नई दिल्ली! सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल और एमटीएनएल के 92 हजार से ज्यादा कर्मचारियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति को चुना है। सरकार ने कर्ज में डूबी कंपनियों का खर्च घटाने के लिए कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का विकल्प दिया था।
सरकारी सूत्रों ने सोमवार को बताया कि योजना को कर्मचारियों ने काफी पसंद किया है और यह भारतीय इतिहास में मील का पत्थर साबित होगी। अभी तक दोनों कंपनियों के 92 हजार से ज्यादा कर्मचारी योजना का चुनाव कर चुके हैं, जो 3 दिसंबर तक चलेगी। इसे चुनने वाले कर्मचारियों को 31, जनवरी 2020 से सेवानिवृत्त माना जाएगा। बीएसएनएल में करीब 1.50 लाख कर्मचारी हैं, जिसमें से 1 लाख के वीआरएस चुनने की उम्मीद है।
बीएसएनएल कर्मचारियों ने प्रबंधन पर जबरन वीआरएस लेने को मजबूर करने का आरोप लगाया है। ऑल इंडिया यूनियन एंड एसोसिएशंस ऑफ बीएसएनएल के संयोजक पी. अभिमन्यु ने कहा है कि प्रबंधन वीआरएस नहीं लेने वालों का तबादला दूरदराज इलाकों में करने और सेवानिवृत्ति आयु घटाकर 58 वर्ष करने का दबाव बना रहा है।