मंगलवार, 19 नवंबर 2019

भ्रष्ट-अधिकारियों को किया जबरन रिटायर

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने अपने 12 भ्रष्ट पुलिसकर्मियों को समय से पहले जबरन सेवानिवृत्त कर दिया है। इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट (पीओसी)के तहत कार्रवाई की गई है। दिल्ली पुलिस में एक साथ इतने दागी पुलिसकर्मियों को जबरन सेवानिवृत्त किए गए जाने की संभवत: यह पहली कार्रवाई है। कार्रवाई की जद में आने वाले पुलिसकर्मियों में तीन एसआई, एक एएसआई , चार हलवदार और चार सिपाही शामिल हैं।


सेवानिवृत्त किए गए इन सभी पुलिसकर्मियों की दो से चार साल तक की नौकरी अभी शेष थी। मगर इनके खिलाफ आरोप साबित हो गए थे। लिहाजा इन्हें समय से पहले जबरन सेवानिवृत्त कर दिया गया। इन पुलिसकर्मियों की सूची पिछले दिनों तैयार की गई थी। विभागीय स्तर पर भेजी गई सूची के आधार पर डीसीपी सिक्योरिटी ने इन पुलिसकर्मियों को जबरन सेवानिृवत्त करने का आदेश जारी किया है। यह कार्रवाई मौलिक नियम (एफआर) 56 (जे)/ सी.सी.एस.(पेंशन) नियम 1972 के नियम-48 के तहत की गई है। इसमें ऐसे पुलिसकर्मियों को एक बार में तीन माह के वेतन और भत्ते का भुगतान करने जैसे कुछ प्रावधान शामिल हैं। दागी पुलिसकर्मियों की सूची तैयार करने के निर्देश : सूत्रों के मुताबिक, कुछ महीने पहले ही उपराज्यपाल अनिल बैजल की अध्यक्षता में हुई बैठक में दिल्ली पुलिस को दागी पुलिसकर्मियों की सूची तैयार करने के निर्देश दिए गए थे। इसके बाद दागी पुलिसकर्मियों को चिह्नित करने की प्रक्रिया पिछले कुछ समय से चल रही थी। करीब चार महीने तक पुलिसकर्मियों के रिकॉर्ड की जांच की गई। इसमें यह बात सामने आई कि करीब 90 हजार पुलिसकर्मियों की फौज में से 16 हजार पर किसी न किसी तरह का आरोप है। कार्रवाई की जद में वे पुलिसकर्मी आ रहे हैं, जिन पर लगे आरोप सिद्ध हो गए हैं और उन्हें सजा सुनाई गई है।


तीन सदस्यीय कमेटी ने दागियों को चिह्नित किया 
विशेष आयुक्त-प्रशासन, सतर्कता सहित तीन सदस्यीय समिति का गठन पुलिस बल में शामिल भ्रष्ट अधिकारियों और कर्मचारियों की पहचान के लिए किया गया था। इस समिति ने सभी विभागों के प्रमुखों को ऐसे अधिकारियों-कर्मचारियों के नाम की सूची सौंपने के लिए कहा था, जो दागी हैं और पुलिस विभाग में बने रहने के योग्य नहीं हैं। स्क्रीनिंग के माध्यम से समिति ने इंस्पेक्टर रैंक और इससे नीचे के 79 और तीन एसीपी की पहचान की है। इनकी रिपोर्ट तैयार की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, दागी पुलिसकर्मियों के खिलाफ यह कार्रवाई चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। ज्यादातर दागी पुलिसकर्मियों की उम्र 55 वर्ष से अधिक है।


यूपी को एनजीटी की फटकार, जुर्माना

कानपुर। राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) ने गंगा में प्रदूषण पर सख्त रुख अपनाया है। एनजीटी ने कड़ी कार्रवाई करते हुए यूपी सरकार पर 10 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है. इसी क्रम में कानपुर देहात के रनिया और नगर के राखी मंडी इलाके में गंगा में जहरीले क्रोमियम युक्त सीवेज गिरने से रोकने में नाकाम रहने पर उत्तर प्रदेश सरकार को फटकार लगाई है। साथ ही प्रदूषण फैलाने वाली 122 टेनरियों पर 280 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है। वहीं एनजीटी ने यूपीपीसीबी (UPPCB) को पहले के आदेश का पालन न करने और अनट्रीटेड सीवेज की अनदेखी का दोषी ठहराते हुए एक-एक करोड़ रुपये जुर्माना लगाया है।


एनजीटी अध्यक्ष जस्टिस आदर्श कुमार गोयल की पीठ ने कहा कि राज्य सरकार गंगा में जहरीले पदार्थ गिरने से रोकने में नाकाम रही है। इसके चलते 1976 से अब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो सका। वहीं, यहां का भूजल दूषित हुआ और आसपास के निवासियों की सेहत के साथ ही पर्यावरण को भी नुकसान हुआ है।


यूपी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) को दोषी टेनरियों से जुर्माना राशि वसूलनी चाहिए। जब तक इस रकम की वसूली नहीं होती तब तक सरकार खुद यह रकम ईएससीआरओडब्ल्यू के खाते में हस्तांतरित करे। इसका इस्तेमाल इलाके में पर्यावरण और सार्वजनिक स्वास्थ्य के सुधार में किया जाएगा। राज्य सरकार की भी जिम्मेदारी है कि वह दोषी टेनरियों या दोषी अधिकारियों से जुर्माना वसूले।


पीठ ने कहा कि सरकार प्रभावित इलाके में पीने योग्य पानी की आपूर्ति के साथ अन्य दिशानिर्देशों पर कदम उठाए। साथ ही विशेषज्ञ समिति तीन महीने के अंदर इलाके में स्वास्थ्य अध्ययन करे। सीपीसीबी उचित दिशानिर्देश जारी कर सकती है ताकि यह सुनिश्चित कराया जा सके कि कोई भी प्राधिकरण जल प्रवाह में प्रदूषित सीवेज या प्रदूषित पदार्थों को डालने की अनुमति न दे सकें।


मयंक के लिए खुलेगे वनडे के दरवाजे

नई दिल्ली। मयंक अग्रवाल की टेस्ट मैचों में आक्रामक बल्लेबाजी से उनके लिए वनडे और टी-20 की टीम में चयन के दरवाजे खुल सकते हैं और यह सलामी बल्लेबाज वेस्टइंडीज के खिलाफ अगले महीने होने वाली सीरीज के लिए टीम में जगह बना सकता है। क्रिकेट पंडितों का मानना है कि वेस्टइंडीज के खिलाफ तीन वनडे मैचों की सीरीज में अगर उप-कप्तान रोहित शर्मा को अगले साल के शुरू में होने वाले न्यूजीलैंड दौरे से पहले आराम दिया जाता है तो फिर अग्रवाल अच्छे विकल्प हो सकते हैं। रोहित पिछले कुछ समय से लगातार खेल रहे हैं और उन्हें वेस्टइंडीज में खेले गए दो टेस्ट मैचों में मौका नहीं मिला था, लेकिन वह टीम में शामिल थे। भारतीय उप-कप्तान न्यूजीलैंड दौरे के लिए तीनों फॉर्मेट में टीम के अहम हिस्सा होंगे। इस दौरे में भारत को पांच टी20 अंतरराष्ट्रीय, तीन वनडे और दो टेस्ट मैच खेलने हैं। वेस्टइंडीज के खिलाफ वनडे और टी-20 सीरीज के लिए अग्रवाल एक विकल्प हो सकते हैं, जिन्होंने लिस्ट ए में अब तक 50 से अधिक औसत और 100 से ज्यादा की स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं तथा 13 शतक ठोके हैं। शिखर धवन की लंबे समय से चली आ रही खराब फॉर्म तथा केएल राहुल के अलावा एक अन्य विकल्प तैयार रखने की जरूरत से भी अग्रवाल के पक्ष में मामला बन सकता है।


भौतिक-स्पर्धा से उपजा तनाव

आधुनिक आरामदेह जीवन शैली और भौतिक स्पर्धा के कारण होने वाले तनावों ,,सुलभता से उपलब्ध पैक्ड फूड्स के साथ लगातार एक जगह बैठकर काम करना इस रोग में सहायक हैं .इस रोग ने हमारे देश में बहुत लम्बे पैर पसार लिए हैं और हम विश्व में नंबर एक पर पहुंच चुके हैं .इसका होना हमारे हाथ में हैं .
इंटरनैशनल डायबीटीज फेडरेशन के मुताबिक, दुनियाभर में आज के समय में करीब 42.5 करोड़ की आबादी डायबीटीज का शिकार है। सोचिए कि यह बीमारी कितना गंभीर रूप ले चुकी है और कितनी तेजी से पांव पसार रही है। शहर ही नहीं बल्कि गांवों में भी अब यह बीमारी तेजी से फैल रही है। हालांकि सही मैनेजमेंट और लाइफस्टाइल व खान-पान के जरिए डायबीटीज को कंट्रोल किया जा सकता है। 
वैसे तो अब डायबीटीज के ट्रीटमेंट के लिए कई तरह की दवाइयां और इलाज आ गए हैं। लेकिन फिर भी इस बीमारी को लेकर एहतियात बरतने की सख्त जरूरत है। सबसे पहले तो यह जान लें कि डायबीटीज कैसे होता है।
दरअसल हमारे शरीर में पेन्क्रियाज में मौजूद इंसुलिन फूड में मौजूद ग्लूकोज को सेल्स द्वारा अवशोषित में मदद करता है ताकि उसका इस्तेमाल एनर्जी के लिए किया जा सके। जब इंसुलिन का स्तर घटने लगता है तो फिर ब्लड में ग्लूकोज का स्तर बढ़ जाता है जो डायबीटीज का रूप ले लेता है। 
जिस तरह चिलचिलाती गर्मी में आम खाने का अलग ही स्वाद और मजा होता है, ठीक उसी तरह बरसात में जामुन खाने का। जामुन तो लगभग सभी लोग खाते होंगे, लेकिन इसके गुणों और फायदों के बारे में शायद सभी को पूरी जानकारी नहीं होगी। आज हम आपको जामुन और इसकी गुठली के बेजोड़ फायदों के बारे में बताएंगे। लेकिन पहले ये जान लें कि जामुन को दुनियाभर में अलग-अलग नामों से जाना जाता है। जैसे कि जम्बुल, ब्लैक प्लम, जावा प्लम या फिर जैम्बलैंग।
डायबीटीज के मरीजों के लिए जामुन के साथ-साथ उसकी गुठली एक बेहतरीन औषधि है। मरीज रोजाना जामुन खाने के अलावा उसकी गुठली के चूर्ण का सेवन भी कर सकते हैं। इसके लिए जामुन की गुठली को सुखाकर पीस लें और उस चूर्ण को रोजाना एक गिलास पानी के साथ लें।
जामुन में भरपूर मात्रा में आयरन होता है जो खून को साफ करने और बढ़ाने में मदद करता है। इसके अलावा यह डायरिया, अपचन जैसी पेट संबंधी समस्याओं से निजात दिलाने में भी मदद करता है।
आपको शायद यकीन न हो लेकिन जामुन बढ़ते वजन से परेशान लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है। चूंकि इसमें काफी कम कैलरी होती हैं इसलिए यह वजन कम करने में भी सहायक है।
जामुन को कैंसर के इलाज में भी कारगर माना गया है। साल 2005 में आयी एक स्टडी में दावा किया गया था कि जामुन में कैंसर प्रतिरोधी और कीमोप्रिवेंटिव तत्व होते हैं जो शरीर से फ्री रैडिकल्स को निकालने में मदद करते हैं।
जामुन हमारे दिल का भी ख्याल रखता है और हार्ट संबंधी बीमारियों से बचाव करता है।
जिन लोगों को ब्लड क्लॉट, सांस संबंधी बीमारी या फिर हाइपोग्लाइसिमिया है वे जामुन न खाएं। चूंकि जामुन में क्लॉटिंग तत्व होते हैं इसलिए उन लोगों को जामुन का सेवन नहीं करना चाहिए जिनकी फैमिली हिस्ट्री भी अगर ब्लड क्लॉट की रही हो। डायबीटीज से पीड़ित लोग भी सीमित मात्रा में इसका सेवन करें। 
डायबीटीज के लक्षण 
बार-बार पेशाब आना, खासकर रात के वक्त 
पेशाब करने के बाद पेशाब में चीटियां जमा हो जाना 
बहुत ज्यादा प्यास लगना और मुंह में चिपचिपापन रहना 
पसीने में बदबू ज्यादा होना 
फोड़े-फुंसियां ज्यादा होना 
घाव का जल्दी न भरना 
डायबीटीज के मरीजों के लिए सबसे अहम होता है ब्लड शुगर लेवल को मेनटेन करना। यही वजह है कि इसके मरीजों को खान-पान को लेकर खास सावधानी बरतनी पड़ती है। आमतौर पर माना जाता है कि फ्रूट्स खाना डायबीटीज के मरीजों के लिए सेफ होते हैं लेकिन हाई शुगर वाले फ्रूट्स ऐसे मरीजों के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। 
किन लोगों में डायबीटीज होने का ज्यादा खतरा? 
1- वजन ज्यादा होने और हाई ब्लड प्रेशर होने पर व्यक्ति डायबीटीज की चपेट में आ सकता है। 
2- अगर शरीर में कलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक हो जाए तो भी व्यक्ति डायबीटीज का शिकार हो सकता है। 
3- दिल के मरीजों और 40 साल से अधिक उम्र लोगों में डायबीटीज होने का खतरा अधिक रहता है। 
4- आयुर्वेद के अनुसार, वैसे लोग जो उल्टी-सीधी चीजों का सेवन करते हैं, आलस से भरी जिंदगी जीते हैं, नया अनाज ज्यादा खाते हैं, दही का ज्यादा सेवन करते हैं और मीठी चीजें ज्यादा खाते हैं, वे डायबीटीज का शिकार हो सकते हैं। 
5- डायबीटीज होने का कारण है गलत लाइफस्टाइल, खराब खान-पान व आदतें, मोटापा और हॉर्मोन्स का असंतुलन। ये सब चीजें ठीक कर ली जाएं तो फिर डायबीटीज से बचा जा सकता है। 
डायबीटीज के प्रकार 
यह दो तरह की होती है-टाइप 1 और टाइप 2। 
टाइप 1 डायबीटीज बचपन में अचानक इंसुलिन हॉर्मोन का बनना बंद होने के कारण होती है। इसमें बढ़ते ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के लिए इंसुलिन का इंजेक्शन लेने की जरूरत होती है। 
टाइप 2 डायबीटीज- यह आमतौर पर गलत लाइफस्टाइल, मोटापा और बढ़ती उम्र में होती है। इसमें शरीर में इंसुलिन कम मात्रा में बनता है। आंकड़ों के अनुसार, डायबीटीज के ज्यादातर मरीज टाइप 2 डायबीटीज की कैटिगरी में ही आते हैं। अकेले भारत में ही करीब 10 लाख लोग टाइप-2 डायबीटीज का शिकार हैं। अभी भारत में डायबीटीज से पीड़ित 25 वर्ष से कम आयु के हर 4 लोगों में से 1 को टाइप 2 डायबीटीज है। 
डायबीटीज में मीठे के अलावा इन चीजों को खाने से बचें 
1- सूखे फल और ड्राई फ्रूट्स - इनमें मौजूद शुगर हाई कॉर्बोहाइड्रेट की मात्रा के कारण डिस्टर्ब हो जाता है। इसलिए सूखे हुए, पुराने फल खाने की बजाए फ्रेश और सिजनल फ्रूट खाएं। 
2- फ्लेवर्ड योगर्ट-प्लेन योगर्ट में प्रोबायोटिक्स पाए जाते हैं जो कि डायबीटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होते हैं लेकिन फ्लेवर्ड योगर्ट में यह गायब होता है जो ब्लड शुगर के लेवल को बढ़ा सकता है। 
3- दाल, रोटी, चावल, सब्जी और सलाद जैसे फुल मील की जगह रोटी, सब्जी, सलाद, स्किम पनीर लें। सब्जियों में आलू, मटर, और कॉर्न अवॉइड करें। इसके अलावा वाइट पास्ता खाने के शौकीन हैं, तो उससे भी दूरी बनाकर रखें। 
4- डायबीटीज के मरीजों को बीफ, समान जैसे फूड आइटम्स खाने से भी बचना चाहिए। इनमें सैचरेटेड फैट काफी मात्रा में पाया जाता है। जो कलेस्ट्रॉल का स्तर भी बढ़ाता है। साथ ही इससे डायबीटीज के मरीजों को दिल से जुड़ी बीमारियां भी हो सकती हैं। 
5- इसके अलावा पैकेज्ड फूड जैसे चिप्स, कुकीज, पीनट बटर जैसी चीजों से भी दूरी बनाकर रखें। ये शरीर में शुगर लेवल को बढ़ा सकते हैं। 
6- डायबीटीज के मरीजों को प्रोसेस्ड शुगर लेने से मना किया जाता है ऐसे में लोग नैचरल शुगर लेते हैं। लेकिन इस नैचरल शुगर में भी कार्ब्स पाए जाते हैं जो कि बल्ड शुगर पर वही प्रभाव डालता है जैसे कि वाइट शुगर। 
डायबीटीज से बचने के लिए और क्या करें? 
- डायबीटीज से बचना है तो रोजाना एक्सर्साइज करें और वजन को कंट्रोल में रखें 
- धूम्रपान और शराब का सेवन न करें और आलू, अरबी व शकरकंद जैसी चीजें बिल्कुल भी न खाएं। 
डायबीटीज के इलाज में 'रामबाण' है अमरूद 
अमरूद को डायबीटीज के इलाज में सबसे पावरफुल फ्रूट माना जाता है। इसमें डायटरी फाइबर अत्यधिक मात्रा में होता है, जो कब्ज को दूर करने में मदद करता है। डायबीटीज के मरीजों को अक्सर कब्ज की समस्या रहती है। एक स्टडी के अनुसार, अमरूद का ग्लाइसिमिक इंडेक्स बहुत कम होता है, जिसकी वजह से यह डायबीटीज के मरीजों के लिए एकदम फायदेमंद है। 
आयुर्वेद के अनुसार, डायबीटीज में खाएं ये चीजें 
- सब्जियों में करेला, पालक, लौकी, सहजन, कड़ी पत्ता, खीरा, परवल, मेथी, चने का साग, नींबू, टमाटर आदि खाएं। 
- फलों में संतरा, आंवला, मौसमी, सिंघाड़ा, पपीता, जामुन आदि खाएं। ध्यान रखें कि जामुन के बजाय जामुन की गुठली ज्यादा फायदेमंद है। गुठली को सुखाने के बाद पीसकर पाउडर बना लें, फिर खाएं। 
- जौ और चने के आटे से फायदा होता है। गेहूं, सोयाबीन आदि का मिक्स आटा भी अच्छा है। जितना हो सके, पुराना अनाज खाएं।- मूंग, चना, कुल्थी की दालें अच्छी हैं। 
- खाने में सरसों का तेल इस्तेमाल करें। 
बरतें सतर्कता, डायबीटीज रहेगी दूर 
- डायबीटीज को दूर करने के लिए नियमित रूप से अपना ब्लड शुगर टेस्ट कराएं। खाने से पहले और बाद में ब्लड शुगर के स्तर में क्या अंतर है, इसका रेकॉर्ड रखें। अगर यह स्तर 100-125mg/dL से ज्यादा हो तो सतर्क हो जाएं और तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। 
- ऐसा खाना खाएं जिसमें कैलरी कम हों। तीन वक्त खाना खाने के बजाय थोड़ा-थोड़ा करके 6-7 बार खाएं। 
- टेंशन और स्ट्रेस को दूर रखें व भरपूर नींद लें। इसके अलावा रेग्युलर हेल्थ चेकअप कराएं। 
- सामान्य आटे की रोटियां खाने के बजाय जौ, चना और गेंहूं एक साथ पिसवा लें और उस आटे की रोटियां खाएं। 
- बासी रोटी खाने से भी डायबीटीज कंट्रोल में रहता है। 
इसके अलावा मांस मछली अंडा शराब के साथ पिज़्ज़ा बर्गर आदि नहीं खाये .यह रोग हमारे खान पान ,आहार विहार पर अधिक ध्यान देने से रोग मुक्त के साथ रोग से ग्रसित नहीं होते हैं .
यह एक ऐसा रोग हैं जो हमारे शरीर के प्रत्येक सिस्टम पर प्रभाव डालता हैं
दूसरा एक बार ग्रसित होने के बाद दवा लेने का क्रम नहीं छोड़ना चाहिए।


उपभोक्ताओं पर पड़ेगा दूरसंचार संकट

नई दिल्ली। दूरसंचार संकट का असर अब आम उपभोक्ताओं पर पड़ने वाला है। देश की सबसे बड़ी दूरसंचार कंपनियों भारती एयरटेल व वोडाफोन ने एक दिसंबर से अपने टैरिफ में बढ़ोतरी करने का फैसला किया है। कंपनियों के एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) के लंबित बेहद भारी भरकम बकाए के बाद यह फैसला सामने आया है। हालांकि, दोनों कंपनियों ने अभी यह नहीं बताया है कि आम लोगों की जेब पर उनके फैसले का कितना असर पड़ने जा रहा है।


भारती एयरटेल ने एक बयान में कहा, "दूरसंचार क्षेत्र में तेजी से बदलती प्रौद्योगिकी के साथ अत्यधिक पूंजी के निवेश की लगातार जरूरत है। इसलिए, यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि उद्योग डिजिटल इंडिया के दृष्टिकोण का समर्थन करने के लिए हमेशा व्यावहारिक रहे." इसमें कहा गया, "तदनुसार, एयरटेल दिसंबर से कीमतों में उचित वृद्धि करेगी।"
वोडाफोन ने दूरसंचार क्षेत्र में वित्तीय संकट का उल्लेख किया और कहा कि इसे सभी हितधारकों ने स्वीकार किया है और कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में सचिवों की एक उच्चस्तरीय कमेटी उचित राहत पहुंचाने पर विचार कर रही है।


वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने कहा है कि वह 'उपयुक्त रूप से' टैरिफ में बढ़ोतरी करेगी जो एक दिसंबर से प्रभावी होगा।


प्रयागराज में सड़क हादसा तीन की मौत

डंपर-पिकअप में टक्‍कर, तीन की मौत व छह जख्‍मी


प्रयागराज। जनपद के करछना थाना क्षेत्र स्थित करछना थानाक्षेत्र के प्रयागराज-मीरजापुर रोड पर भीरपुर चौकी के समीप मंगलवार की सुबह सड़क हादसा हो गया। डंपर और महिंद्रा पिकअप में भीषण भिड़ंत हो गई। हादसे में तीन लोगों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं छह लोग जख्‍मी हो गए। हादसे के बाद आसपास के लोगों की जुटी भीड़ की सूचना पर पुलिस पहुंची। शवों को कब्‍जे में ले लिया और घायलों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र करछना ले जाया गया। वहां वहां प्राथमिक उपचार के बाद सभी छह लोगों को जिला अस्पताल के लिए रेफर कर दिया। ।


मृतकों में रमाकांत मौर्य पुत्र लालचंद्र, जटाशंकर पुत्र लक्कड, संजय पुत्र लालचंद हैं। ये सभी लोग बिरौरा जिला मीरजापुर के रहने वाले थे। वहीं घायलों में सदानंद मौर्य, रामेश्वर प्रसाद, बलवंत, गुल्लुर, ओम प्रकाश, अवधेश कुमार शामिल हैं। राजेश केसरवानी


मिर्जापुर में लेखपालों के खिलाफ कार्रवाई

मीरजापुर।  चेतावनी के बाद भी पराली जलाए जाने पर गंभीर न हुए तीन किसानों को सेटेलाइट ने पकड़ लिया। एसडीएम वीके दुबे ने तीनों के खिलाफ जुर्माना वसूल करने का आदेश क्षेत्रीय लेखपाल राम आसरे को दिया है। इससे अन्य किसानों के माथे पर भी चिंता की लकीरें दिखाई दे रही हैं।


रविवार की शाम तहसील क्षेत्र के गोरथरा गांव में पराली जलाई जा रही थी। इसकी निगरानी सेटेलाइट से होने के कारण यह गांव तत्काल चिन्हित कर लिया गया। जिला मुख्यालय पर सूचना पहुंची तो एसडीएम मडि़हान ने तत्काल तहसीलदार करमेंद्र कुमार को जांच कर पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा।


सोमवार की सुबह तहसीलदार व क्षेत्रीय लेखपाल ने गांव में पहुंचकर तीन लोगों की पहचान की है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। रैकरी गांव निवासी राजकुमार पटेल का खेत गोरथरा गांव के मौजे चेरई कोन में है। जहां रामविलास मौर्य व रामनरायन ने रविवार की शाम पराली को जला दिया। सूचना लगी तो कृषि उपनिदेशक की सूचना पर डीपीआरओ ने भी मौके पर जाकर जांच की। एसडीएम विमल कुमार दुबे ने बताया कि तीनों के खिलाफ जुर्माना वसूल किया जाएगा। दो एकड़ से कम खेत के किसान से ढाई हजार व इससे अधिक खेत वालों से पांच हजार की वसूली


बलिया में सात के खिलाफ कार्रवाई, 28 हजार जुर्माना, किसानों में मचा हड़कंप


पराली जलाने पर सात किसानों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। इस मामले में आरोपी किसानों पर जुर्माना लगाया गया है।सदर तहसील क्षेत्र में एसडीएम अश्विनी कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि पराली जलाने के मामले में सात किसानों पर जुर्माना लगाया गया है। इन सभी किसानों पर कुल 28 हजार का जुर्माना लगाया गया है।


एसडीएम ने सरयां गांव के दो किसानों पर छह-छह हजार तथा इसी गांव के एक किसान पर चार हजार जुर्माना लगाया है। चार किसानों पर 25-25 सौ का जुर्माना लगाया गया है। इन सभी किसानों से जुर्माना वसूलने के लिए जल्द ही नोटिस जारी की जाएगी। उन्होंने किसानों से अपील की कि फसल अपशिष्ट जलाने के बजाय वैकल्पिक उपयोग जैसे बायो एनर्जी, कम्पोष्ट खाद आदि का प्रयोग करें


यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई

यूपी: 7 दिनों के राजकीय शोक की घोषणा की गई  संदीप मिश्र  लखनऊ। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन को लेकर उत्तर प्रदेश में भी 7 दिनों के...