रविवार, 24 नवंबर 2019

डायट पिल्स को बंद कर देना चाहिए

गर्ल्स और यंग फीमेल्स के बीच डायट पिल्स और लैक्सेटिव्स पिल्स (जुलाब की टैबलेट्स) काफी लोकप्रिय हैं। इसका कारण है कि वे अपने खाए हुए खाने को बॉडी में स्टोर नहीं होने देना चाहतीं ताकि उनका वेट कंट्रोल में रहे और वे स्लिम बनी रहें। लेकिन हालह ही हुई एक नई स्टडी में यह बात सामने आई है कि जो गर्ल्स इस तरह की डायट पिल्स का इस्तेमाल करती हैं, उनमें इटिंग डिसऑर्डर होने के चांस बहुत अधिक होते हैं। 


इस स्टडी के लिए पूरे 15 साल रिसर्च कार्य जारी रहा और इसमें 10 हजार गर्ल्स और फीमेल्स को शामिल किया गया। शोध में शामिल फीमेल्स की उम्र 14 से 36 साल के बीच रही। इन सभी महिलाओं में से किसी को भी ये पिल्स लेने से पहले इटिंग डिसऑर्डर की समस्या नहीं थी। इन महिलाओं में से डायटिंग पिल इस्तेमाल करनेवाली 1.8 प्रतिशत महिलाओं का कहना है कि डायट पिल्स लेना शुरू करने के 1 से 3 साल के भीतर उन्हें पहली बार इटिंग डिसऑर्डर की दिक्कत हुई। वहीं, लैक्सेटिव्स यूज करनेवाली 4.2 प्रतिशत महिलाओं को पहली बार इटिंग डिसऑर्डर की समस्या हुई।
यह स्टडी 21 नवंबर को अमेरिकन जर्नल ऑफ पब्लिक हेल्थ में ऑनलाइन पब्लिश की गई। रिसर्चर्स का कहना है कि वेट कंट्रोल के लिए फीमेल्स को इन दोनों ही तरह की पिल्स लेने से बचना चाहिए। क्योंकि लगातार इनके उपयोग और साइड इफेक्ट के कारण हाई ब्लड प्रेशर, लीवर डैमेज और किडनी फेल्यॉर जैसी घातक बीमारियां हो सकती हैं। वेट लूज करने के लिए हेल्दी टिप्स अपनाना ही ठीक है। क्योंकि हेल्दी बॉडी को पोषण की जरूरत होती है। फिजिकली ऐक्टिव रहकर बॉडी वेट को कंट्रोल करना सबसे सुरक्षित तरीका है।


बेहद स्वास्थ्यवर्धक है 'अनार'

दिन की शुरुआत करने का सबसे अच्छा तरीका क्या है? कुछ लोगों के लिए वर्काउट, कुछ के लिए मेडिटेशन और ऐसा ही बहुत कुछ। लेकिन हेल्दी ब्रेकफस्ट और ग्लास भर जूस दिन की बेहतरीन शुरुआत दे सकता है।
ओवरऑल हेल्थ सुधरने के साथ बढ़ती है लिबिडो
क्या आपको पता है कि एक ग्लास अनार का जूस आपकी सेक्शुअल ड्राइव बढ़ा सकता है! जी हां यह सच है और कुछ स्टडीज की मानें तो अनार का जूस पीने वालों की ओवरऑल हेल्थ और लिबिडो में सुधार देखा गया।
पहले भी होता था इस्तेमाल
पुराने समय में इसको नैचर ऐफ्रोडिसिऐक (प्राकृतिक रूप से सेक्स ड्राइव बढ़ाने वाला) के रूप में इस्तेमाल किया जाता था। एक ग्लास अनार का जूस न सिर्फ आपकी सेक्स करने की इच्छा बढ़ाता है बल्कि आपकी याद्दाश्त और मूड भी अच्छा करता है।
सुपरफूड
अनार में ऐंटीऑक्सिडेंट्स, पॉलिफिनॉल्स, विटमिन सी होते हैं साथ ही इसमें ऐंटी-इनफ्लेमेटरी और ऐंटी बैक्टीरियल गुण भी होते हैं। इन सारे हेल्थ बेनिफिट्स के अलावा इसे सुपरफूड भी माना जाता है।
क्या कहती है रिसर्च
एडिनबर्ग की क्वीन मार्गरेट यूनिवर्सिटी की रिसर्च के मुताबिक, जिन लोगों ने इस जूस को डेली पिया उनमें टेस्टोस्टेरॉन का लेवल बढ़ा पाया गया। यह स्टडी 58 लोगों पर किया गया इसमें दोनों जेंडर के लोग थे, इनकी उम्र 21 से 64 साल थी।
अच्छी होती है आवाज
इन सबके अलावा यह भी देखा गया कि अगर इसे रोजाना पिया जाए तो पुरुषों की आवाज अच्छी होती है साथ ही फेशल हेयर की ग्रोथ भी बढ़ती है। वहीं महिलाओं में सेक्स ड्राइव बढऩे के अलावा इससे हड्डियां और मसल्स मजबूत होती हैं। हालांकि अगर आप ब्लड प्रेशर के मरीज हों तो डॉक्टर से पूछकर ही अनार का जूस पिएं।


मोदी को किसान-व्यापारियों के 13,44,743 पत्र

रायपुर। रायगढ़ जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष अरूण मालाकार के नेतृत्व में रायगढ़ जिले के कांग्रेस नेताओं ने प्रदेश कांग्रेस के प्रभारी महामंत्री गिरीश देवांगन, प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी, प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री महेन्द्र छाबड़ा, प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता सुशील आनंद शुक्ला की उपस्थिति में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को किसानों के द्वारा लिखे गये 1 लाख 5 हजार पत्र प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सौपें। इस अवसर पर प्रदेश कांग्रेस सचिव शिवसिंह ठाकुर, किरण सिन्हा, चंद्रवती साहू, रायगढ़ जिला महामंत्री विकास शर्मा, सारंगढ़ युवा कांग्रेस विधासभा अध्यक्ष महेन्द्र गुप्ता, सारंगढ़ ब्लाक महामंत्री पीतांबर पटेल, तरूण सोनी, सर्वजीत सिंह ठाकुर उपस्थित थे। 
प्रधानमंत्री के नाम पत्र अभियान की अद्यतन स्थिति की जानकारी देते हुये प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बताया कि कांग्रेसजनों द्वारा घर-घर जाकर किसानों को 2500 रू. दिये जाने की मांग को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखे जा रहे है। प्रधानमंत्री के नाम पत्र अभियान पूरे प्रदेश में जोरो पर चल रहा है। यह अभियान घर-घर जाकर चलाया जा रहा है। आज इस बयान के जारी करने के समय तक 13,44,743 पत्र प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय राजीव भवन में प्राप्त किये जा चुके है। जिनका जिलावार विवरण संलग्न है।
प्रदेश कांग्रेस के महामंत्री एवं संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने बताया कि कांग्रेस कंट्रोल रूम में जिलों और ब्लाक से प्राप्त जानकारी के अनुसार इनके अतिरिक्त तीन लाख से भी अधिक पत्र लिखे जा चुके है जो सोमवार तक प्रदेश कांग्रेस के मुख्यालय राजीव भवन को प्राप्त हो जायेंगे।


सभी पक्षों को नोटिस जारी, फैसला कल

महाराष्ट्र मामले में सुप्रीम कोर्ट ने सभी पक्षों को जारी किया नोटिस, फैसला कल


नई दिल्ली! सुप्रीम कोर्ट शिवसेना-कांग्रेस-राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) की उस याचिका पर रविवार को सुनवाई की। सोमवार को 10.30 बजे फिर सुनवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने फ्लोर टेस्ट कराने की शिवसेना-एनसीपी-कांग्रेस की याचिका पर महाराष्ट्र सरकार और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किए।


सीएम देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम अजित पवार को भी नोटिस जारी किए। आदेश पारित करने के लिए सॉलिसिटर जनरल से सोमवार सुबह 10.30 बजे गवर्नर की चिट्ठी पेश करने को कहा। याचिका में महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व में बनी सरकार को 24 घंटे के भीतर फ्लोर टेस्ट कराने की मांग की गई गई थी।याचिकाकर्ताओं ने शनिवार शाम को सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसके बाद कोर्ट सुनवाई के लिए राजी हो गया। याचिका पर सुनवाई के लिए गठित सुप्रीम कोर्ट की बैंच में जस्टिस एनवी रमना, जस्टिस अशोक भूषण और जस्टिस संजीव खन्ना शामिल हैं।


याचिका में कहा गया है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल बी.एस. कोशियारी द्वारा शनिवार सुबह बीजेपी के देवेंद्र फड़नवीस को सरकार गठन के लिए आमंत्रित करना असंवैधानिक, मनमाना, गैरकानूनी और भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन है।राज्यपाल कोश्यारी ने शनिवार सुबह फड़नवीस को महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री और एनसीपी नेता अजीत पवार को उप-मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाई। याचिकाकर्ता ने हॉर्स ट्रेडिंग को रोकने के लिए 24 घंटे के भीतर तत्काल फ्लोर टेस्ट कराने के लिए अर्जी दी है।


सुप्रीम कोर्ट से फ्लोर टेस्ट के लिए प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति की भी मांग की गई है। शिवसेना, कांग्रेस, एनसीपी ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनाने के लिए उन्हें आमंत्रित करने का राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को निर्देश देने की भी मांग की। यह भी कहा गया है कि उनके पास 144 से ज्यादा विधायकों का समर्थन है।


'फिट इंडिया सप्ताह' को सेलिब्रेट करें

स्कूलों से पीएम मोदी की अपील, 'फिट इंडिया सप्ताह' को करें सेलिब्रेट


नई दिल्ली! पीएम मोदी के रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' का यह 59वां संस्करण है। प्रधानमंत्री ने देश भक्ति और सेवा के रंग में रंगे युवाओं में जोश भरते हुए नौजवान पीढ़ी को एनसीसी दिवस की शुभकामनाओं से अपनी मन की बात कार्यक्रम की शुरुआत की। प्रधानमंत्री ने कहा, 'मैं भी आप ही की तरह कैडेट रहा हूं और मन से आज भी अपने आपको कैडेट मानता हूं। एनसीसी यानी नेशनल कैडेट कॉर्प्स। दुनिया के सबसे बड़े वर्दी वाले युवा संगठन में एनसीसी एक है। यह एक त्रि-सेवा संगठन है जिसमें सेना, नौ-सेना, वायुसेना तीनों ही शामिल हैं। दुनिया की बड़ी एकरूप युवा संगठनों में से एक भारत की एनसीसी है जिसमें सेना के तीनों अंग- सेना, नौसेना और वायु सेना शामिल हैं।


'एक भारत श्रेष्ठ भारत' कैंप के लिए उत्तर पूर्वी क्षेत्र और विभिन्न राज्यों से दिल्ली आए एनसीसी के नौजवानों ने प्रधानमंत्री मोदी से अपने बेहतरीन अनुभव साझा किए। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में सात दिसंबर को आर्म्ड फोर्सिज फ्लैग डे के अवसर पर देशवासियों को वीर सैनिकों के अदम्य साहस, शौर्य और समर्पण भाव के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करते हुए उनके सम्मान और सहभागिता के लिए आगे आने का आह्वान किया।


पीएम ने कहा कि फिट इंडिया सप्ताह के दौरान विद्यार्थियों के लिए क्विज, निबंध, लेख, चित्रकारी, पारंपरिक और स्थानीय खेल, योगासन, डांस एवं खेलकूद आदि प्रतियोगिताएं आयोजित की जा सकती हैं। फिट इंडिया का मतलब दिमागी कसरत के साथ कड़ा शारीरिक श्रम, खानपान की आदत और जीवन शैली में बदलाव लाना है। पधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम के जरिए सभी स्कूलों से दिसंबर माह में फिट इंडिया सप्ताह मनाने की अपील करते हुए कहा कि इससे हम सबमें फिटनेस की आदत दिनचर्या में शामिल होगी।


गुफा में रहने को विवश,बहिष्कृत परिवार

बैकुंठपुर! कोरिया जिले के खडग़वां विकासखंड से एक ऐसा मामला सामने आया है जो राज्य और केंद्र सरकार को आइना दिखा रहा है। समाज ने एक परिवार का बहिष्कार कर दिया तो वह जंगल में रहने को विवश हो गया। पति अपनी पत्नी व मासूम बेटे के साथ पिछले 4 साल से गुफा में रह रहा है। बेटा पढऩे भी नहीं जा पाता। जैसे-तैसे जुगाड़ से रोटी चल रही है। डिजिटल युग में ऐसी जिंदगी जीने की विवशता सरकार को आइना दिखाने के लिए काफी है। (Shameful)कोरिया जिले के खडग़वां ब्लॉक स्थित ग्राम दुग्गी में ग्रामीण देवनाराण पठारी करीब 7 साल पहले झोपड़ीनुमा घर बनाकर अपने परिवार के साथ जीवन व्यतीत कर रहा था। जमीन विवादित होने के कारण गांव के पंच परमेश्वर ने ग्रामीण के विरोध में एकतरफा फैसला सुनाया और उसको गांव से निकाल दिया था।


इस दौरान ग्रामीण ने कई जगह मदद की गुहार लगाई, लेकिन उसकी कहीं भी सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने परिवार के साथ सीधे जंगल की ओर रुख किया और बीच जंगल में झोपड़ी बनाई। करीब 3 साल तक जैसे-तैसे जिंदगी गुजरी।बारिश के मौसम में परेशानी होने के कारण पहाड़ के नीचे गुफा को अपना ठिकाना बना लिया और पिछले चार साल से उसी में अपनी पत्नी-बेटे के साथ जिंदगी गुजार रहा हैं। ग्रामीण देवनारायण पठारी अपनी पत्नी राजकुमारी, बेटा राजू के साथ जंगल के गुफा में रहने को मजबूर है।


केंद्र व राज्य सरकार की एक भी जनकल्याणकारी योजनाओं (Government plans) का लाभ उसे नहीं मिलता है। हालांकि कुछ महीने पहले ही एक समाज सेवक की मदद से राशनकार्ड बनवाया गया है। मामले में सामाजिक कार्यकर्ता नागेश्वर सिंह का कहना है कि पहली बार वर्ष 2015 में बीच जंगल के बीच गुफा में निवास करते एक परिवार देखा गया था।इस दौरान उस परिवार के सामने गांव में चलने की बात रखी, लेकिन परिवार ने उसकी बात नहीं मानी। कुछ महीने पहले उस परिवार के नाम पर राशन कार्ड बनवाया गया है। वहीं दूसरी ओर 2 किलोमीटर अंदर जंगल रहने के कारण उनका एकलौता बेटा पढऩे नहीं जाता है। डिजिटल युग में एक परिवार आज भी गुफा में रहता है। मेरे लिए बहुत आश्चर्य की बात है।


3 साल में गिर गई जंगल में बनी झोपड़ी, फिर खोज ली गुफा


ग्रामीण देवनारायण ने पत्रिका टीम से चर्चा कर कहा कि पहले ग्राम दुग्गी में रहते थे और उसकी थोड़ी जमीन थी, जिसमें उसने घर बनाया था। जमीन विवादित होने के कारण पंचायत ने एकतरफा फैसला सुनाया औरउसे उसकी जमीन से बेदखल कर दिया था। वहीं गांव वालों ने उसका बहिष्कार कर दिया। इस कारण उसे गांव को छोडऩा पड़ा और वह गांव से दूर जंगल में झोपड़ी बनाकर रहने लगा। करीब 3 साल बाद बारिश के मौसम में उसकी झोपड़ी गिर गई। इसके बाद गढ़पहाड़ के पास छातापखना गुफा में 4 साल से जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं।



पत्नी बोली- पति जहां रखेंगे, वहीं जिंदगी कट जाएगी
पत्नी राजकुमारी का कहना है कि उनके पति जहां उसे रखेंगे, वहीं रहना होगा और ऐसे ही जिंदगी कट जाएगी। उनके परिवार कोसरकारी योजना के नाम पर सिर्फ राशन कार्ड मिला है। इसके अलावा किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है। वहीं कई साल तक जंगल में कंदमूल खोजकर खाते हैं और मजदूरी से थोड़ी बहुत राशन का जुगाड़ होता है। गुफा के पास ही थोड़ी बहुत सब्जी उगा रखी है। परिवार को अपने बेटे की चिंता सताने लगी है। उसका कहना है कि हमारी जिंदगी ऐसी ही कट जाएगी, लेकिन बच्चे का भविष्य क्या होगा। उसके पास घर भी नहीं है और न ही कमाने के लिए खेती की जमीन है। बच्चे की पढ़ाई के लिए स्कूल भी दूर है। वहीं दूसरी ओर रात के अंधेरे में जंगली जानवर से भयभीत रहते हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


नवंबर 25, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-111 (साल-01)
2. सोमवार, नवंबर 25, 2019
3. शक-1941, मार्गशीर्ष-कृष्ण पक्ष, तिथि- चतुर्दशी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:43,सूर्यास्त 05:41
5. न्‍यूनतम तापमान -13 डी.सै.,अधिकतम-24+ डी.सै.।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


8.संपादकीय कार्यालय- 263 सरस्वती विहार, लोनी, गाजियाबाद उ.प्र.-201102


9.संपर्क एवं व्यावसायिक कार्यालय-डी-60,100 फुटा रोड बलराम नगर, लोनी,गाजियाबाद उ.प्र.,201102


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