गुरुवार, 21 नवंबर 2019

प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा में बरते सतर्कता

सिवनी (साई)। वन मंत्री उमंग सिंघार ने बुधवार को प्रमुख वन संरक्षक यू.प्रकाशम को प्रदेश में प्रवासी पक्षियों की सुरक्षा के लिये हर संभव सतर्कता बरतने के निर्देश दिये।


श्री सिंघार ने कहा कि हालांकि मध्य प्रदेश में राजस्थान की तरह पर्यावरणीय और भौगोलिक स्थितियां नहीं हैं, फिर भी राजस्थान में प्रवासी पक्षियों की हज़ारों की तादाद में हुई मृत्यु के मद्देनज़र सभी जरूरी ऐहतियाती कदम उठाये जायें।उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश में हर साल अक्टूबर से दिसंबर के मध्य लाखों की तादाद में प्रवासी पक्षी आते हैं। अधिकतर साईबेरिया से आने वाले ये पक्षी ठण्ड के कारण हिमालय की ऊँचाईयों को भी पार कर भारत और मध्य प्रदेश पहुँचते हैं। मध्य प्रदेश के भोपाल सहित सभी जलीय क्षेत्रों, बांधों के बेक वाटर, शिवपुरी, इंदौर आदि स्थानों पर चार-पाँच माह के लिये डेरा डालते हैं।


प्रदेश में ठण्ड आरंभ होने के साथ ही अलग – अलग जत्थों में अक्टूबर से तरह – तरह के पक्षियों का आना आरंभ हो जाता है। इनमें सुर्खाब (रड्डी शेल डक), कॉमन पिगमेंट टील, व्हाईट टील, बारहेडेड टील, गूज, नकटा, पिंक टेल, पिंक हेडेड डक आदि पक्षी प्रमुख रूप से शामिल हैं।


राजपत्रित-अधिकारी करेंगे पत्रकारों की जांच

लखनऊ। प्रदेश में पत्रकारों पर पुलिस के बढ़ते कहर को देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी गंभीर नजर आ रहे हैं। उनके निर्देशानुसार पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने पुलिस अधीक्षक को भेजे गये पत्र में कहा कि पत्रकार के मामले में जब तक कोई राजपत्रित अधिकारी जांच कर रिपोर्ट नहीं देगा तब तक कार्रवाई नहीं की जा सकेगी।
पुलिस अधीक्षक को भेजे गये पत्र में पुलिस महानिरीक्षक कानून व्यवस्था प्रवीण कुमार ने कहा है कि जब भी कोई पत्रकार थाना, चौकी या कार्यालय में पहुंचे तो उसे उचित सम्मान दें साथ ही यह भी स्पष्ट आदेश दिया है कि पत्रकारों तथा उनके परिजनों के विरूद्ध कोई प्रकरण आने पर अकारण उन्हें झूठे केसों में किसी भी कीमत पर न फंसाया जाये। यह भी आदेश दिया कि पत्रकारों और उनके परिजनों के विरूद्ध कोई प्रकरण आये तो पहले किसी राजपत्रित अधिकारी से जांच करायी जायेगी उसके बाद ही कोई भी कार्रवाई अमल में लाई जायेगी।
उन्होंने कहा कि जिला स्तर पर पत्रकारों की समस्या के निस्तारण के लिए अलग से एक सक्षम अधिकारी को नियुक्त किया जायेगा। यह निर्णय उन्होंने भारतीय पत्रकार वेलफेयर एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिवाकर सिंह की पहल पर लिया गया है। उन्हांने पत्रकारों पर बढ़ रहे अत्याचार को लेकर प्रतिनिधि मंडल के साथ मुख्यमंत्री और डीजीपी से मुलाकात की थी। बताया था कि प्रदेश में कई वरिष्ठ पत्रकारों को झूठे केसों में गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया इससे लोकतंत्र का चैथा स्तंभ कही जाने वाली मडिया के साथ अन्याय हुआ है। उनकी बात को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री ने सभी पुलिस अधीक्षकों को कड़े आदेश जारी करने के निर्देश दिए थे।


केंद्र ने की विधायक की नागरिकता रद्द

नई दिल्ली। केंद्र ने तेलंगाना के विधायक रमेश चेन्नामनेनी की नागरिकता रद्द कर दी है। समाचार एजेंसी पीटीआई ने इस बात की जानकारी दी है। केंद्र ने कहा कि विधायक एक जर्मन नागरिक हैं और उन्होंने धोखे से भारतीय नागरिकता प्राप्त की है। केंद्र ने कहा कि राज्य की सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के सदस्य चेन्नामनेनी ने अपने विदेश दौरे के बारे में तथ्य छुपाए हैं। गृह मंत्रालय के एक आदेश में कहा गया है “उनके गलतबयानी / तथ्य को छुपाने की वजह से भारत सरकार शुरू में अपना निर्णय लेने में गुमराह हुई। अगर उन्होंने आवेदन करने से पहले इस तथ्य का खुलासा किया होता कि वे एक साल से भारत में नहीं रह रहे थे तो मंत्रालय के सक्षम प्राधिकारी ने उन्हें नागरिकता की अनुमति नहीं देते।”


सक्षम प्राधिकारी ने माना है कि यह सार्वजनिक रूप से अच्छा नहीं है कि चेन्नामनेनी भारत के नागरिक बने रहें और इसलिए फैसला किया गया है कि उनकी नागरिकता समाप्त कर दी जाए। आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए चेन्नामनेनी ने कहा, ”तेलंगाना हाई कोर्ट ने पहले एक सकारात्मक निर्णय दिया था लेकिन गृह मंत्रालय ने इस पर विचार नहीं किया और फिर से नागरिकता रद्द कर दी। इसलिए, हम नागरिकता की सुरक्षा के लिए फिर से हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।” उन्होंने दावा किया कि मंत्रालय से अनुकूल निर्णय न हो पाने की स्थिति में उन्हें इस मामले पर कोर्ट ने फिर से विचार करने का विकल्प दिया है।


रमेश चेन्नामनेनी वेमुलावाड़ा सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं, जो राज्य की राजधानी हैदराबाद से लगभग 150 किलोमीटर दूर है। 2009 में चेन्नामनेनी एन. चंद्रबाबू नायडू की तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) से पहली बार विधायक चुने गए थे। बाद में वे के चंद्रशेखर राव की टीआरएस में शामिल हो गए और 2010 में उपचुनाव में फिर से चुने गए। इसके बाद 2014 और 2018 के विधानसभा में भी उन्होंने जीत दर्ज की थी।


106 साल की महिला की चौथी की परीक्षा

कोल्लम। बचपन से पढ़ने की अपनी ख्वाहिश केरल की भागीरथी अम्मा ने 105 साल की उम्र में पूरी कर मिसाल कायम कर दी है। भागीरथी अम्मा ने राज्य साक्षरता मिशन के तहत चौथे वर्ग के बराबर की परीक्षा में हिस्सा लिया है। वह हमेशा ही पढ़ना चाहती थीं, ज्ञान अर्जन करना चाहती थीं। उन्हें अपनी मां की मौत की वजह से अपना यह सपना छोड़ना पड़ा। क्योंकि इसके बाद भाई-बहनों की देखरेख की जिम्मेदारी उन पर आ गई थी।


इन सभी चीजों से जब वह उबरीं तब तक 30 साल की उम्र में उनके पति की मौत हो गई और फिर छह बच्चों की जिम्मेदारी उन पर ही आन पड़ी। जिंदगी की जद्दोजहद ने भले ही लगातार उन्हें पढ़ाई से दूर रखा हो लेकिन वह अपना सपना कहीं दबाए हुए बैठी थीं और जब मौका मिला तो उन्होंने इसे पूरा करने का सोच लिया। जब वह कोल्लम स्थित अपने घर में चौथी कक्षा के समतुल्य परीक्षा दे रही थीं तो वह महज परीक्षा ही नहीं दे रही थीं बल्कि पढ़ाई की चाह रखने वाले दुनिया के लोगों के लिए मिसाल कायम कर रही थीं।


साक्षरता मिशन के निदेशक पीएस श्रीकला ने बताया कि भागीरथी अम्मा केरल साक्षरता मिशन के अब तक के इतिहास में सबसे बुजुर्ग 'समकक्ष शिक्षा हासिल करने वाली' व्यक्ति बन गई हैं। मिशन के विशेषज्ञ वसंत कुमार ने पीटीआई-भाषा को बताया कि भागीरथी अम्मा को लिखने में दिक्कत होती है इसलिए उन्होंने पर्यावरण, गणित और मलयालम के तीन प्रश्नपत्रों का हल तीन दिन में लिखा है और इसमें उनकी छोटी बेटी ने मदद किया है। कुमार ने बताया कि इस उम्र में भी उनकी याद्दाश्त तेज है और न तो उन्हें देखने में कोई समस्या आती है और अब भी बहत अच्छे से गा लेती हैं। उन्होंने बताया कि अम्मा परीक्षा में हिस्सा लेकर बहुत खुश हैं। अम्मा जब नौ साल की थीं तो वह तीसरी कक्षा में पढ़ती थीं और इसके बाद पढ़ाई छोड़ दी थी। इतनी मेहनत और लगन से पढ़ाई करने वाली अम्मा के पास आधार कार्ड नहीं है इसलिए उन्हें न तो विधवा पेंशन मिलती है और न ही वृद्धा पेंशन मिलती है। उन्हें उम्मीद है कि अधिकारी उनको पेँशन दिलाने के लिए कदम उठाएंगे। पिछले साल 96 साल की कार्तिय्यानी अम्मा ने राज्य में आयोजित साक्षरता परीक्षा में सबसे ज्यादा अंक हासिल किए थे। उन्होंने 100 अंक में से 98 अंक मिले थे। राज्य के इस साक्षरता मिशन का लक्ष्य अगले चार वर्षों में राज्य को पूरी तरह से साक्षर बनाना है। 2011 के आंकड़े के अनुसार राज्य में 18.5 लाख लोग निरक्षर हैं।


जेएनयू छात्रों ने की रिपोर्टर से अभद्रता

नई दिल्ली। फीस बढ़ोतरी को लेकर सोमवार को सड़कों पर उतरे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है। सोमवार सुबह जेएनयू के हजारों छात्र फीस बढ़ोतरी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने के लिए सड़कों पर उतर आए थे। छात्रों ने जेएनयू से लेकर संसद तक मार्च निकालने की कोशिश की थी, जिन्हें दिल्ली पुलिस ने आगे जाने से रोक दिया था। इस दौरान जेएनयू छात्रों से मीडियाकर्मियों के साथ भी बदसलूकी की। प्रदर्शनकारी छात्रों ने केवल पुरुष पत्रकारों को ही नहीं बल्कि महिला पत्रकारों के साथ भी बदतमीजी की।


इसी कड़ी में जेएनयू में छात्रों के विरोध प्रदर्शन को कवर करने गई एक हिंदी चैनल की महिला पत्रकार से हुई बदसलूकी के बाद उनकी प्रतिक्रिया का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी तेजी से वायरल हो रहा है। वायरल वीडियो में आप देखेंगे कि छात्र पत्रकार के सवालों का जवाब देने के बजाए उनके माइक पर हाथ मारकर हटा रहे थे। छात्रों द्वारा माइक हटाए जाने से गुस्साई महिला पत्रकार उन पर भड़क गईं। महिला पत्रकार ने छात्रों को ”फाड़कर रख देंगे…” कहते हुए खदेड़ना शुरु कर दिया।


रिपोर्टिंग फील्ड पर महिला पत्रकार का ऐसा अवतार काफी चर्चा का विषय बन गया है। सोशल मीडिया के तमाम प्लेटफॉर्म्स पर वायरल हो रही इस वीडियो को जमकर शेयर किया जा रहा है। जहां एक ओर कुछ लोग महिला पत्रकार के इस कदम की सराहना कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसे गलत भी ठहरा रहे हैं। खास बात ये है कि दिल्ली के बीजेपी नेता कपिल मिश्रा ने भी महिला पत्रकार का समर्थन करते हुए वीडियो को शेयर किया है। वीडियो को अभी तक लाखों व्यूज मिल चुके हैं जो लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं।


कश्मीरियों को संस्कृति से जोड़ने का कार्य

वॉशिंगटन। अमेरिकी सांसद पीट ओल्सन ने बुधवार को हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की। उन्होंने कहा कि मोदी देश में शांति स्थापित करने के लिए काम करते हैं। उन्होंने (मोदी ने) जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर वहां के लोगों को भारत की महान संस्कृति से जोड़ने का काम किया है। ओल्सन ने आगे यह भी कहा, ''अनुच्छेद यह एक अस्थायी प्रावधान था, जिसके चलते जम्मू-कश्मीर के लोगों को एक अलग कानून के साथ रहने के लिए मजबूर किया गया। अब वहां के लोगों के पास भी अन्य भारतीयों की तरह समान अधिकार हैं।


सांसद ओल्सन टेक्सास-22 का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत ने 5 अगस्त को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35-ए को निष्प्रभावी किए जाने का निर्णय लिया था। इसके बाद जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया।


सतह मारक पृथ्वी-2 का सफल परीक्षण

नई दिल्ली। ओडिशा के चांदीपुर तट पर पृथ्वी-2 मिसाइल का सफल परीक्षण किया। ये मिसाइल सतह से सतह पर मार करने और परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम है। अधिकारियों ने चांदीपुर में अंतरिम टेस्ट रेंज से कहा कि दो पृथ्वी-2 मिसाइलों का लगातार परीक्षण किया गया और दोनों परीक्षण सभी मानकों पर खरे उतरे। उन्होंने बताया कि सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण आईटीआर के लॉन्च कॉम्प्लेक्स-3 से एक मोबाइल लॉन्चर से 350 किलोमीटर की मारक क्षमता के साथ किया गया। उन्होंने बताया कि यह नियमित परीक्षण था। ये टेस्ट रात में किया गया ताकि पता चल सके कि अंधेरे में ये हथियार कितना कारगर और सटीक है। पृथ्वी-2 मिसाइल पूरी तरह से स्वदेशी मिसाइल है,जो 500-1000 किलोग्राम तक आयुध ले जाने में सक्षम है। इसके दो इंजन तरल ईंधन से चलते हैं। इससे पहले इसी महीने की 16 तारीख को अग्नि-2 का पहला रात्रि परीक्षण भी ओडिशा के डॉ. अब्दुल कलाम द्वीप से सफलतापूर्वक किया गया था। अग्नि-2 मिसाइल भी सतह से सतह पर वार करने की क्षमता रखती है और मध्यम दूरी की परमाणु क्षमता संपन्न मिसाइल है। अग्नि-2 की मारक क्षमता 1500 से 2000 किलोमीटर तक है।


सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी

सीएम योगी ने 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी देखी  संदीप मिश्र  लखनऊ। उत्तर प्रदेश में भी 'दा साबरमती रिपोर्ट' मूवी के टैक्स फ्री ...