रविवार, 24 नवंबर 2019

गुफा में रहने को विवश,बहिष्कृत परिवार

बैकुंठपुर! कोरिया जिले के खडग़वां विकासखंड से एक ऐसा मामला सामने आया है जो राज्य और केंद्र सरकार को आइना दिखा रहा है। समाज ने एक परिवार का बहिष्कार कर दिया तो वह जंगल में रहने को विवश हो गया। पति अपनी पत्नी व मासूम बेटे के साथ पिछले 4 साल से गुफा में रह रहा है। बेटा पढऩे भी नहीं जा पाता। जैसे-तैसे जुगाड़ से रोटी चल रही है। डिजिटल युग में ऐसी जिंदगी जीने की विवशता सरकार को आइना दिखाने के लिए काफी है। (Shameful)कोरिया जिले के खडग़वां ब्लॉक स्थित ग्राम दुग्गी में ग्रामीण देवनाराण पठारी करीब 7 साल पहले झोपड़ीनुमा घर बनाकर अपने परिवार के साथ जीवन व्यतीत कर रहा था। जमीन विवादित होने के कारण गांव के पंच परमेश्वर ने ग्रामीण के विरोध में एकतरफा फैसला सुनाया और उसको गांव से निकाल दिया था।


इस दौरान ग्रामीण ने कई जगह मदद की गुहार लगाई, लेकिन उसकी कहीं भी सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद उसने परिवार के साथ सीधे जंगल की ओर रुख किया और बीच जंगल में झोपड़ी बनाई। करीब 3 साल तक जैसे-तैसे जिंदगी गुजरी।बारिश के मौसम में परेशानी होने के कारण पहाड़ के नीचे गुफा को अपना ठिकाना बना लिया और पिछले चार साल से उसी में अपनी पत्नी-बेटे के साथ जिंदगी गुजार रहा हैं। ग्रामीण देवनारायण पठारी अपनी पत्नी राजकुमारी, बेटा राजू के साथ जंगल के गुफा में रहने को मजबूर है।


केंद्र व राज्य सरकार की एक भी जनकल्याणकारी योजनाओं (Government plans) का लाभ उसे नहीं मिलता है। हालांकि कुछ महीने पहले ही एक समाज सेवक की मदद से राशनकार्ड बनवाया गया है। मामले में सामाजिक कार्यकर्ता नागेश्वर सिंह का कहना है कि पहली बार वर्ष 2015 में बीच जंगल के बीच गुफा में निवास करते एक परिवार देखा गया था।इस दौरान उस परिवार के सामने गांव में चलने की बात रखी, लेकिन परिवार ने उसकी बात नहीं मानी। कुछ महीने पहले उस परिवार के नाम पर राशन कार्ड बनवाया गया है। वहीं दूसरी ओर 2 किलोमीटर अंदर जंगल रहने के कारण उनका एकलौता बेटा पढऩे नहीं जाता है। डिजिटल युग में एक परिवार आज भी गुफा में रहता है। मेरे लिए बहुत आश्चर्य की बात है।


3 साल में गिर गई जंगल में बनी झोपड़ी, फिर खोज ली गुफा


ग्रामीण देवनारायण ने पत्रिका टीम से चर्चा कर कहा कि पहले ग्राम दुग्गी में रहते थे और उसकी थोड़ी जमीन थी, जिसमें उसने घर बनाया था। जमीन विवादित होने के कारण पंचायत ने एकतरफा फैसला सुनाया औरउसे उसकी जमीन से बेदखल कर दिया था। वहीं गांव वालों ने उसका बहिष्कार कर दिया। इस कारण उसे गांव को छोडऩा पड़ा और वह गांव से दूर जंगल में झोपड़ी बनाकर रहने लगा। करीब 3 साल बाद बारिश के मौसम में उसकी झोपड़ी गिर गई। इसके बाद गढ़पहाड़ के पास छातापखना गुफा में 4 साल से जिंदगी गुजारने को मजबूर हैं।



पत्नी बोली- पति जहां रखेंगे, वहीं जिंदगी कट जाएगी
पत्नी राजकुमारी का कहना है कि उनके पति जहां उसे रखेंगे, वहीं रहना होगा और ऐसे ही जिंदगी कट जाएगी। उनके परिवार कोसरकारी योजना के नाम पर सिर्फ राशन कार्ड मिला है। इसके अलावा किसी सरकारी योजना का लाभ नहीं मिला है। वहीं कई साल तक जंगल में कंदमूल खोजकर खाते हैं और मजदूरी से थोड़ी बहुत राशन का जुगाड़ होता है। गुफा के पास ही थोड़ी बहुत सब्जी उगा रखी है। परिवार को अपने बेटे की चिंता सताने लगी है। उसका कहना है कि हमारी जिंदगी ऐसी ही कट जाएगी, लेकिन बच्चे का भविष्य क्या होगा। उसके पास घर भी नहीं है और न ही कमाने के लिए खेती की जमीन है। बच्चे की पढ़ाई के लिए स्कूल भी दूर है। वहीं दूसरी ओर रात के अंधेरे में जंगली जानवर से भयभीत रहते हैं।


प्राधिकृत प्रकाशन विवरण

यूनिवर्सल एक्सप्रेस    (हिंदी-दैनिक)


नवंबर 25, 2019 RNI.No.UPHIN/2014/57254


1. अंक-111 (साल-01)
2. सोमवार, नवंबर 25, 2019
3. शक-1941, मार्गशीर्ष-कृष्ण पक्ष, तिथि- चतुर्दशी, संवत 2076


4. सूर्योदय प्रातः 06:43,सूर्यास्त 05:41
5. न्‍यूनतम तापमान -13 डी.सै.,अधिकतम-24+ डी.सै.।
6. समाचार-पत्र में प्रकाशित समाचारों से संपादक का सहमत होना आवश्यक नहीं है। सभी विवादों का न्‍याय क्षेत्र, गाजियाबाद न्यायालय होगा।
7. स्वामी, प्रकाशक, मुद्रक, संपादक राधेश्याम के द्वारा (डिजीटल सस्‍ंकरण) प्रकाशित।


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शनिवार, 23 नवंबर 2019

'कांग्रेस' ने पूछे भाजपा से 'दस सवाल'

नई दिल्ली! शनिवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस में कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस ने यह हमला महाराष्ट्र की पर चल काफी दिनों के सियासी संग्राम के बाद आए, फडणवीस की सरकार बनने पर बीजेपी पर सवालिया निशान लगाए। उन्होंने कहा कि कुछ भी महाराष्ट्र में हुआ ये विश्वासघात नहीं तो क्या है। ये सब साबित करता है कि मोदी है तो मुमकिन है। इस दौरान रणदीप सुरजेवाला ने भारतीय जनता पार्टी से कई सवाल भी पूछे।


उनके पूछे गए सवाल कुछ इस प्रकार थे कि किसने दावा पेश किया? दावे पर कितने हस्ताक्षर हैं? हस्ताक्षर कब प्रमाणित हुए? कैबिनेट की सिफारिश राष्ट्रपति को कब की गई? कैबिनेट की बैठक कब हुई? राष्ट्रपति ने सिफारिश कब स्वीकार की? राज्यपाल ने शपथ के लिए देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को किस पत्र द्वारा शपथ के लिए बुलाया। इन्हें शपथ के लिए कितने बजे बुलाया गया। इस मौके पर प्रबुद्ध नागरिकों, राजनीतिक दलों के नेताओं, मुख्य न्यायधीश को क्यों नहीं बुलाया गया जैसी कि परंपरा है।


राज्यपाल ने अब तक क्यों नहीं बताया कि फडणवीस सरकार को बहुमत कब तक साबित करना है।सवाल है कि लोकतंत्र का चीरहरण कबतक जारी रहेगा। राज्यपाल महोदय ने रात में कितने बजे राष्ट्रपति शासन हटाने की अनुशंसा की।


संविधान के विरुद्ध सरकार का गठन किया

नई दिल्ली! महाराष्ट्र बीजेपी ने आनन-फानन में महाराष्ट्र में नई सियासी खिचड़ी पकाते हुए भले ही अजित पवार के सहयोग से सरकार बना ली हो, लेकिन इस जल्दबाजी में एक गड़बड़ी हो गई। केंद्र की बीजेपी सरकार ने बिना कैबिनेट मीटिंग किए ही राज्य से राष्ट्रपति शासन हटा दिया। महाराष्ट्र में 23 नवंबर (शनिवार) की सुबह 5.47 बजे राष्ट्रपति शासन हटा दिया गया। इससे राष्ट्रपति शासन हटाए जाने की संवैधानिकता और कानूनी प्रावधान पर सवाल खड़े हो गए हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने राज्य से राष्ट्रपति शासन हटाए जाने की अधिसूचना 23 नवंबर को प्रकाशित की है। इस पर गृह सचिव के डिजिटल हस्ताक्षर हैं।
माना जा रहा है कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन हटाने का निर्णय प्रधानमंत्री के स्तर पर हुआ है! 961 के मुताबिक संविधान के अनुच्छेद 77 की तीसरी उपधारा के मुताबिक सरकार के कामकाज को बिना बाधा के चलाने के लिए प्रधानमंत्री किसी भी मामले या किसी भी वर्ग के मामले में अनुमति दे सकता है। इसी का प्रयोग करते हुए पीएम ने महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन हटाने की अनुशंसा की।  4 जनवरी, 1961 को तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा ये नियम लागू किए गए थे। इन्हीं नियमों में 12वें नियम के मुताबिक पीएम ने ऐसा किया है।


मारपीट के बाद, महिला से किया गैंगरेप

पूर्णिया!  जिले के रौटा बाजार स्थित एक महिला दुकानदार के साथ मारपीट और सामूहिक दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया है! दुष्कर्म और मारपीट से घायल महिला को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया! घटना शुक्रवार की बतायी जा रही है!
पीड़िता की छोटी बहन ने बताया कि अहले सुबह अमौर थानांतर्गत दुलारगंज के 15-20 लोगों ने अचानक उनकी बहन की दुकान पर धावा बोल दिया! उनलोगों ने दुकान का ताला तोड़ कर वहां हल्दी से भरा कई बोरा रख दिया! इसके बाद उसकी बहन के साथ मारपीट करते हुए उसे एक कमरे में ले गया और कमरा अंदर से बंद कर उसके साथ ना केवल मारपीट की गयी, बल्कि बारी-बारी से दुष्कर्म भी किया! घटना को अंजाम देकर सभी लोग वहां से चले गये!


बहन ने बताया कि इनमें से चार-पांच लोगो को वे पहचानते हैं! घटना के बाद उसकी बहन खून से लथपथ थी! उसके हाथ, गले,चेहरा एवं पेट के नीचे से खून बह रहा था! घटना की लिखित सूचना रौटा थाने में दी गयी, परंतु थानाध्यक्ष द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गयी. इसके बाद घायल बहन को लेकर वह सदर अस्पताल पहुंची, जहां इसका इलाज चल रहा है!
मामले को लेकर रौटा थानाध्यक्ष मंतोष कुमार ने बताया कि दुकान को लेकर दो पक्षों के बीच विवाद है! घटना के संबंध में दोनों पक्षों की ओर से आवेदन दिया गया है, जिसकी प्राथमिकी दर्ज की गयी है! उन्होंने महिला के साथ दुष्कर्म होने की बात से इनकार किया!


पूर्णिया : जिले के रौटा बाजार स्थित एक महिला दुकानदार के साथ मारपीट और सामूहिक दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया है. दुष्कर्म और मारपीट से घायल महिला को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. घटना शुक्रवार की बतायी जा रही है.

पीड़िता की छोटी बहन ने बताया कि अहले सुबह अमौर थानांतर्गत दुलारगंज के 15-20 लोगों ने अचानक उनकी बहन की दुकान पर धावा बोल दिया. उनलोगों ने दुकान का ताला तोड़ कर वहां हल्दी से भरा कई बोरा रख दिया. इसके बाद उसकी बहन के साथ मारपीट करते हुए उसे एक कमरे में ले गया और कमरा अंदर से बंद कर उसके साथ ना केवल मारपीट की गयी, बल्कि बारी-बारी से दुष्कर्म भी किया. घटना को अंजाम देकर सभी लोग वहां से चले गये. 








पूर्णिया : जिले के रौटा बाजार स्थित एक महिला दुकानदार के साथ मारपीट और सामूहिक दुष्कर्म का मामला प्रकाश में आया है. दुष्कर्म और मारपीट से घायल महिला को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. घटना शुक्रवार की बतायी जा रही है.

पीड़िता की छोटी बहन ने बताया कि अहले सुबह अमौर थानांतर्गत दुलारगंज के 15-20 लोगों ने अचानक उनकी बहन की दुकान पर धावा बोल दिया. उनलोगों ने दुकान का ताला तोड़ कर वहां हल्दी से भरा कई बोरा रख दिया







 




इंटर स्टेट सेक्स रैकेट का पर्दाफाश किया

कुल्लू मनाली! हिमाचल प्रदेश के कुल्लू-मनाली पर्यटन नगरी में इंटर स्टेट सेक्स रैकेट का पर्दाफाश हुआ है! गेस्ट हाउस में चलाये जा रहे सेक्स रैकेट में राज्य के बाहर की लड़कियों से धंधा कराया जाता था! दलालों के माध्यम से पर्यटकों के समक्ष इन लड़कियों को परोसा जाता था! देह व्यापार करवाने वाले मुख्य सरगना को भी गिरफ्तार कर लिया गया है! इसमें और कौन-कौन शामिल है, इसकी जांच की जा रही है!
कुल्लू जिले में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है! अभी पुलिस की कार्रवाई चल रही है! बताया जा रहा है! कि लोअर ढालपुर के एक गेस्ट हाउस में देह व्यापार का धंधा चल रहा था. पुलिस को कई दिनों से इसकी शिकायतें मिल रही थीं! आज पुलिस ने गुप्त तरीके से कार्रवाई को अंजाम दिया!बताया जा रहा है! कि दो से तीन युवतियों को रेस्क्यू किया गया है! देह व्यापार करवाने वाले मुख्य सरगना को भी गिरफ्तार कर लिया गया है!


पुलिस ने 18 सिंतबर को भी पर्यटन नगरी मनाली में सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ किया था! इसमें एक महिला समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था! जबकि दो लकड़ियों को रेस्क्यू किया गया था! दोनों लड़कियां बाहरी राज्यों की थीं. मनाली के साथ सटे अलेऊ के पास एक होटल में देह व्यापार का धंधा चल रहा था!
पुलिस को जब इसकी भनक लगी थी तो विशेष जांच दल (एसआईयू) और मनाली पुलिस ने मिलकर होटल में ग्राहक बनकर छापा मारा था! वहीं 14 सितंबर को हिमाचल के पांवटा साहिब में अंतरराज्यीय सेक्स रैकेट का भंडाफोड़ हुआ था! जिला पुलिस की एसआईयू व महिला विंग ने दो लड़कियों को दलाल दंपती सहित जिस्मफरोशी के मामले में रंगे हाथ गिरफ्तार किया था!


बसपा का कड़ा रुख, दिखाया बाहर का रास्ता

लखनऊ । बहुजन समाज पार्टी ने एक बार फिर कड़ा रुख अपनाते हुए कई दिग्गज नेताओं को पार्टी से बाहर कर दिया है। जिनमें पूर्व कैबिनेट मंत्री, और तीन पूर्व विधायक शामिल हैं। बसपा में मायावती के एक्शन से हड़कंप है । बसपा प्रमुख ने क्षत्रप पूर्व कैबिनेट मंत्री राम प्रसाद चौधरी, पूर्व विधायक रुधौली चौधरी, पूर्व विधायक सदर जितेंद्र उर्फ नंदू चौधरी और पूर्व विधायक महादेवा दूधराम को अनुशासन हीनता व पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते निष्कासित कर दिया गया है। मामले में बस्ती के जिला अध्यक्ष संजय धूसिया ने बताया कि पूर्व में इन सभी को चेतावनी भी दी गई थी। लेकिन इन लोगों की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं आया। इस कारण शनिवार को इन सभी नेताओं को पार्टी से निष्कासित कर दिया गया है।


सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया

सीएम ने 'महाकुंभ' की तैयारियों का जायजा लिया  बृजेश केसरवानी  प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों का जायजा लेने के लिए मुख्यमंत्री योगी ...