बेमौसम बारिश से कहीं फसलों फायदा तो कहीं नुकसान
हस्तिनापुर। बुधवार शाम से शुरू हुई बेमौसम बरसात धीरे धीरे अपने चरम पर पहुंची, जिसके बाद क्षेत्र में घटा छा गई!जिसके बाद गुरुवार दोपहर को क्षेत्र के दर्जनों गांवो में भारी बारिश और भीषण ओलावृष्टि हुई। जिससे किसानों की सरसों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा, साथ ही किसानों की रबी की फसलों पर संकट के बादल मंडराने लगे और यह बारिश खादर क्षेत्र में गंगा किनारे तराई के क्षेत्र में गेहूं की फसलों के लिए भी घातक सिद्ध हो सकती हैं! इस बे मौसम बरसात ने किसानों चेहरे पर चिंता की लकीरें हो एक बार फिर बढ़ा दिया।
बेमौसम बरसात से एक बार फिर खादर क्षेत्र के किसानों की मुश्किले बढ़ती दिखाई दे रही हैं बुधवार शाम से शुरू हुई बेमौसम बरसात धीरे धीरे गति पकड़ती रही और गुरुवार दोपहर को क्षेत्र के दर्जनों गांव तारापुर, सराय, फाजलपुर, सहजादपुर, मानपुर, राठौरा खुर्द, कुंहेडा, फतेहपुर प्रेम, आदि गांव में भारी बारिश के साथ भीषण ओलावृष्टि हुई कई मिनट तक हुई ओलावृष्टि से क्षेत्र की सड़क के सफेद रंग में तब्दील हो गई गुरुवार को हुई भारी ओलावृष्टि से किसानों के खेतों में खड़ी सरसों की फसल को काफी नुकसान पहुंचा है। वही गंगा के तराई इलाकों में किसानों के द्वारा बोई गई गेहूं की फसल में पानी भर गया है जिन गेहूं की फसलों पर अब संकट के बादल मंडरा रहे हैं। रबी के सीजन में मौसम में आया यह बदलाव आलू, सरसों, चना, मसूर, फूलगोभी, मटर आदि सब्जियों के साथ-साथ निचले इलाकों में बोई गई गेहूं की फसलो के लिए भी घातक सिद्ध हो सकती है। खादर क्षेत्र में गंगा के आसपास तराई इलाकों में हजारों एकड़ गेहूं की फसल इससे पूर्व भी बेमौसम बरसात से बर्बाद हुई हैं। गुरुवार को हुई तेज बारिश ओलावृष्टि से रेतीले इलाके में खड़ी गेहूं की फसल गन्ने की फसल में सिंचाई हो गई है जिससे किसानों को काफी राहत मिली है यहां बारिश तो हल्की ही हुई है। वहीं इस ओलावृष्टि से तिलहन फसलों पर नुकसान बहुत ज्यादा है और साथ ही साथ आलू, टमाटर आदि सब्जियों पर गलन रोग बढ़ने की संभावना है।
कई मिनट तक हुई ओलावृष्टि!
करीब आठ से दस मिनट तक सिर्फ पत्थर (ओले) गिरे हैं, फिर बारिश हुई। एक एक पत्थर कंचे के बराबर था। जिससे सरसों की खड़ी फसल टूट चुकी है। और कुछ में पानी भरने से गलने की संभावना बढ़ गई है।
तेज हवाओं से गन्ने की फसल भी गिरी;
बुधवार शाम से लगातार तेज हवाओं हो रही बारिश से किसानों के खेतों में खड़ी गन्ने की तैयार फसल भी धरती पर लेट गई है जिसके कारण किसानों की गन्ने की पैदावार भी प्रभावित होगी।
इनका कहना
स्वामी कल्याण देव कृषि विज्ञान केंद्र के मृदा वैज्ञानिक डॉ राकेश तिवारी का कहना है बेमौसम बरसात से किसानों के गेहूं की बुवाई प्रभावित हुई है। दिसम्बर माह में गेहूं बुवाई के समय 8 किलो डीएपी, 5 किलो म्यूरेट आफ पोटाश व 6 किलो यूरिया अथवा 14 किलो एनपीके व 7 किलो यूरिया तथा प्रथम व द्वितीय सिंचाई के उपरांत पांच-पांच किलो यूरिया प्रति बीघा का प्रयोग किसान करें।
क्षेत्र में बारिश और ओलावृष्टि से गिरा तापमान
हस्तिनापुर। बुधवार शाम लगातार हो रही बारिश से मौसम में आए बदलाव के कारण क्षेत्र के तापमान में भी करीब 5 डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट हुई है जिसके कारण गुरुवार शाम तक तापमान 15 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया
जिससे तेज हवाओं के साथ ठंड ने भी दस्तक दे दी है हस्तिनापुर क्षेत्र के ग्रामीण इलाके में गुरुवार दोपहर को हुई भारी बारिश और भीषण ओलावृष्टि के साथ शाम होते होते ठंड अपने चरम पर पहुंच गई। जिससे सड़कों पर जा रहे राहगीर अब गर्म कपड़ों में लिपटे दिखाई दिए। गुरुवार सुबह से ही आसमान में काले बादल छा गए थे और हल्की हल्की बारिश हो रही थी दोपहर होने तक कई बार हुई तेज बरसात से ओलावृष्टि के बाद आसमान में शाम तक बादल छाए रहे।
!इनका कहना!
इस संबंध में स्वामी कल्याण देव कृषि विज्ञान केंद्र के प्रभारी वैज्ञानिक डॉक्टर ओमवीर सिंह ने बताया कि शुक्रवार को भी बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश होने की भी संभावना है।
इस बरसात से किसानों की गेहूं की बुवाई प्रभावित हुई है परंतु सिंचाई के उद्देश्य से यह किसानों के लिए फायदेमंद भी है!
आपकी सेवा में नामक वाहन का चेयरमैन ने किया उद्घाटन
हस्तिनापुर। प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत कस्बे के लोगों को कूड़े से निजात दिलाने के लिए नगर पंचायत हर संभव प्रयास कर रही है और कस्बे को साफ स्वच्छ बनाने के लिए नए-नए प्रयास किए जा रहे हैं जिसके लिए नगर पंचायत ने कूड़े की ऑनलाइन शिकायत वाले लोगों के लिए गुरुवार को जीपीएस सिस्टम से लैस आपकी सेवा में नामक वाहन का चेयरमैन अरुण कुमार ने हरी झंडी दिखाकर कस्बे के लिए रवाना किया इस अवसर पर नगर पंचायत के कर्मचारी और सभासद मौजूद रहे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश का सबसे बड़ा अभियान भारत स्वच्छता सर्वेक्षण अभियान चलाया गया जिसके बाद पूरे देश में यह अभियान चलाया गया और देश का हर व्यक्ति इस अभियान से प्रेरित हुआ नगर पंचायत हस्तिनापुर ने भी कस्बे को साफ स्वच्छ बनाने के लिए विभिन्न योजनाएं बनाई और उन्हें धरातल पर लाया गया इसी के बाद है नगर पंचायत द्वारा कूड़े की ऑनलाइन शिकायत का प्रबंध भी किया गया। जिससे लोग अपने घरों में बैठे ही ऑनलाइन कूड़े की शिकायत कर सकें इसी के तहत नगर पंचायत ने कस्बे में एक वाहन की शुरुआत की है। इस वाहन का नाम आपकी सेवा में रखा गया है नगर पंचायत के चेयरमैन अरुण कुमार ने बताया कि इस वाहन में जीपीएस तकनीक लगी हुई है जिससे लोकेशन को टैग करने में यह सहायक सिद्ध होगा साथ ही ऑपरेटर द्वारा बताए गए लोकेशन को आसानी से लॉक कर सकेगा और शिकायतकर्ता के पास अविलंब पहुंचेगा। नगर की सफाई व्यवस्था को नई दिशा देने के लिए तथा स्वच्छता सर्वेक्षण लीग 2020 में सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने के लिए नगर पंचायत द्वारा यह अथक प्रयास किया जा रहा है। जो ऑनलाइन आने वाली कस्बे के लोगों की शिकायत पर तुरंत उनके द्वार पर जाकर उनकी समस्या का निवारण करेगा इस वाहन से नगर के लोगों को नगर को और साफ स्वच्छ बनाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा। जीपीआरएस से लैस इस वाहन का गुरुवार को नगर पंचायत के चेयरमैन अरुण कुमार ने हरी झंडी दिखाकर नगर के लिए रवाना किया। इस अवसर पर नगर पंचायत के सॉलिड वेस्ट मैनेजमेंट एक्सपर्ट सौरव कुमार चौबे, लेखा लिपिक अनिल विश्नोई, यशपाल सिंह, परियोजना विश्लेषण शाहरुख, वार्ड सभासद रोहित कैन, अमित कुमार, संजय जीनवाल, आदि लोग मौजूद रहे।
किसानों के लिए मुसीबत बनी बारिश तो क्या कई दिनों तक खेतों में ही खड़ी रहेगी गन्ने की फसल
रविंद्र चौहान
हस्तिनापुर। गुरुवार को ओलावृष्टि व तेज हवाओं के साथ हुई बारिश से क्षेत्र के गांव तारापुर के किसानों के खेतों में खड़ी गन्ने की फसल भी प्रभावित हुई है तारापुर के आस-पास के गांव के किसानों के खेतों में पानी भर जाने के कारण गेहूं की बुवाई कई दिन पीछे पहुंच गई है। इस समय शुगर मिले अपने चरम पर चल रही हैं और बारिश पड़ जाने से किसान खेतों से कई दिनों तक गन्ने की छिलाई और ढूलाई नहीं कर सकेंगे जिससे यह कहा जा सकता है कि किसानों के लिए यह बारिश मुसीबत बनकर बरसी है तेज हवाओं के साथ हुई बारिश ने गन्ना किसानों की मुसीबतें बढ़ा दीं हैं। खेत पर तैयार खड़ी गन्ने की तेज हवाओं के चलते पलट गई। जिसे शुगर मिलों तक पहुंचाने के लिए किसानों को कई परेशानियों का सामना करना पड़ेगा। जिससे शुगर मिल का क्रय केंद्र पर भी गन्ना की सप्लाई प्रभावित होगी!
तारापुर क्रय केंद्र पर किसानों की स्थिति
मवाना सहकारी गन्ना समिति से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार टिकोला शुगर मिल क्रय केंद्र तारापुर की अभी तक की स्थिति यह है!
तारापुर क्रय केंद्र के पास 250 हेक्टेयर भूमि है
इस पर 168 हेक्टेयर गन्ने की पैदावार लगी हुई है।
क्रय केंद्र का बेसिक कोटा 88664 कुंतल है।
क्रय केंद्र पर 288 किसान गन्ने की सप्लाई टिकोला शुगर मिल और क्रय केंद्र पर करते हैं! तारापुर क्रय केंद्र पर लगभग 12 गांवो के किसान लगे हुए हैं! 86772 कुंतल गन्ने की बॉन्डिंग 2019-20 के लिए की गई है।
*अभी तक क्रय केंद्र व शुगर मिल के माध्यम यहां से 14580 कुंतल गन्ना खरीदा जा चुका है।
इनका कहना:मवाना सहकारी समिति के सचिव प्रदीप शर्मा का कहना है कि अभी तक मानक के अनुसार तारापुर का क्रय केंद्र पारदर्शिता तरीके से बिल्कुल सही चल रहा है बारिश के कारण तराई वाला क्षेत्र कुछ दिनो के लिए प्रभावित हो सकता है;
क्षेत्र के तारापुर गांव के किसानों का कहना
तारापुर के गन्ना किसान सरदार सुंदर सिंह बताते हैं, हमारा गन्ना पत्ती सहित करीब 15 फीट का हो गया था। लेकिन बारिश के साथ हवा ने गन्ने को सब तहस-नहस कर दिया, जिसके चलते करीब 30 बीघा से अधिक गन्ना पलट गया है। इसके चलते काफ़ी नुकसान उठाना पड़ रहा है। वही गेहूं की बुवाई भी कई दिनों पीछे हट गई है।
तारापुर निवासी ध्यान सिंह
गन्ना किसान कहते हैं, "तेज हवा व बारिश के चलते करीब चालीस बीघा गन्ने की फसल पानी भरा हुआ है जिसके चलते कई दिनों तक शुगर मिल में इसकी सप्लाई नहीं की जा सकती। किसान प्रवीण कुमार का कहना, जहां हम एक एकड़ में साढ़े पांच सौ के आसपास गन्ना पैदावार होती थी, वहीं गिर जाने की वजह से करीब पंद्रह फीसद से बीस फीसद गन्ने की पैदावार कम हो जायेगी। और कई दिनों तक खेतों से करना बाहर नहीं निकलेगा।
अशोक चौहान तारापुर
हवाओं के साथ हुई तेज बारिश और ओलावृष्टि से गन्ना गिर जाने की वजह से चूहे व जंगली सूअर अलग खाना शुरू कर देंगे क्योंकि क्षेत्र में सब से ज़्यादा 0238 कोशा की बुवाई अधिक होती है खेतों में अभी भी पानी भरा हुआ है गन्ना खेतों से निकालना में काफी मुश्किलें होंगी।