मंगलवार, 26 नवंबर 2019

खिलाड़ी को देश के लिए खेलना चाहिए

रुद्रपुर। टीम इंडिया के पूर्व कप्तान कपिल देव इस समय रुद्रपुर में हैं। यहां ऐमेनिटी पब्लिक स्कूल के कार्यक्रम में उन्होंने बच्चों से संवाद भी किया। उन्होंने कहा उत्तराखंड हो या कोई और प्रदेश, खिलाड़ी को हमेशा भारत के लिए खेलना चाहिए। उन्होंने बच्चों से कहा कि जब कभी भी मैदान में उतरें तो पढ़ाई की टेंशन एक किनारे रख कर खेलें और जब पढ़ाई करें तो खेल के बारे में कतई न सोचें। उन्होंने कहा हर काम में आपकी एकाग्रता होना आवश्यक है। तब ही हम आगे बढ़ सकते हैं। आगे जाकर यही गुण आपके सफलता या असफलता की चाबी होगा।


इससे पहले कपिल देव ने स्कूल में 'कपिल देव पवेलियन' का लोकार्पण किया। कपिल ने अपने ही अंदाज में बच्चों को आटोग्रफ तो दिए लेकिन साथ ही उन्हें प्रेरित भी किया कि ऐसे काम करें कि लोग आपके आटोग्रफ लेने के लिए उमड़ पड़ें।


पहाड़ों में बरसात, तापमान में गिरावट दर्ज

सहारनपुर! उत्तर प्रदेश के अंतिम जिले सहारनपुर में ठंड बढ़ गई है। पहाड़ी इलाकों में हुई बरसात के बाद इसका असर सहारनपुर में दिखाई दिया है। मंगलवार तड़के पहाड़ी इलाकों में बरसात हुई। देहरादून में भी बरसात हुई। इसका असर ठंड के रूप में सहारनपुर में भी दिखाई दिया। मंगलवार को सहारनपुर में तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई। हालांकि दोपहर बाद सहारनपुर में आसमान खुल गया और धूप निकल आई लेकिन तापमान में गिरावट जारी रही।


मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि अब ठंड बढ़ेगी और अगले 2 दिन में बरसात भी हो सकती है। उत्तर प्रदेश का अंतिम जिला सहारनपुर शिवालिक की पहाड़ियों की तलहटी से सटा हुआ है। पत्रिका ने 4 दिन पहले ही वेदर अलर्ट में अपने पाठकों को बता दिया था कि सप्ताह के अंत में बरसात होने की आशंका है और ठंड बढ़ेगी। मंगलवार को एकाएक पारे में गिरावट हुई और आसमान में बादल छा गए। दोपहर करीब 12:00 बजे हल्की बूंदाबांदी हुई लेकिन बरसात का रूप नहीं लिया। उधर देहरादून में दिन निकलते ही काफी बरसात हुई, जो सुबह 8:00 बजे तक जारी रही। देहरादून में तापमान काफी कम हो गया है और इसका असर आप सहारनपुर से होकर देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंचने की उम्मीद जताई जा रही है।


मंगलवार को सहारनपुर में पारा 10 डिग्री तक पहुंच गया था हालांकि बाद में संभलकर 22 डिग्री तक भी रिकॉर्ड किया गया लेकिन तापमान में भारी गिरावट है और मंगलवार को सहारनपुर में ठंड ने दस्तक दे दी।


इंडिया में पहले गिद्ध संरक्षण केंद्र की स्थापना

अखिलेश पांडेय


महराजगंज! फरेन्दा में बनेगा पहला गिद्ध संरक्षण केंद्र वन्यजीव अनुसंधान संगठन एवं बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी द्वारा की जायेगी स्थापना! उत्तर प्रदेश सरकार विलुप्तप्राय गिद्धों के संरक्षण और उनकी आबादी बढ़ाने के लिए महाराजगंज की फरेंदा तहसील के भारी-वैसी गांव में प्रदेश का पहला'जटायु संरक्षण और प्रजनन केंद्र' स्थापित करेगी। गोरखपुर वन प्रभाग में 5 हेक्टेयर में स्थापित होने वाला यह केंद्र हरियाणा के पिंजौर में स्थापित देश के पहले जटायु संरक्षण और प्रजनन केंद्र की तर्ज पर विकसित किया जाएगा। प्रधान मुख्य वन संरक्षक वन्यजीव सुनील पांडेय ने यह जानकारी देते हुये बताया कि इस केंद्र की स्थापना वन्यजीव अनुसंधान संगठन और बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी द्वारा संयुक्त रूप से की जायेगी। बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसाइटी बीएनएचएस ने इस केंद्र की डीपीआर तैयार की है। उन्होंने कहा कि कैंपा योजना के तहत धन की व्यवस्था के लिए डीपीआर भेजी गई है। सर्वेक्षण का काम करीब 60 प्रतिशत तक पूरा कर लिया गया है। पांडे ने कहा कि महाराजगंज वन प्रभाग के मधवलिया रेंज में अगस्त माह में 100 से अधिक गिद्ध देखे गए थे। प्रदेश सरकार द्वारा स्थापित गो सदन के निकट भी यह झुंड दिखा था। उन्होंने बताया कि गौ सदन में निर्वासित पशु रखे जाते हैं, जो वृद्ध होने के कारण जल्द ही मर जाते हैं। उन्होंने बताया मृत निर्वासित पशुओं के मिलने से यहां गिद्धों का दिखना स्वभाविक है, इसीलिए भारी वैसी गांव का चयन किया गया है। श्री पांडेय ने बताया कि वर्ष 2013-14 की गणना के अनुसार 13 जिलों में लगभग 900 गिद्ध पाए गए थे।


यूपी शासन की महत्वपूर्ण योजनाएं रहेगी ठप

ठप्प रहेंगी शासन की प्राथमिकता वाली आवास, शौचालय एवं मनरेगा जैसी महत्वपूर्ण योजनाऐं !


गाजीपुर। अपनी तीन सूत्रीय मांगों के लिए लंबे समय से संघर्ष कर रहे पंचायत सचिवों का धैर्य अंततः जवाब दे गया। डेढ़ वर्ष पूर्व हुए लंबे आंदोलन के पश्चात सरकार ने सचिवों की तीन सूत्रीय मांगों, जिसमें शैक्षिक योग्यता स्नातक एवं ओ लेवल कंप्यूटर, प्रारंभिक ग्रेड पे 2800 तथा समय पर पदोन्नति न होने की स्थिति में पदोन्नत पद का वेतनमान दिये जाने की मांग शामिल थी, को पूर्ण करने के लिये एक माह का समय मांगा था और इस अवधि में सकारात्मक निर्णय लेने का वादा किया था। परंतु 18 माह बीतने के बाद भी कोई शासनादेश जारी नहीं किया गया, जिससे आक्रोशित होकर सचिवों के प्रांतीय संगठन ने पुनः मांगों के पूर्ण होने तक कार्य वहिष्कार, गेट मीटिंग एवं धरना का विस्तृत कार्यक्रम जारी किया है। आंदोलन के प्रथम चरण में 27 से 29 नवंबर 2019 तक पूरे प्रदेश में सचिवों द्वारा तीन दिन का आकस्मिक अवकाश लेकर सम्पूर्ण कार्य वहिष्कार किया जायेगा।
उक्त आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में जनपद गजीपुर के सदर विकास खण्ड में आज ग्राम पंचायत अधिकारी एवं ग्राम विकास अधिकारी समन्वय समिति के पदाधिकारी उपस्थित हुए तथा संविधान दिवस मनाया। इसके उपरांत कल से प्रारम्भ हो रहे तीन दिवसीय कार्य वहिष्कार पर चर्चा की गयी तथा सरकार की वादाखिलाफी पर आक्रोश व्यक्त किया गया। तत्पश्चात सचिवों के प्रतिनिधि मंडल ने जिलाधिकारी महोदय, मुख्य विकास अधिकारी, जिला विकास अधिकारी, उपायुक्त (मनरेगा), परियोजना निदेशक एवं जिला पंचायत राज अधिकारी महोदय को कार्य वहिष्कार का ज्ञापन सौंपा। प्रतिनिधिमंडल में सूर्यभानु राय, ओमप्रकाश यादव, रामराज कुशवाहा, अशोक यादव, बैजनाथ तिवारी, पवन पांडेय, कंचन कुमार जायसवाल, सुरेंद्र यादव, संजय यादव, संजय कुशवाहा इत्यादि उपस्थित थे।


 


मिलावटी खाद्य पदार्थों का नगर बना, डिपो

अंधेर नगरी चौपट राजा,टका सेर भाजी टका सेर खाजा-


राठ! कस्बे की महिमा ही न्यारी है।यहाँ अधिकारीगण,नेतागण और प्रबुद्ध वर्ग सभी सामंजस्य स्थापित करने में ज्यादा यकीन करते हैं और यह सभी के लिए ही सुविधाजनक रहता है।आंदोलन और मशाल जलूस वाले नेता अब नहीं रहे।अब जो हैं,उनमें बहुतायत में सेटिंग-गेटिंग करने वाले हैं।इसी का परिणाम है कि आज जुआ,बालू का अवैध खनन,खुले घूम रहे अन्ना जानवरों की बेचारगी सर्वत्र नज़र आ रही है।नगर अतिक्रमण से आच्छादित है।कोई भी बीच रास्ते में बोरिंग करा ले या नाली-नालों के ऊपर स्थाई निर्माण करवा ले ,कोई भी टोकने वाला नहीं है।अवैध बालू का धंधा इस समय अपने चरम पर है।बालू भरे तेजी से फर्राटा भरते ट्रैक्टर बहुधा दुर्घटनाओं को अंजाम देते रहते हैं।इस सम्बन्ध में स्थानीय अधिकारीगण जिला अधिकारी के आदेशों को भी हवा में उड़ा देते हैं।दिनभर नगर में इधर-उधर जाने वाले आलाधिकारी सब कुछ देख कर भी अनजान और मासूम बन जाते हैं।मिलावटी खाद्य पदार्थों का नगर डिपो बन चुका है और आम नागरिकों के शरीर में जहर घुल रहा है।
देखने-सुनने वाला कोई नहीं है,हाँ यदि उपदेश सुन्ना हो तो ज्ञानीजन सर्वत्र उपलब्ध हैं।
जगदीश श्रीवास्तव


धर्म परिवर्तन के बाद मिल रही है धमकियां

18 साल की उम्र में बना था मुसलमान, 27 में 'घर वापसी' की तो मिल रही धमकियां


लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शामली में एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी और चार बच्चों के साथ धर्म परिवर्तन कर लिया। जिसके बाद उसे जान से मारने की धमकी मिल रही है। पीड़ित युवक ने पुलिस में गुहार लगाई, जिसके बाद पुलिस मामले की जांच कर रही है।


बताया गया कि सलीम नाम के शख्स ने 8 साल की उम्र में हिंदू धर्म को छोड़कर इस्लाम अपना लिया था। उस वक्त उसके माता-पिता का देहांत हो गया था। तब वह अपने एक मुस्लिम साथी के साथ रहता था। बड़े होने पर उसकी शादी मुस्लिम रीति-रिवाज से कर दी गई और चार बच्चे भी हो गए। लेकिन अब उसने अपनी पत्नी और बच्चों समेत वापस हिंदू धर्म अपना लिया। उसका कहना है कि अब उसे जान से मारने की धमकी मिल रही है।


8 साल की उम्र में सलीम 27 में बना सुशील
पीड़ित युवक का नाम सलीम है और वो सदर कोतवाली क्षेत्र के सरवरपीर कॉलोनी का रहने वाला है। सलीन ने धर्म बदलकर अपना नाम सुशील रख लिया है। उसने बताया कि उसे तब समझ नहीं थी, उसके पिता का नाम श्याम सिंह था। उनके देहांत के बाद उसने इस्लाम अपना लिया। लेकिन अब उसे समझ आई है तो वापस सनातन धर्म की ओर लौट आया है। लेकिन इस बात से कुछ मुस्लिम समुदाय के लोग नाराज हो गए हैं। यहां तक कि जान से मारने की धमकी भी मिल रही है। जिसके बाद उसने पुलिस में गुहार लगाई है।


मरीज करता रहा बात, बदले दिल के 'वाल्व'

मरीज करता रहा बातें और डॉक्टर ने बदल दिए दिल के वाल्व


लखनऊ। सर्जरी के क्षेत्र में अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल कठिन से कठिन सर्जरी को सफलतापूर्वक करके नई ऊंचाइयों पर पहुंचा दिया है। ऐसे में एक बार फिर यहां के डॉक्टर और उनकी टीम ने जागते हुए मरीज की एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट सर्जरी सफलतापूर्वक की है। मरीज की पूर्ण चेतना अवस्था में की जाने वाली यह सर्जरी तकनीकी रूप से बहुत अधिक चुनौतीपूर्ण होती है। क्योंकि इसमें रोगी न केवल जाग रहा होता है बल्कि पूरे सर्जरी के समय  बात भी कर करता रहता है। हालांकि जागने के दौरान उसे किसी भी प्रकार के दर्द का एहसास  नहीं होता।ऐसे इसलिए होता है क्योंकि वह अपने आस-पास होने वाली गतिविधियों के प्रति जागरूक होता है। यह पूरे उत्तर भारत की पहली एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट अवेक सर्जरी है जो लखनऊ के अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में पूरी हुई है।


जानकारी के मुताबिक यूपी के गोंडा निवासी अब्दुल कलाम गंभीर एओर्टिक रेगुरगिटेशन एल।वी  डिसफंक्शन के साथ जटिल प्रकार के हृदय रोगों से भी पीड़ित थे। इस रोगी के बारे में अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ सलाहकार व सर्जन सीटीवीएस डॉ। विजयंत देवनराज ने बताया कि मरीज को 2 साल से अधिक समय से सांस लेने में दिक्कत हो रही थी।  जो एक गंभीर सांस रोग है। ये बीमारी होने पर सीने में दर्द, अपच, भूख न लगना, वजन कम होना, आरएचडी गंभीर, एआर माइल्ड, एमआर माइल्ड, एलवीईएफ- 48%,  सीएक्स -आर- बढ़े हुए हृदय (कार्डियोमेगाली) से संबंधित सीने में दर्द यह सभी मरीज में लक्षण पाए गए। एओर्टिक वाल्व प्रतिस्थापन सर्जरी द्वारा मरीज का सफल इलाज किया गया।


बता दें उन्हें इंटुबैट नहीं किया गया और ना ही वेंटिलेशन पर रखा गया। उन्होंने ये भी बताया कि इस सर्जरी में कोई हृदय संबंधी दवाएं उपयोग में नहीं लाई गयी और ना ही किसी भी प्रकार से रक्त आधान की आवश्यकता हुई। मरीज पूरी तरह से स्वस्थ हैं और वह अपने गांव में खुद का बिजनेस शुरू करने की योजना बना रहा है।अपोलोमेडिक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के मैनेजिंग डायरेक्टर व सी.ई.ओ. डॉ. मयंक सोमानी ने कहा कि “अपोलोमेडिक्स हॉस्पिटल में डॉक्टरों की एक शानदार टीम है। मैं डॉ। विजयंत देवनराज और उनकी टीम को इस सफल वाल्व रिप्लेसमेंट अवेक सर्जरी के लिए बधाई देता हूं, हम उन्नत जीवन रक्षक चिकित्सा उपकरण और प्रौद्योगिकी की सुविधाओं से सुसज्जित हैं और किसी भी प्रकार की सर्जरी को सफलतापूर्वक करने में सक्षम हैं।


डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित

डीएम की अध्यक्षता में मासिक बैठक आयोजित  भानु प्रताप उपाध्याय  मुजफ्फरनगर। जिलाधिकारी उमेश मिश्रा की अध्यक्षता में विकास भवन के सभाकक्ष में ...