नई दिल्ली। कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा ने प्रति व्यक्ति द्वारा खर्च की औसत राशि में गिरावट से जुड़ी खबर पर तंज कसते हुए कहा कि भाजपा के लोगों को डाटा नहीं, बल्कि गरीबी को किनारे लगाने पर ध्यान देना चाहिए। उन्होंने एक मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ''शेखचिल्ली के लतीफ़ों के बारे में खास बात ये थी कि डींगें बड़ी-बड़ी होती थीं, लेकिन असल काम में सब चौपट। भाजपा सरकार भी डींगें हांकने के लिए डाटा छिपाने में लगी है।''
प्रियंका ने दावा किया, '' तो बहनों-भाइयों नया डाटा कहता है कि लोग गरीब हो रहे हैं। लोगों की खर्च करने की क्षमता घट रही है। गांवों में लोगों के पास खाने पर खर्च करने के पैसे भी कम हो रहे हैं।'' उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा, ''भाजपा वालों, डाटा को किनारे मत लगाओ, गरीबी को किनारे करो।'' कांग्रेस महासचिव ने जिस मीडिया रिपोर्ट का हवाला दिया है उसमें राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) के आंकड़े का जिक्र करते हुए कहा गया है कि भारत में 2011-12 में एक व्यक्ति द्वारा खर्च की गई औसत राशि 1501 रुपये थी, जो 2017-18 में 3.7 फीसदी की गिरावट के साथ 1446 रुपये हो गई।
रविवार, 17 नवंबर 2019
डींगे बड़ी-बड़ी,असल काम में सब चौपट
'जिला-जज' के बंगले से चुराये चार पेड़
रीवा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश के बंगले पर तैनात सुरक्षाकर्मी को गुरुवार की रात में पिस्तौल का भय दिखाकर चोर वहां से चन्दन के चार पेड़ (sandalwood tress) काटकर ले गए। नगर पुलिस अधीक्षक शिवेन्द्र सिंह ने शनिवार को बताया कि 15 नवंबर की रात को चोर जिला एवं सत्र न्यायाधीश अरुण कुमार सिंह के बंगले में लगे चंदन के चार पेड़ों को काट कर ले गए।
बंगले में सो रहे थे न्यायाधीश और परिवार के सदस्य
एसपी ने बंगले पर तैनात पुलिसकर्मी बुद्धिलाल की शिकायत के आधार पर बताया कि सिविल लाइंस स्थित बंगला नंबर चार में रात साढ़े तीन से चार के बीच एक व्यक्ति अंदर घुसा और उसे पिस्तौल का भय दिखाया। इसके बाद उसके चार और साथी भी अंदर आ गए। चोरों ने बुद्धिलाल को अपने कब्जे में ले लिया। इसके बाद चोरों ने 10 मिनट के अंदर चंदन के चार पेड़ काट लिए और वहां से फरार हो गए। उन्होंने बताया कि बंगले में सुरक्षा के लिए रात में चार पुलिसकर्मी तैनात थे जबकि घटना के वक्त न्यायाधीश सिंह और उनके परिवार के लोग घर में सो रहे थे। एसपी शिवेंद्र सिंह ने बताया कि पुलिस अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर उनकी तलाश में जुटी है। उन्होंने बताया कि एक किलोग्राम चंदन की लकड़ी की कीमत 500 रुपये होती है। इस प्रकार से चंदन के एक पेड़ की कीमत तीन से पांच लाख रुपये की होती है।
'दोस्त' की लाश के टुकड़े 'कुकर' में पकाएं
आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा जनपद में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। एक व्यक्ति ने दोस्त को पहले अगवा कर लिया। मकसद था 50 लाख की फिरौती। फिरौती मांगते इससे पहले ही पीड़ित की दम घुटने से मौत हो गई। फिर शव के टुकड़े करके अंगों को प्रेशर कुकर में पका दिया।
पुलिस ने बताया कि आगरा के किरावली निवासी धर्मेंद्र तिवारी कंप्यूटर ऑपरेटर था। 18 अक्टूबर को रहस्यमयी स्थिति में वह लापता हो गया। काफी खोजबीन के बाद जब पता नहीं चला तब धर्मेंद्र के पिता ने अछनेरा थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई।पुलिस की खोजबीन में पता चली कि धर्मेंद्र को आखिरी बार ललित नाम के युवक के साथ देखा गया था। यह वीडियो फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। फिर ललित की पहचान हो गई। इसके बाद पुलिस ने बिचपुरी मार्ग पर मंगोलिया कॉलोनी में ललित बोदला के घर पहुंची। ललित अपनी मां शालिनी और भाई रोहित के साथ रहता है। पुलिस ने तीनों को हिरासत में ले लिया।
पुलिस ने दोनों से जब कड़ाई से पूछताछ की तो ऐसा खुलासा हुआ कि हर सुनने वाले की रूह कांप गई। ललित ने अपना कर्ज उतारने के लिए 50 लाख फिरौती वसूलने के लिए धर्मेंद्र का अपहरण कर लिया था। ललित ने धर्मेंद्र को किसी बहाने से अपने घर बुलाया. कॉफी में कुछ मिलाकर पिला दिया। इसके बाद इंजेक्शन लगाकर बेहोश कर दिया। बाद में हाथ-पैर और मुंह टेप से बांधकर कमरे में बंद कर दिया। मुंह बंधा होने के कारण धर्मेंद्र की दम घुटने से मौत हो गई। ललित को जब यह पता चला तो उसे लगा कि उसकी फिरौती वसूलने की साजिश नाकाम हो गई है। इसके बाद उसे चिंता थी लाश को ठिकाने लगाने की।
फिर ललित ने धर्मेंद्र की लाश के छोटे-छोटे टुकड़े कर घर में ही रख दिए। आरोपी ने फिर टुकड़ों को कुकर में पकाया। शरीर के कई बड़े हिस्से को नाली में फेंक दिया। यहां तक की कंकाल को बैग में भरकर रख दिया। मामले का खुलासा होने के बाद पुलिस ने मंगोलिया कॉलोनी में ललित के घर की तलाशी ली। फोरेंसिक टीम से भी जांच कराई। पुलिस को यहां से कई अहम सुराग मिले।
घर के बाहर जमा पड़ोसियों ने पुलिस को बताया कि हर दिन घर से मीट पकाने की महक आती थी। लेकिन इस बात का अंदाजा नहीं था कि यहां किसी की लाश पकाई जा रही है। इस बात की पुष्टि नहीं हुई है कि मां-बेटे ने इंसानी गोश्त खाया है या नहीं। ललित ने 27 वर्षीय धर्मेंद्र की बाइक को मलपुरा क्षेत्र में लावारिस तौर पर छोड़ दिया था। 29 अक्टूबर को धर्मेंद्र की बाइक पुलिस को मिली थी। पुलिस छानबीन में पता चला था कि धर्मेंद्र और ललित आपस में अच्छे दोस्त थे। धर्मेंद्र और ललित दोनों पहले किराए के घर में एकसाथ रहते थे। इस दौरान ललित को यह पता चल गया था कि धर्मेंद्र पैसे से संपन्न परिवार से है। उसका अपहरण करेंगे तो अच्छी फिरौती मिलेगी। इसलिए अपहरण और फिरौती वसूलने की योजना तैयार की थी।
झटका:संसद में झूठ बोलने का मामला सिद्ध
लॉस एंजलिस। महाभियोग के आरोपों से घिरे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को शुक्रवार को एक और बड़ा झटका लगा जब एक कोर्ट ने उनके सबसे लंबे समय तक सलाहकार रहे रोजर स्टोन को संसद की इंटेलीजेंस कमेटी के सामने झूठ बोलने, जांच में बाधा डालने और सुबूतों से छेड़छाड़ के मामले में दोषी करार दिया है। स्टोन को अगले साल छह फरवरी को सजा सुनाई जाएगी। उन्हें कई साल कैद की सजा हो सकती है। सात महिला और तीन पुरुष जजों की पीठ ने अमेरिका के 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप की जांच करने वाले विशेष अभियोजक रॉबर्ट मुलर की जांच बाद लंबित मामले में यह फैसला दिया है। यह सिर्फ 67 वर्षीय स्टोन के लिए झटका भर नहीं है, बल्कि एक प्रत्याशी के रूप में ट्रंप की भूमिका को भी दोबारा जांच के दायरे में ला दिया है। ट्रंप ने फैसले की निंदा की है। फिलहाल, स्टोन सात आरोपों का सामना कर रहे हैं जिनमें उन्हें 50 साल तक की कैद हो सकती है।
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में रूसी हस्तक्षेप से जुड़े मामलों की जांच से जुड़े इस मामले में स्टोन को इस साल जनवरी में गिरफ्तार किया गया था। जांच रिपोर्ट के मुताबिक ट्रंप के चुनाव प्रचार सहयोगी रहे स्टोन को साल 2016 की गर्मियों में ही पता चल गया था कि ट्रंप के खिलाफ राष्ट्रपति चुनाव लड़ रही हिलेरी क्लिंटन के प्रचार अभियान से ई-मेल चुराए गए थे। यही नहीं स्टोन पर अमेरिकी कांग्रेस के निचले सदन प्रतिनिधि सभा की खुफिया समिति के सामने कथित गलतबयानी के आरोप भी थे। उधर, अमेरिका में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के महाभियोग की प्रक्रिया शुक्रवार को भी जारी रही। प्रतिनिधि सभा में दूसरी बार कैमरे के सामने हुई सुनवाई में यूक्रेन में अमेरिका की पूर्व राजदूत मैरी योवानोविच पेश हुईं। उन्हें ट्रंप के वकील रूडी गुलियानी के साथ मतभेदों के चलते मई में हटा दिया गया था। गुलियानी यूक्रेन में पूर्व राष्ट्रपति जो बिडेन के खिलाफ जांच शुरू कराने में सहयोग न करने के चलते मैरी से नाराज हो गए थे। यह जांच राष्ट्रपति ट्रंप को फायदा पहुंचा सकती थी।
भारी बर्फबारी से सेब-बादाम के पेड़ टूटे
श्रीनगर। कश्मीर में शनिवार को भारी बर्फबारी से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। पिछले कई दिनों से स्थिति में कोई सुधार नहीं है, जिसके कारण यहां सेब के पेड़ों को भी भारी नुकसान पहुंचा है। पुलवामा और शोपियां जिले की ऊंची पहाड़ियों में सेब के पेड़ों को ज्यादा नुकसान पहुंचा है, क्योंकि जब बर्फबारी हुई, उस वक्त पेड़ों पर फल लदे हुए थे।हाल ही में हुई बर्फबारी ने दक्षिण कश्मीर के पुलवामा और शोपियां जिलों में सेब के अधिकांश बागों को नुकसान पहुंचाया है। कश्मीर के प्रमुख सेब उत्पादक क्षेत्रों में से एक पुलवामा और शोपियां जिलों में उत्पादकों ने कहा कि भारी बर्फबारी ने सेब के पेड़ों को नुकसान पहुंचाया और उनकी डालियों को तोड़ दिया।
उन्होंने बताया कि नवंबर के महीने में बेमौसम बर्फबारी सामान्य बर्फबारी की तुलना में भारी थी और पेड़ की डालियों पर जमा होने के कारण वे ढह गईं। अधिकारियों ने स्वीकार किया है कि पिछले दो दिनों में हुई बर्फबारी से घाटी में स्थित अधिकतर सेब के बगीचों को नुकसान पहुंचा है। उनके अनुसार, बागवानी विशेषज्ञों की एक टीम को कुल नुकसान का आकलन करने का काम सौंपा गया है। शुरुआती रिपोर्टों से पता चलता है कि मैदानी इलाकों से 30 से 35 प्रतिशत नुकसान हुआ है, जबकि पहाड़ी क्षेत्रों में अभी भी पहुंचा नहीं जा सकता है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में कश्मीर घाटी में हुई बर्फबारी ने घाटी के कई हिस्सों में तबाही मचाई है। इस बेमौसम बर्फबारी से सैकड़ों सेब, बादाम और बेर के पेड़ नष्ट हो गए हैं।
बालासाहेब ठाकरे की पुण्यतिथि, श्रद्धांजलि अर्पण
मुंबई। शिवसेना संस्थापक बाला साहेब ठाकरे की पुण्यतिथि पर रविवार को श्रद्धांजलि देने लाखों शिवसैनिक दादर के शिवाजी पार्क मैदान पहुंचे। यहां पुलिस का कड़ा बंदोबस्त किया गया है।
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे सपरिवार यहां पहुंचेंगे। शिवसेना के तमाम बड़े नेताओं ने शिवतीर्थ स्थल पहुंचकर बाला साहेब को श्रद्धांजलि दी। एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और पार्टी नेता छगन भुजबल भी शिवाजी पार्क मैदान पहुंचे। भुजबल ने कहा कि बाला साहेब के साथ बिताए गए पुराने दिनों की याद आती है। सपने साकार होंगें। हमें सफलता अवश्य मिलेगी।
स्मृति स्थल पर फूलों की सजावट की गई है। भगवान राम की बड़ी तस्वीर के साथ जय श्रीराम का स्लोगन आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। देशभर से शिवसैनिकों का जत्था शिवतीर्थ पर उमड़ा है। अन्य दलों के नेता भी शिवाजी पार्क मैदान पहुंच रहे हैं। भाजपा की ओर से कौन पहुंचता है और इस पर शिवसेना का क्या रुख होगा, इस पर सबकी नजर है। शिवतीर्थ पर पहुंचे शिवसैनिकों ने भाजपा के प्रति नाराजगी जताई है। हालांकि भाजपा ने ट्वीट कर बाला साहेब को श्रद्धांजलि दी गई है।
भाजपा का साथ छोड़कर शिवसेना पहली बार विपरीत विचारधारा वाली पार्टियों कांग्रेस और एनसीपी से हाथ मिलाने जा रही है। राज्य में सरकार गठन को लेकर तीनों दलों में मंथन जारी है। शिवसेना का दावा है कि मुख्यमंत्री शिवसेना का होगा। शिवसेना नेताओं की मांग है कि उद्धव सरकार की कमान संभालें। ऐसे में बालासाहेब ठाकरे का सातवां स्मृति दिन विशेष सुर्खियों में है।
गंगा-प्रदूषण:जुर्माना, कठोर सजा का प्रावधान
नई दिल्ली। गंगा में प्रदूषण को कम करने के लिए सरकार नया एक्शन प्लान लागू करने विचार कर रही है। सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र दौरान सरकार राष्ट्रीय नदी गंगा (कायाकल्प, संरक्षण और प्रबंधन) विधेयक, 2019 को पेश कर सकती है। इसके तहत अब गंगा में प्रदूषण फैलाने पर पांच साल तक की सजा और 50 करोड़ रुपये तक का जुर्माना हो सकता है। गंगा को प्रदूषण से बचाने के लिए केंद्र सरकार एक खास तरह की पुलिस फोर्स बनाएगी। इसे 'गंगा प्रोटेक्शन फोर्स' नाम दिया जाएगा। फोर्स के के पास नियमों का उल्लंघन करने वाले शख्स को गिरफ्तार करने और स्थानीय पुलिस स्टेशन को सैंपने की पावर होगी। इसके अलावा नेशनल गंगा काउंसिल भी बनाया जाएगा, जो सीधा प्रधानमंत्री की देख रेख में होगा। पीएम के अलावा इस काउंसिल में उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और झारखंड के मुख्यमंत्री भी शामिल होंगे।
जानकारी के मुताबिक, जलशक्ति मंत्रालय ने 13 चैपटर्स वाले बिल की रूपरेखा तैयार कर ली है। बिल को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भी भेज दिया है। इसमें गैरकानूनी निर्माण कार्य, पानी के बहाव को रोकना, गंगा में गंदगी फैलाने जैसे कई प्रावधान शामिल किए गए हैं। इस विधेयक का उद्देश्य गंगा के प्रदूषण को रोकना और नियंत्रित करना है। इसके साथ ही पानी के निरंतर प्रवाह को सुनिश्चित करना है ताकि नदी को उसकी प्राकृतिक अवस्था में वापस लाया जा सके। गंगा प्रदूषण के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार बिना किसी रोकथाम गंगा में गिरता सीवर का पानी है। बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियों कल कारखाने भी इसके उतने ही जिम्मेदार हैं। गंगा को प्रदूषित करने में लोगों का भी उतना ही हाथ है। नहाने, कपड़े धोने से लेकर जानवरों को नहलाने तक का काम बिना रोक-टोक किया जाता है। गोमुख से निकलकर गंगा कुल 2525 किलोमीटर का सफर तय करती है। देश के 5 राज्यों के 97 शहरों से गुजरती है।
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