रोशनलाल भारती
कुशीनगर। जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) वर्षों से पिछड़े, अति पिछड़े एवं दलित समाज केे अधिकारों की लड़ाई लड़ रही है, लेकिन प्रदेश सरकार इन वर्गों के साथ अन्याय नही कर रही है। प्रदेश में लूट-खसोट बढ़ गई है। कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है। आने वाला विधानसभा चुनाव पार्टी सपा के साथ मिलकर लड़ेगी। ये बातें जनवादी पार्टी (सोशलिस्ट) के संस्थापक डॉक्टर संजय सिंह चौहान ने कहीं। वह शनिवार को नगर के होटल में जिला कार्यकर्ता सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि उन्होंने कहा कि राज्य में जंगलराज कायम है। इसलिए पार्टी ने सपा के साथ मिलकर विधानसभा चुनाव लड़ने का निर्णय लिया है।
विशिष्ट अतिथि कार्यवाहक राष्ट्रीय अध्यक्ष व अधिवक्ता ओमकार चौहान ने कहा कि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है। सरकार चुनाव आने पर बेरोजगारों को नौकरी देने का प्रलोभन देती है, लेकिन सत्ता में आते ही भूल जाती है। विशिष्ट अतिथि राष्ट्रीय प्रधान महासचिव जेआर बालक चौहान ने पार्टी का सदस्यता अभियान चलाकर अधिक से अधिक सदस्य बनाने पर जोर दिया। संचालन जिलाध्यक्ष मुन्ना चौहान ने किया। इस सम्मेलन को प्रदेश सचिव राजकुमार चौहान, अखिलेश सिंह चौहान, महातम चौहान आदि ने भी संबोधित किया। इस दौरान टुल्लू चौहान, गोरखनाथ चौहान, गामा चौहान, गब्बूलाल चौहान, दुखी कन्नोडिया, किशोर भारती, रामअद्या विश्वकर्मा, चंद्रकांत चौहान, रामअवध चौहान, विनोद चौहान, दिनेश चौहान, राजेश यादव, भागवत चौहान, संतोष चौहान आदि मौजूद रहे।
सोमवार, 25 नवंबर 2019
'लूट-खसौट' के खिलाफ दो पार्टियों समन्वय
टाइगर रिजर्व के बफर जोन में कटान का कार्य
मैनपुर। उदंती सीतानदी टाईगर रिजर्व के बफर जोन एरिया वन परिक्षेत्र इदागंव कक्ष क्रमांक 1210 में छोटे बडे वृक्षो को काटकर जंगल सफाई कर अवैध अतिक्रमण करने वाले दो ग्रामीणाें पर आज रविवार को वन विभाग ने फिर कार्यवाही करते हूए देवभोग न्यायालय में पेश कर उन्हे गरियाबंद जेल भेजे जाने की जानकारी मिली है,इदागांव वन परिक्षेत्र अधिकारी टी आर नरेटी ने बताया कि इदागंव वन परिक्षेत्र के कक्ष क्रमांक 1210 में आरोपी गोपाल पिता राजमन गोेंड उम्र 49 वर्ष ग्राम डोहेल निवासी एंव जगोराम पिता डोमूराम जाति गोंड उम्र 45 वर्ष डोहेल निवासी द्वारा छोटे बडे वृक्षो को काटकर टाईगर रिजर्व के जंगल मे अवैध अतिक्रमण करते हूए वंहा दलहन तिलहन कुल्थी की बोआई कर रहे थे!
वन विभाग द्वारा रोका गया था लेकिन उक्त दोनो ग्रामीणों द्वारा लगातार अवैध अतिक्रमण किया जा रहा था जिस पर आज रविवार को वन परिक्षेत्र इदागंव द्वारा वन्य जीव सरंक्षण अधिनियम 1972 की धारा 27, 29,31,38 (के) एंव 51 भा.व. अधि. 1972 की धारा 26 (क) (च) एंव 52 लोक सम्पति क्षति निवारण अधि 1984 की धारा 3 (1)ए एंव 4 के तहत कार्यवाही करते हूए देवभोग न्यायालय मे पेश किया गया और रिमांड में गरियाबंद जेल भेजा गया। वन विभाग की इस कार्यवाही में वन परिक्षेत्र अधिकारी इदागंव श्री टी आर नरेटी, वन रक्षक चुकेश्वर धु्रव, फलेश्वर दिवान, ऋषि कुमार धु्रव एंव वन अमला शामिल थे!
गया एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत
धीरज गुप्ता की रिपोर्ट
गया! बिहार के जनपद गया के अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आज भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भव्य स्वागत किया गया। जिलाधिकारी अभिषेक सिंह ने गुलाब के फूल देकर उनका गया की धरती पर स्वागत किया ।
इस दौरान विधान पार्षद कृष्ण कुमार सिंह , बिहार सरकार के मंत्री डॉ प्रेम कुमार,गुरुआ विधायक राजिव नंदन सहित काफी संख्या में प्रशासनिक अधिकारी भी मौके पर मौजूद थे। प्रधानमंत्री झारखंड के डाल्टेनगंज गंज और गुमला में प्रस्तावित चुनावी कार्यक्रम के दौरान गया एयरपोर्ट पहुँचे थे।
एंटीबायोटिक का 'मिस यूज' खतरनाक
ऋषिकेश! अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान एम्स ऋषिकेश की ओर से वर्ल्ड एंटीबायोटिक वीक के अंतर्गत आयोजित जनजागरुकता मुहिम के तहत सार्वजनिक व्याख्यान व संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमें विशेषज्ञों ने समाज में एंटीबायोटिक दवाओं के गलत इस्तेमाल पर चिंता जताई और लोगों से एंटीबायोटिक दवाओं का इस्तेमाल बिना चिकित्सकीय परामर्श के नहीं करने की अपील की। इस दौरान लोगों को शपथ दिलाई गई कि वह एंटीबायोटिक के अस्तित्व से जुड़े इस गंभीर विषय को लेकर समाज के दूसरे लोगों को भी जागरुक करेंगे। बृहस्पतिवार को संस्थान के निदेशक पद्मश्री प्रो. रवि कांत की देखरेख में आयोजित जनजागरुकता कार्यक्रम में विशेषज्ञों ने एंटीबायोटिक दवाओं के गलत तरीके से उपयोग पर व्याख्यान दिया।
एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत ने कहा कि एंटीबायोटिक दवाओं का भविष्य हम सब लोगों के हाथों में है, लिहाजा इसके लिए चिकित्सक व आमजन को जागरुक होने की जरुरत है। उन्होंने लोगों से अपील की कि एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग बिना चिकित्सकीय सलाह के नहीं करें। निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने आगाह किया कि यदि हम एंटीबायोटिक दवाओं को सामान्य दवाओं की तरह इस्तेमाल करते रहे तो एंटीबायोटिक रेजिस्टेंस डेवलप एंटीबायोटिक की प्रतिरोधकता बढ़ जाएगी,जिसके दूरगामी घातक परिणाम सामने आएंगे। लिहाजा हमें एंटीबायोटिक दवाओं को बचाकर रखने की जरुरत है जिससे आने वाली पीढ़ृी इसका उपयोग कर सके।
निदेशक एम्स ने कहा कि हाथों को ठीक से धोने व अपने आसपास के वातावरण को स्वच्छ रखकर एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेेमाल से बचा जा सकता है। आयोजित संगोष्ठी में संस्थान के डीन एकेडमिक प्रो. मनोज गुप्ता ने कहा कि एंटीबायोटिक जीवन की सुरक्षा की दवा है, लिहाजा इसके उपयोग पर हमें ध्यान देने की आवश्यकता है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान में एंटीबायोटिक दवाओं का उपयोग कम और दुरुपयोग अधिक हो रहा है, भारत में लोग इन दवाओं का लापरवाही से इस्तेमाल कर रहे हैं जो कि सही नहीं है। डा. मनीष शर्मा के संयोजन व जनक जोशी के संचालन में आयोजित संगोष्ठी में डीन रिसर्च प्रो. प्रतिमा गुप्ता, डीन नर्सिंग प्रो. सुरेश कुमार शर्मा, डा. प्रसन कुमार पांडा, डा.पुनीत धमीजा, डा. संतोष कुमार ने व्याख्यान दिया।
उधर, एम्स की ओर से चंद्रेश्वरनगर क्षेत्र में जनजागरुकता व्याख्यान आयोजित की गई, जिसमें संस्थान के विशेषज्ञ प्रो. एसके शर्मा,डा. पीके पांडा,डा. संतोष कुमार व डा. मनीष शर्मा ने लोगों को एंटीबायोटिक दवाओं के इस्तेमाल को लेकर जागरुक किया, साथ ही उन्हें इन दवाओं के गलत उपयोग से होने वाले नुकसान से अवगत कराया। इस दौरान कॉलेज ऑफ नर्सिंग के विद्यार्थियों ने नाट्य प्रस्तुति के जरिए लोगों को एंटीबायोटिक दवाओं के सही इस्तेमाल व उसके दुरुपयोग को लेकर जागरुक किया। इस अवसर पर प्रो. किम मेमन,डा. वसंता कल्याणी, रूचिका रानी, राखी मिश्रा, शिवप्रसाद बहुगुणा, रमेश बुटोला, बंशीलाल नौटियाल, सुरेंद्र भंडारी, नर्मदा सेमवाल, अंबिका सेमवाल,रचित अग्रवाल,धीरेंद्र बिष्ट आदि मौजूद थे।
बच्चों के फेफड़े गुलाबी नहीं: डब्ल्यूएचओ
आने वाली पीढ़ी के भविष्य पर सबसे बड़ा खतरा है क्लाइमेट चेंज का जिसकी वजह से आने वाला समय कुछ अलग होगा बढ़ती बीमारियां ही इसका कारण बनेगी ।वैज्ञानिक बताते हैं कि दुनिया भर में क्लाइमेट चेंज की वजह से बच्चों के स्वास्थ्य पर ग्लोबल टेंपरेचर कम होने का खतरा मंडरा रहा है जिसकी वजह से अकेले भारत की बात करें तो बच्चों को फेफड़े अब गुलाबी नहीं बल्कि काले हो चुके हैं एक मैगजीन में हेल्थ और क्लाइमेट चेंज पर छपी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि दुनिया भर के 35 इंस्टीट्यूशंस ने इसको कंपाइल किया है जिसमें वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन और वर्ल्ड बैंक भी शामिल है, कहते हैं कि अगर ग्लोबल टेंपरेचर कम नहीं रखा गया तो यह पूरी दुनिया में आने वाली पीढ़ी के भविष्य के लिए खतरा बनेगा।
5 साल की उम्र के बच्चों के लिए यह ज्यादा घातक है भारत में दो तिहाई से ज्यादा बच्चों को बच्चों की मौत के लिए कुपोषण ही सबसे ज्यादा जिम्मेदार है । वहीं 2017 में चार लाख तीन सौ पचास हजार से ज्यादा की जान अकेले मलेरिया से जा चुकी है अगर डेंगू की बात की जाए तो मच्छर से होने वाली इस बीमारी से दुनिया की आधी आबादी को आने वाले समय में डेंगू का खतरा है इसके लिए जन्म लेने वाले बच्चे के इस दर्द को कम करने के लिए दुनिया को सबसे पहले डीकार्बोंनाइज़्ड किया जाना ज्यादा आवश्यक है। अगर साइंसदानों की बात माने तो इसके लिए कुछ हद तक हम खुद ही इसके लिए जिम्मेदार हैं। वैज्ञानिक बताते हैं कि यदि ग्लोबल टेंपरेचर को कम नहीं रखा गया तो कुपोषण ओर संक्रामक रोग तेजी से मौसम के साथ एयर पोल्युशन के माध्यम से जानलेवा बनेंगे।
बढ़ती जा रही है कमर दर्द की समस्या
आजकल ज्यादातर लोगों में कमर दर्द की समस्या बढ़ती जा रही है जिसकी चपेट में बड़ी उम्र के लोग ही नहीं, बल्कि युवा के लोग भी आ रहे है। कमर दर्द के होने का मुख्य कारण बदलती जीवनशैली के साथ ऑफिस में घंटों गलत पॉश्चर बैठे रहना है। यह समस्या अब न केवल उम्र से जुड़ी है बल्कि इससे लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी भी तकलीफदेह साबित हो रही है।
कमर दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप कई तरह के घरेलू उपचार करते है लेकिन इसका प्रभाव मात्र कुछ समय के लिए ही रहता है। आइए आज हम आपको कुछ घरेलू उपायों के बारे में बता रहे है जिसे अपनाने से जल्दी ही छुटकारा पा सकती है।
कमर दर्द से छुटकारा पाने के लिए आप एक खडाई में सरसो का तेल डालकर उसमें लहसुन की तीन-चार कलियॉ के साथ अजवाइन को डालकर गर्म कर लें। ठंडा होने पर इस तेल से कमर की मालिश करें। इस उपाय से आपको जल्द ही राहत मिलेगी।
कढ़ाई में दो-तीन चम्मच नमक डालकर इसे अच्छी तरह से गर्म कर लें। अब इस गर्म नमक को किसी सूती कपड़े में बांधकर पोटली बना लें। और इस पोटली से कमर की सिकाई करें काफी जल्द ही आराम मिलने लगेगा।
ऑफिस में काम करते समय ज्यादा देर तक एक ही पोजीशन में ना। हर चालीस मिनट में अपनी कुर्सी से उठकर थोड़ी देर टहल लें।
कैल्शियम की कम मात्रा से भी हड्डियां कमजोर होने लगती हैं, जो कमर के दर्द का प्रमुख कारण बनती है इसलिए कैल्शियमयुक्त चीजों का सेवन करें।
अजवाइन को तवे पर डालकर धीमी आंच पर सेंके और ठंडा होने पर धीरे-धीरे चबाते हुए निगल जाएं। इसके नियमित सेवन से कमर दर्द में लाभ मिलता है।
अब सर्दी ज्यादा करेगी, अपना असर
मौसम विभाग की माने तो एक सप्ताह में ठण्ड अपना असर दिखाने लगेगी, पर इसका असर वैसा नहीं रहेगा जैसा कि नवंबर के अंत या दिसंबर में रहता है। ऐसे में सबसे ज्यादा किसी चीज की परेशानी हो रही है तो वह है हर घर में सर्दी जुकाम और खाँसी। लोग डॉक्टर की अपेक्षा घरेलू उपचार से इन परेशानियों को दूर कर सकते हैं। आयुर्वेदाचार्यों के अनुसार सर्दी जुकाम को दूर भगाने के लिये आज भी देशी उपाय कारगर साबित हो रहे हैं।
सर्दी जुकाम में घरेलू उपचार : अदरक और लहसुन को बारीक पीसकर शहद के साथ घोलकर सुबह, दोपहर, शाम काढ़ा सेवन करने से सर्दी जुकाम खाँसी से जल्दी छुटकारा मिलता है। सर्दी जुकाम होने पर घर पर आसान काढ़ा रेसिपी बनायें। सर्दी जुकाम नज़ला होने पर काली मिर्च, अदरक, तुलसी, लहसुन, हल्दी, काला नमक से बने गर्म काढ़ा पीने से सर्दी जुकाम नज़ला खाँसी से जल्दी छुटकारा मिलता है।
अदरक मिक्स हर्बल टी जिंजर हर्बल टी सर्दी जुकाम खाँसी होने पर अदरक, इलायची से बनी हर्बल टी पीना फायदेमंद है। सर्दी जुकाम में सूप विंटर सूप जुकाम खाँसी नज़ला होने पर सूप मसाला, टमाटर सूप, मिक्स वेजिटेबल सूप, तरल गर्म चीजें पीना फायदेमंद है।
कफ बलगम मिटायें : सीने में बलगम जमने और खाँसी कफ आने पर अंजीर, अदरक, लौंग मिश्रण सेवन करने से बलगम कफ मिटाने में फायदेमंद है। अदरक सौंठ पाउडर और शहद का उबला गर्म काढ़ा पीने से खाँसी बलगम कफ से जल्दी आराम मिलता है। बलगम कफ जमने पर मुलहठी को शहद के साथ चबाकर खाने से बलगम कफ से जल्दी छुटकारा मिलता है।
भाप लेना, सूंघना : कफ, खाँसी होने पर लहसुन, तुलसी की स्टीम – भाप लेने से कफ खाँसी नाक बन्द, गले की खराश से जल्दी आराम मिलता है। सर्दी जुकाम खाँसी से राहत पाने के लिये भाप लेना अच्छा तरीका है। दाल और अनाज को भून कर गंध धुंआ संूघने से जुकाम नज़ला से बन्द नाक और गले की खराश से जल्दी आराम मिलता है। गर्म भुनी दालें चबाकर खाने जल्दी आराम मिलता है।
रात को सोते समय गले पर बाम लगाकर गर्म कपड़ा लपेट कर सोने से सर्दी जुकाम से गले के दर्द, खराश, खाँसी से जल्दी छुटकारा मिलता है। सर्दी जुकाम में गले को सर्द हवा से बचाने से सर्दी जुकाम खाँसी जल्दी ठीक होने मंी सहायक है।
सर्दी जुकाम से बचने के तरीके : ऊनी कपड़े, दस्ताने, टोपी, मफलर आदि गर्म कपड़े पहनें। जुकाम संक्रमित व्यक्ति के संपर्क से बचें। ठण्डी हवा में जाने से बचें। हाथ साफ रखें, सर्दियों में बार – बार हाथ धोना चाहिये।
बाईक चलाते समय, यात्रा करते समय कान, नाक, हाथों को ठण्ड सर्द हवा से बचने के लिये रूमाल, मफलर, टोपी, कनपट्टी आदि पहनें। आसपास साफ – सफाई बनायें रखें। गंदगी भरे वातारण में वायरल संक्रमण जल्दी पनपते हैं। ठण्ड सर्द हवा में जाने से पहले नाक के निचले हिस्से, हाथों, कान पर वायरल रोधक एन्टीबायोटिक क्रीम लगायें।
सर्द ठण्डी हवा रोधक मास्क पहनें। बिस्तर, गद्दे, तकिया को सप्ताह में 1-2 बार धूप में सुखायें। जुकाम ग्रसित व्यक्ति से बिस्तर, तौलिया, साबुन आदि शेयर करने से बचें। ठण्डी चीजों के सेवन से बचें। ताजा भोजन करें, बासा भोजन खाने से बचें।
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