने की पैदावार भी प्रभावित होगी।
इनका कहना
स्वामी कल्याण देव कृषि विज्ञान केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डॉ राकेश तिवारी का कहना है बेमौसम बरसात से किसानों के गेहूं की बुवाई प्रभावित हुई है। दिसम्बर  माह में गेहूं बुवाई के समय 8 किलो डीएपी, 5 किलो म्यूरेट आफ पोटाश व 6 किलो यूरिया अथवा 14 किलो एनपीके व 7 किलो यूरिया तथा प्रथम व द्वितीय सिंचाई के उपरांत पांच-पांच किलो यूरिया प्रति बीघा का प्रयोग किसान करें।


क्षेत्र में बारिश और ओलावृष्टि से गिरा तापमान
हस्तिनापुर। बुधवार शाम लगातार हो रही बारिश से मौसम में आए बदलाव के कारण क्षेत्र के तापमान में भी करीब 5 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट हुई है जिसके कारण गुरुवार शाम तक तापमान 15 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया
जिससे तेज हवाओं के साथ ठंड ने भी दस्तक दे दी है हस्तिनापुर क्षेत्र के ग्रामीण इलाके में गुरुवार दोपहर को हुई भारी बारिश और भीषण ओलावृष्टि के साथ शाम होते होते ठंड अपने चरम पर पहुंच गई। जिससे सड़कों पर जा रहे राहगीर अब गर्म कपड़ों में लिपटे दिखाई दिए। गुरुवार सुबह से ही आसमान में काले बादल छा गए थे और हल्की हल्की बारिश हो रही थी दोपहर होने तक कई बार हुई तेज बरसात से ओलावृष्टि के बाद आसमान में शाम तक बादल छाए रहे।
!इनका कहना!
इस संबंध में स्वामी कल्याण देव कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक डॉक्टर ओमवीर सिंह ने बताया कि शुक्रवार को भी बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश होने की भी संभावना है।
इस बरसात से किसानों की गेहूं की बुवाई प्रभावित हुई है परंतु सिंचाई के उद्देश्य से यह किसानों के लिए फायदेमंद भी है!


आपकी सेवा में नामक वाहन का चेयरमैन ने किया उद्घाटन
हस्तिनापुर। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत कस्बे के लोगों को कूड़े से निजात दिलाने के लिए नगर पंचायत हर संभव प्रयास कर रही है और कस्बे को साफ स्वच्छ बनाने के लिए नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं जिसके लिए नगर पंचायत ने कूड़े की ऑनलाइन शिकायत वाले लोगों के लिए गुरुवार को जीपीएस सिस्टम से लैस आपकी सेवा में नामक वाहन का चेयरमैन अरुण कुमार ने हरी झंडी दिखाकर कस्बे के लिए रवाना किया इस अवसर पर नगर पंचायत के कर्मचारी और सभासद मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश का सबसे बड़ा अभियान भारत स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान चलाया गया जिसके बाद पूरे देश में यह अभियान चलाया गया और देश का हर व्यक्ति इस अभियान से प्रेरित हुआ नगर पंचायत हस्तिनापुर ने भी कस्बे को साफ स्वच्छ बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई और उन्हें धरातल पर लाया गया इसी के बाद है नगर पंचायत द्वारा कूड़े की ऑनलाइन शिकायत का प्रबंध भी किया गया। जिससे लोग अपने घरों में बैठे ही ऑनलाइन कूड़े की शिकायत कर सकें इसी के तहत नगर पंचायत ने कस्बे में एक वाहन की शुरुआत की है। इस वाहन का नाम आपकी सेवा में रखा गया है नगर पंचायत के चेयरमैन अरुण कुमार ने बताया कि इस वाहन में जीपीएस तकनीक लगी हुई है जिससे लोकेशन को टैग करने में यह सहायक सिद्ध होगा साथ ही ऑपरेटर द्वारा बताए गए लोकेशन को आसानी से लॉक कर सकेगा और शिकायतकर्ता के पास अविलंब पहुंचेगा। नगर की सफाई व्यवस्था को नई दिशा देने के लिए तथा स्वच्छता सर्वेक्षण लीग 2020 में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने के लिए नगर पंचायत द्वारा यह अथक प्रयास किया जा रहा है। जो ऑनलाइन आने वाली कस्बे के लोगों की शिकायत पर तुरंत उनके द्वार पर जाकर उनकी समस्या का निवारण करेगा इस वाहन से नगर के लोगों को नगर को और साफ स्वच्छ बनाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। जीपीआरएस से लैस इस वाहन का गुरुवार को नगर पंचायत के चेयरमैन अरुण कुमार ने हरी झंडी दिखाकर नगर के लिए रवाना किया। इस अवसर पर नगर पंचायत के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एक्सपर्ट सौरव कुमार चौबे, लेखा लिपिक अनिल विश्नोई, यशपाल सिंह, परियोजना विश्लेषण शाहरुख, वार्ड सभासद रोहित कैन, अमित कुमार, संजय जीनवाल, आदि लोग मौजूद रहे।


किसानों के लिए मुसीबत बनी बारिश तो क्या कई दिनों तक खेतों में ही खड़ी रहेगी गन्ने की फसल
रविंद्र चौहान
हस्तिनापुर। गुरुवार को ओलावृष्टि व तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से क्षेत्र के गांव तारापुर के किसानों के खेतों में खड़ी गन्ने की फसल भी प्रभावित हुई है तारापुर के आस-पास के गांव के किसानों के खेतों में पानी भर जाने के कारण गेहूं की बुवाई कई दिन पीछे पहुंच गई है। इस समय शुगर मिले अपने चरम पर चल रही हैं और बारिश पड़ जाने से किसान खेतों से कई दिनों तक गन्ने की छिलाई और ढूलाई नहीं कर सकेंगे जिससे यह कहा जा सकता है कि किसानों के लिए यह बारिश मुसीबत बनकर बरसी है तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने गन्ना किसानों की मुसीबतें बढ़ा दीं हैं। खेत पर तैयार खड़ी गन्ने की तेज हवाओं के चलते पलट गई। जिसे शुगर मिलों तक पहुंचाने के लिए किसानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। जिससे शुगर मिल का क्रय केंद्र पर भी गन्ना की सप्लाई प्रभावित होगी!
तारापुर क्रय केंद्र पर किसानों की स्थिति
मवाना सहकारी गन्ना समिति से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार टिकोला शुगर मिल क्रय केंद्र तारापुर की अभी तक की स्थिति यह है!
तारापुर क्रय केंद्र के पास 250 हेक्टेयर भूमि है
इस पर 168 हेक्टेयर गन्ने की पैदावार लगी हुई है।


क्रय केंद्र का बेसिक कोटा 88664 कुंतल है।


क्रय केंद्र पर 288 किसान गन्ने की सप्लाई टिकोला शुगर मिल और क्रय केंद्र पर करते हैं! तारापुर क्रय केंद्र पर लगभग 12 गांवो के किसान लगे हुए हैं! 86772 कुंतल गन्ने की बॉन्डिंग 2019-20 के लिए की गई है।


*अभी तक क्रय केंद्र व शुगर मिल के माध्यम यहां से 14580 कुंतल गन्ना खरीदा जा चुका है।


इनका कहना:मवाना सहकारी समिति के सचिव प्रदीप शर्मा का कहना है कि अभी तक मानक के अनुसार तारापुर का क्रय केंद्र पारदर्शिता तरीके से बिल्कुल सही चल रहा है बारिश के कारण तराई वाला क्षेत्र कुछ दिनो के लिए प्रभावित हो सकता है;


क्षेत्र के तारापुर गांव के किसानों का कहना
तारापुर के गन्ना किसान सरदार सुंदर सिंह बताते हैं, हमारा गन्ना पत्ती सहित करीब 15 फीट का हो गया था। लेकिन बारिश के साथ हवा ने गन्ने को सब तहस-नहस कर दिया, जिसके चलते करीब 30 बीघा से अधिक गन्ना पलट गया है। इसके चलते काफ़ी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वही गेहूं की बुवाई भी कई दिनों पीछे हट गई है।


तारापुर निवासी ध्यान सिंह
गन्ना किसान कहते हैं, "तेज हवा व बारिश के चलते करीब चालीस बीघा गन्ने की फसल पानी भरा हुआ है जिसके चलते कई दिनों तक शुगर मिल में इसकी सप्लाई नहीं की जा सकती। किसान प्रवीण कुमार का कहना,  जहां हम एक एकड़ में साढ़े पांच सौ के आसपास गन्ना पैदावार होती थी, वहीं गिर जाने की वजह से करीब पंद्रह फीसद से बीस फीसद गन्ने की पैदावार कम हो जायेगी। और कई दिनों तक खेतों से करना बाहर नहीं निकलेगा।


अशोक चौहान तारापुर
हवाओं के साथ हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि से गन्ना गिर जाने की वजह से चूहे व जंगली सूअर अलग खाना शुरू कर देंगे क्योंकि क्षेत्र में सब से ज़्यादा 0238 कोशा की बुवाई अधिक होती है खेतों में अभी भी पानी भरा हुआ है गन्ना खेतों से निकालना में काफी मुश्किलें होंगी।


भारत-नेपाल सीमा पर पकड़ी,54 लाख की हेरोइन

सीमा पर पकड़ा गया 54 लाख का हेरोइन, एक गिरफ्तार


सुनील शर्मा


महाराजगंज। इंडो नेपाल सीमा पर तस्करी का कारोबार रुकने का नाम नहीं ले रहा है! आए दिन इस पार से उस पार और उस पार से उस पार का काला कारनामा जारी है जबकि सरकार ने पूरी मुस्तैदी के साथ सीमा के जवानों को लगाकर  विश्वास जीतना चाहता है!


वही क्षेत्र में थाने की तैनाती की गई , आसपास के क्षेत्रों में  चौकियां बनाई गई , जिससे अपराध में इजाफा ना हो,  बावजूद उसके तस्करी का काला कारनामा उभरता जा रहा है! सूत्रों से मिली खबर के अनुसार भारत-नेपाल सीमा के रास्ते विदेशी लोगों का आना-जाना हमेशा रहता है!जिससे संदिग्ध होने के कारण भी वहां तस्करी जोरों पर है, खबर को सही माने तो भारत-नेपाल सीमा पर नही थम रहा तस्करी का काला कारोबार, जो इतने कोशिशों के बावजूद भी तस्करी पर लगाम नही लग पा रहा है। मुखबिर के सूचना पर बरगदवा एसएसबी व पुलिस संयुक्त टीम ने भारत नेपाल सीमा के पिलर संख्या 509/15 के चकरार गांव के पास 54 ग्राम हेरोइन के साथ एक व्यक्ति को किया गिरफतार। इस मौके पर बरगदवा एसएसबी के उपनिरीक्षक विश्वदीपक त्रिपाठी ने बताया कि


पिलर संख्या 509/15 चकरार के पास मुखबिर की खास सूचना पर गस्त पर निकली टीम ने चकरार गांव के पास एक व्यक्ति को पकड़कर तलाशी ली गई तो उसके पास से हेरोइन बरामद किया गया पकड़े गए हेरोइन की कीमत


अंतरराष्ट्रीय बाज़ार में 54 लाख बताया जा रहा है। व्यक्ति से पूछताछ के लिए एसएसबी कैम्प लाया गया जहाँ पर पूछताछ करने पर व्यक्ति ने अपना नाम सूरज थापा पुत्र स्व: रतन थापा निवासी बेलहिया थाना बेलहिया जिला रूपनदेही नेपाल 19 वर्ष बताया पकड़े गए व्यक्ति को हेरोइन के साथ कस्टम ठूठीबारी को सुपुर्द किया गया।


इतने अभियान? 'संपादकीय'

"इतने अभियान"  (संपादकीय)
राष्ट्र के विकास और निर्माण में सरकार कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती है। जिसमें सरकार के द्वारा ढेर सारा धन भी खर्च किया जाता है। इसी आशा के साथ सरकार नए-नए अभियानों का संचालन करती रहती है। अभियान का मूल उद्देश्य राष्ट्र के निर्माण और विकास से ही जुड़ा होता है। परंतु अभियान का वास्तविक स्वरूप इतना बदल जाता है कि धरातल तक आते-आते अभियान अपने उद्देश्य से भटक जाता है। अधिकांशतः अभियानों के पीछे सरकारी धन का दुरुपयोग किया जाता है। अभियानों के प्रचार-प्रसार को सरकारी नीति के विरुद्ध, दलगत विचारधारा से जोड़ने का प्रयास, अभियान को दो राह पर चलने को विवश कर देता है। जिसके कारण अभियान वास्तविक गति से भटक जाता है और व्यापकता के मानको से इतर हो जाता है। विशेष बात यह है कि अभियान सामाजिक कुरीतियों, बुराइयों को प्रभावित करने के उद्देश्य से ही चलाए जाते हैं। इसी कारण हजारों अभियानों का अस्तित्व स्थापित करने के प्रयास किए गए। कई अभियान अपने उद्देश्य के चरम तक पहुंचने में सफल भी रहे। जिसमें "सर्व शिक्षा अभियान" देश की रीड को सदृड करने वाला एकमात्र अभियान है।सरकार भी चाहती है कि देश में सभी को शिक्षा प्रदान हो। किंतु कई 'हराम खाऊ' अधिकारियों और भ्रष्ट 'सफेद पोशो' के कारण, आज 21वीं शताब्दी में भी कितने ही बच्चे शिक्षा से वंचित रह रहे हैं। हमारे सामाजिक ताने-बाने को स्थिर करने वाले विद्वान नागरिकों को भी इसकी विशेष चिंता नहीं है। गरीब, निराश्रित, पिछड़े बच्चों को शिक्षा प्राप्त कराने में इतनी उदारता क्यों है? धर्म,वर्ग ,समूह, दल आदि से हटकर मानवता के नाते वंचितों को अभियान से जोड़कर शिक्षा प्राप्त कराने में हमें अपने दायित्व का आभास नहीं होना चाहिए? जबकि सभी जानते हैं कि 'अशिक्षित मानव, पशु समान' बताया गया है!


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राधेश्याम 'निर्भय पुत्र'


बोध मछली को राजमिस्त्री का दर्जा प्राप्त

जगदलपुर। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के बाद वन भैंसा को राजपशु, पहाड़ी मैना को राजपक्षी, साल वृक्ष को राजवृक्ष, चंदैनी गोंदा को राजपुष्प का दर्जा दिया गया है, परंतु अब तक किसी मछली को राज मछली का दर्जा प्राप्त नहीं हुआ है। छत्तीसगढ़ प्रदेश में सिर्फ बस्तर की इंद्रावती नदी में पाई जाने वाली तथा तेजी से खत्म हो रही बोध मछली को राज मछली का दर्जा देकर इसे संरक्षित किया जाना बेहद जरूरी है। कैटफिश को ही बस्तर में बोध या गुंज मछली कहा जाता है। छोटी को बोध और गुंज तथा बड़ी को भैसा बोध कहा जाता है।


यह मछली भारत में ब्रह्मपुत्र नदी के अलावा बस्तर की इंद्रावती और शबरी नदी में पाई जाती थी। ब्रह्मपुत्र में यह मछली अभी भी पनप रही है लेकिन बस्तर की शबरी नदी में अब यह नजर नहीं आती। फिलहाल इंद्रावती नदी में ही बची है। इंद्रावती में यह मछली चित्रकोट वाटरफॉल के नीचे से लेकर गोदावरी संगम के मध्य पाई जाती है। इस मछली का वजन 150 किलो किलोग्राम तक पाया गया है। यह मांसाहारी मछली है और नदी में बह कर आए मृत जीवों को खाती है। बोध मछली को बस्तरवासी सम्मान देते हैं।


इसके नाम पर ही बारसूर के पास बोध नामक गांव हैं वहीं बारसूर की लंबित पनबिजली परियोजना का नाम भी बोधघाट जल विद्युत परियोजना है। इसके अलावा जगदलपुर शहर की एक कॉलोनी और थाना का नाम बोध मछली के नाम पर क्रमश: बोधघाट कॉलोनी और बोधघाट थाना है।यह मछली आक्रामक होती है और भूखी होने पर कभी कभी नदी में उतरे व्यक्ति पर हमला कर देती है, इसलिए जान माल की सुरक्षा के हिसाब से इंद्रावती नदी किनारे बसे दर्जनों गांवों के रहवासी बोध मछली की पूजा करते हैं। बोध मछली के नाम पर ही चित्रकोट जलप्रपात के पास एक खोह में सैकड़ों वर्ष पुराना बोध मंदिर है । यहां कूड़क जाति के मछुआरे प्रतिवर्ष जात्रा आयोजित कर बोध मछली की पूजा करते हैं।


'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ

'सैनिक बंधू' की बैठक आयोजित की: सीडीओ  गणेश साहू  कौशाम्बी। मुख्य विकास अधिकारी अजीत कुमार श्रीवास्तव की अध्यक्षता में बुधवार को जिल...