लखनउ ! विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, उप्र ने बिजली कर्मचारियों, जूनियर इंजीनियरों एवं अभियन्ताओं के पीएफ के भुगतान को सुनिश्चित करने की दिशा में मुख्यमंत्री द्वारा की गयी सार्थक पहल का स्वागत किया है और आशा व्यक्त की है कि मुख्यमंत्री के इस प्रयास से उप्र सरकार शीघ्र ही पीएफ के भुगतान की जिम्मेदारी लेते हुए इस हेतु गजट नोटिफिकेशन जारी करेगी।
विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के बैनर तले आज राजधानी लखनऊ समेत समस्त जिला मुख्यालयों एवं परियोजना मुख्यालयों पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन जारी रहा। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मण्डल ने पूरे प्रदेश में जनप्रतिनिधियों से मुलाकात करके ज्ञापन के माध्यम से पीएफ घोटाले की गंभीरता एवं इसके कारण सभी विद्युत कर्मचारियों की बैचैनी से अवगत कराया। दिनांक 28 नवम्बर से प्रारम्भ होने वाले अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की तैयारी पूरे प्रदेश में जोर-शोर से की जा रही है। इसी क्रम में संघर्ष समिति के केन्द्रीय प्रतिनिधि मण्डल पूरे प्रदेश में शीघ्र ही सम्पर्क एवं प्रवास करते हुए विद्युत कार्मिकों से सीधे संवाद करेगी तथा अपने प्रवास के दौरान प्रेस वार्ता के माध्यम से जन-जागरण करेगी।
संघर्ष समिति ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पुनःअपील की है कि वे अपने प्रभावी हस्तक्षेप के द्वारा बिजली कर्मचारियों के प्राविडेन्ट फण्ड के भुगतान की जिम्मेदारी सरकार द्वारा लिये जाने की गजट नोटिफिकेशन शीघ्र जारी करने की कृपा करें। इससे विद्युत कर्मचारियों में आशा, उत्साह और विश्वास का संचार होगा और वे पूर्ण मनोयोग से विद्युत उद्योग की उन्नति में जुटे रह सकेंगे। संघर्ष समिति ने यह भी मांग की है कि घोटाले के आरोपी पूर्व चेयरमैनों को जोकि ट्रस्ट के भी चेयरमैन रहे हैं उन्हें सेवा से बर्खास्त कर तत्काल गिरफ्तार किया जाये।
आज शक्ति भवन लखनऊ में हुई विरोध सभा में राजीव सिंह, जय प्रकाश, गिरीश पाण्डे, सदरूद्दीन राणा, सोहेल आबिद, विनय शुक्ला, शशिकान्त श्रीवास्तव, पवन श्रीवास्तव, डी के मिश्रा, सुनील प्रकाश पाल, राम प्रकाश, जी वी पटेल, वारिन्दर शर्मा, महेन्द्र राय, वी सी उपाध्याय, परशुराम, पी एन तिवारी, पी एन राय, ए के श्रीवास्तव, कुलेन्द्र प्रताप सिंह, मो. इलियास, के एस रावत, भगवान मिश्र, करतार प्रसाद, आर एस वर्मा, पी एस बाजपेयी, वी के सिंह 'कलहंस' मुख्यतया उपस्थित थे।