नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को एक बार फिर कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण पराली जलने के कारण है और अब इसके लगभग खत्म होने पर वायु गुणवत्ता सुधर रही है। दिल्ली सरकार के संवाद एवं विकास आयोग के उपाध्यक्ष जैस्मीन शाह ने कुछ तस्वीरों के साथ एक ट्वीट साझा किया। तस्वीरों में पराली जलने की घटनाएं कम होने से दिल्ली वायु गुणवत्ता सुधरती हुई दिखाई जा रही थी।
शाह ने ट्वीट किया, दिल्ली के ज्यादातर भागों में बिल्कुल उसी समय एक्यूआई स्तर 200 (मध्यम स्तर) से कम चला गया, जब पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के खेतों में पराली जलाए जाने की घटनाएं कम हो रही हैं।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए केजरीवाल ने कहा कि अक्टूबर के पहले महीने में पराली जलना शुरू होते ही एक्यूआई बढऩा शुरू हो गया था।
केजरीवाल ने ट्वीट किया, उत्तर भारत में पराली जलने और वायु गुणवत्ता सूचकांक में बढऩे के बीच बहुत बड़ा संबंध देखा जा सकता है। अक्टूबर के पहले महीने में पराली जलना शुरू होते ही एक्यूआई बढऩा शुरू हो गया था। अब इसके लगभग खत्म होने पर वायु गुणवत्ता सुधर रही है।
रविवार, 17 नवंबर 2019
कुछ प्रदूषण कम होने की संभावना:अरविंद
कहां गायब हो रही है अपनी गोरियां
याद है, जब छोटे थे, तब स्कूल जाने के लिये अलह सुबह उठाया जाता था, यह कहकर देखो चिडिया आयी, देखो कौआ आया, वो देखो मोर आया। घर की मुण्डेर पर छोटी सी चिडिया चहकती रहती और उठकर स्कूल के लिये तैयार होने लगते। गरमी में कोयल की कूक मन को अलग ही सुकून देती थी। इसके बाद बच्चों को टीवी पर डोरीमॉन, नोमिता जैसे कार्टून कैरेक्टर्स को देखकर उठाया जाता था। अब तो मोबाईल पर ही सब कुछ उपलब्ध है, इसलिये टीवी की बजाय मोबाईल पर ही चित्र या कार्टून्स दिखाकर बच्चों को उठाने का जतन किया जाता है।
यह सच है, परिवर्तन बहुत ही तेजी से हुआ है, हमारी पीढी इस द्रुत गति से होने वाले परिवर्तन की साक्षात गवाह है। यह परिवर्तन सतत प्रक्रिया है, पर अस्सी के दशक के उपरांत परिवर्तन की गति को पंख लग चुके हैं। कल तक मुण्डेर पर बैठे कौए और अन्य पक्षियों के कलरव पर गाने भी बना करते थे, शकुन अपशकुन के मामले में भी अनेकानेक धारणाएं हुआ करती थीं।
विडंबना यही है कि हमने भाग दौड़ में आधुनिक दुनिया की कल्पना तो कर ली पर प्रकृति के साथ जो हमने छेड़छाड़ या सीधे शब्दों में कहें बलात्कार किया है, वह अक्ष्म्य ही है। इसका भोगमान कोई ओर नहीं वरन हमारी आने वाली पीढ़ी को ही भोगना है। ईश्वर ने इस कायनात की रचना की है। इस सृष्टि में जितने भी जीव जंतु प्रभु ने बनाये हैं, सबकी अपनी अलग-अलग भूमिका और महत्व है। स्वच्छंद विचरण करने वाले पक्षियों पर अघोषित तौर पर मानव का हस्तक्षेप भारी पड़ा है। अपने सुख सुविधा और स्वाद के चक्कर में पक्षियों को प्रश्रय देने के स्थान पर मौत के घाट उतारा गया, जिससे इनकी संख्या में तेजी से गिरावट दर्ज की गयी, रही सही कसर पर्यावरण प्रदूषण ने पूरी कर दी।
हमें यह कहने में कोई संकोच नहीं है कि आज पक्षियों की सैकड़ों प्रजातियां विलुप्तप्राय हैं। गिद्ध, सारस, कोयल, गोरैया, कौवा आदि अब बमुश्किल ही दिख पाते हैं। गुज़रे जमाने में राजा महाराजाओं से लेकर नवाबों की थाली की शान होने वाली शीली, बटेर, दिघोची, तीतर, लालशर जैसी चिडिया अब देखने को नहीं मिलतीं। अनेक निरामिष भोजनालयों में अब भुने हुए तीतर या बटेर के स्थान पर गोरैया को ही परोसा जाता रहा है। गाय, भैंस का दूध बढ़ाने की गरज़ से दी जाने वाली दवाओं का प्रतिकूल असर भी देखने को मिला है। इनके मृत शरीर का भक्षण कर पर्यावरण का एक सशक्त पहेरूआ गिद्ध अब देखे से नहीं दिखता है। पक्षियों की संख्या में कमी से पर्यावरण विशेषज्ञों की पेशानी पर चिंता की लकीरें साफ दिखायी पड़ने लगी हैं।
पर्यावरण विदों की मानें तो पक्षियों का होना मानव स्वास्थ्य के लिये अत्यावश्यक है। ये मानव जीवों के लिये खतरनाक कीट पतंगों को अपना निवाला बनाकर मनुष्यों की रक्षा करते हैं। ये पक्षी ही हैं जो कीट पतंगों के अलावा मृत जानवरों के अपशिष्ट को भी धरती से समाप्त करते हैं। विलुप्त होते पक्षियों को लेकर सरकारी और गैर सरकारी संगठन चिंता जाहिर कर रस्म अदायगी से बाज नहीं आते हैं। मन राखन लाल की भूमिका निभाने वाले इन संगठनों ने कभी भी पक्षियों को बचाने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं की है। यहाँ तक कि भारत सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय द्वारा भी ग्रामीणों को जागरूक बनाने की दिशा में डाक्यूमेंटरी या विज्ञापनों का निर्माण तक नहीं करवाया गया है। परिणाम यह है! कि दीगर पक्षियों के अलावा हर घर में चहकने वाली गोरैया भी अब दुर्लभ पक्षी की श्रेणी में आ चुकी है।
एक समय था! जब घरों में महिलाओं द्वारा गेहूँ या चावल बीनते समय कुछ दाने इन चिड़ियों के लिये जानबूझकर गिरा दिये जाते थे। इन दानों के चक्कर में घरों के आसपास चिड़िया चहकती रहती थीं। अब मॉल्स और डिब्बा बंद प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थों के बढ़े प्रचलन ने इन पक्षियों के मुँह से निवाला छीन लिया है। इसके अलावा शहरों में सीना ताने खड़े मोबाईल टॉवर की चुम्बकीय तरंगों, वाहनों के द्वारा छोड़े जाने वाले धुंए ने भी पक्षियों के लिये प्रतिकूल माहौल तैयार किया है। एक अनुमान के अनुसार पक्षियों के कम होने के पीछे कामोत्तेजक दवाओं का तेजी से प्रचलन में आना है। असंयमित खानपान और रहन सहन के चलते कामोत्तेजक दवाओं का बाज़ार तेजी से गर्माया है। गोरैया के अण्डों का इस्तेमाल कामोत्तेजक दवाओं में किया जाता है। चीन के माफिया सरगनाओं ने गैण्डे के सींग से सेक्स बढाने की दवाएं ईज़ाद की। कल तक गैण्डों से आच्छादित भारत के जंगलों में अब इनकी तादाद महज़ 200 से भी कम ही रह गयी है।
अब समय आ चुका है !कि पक्षियों को बचाने की दिशा में हम जागरूक हो जायें। हमें हर हाल में पक्षियों के जीने के लिये अनुकूल माहौल प्रशस्त करना ही होगा। पक्षियों की तादाद अगर दिनों दिन कम होती गयी! तो पर्यावरण का जो असंतुलन निर्मित होगा उसका भोगमान किसी और को नहीं हमारी आने वाली पीढ़ी को ही भोगना होगा, जिसके उज्ज्वल भविष्य के लिये आज हम धन दौलत एकत्र कर छोड़ जाने वाले हैं। दिल्ली में पर्यावरण का असंतुलन साफ दिखायी देता है। सर्दी आते ही दिल्ली में जब चाहे तब शालाएं बंद करवा दी जाती हैं। सिवनी में आबोहवा अभी ठीक है पर अगर हम नहीं चेते तो हमारे जिले का हाल भी भविष्य में दिल्ली जैसा हो जाये तो किसी को आश्चर्य नहीं होना चाहिये। हम अपने वंशजों को धन दौलत, संपन्नता, सुविधाएं तो देकर इस दुनिया से रूखसत हो जायेंगे, किन्तु जब पर्यावरण असंतुलित होगा तब हमारी आने वाली पीढ़ी जिस कठिनाई में जीवन व्यतीत करेगी उसका अंदाज़ा आज लगाना असंभव ही है। सरकार को चाहिये कि वह गैर सरकारी संगठनों के साथ मिलकर पक्षियों को बचाने की दिशा में तत्काल ही कोई मुहिम की ठोस कार्ययोजना बनाये ताकि पक्षियों के कलरव को आने वाली पीढ़ी सुन सके और महसूस कर सके!
अब रबड़ के टायर वाली मेट्रो चलेगी
नई दिल्ली! आने वाले दिनों में देश के किसी शहर में अगर रबड़ के टायर वाली मेट्रो चलती नजर आए तो हैरानी नहीं होनी चाहिए! लाइट मेट्रो के बाद अब केंद्र सरकार टायर वाली मेट्रो चलाने की तैयारी कर रही है! इसके लिए नीति भी तैयार की जा रही है| यह बात ग्रे लाइन पर मेट्रो के उद्घाटन के दौरान केंद्रीय शहरी विकास राज्य मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कही है|
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उन्होंने कहा कि मेट्रो बड़े शहरों के लिए सफल सार्वजिनक परिवहन की सुविधा है| देश में शहरीकरण तेजी से बढ़ रहा है! इससे वर्ष 2030 तक देश की करीब 60 करोड़ आबादी शहरों में होगी! दिल्ली मेट्रो की सफलता के बाद द्वितीय व तृतीय स्तर के शहरों में भी मेट्रो जैसी सुविधाओं की मांग हो रही है! मेट्रो लाइट के बाद अब मेट्रो ऑन टायर्स नीति पर काम किया जा रहा है| इस तरह के मेट्रो के विकास में खर्च और भी कम हो जाएगा!
लापता श्रेयांश की लाश मिली कुँए में, आंगन में खेलते वक़्त गिरने की आशंकाडी एमआरसी के अधिकारी कहते हैं! कि दुनिया के कुछ शहरों में टायर्स मेट्रो चल रही हैं! यह मेट्रो भी रेलवे ट्रैक पर चलती है, लेकिन पहियों में टायर का इस्तेमाल होता है! पेरिस में सबसे पहले इसका इस्तेमाल किया गया है| टायर वाली मेट्रो पेरिस, हांक कांग समेत कई देशों में सफलतापूर्वक चल रही है! इसके रफ्तार तकरीबन 60 किलोमीटर प्रति घंटा होती है! और इसको बनाने में अब चल रही मेट्रो से 30 प्रतिशत कम खर्च आता है!
पटना में मामूली विवाद में मारपीट,गोलाबारी, मौत
पटना। राजधानी पटना के सिटी इलाके में रविवार को जमकर बवाल हुआ। घटना बाईपास थाना क्षेत्र के रानीपुर पैजावा की है जहां गाड़ी बैक करने के मामूली से विवाद को लेकर दो गुटों में जमकर मारपीट और गोलीबारी हो गई। गोलीबारी की इस घटना में पूर्व वार्ड पार्षद गीता देवी के पुत्र रवि कुमार नामक युवक की मौके पर ही मौत हो गई। इस घटना से गुस्साए मृतक के परिजनों और स्थानीय लोगों ने जमकर हंगामा मचाया। इस दौरान आक्रोशितों ने सड़क पर आगजनी कर फोरलेन को लगभग 5 घंटे तक जाम कर दिया जिससे यातायात व्यवस्था पूरी तरह चरमरा गयी। आक्रोशितों ने फोरलेन से गुजरने वाले वाहनों में भी तोडफ़ोड़ की साथ ही वाहन चालकों के साथ भी मारपीट की। आक्रोशितों ने हमलावरों की पांच मोटरसाइकिल को भी आग के हवाले कर दिया। हंगामा शांत कराने पहुंची पुलिस को भी उपद्रवियों ने खदेड़ दिया और उनपर पथराव शुरू कर दिया। घटना की कवरेज करने गए पत्रकारों को भी उपद्रवियों ने खदेड़ दिया। इस दौरान उपद्रवियों द्वारा कई राउंड हवाई फायरिंग भी की गई। रोड़ेबाजी में तीन-चार लोग घायल हो गए हैं। फोरलेन जाम हंगामा की सूचना मिलते ही सिटी एसपी पटना पूर्वी, एडिशनल एसपी समेत विभिन्न थानों की भारी संख्या में पुलिस बल ने मौके पर पहुंचकर काफी मशक्कत के बाद आक्रोशित लोगों को शांत करा कर फोरलेन पर परिचालन सामान्य कराया। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर उसे पोस्टमार्टम के लिए नालंदा मेडिकल कॉलेज भेज दिया। बताया जाता है कि पूर्व वार्ड पार्षद गीता देवी के पति देवेंद्र सिंह अपनी कार में सवार होकर रानीपुर पैजावा के रास्ते गुजर रहे थे, इसी दौरान उसी इलाके के रहने वाले विजय कुमार सिंह की गाड़ी से उनकी गाड़ी की मामूली टक्कर हो गई। बस इसी बात को लेकर दोनों के बीच बकझक शुरू हो गई और देखते ही देखते दोनों पक्षों के बीच जमकर मारपीट शुरू हो गयी। इसी दौरान हथियारबंद अपराधियों ने पूर्व वार्ड पार्षद के बेटे रवि कुमार पर गोली चला दी, जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गयी।
एयर इंडिया और भारत पेट्रोलियम बेचे जाएंगे
मार्च तक बेच दिया जाएगा एयर इंडिया और भारत पेट्रोलियम…. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा… ये बतायी है वजह
नई दिल्ली। राज्य के स्वामित्व वाली दो कर्ज ग्रस्त कंपनियों एयर इंडिया और भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन को अगले साल मार्च तक सरकार द्वारा बेचे जाने की उम्मीद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए इंटरव्यू में यह बात कही। टाइम्स आफ इंडिया के हवाले से एनडीटीवी ने कहा है कि वित्त मंत्री का यह बयान ऐसे समय में आया है। जब देश वित्तीय तनाव का सामना कर रहा है और उस पर लगभग 58 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ा हुआ है। द डेली से सीतारमण ने कहा कि हम, दोनों पर इस उम्मीद के साथ आगे बढ़ रहे हैं कि हम इस साल इसे पूरा कर सकते हैं। इससे जमीनी हकीकत सामने आएगी।
सीतारमन ने कहा, 'एयर इंडिया की बिक्री प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही निवेशकों में उत्साह देखा गया है।' पिछले साल निवेशकों ने एयर इंडिया को खरीदने में ज्यादा उत्साह नहीं दिखाया था इसलिए इसे नहीं बेचा जा सका था। बता दें कि मौजूदा वित्त वर्ष में कर संग्रह में गिरावट को देखते हुए सरकार विनिवेश और स्ट्रैटजिक सेल के जरिए रेवेन्यू जुटाना चाहती है।वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार को इन दो कंपनियों को बेचने से इस वित्त वर्ष में एक लाख करोड़ का फायदा होगा।
इस महीने की शुरुआत में एयर इंडिया के चेयरमैन अश्विनी लोहानी ने एयर इंडिया के कर्मचारियों को खुला खत लिखा था। उन्होंने कहा था कि विभाजन एयरलाइन की स्थिरता को सक्षम कर सकता है। वहीं सीतारमण ने कहा, 'एयर इंडिया के लिए इन्वेस्टर्स के बीच काफी रुझान है।'बीते साल सरकार ने एयरलाइन में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी और प्रबंधन नियंत्रण को रद्द करने के लिए एयर इंडिया के लिए EoI मंगाई थी लेकिन इसे एक भी बोलीदाता नहीं मिला था। सरकार के पास वर्तमान में एयर इंडिया की 100 प्रतिशत इक्विटी है।
टैकंर से तेल लीक ,लोग लाए बाल्टी-डिब्बे
सीकर। राजस्थान के सीकर जिले की नीमकाथाना के चला गांव में आज डीजल से भरा एक टैंकर पलट गया, इससे टैंकर में भरा तेल बाहर बहने लगा। तेल के टैंकर के पलटने की सूचना मिलते ही मौके पर ग्रामीण पहुंच गए। ग्रामीणों ने बाहर की ओर बह रहे तेल को बाल्टियों, ड्रमों और कोन में भरा और अपने घर ले गए। हादसे के बाद लोगों ने पुलिस को मामले की जानकारी दी। पुलिस ने घटनास्थल पर पहुंचकर मौके से लोगों को हटाया। जानकारी के मुताबिक जिले के चला गांव में उस वक्त लोगों में हड़कंप मच गया जब डीजल से भरा एक टैंकर अनियंत्रित होने से पलट गया है। टैंकर पलटने से उसमें से भरा डीजल तेजी से सड़क पर बहने लगा। टैंकर पलटने के बाद डीजल लूटने के लिए मौके पर लोगों की लंबी कतार लग गई। लोग बड़ी संख्या में अपने अपने घरों से बर्तन लेकर पलटे हुए डीजल के टैंकर के पास आए और तेल लूटकर ले जाने लगे। तेल को लूटने में बड़ी संख्या में महिलाएं भी शामिल थीं। वहीं भरा हुआ डीजल का टैंकर सड़क पर पलट जाने से दुर्घटना की आशंका भी बनी हुई है। हादसे के बाद लोगों ने पुलिस को भी पूरे मामले की जानकारी दी, जिसके बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर घटनास्थल का मुआयना किया और लोगों को टैंकर के पास से हटाया।
प्रदर्शन करता किसानो की हिंसा, बवाल
उन्नाव। ट्रांस गंगा सिटी परियोजना के लिए जमीन अधिग्रहण के खिलाफ किसानों का प्रदर्शन अब और हिंसक हो गया है। मुआवजे की मांग को लेकर भड़के किसानों ने रविवार को पावर सब-स्टेशन के पास रखे पाइपों में आग लगा दी। इस दौरान पुलिस के साथ उनकी झड़प भी हुई।
किसानों ने आरोप लगाया कि यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्प की ट्रांस गंगा सिटी परियोजना के लिए अधिग्रहित की गई जमीन के लिए उन्हें उचित मुआवजा नहीं दिया गया। प्रदर्शकारी किसानों की मांग है कि उन्हें उनकी जमीन का उचित मुआवजा दिया जाए।
पुलिस और किसानों के बीच झड़प को लेकर उन्नाव एसपी ने कहा, 'ग्रामीणों और कुछ उपद्रवियों ने यूपी स्टेट इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन के अधिकारियों और उनके वाहनों पर हमला किया था। UPSIDC ने 8 नामजद और 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है। आरोपियों पर जल्द कार्रवाई की जाएगी'
उन्नाव के एसपी का कहना है, 'कुछ उपद्रवियों ने बाद में पुलिस पार्टी पर गोलियां चलाईं और पथराव किया। 5 पुलिस वाले घायल हो गए। पुलिस ने 30 नामजद और 200 अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। जांच चल रही है। 5 लोग पहले ही गिरफ्तार किए जा चुके हैं।'
वहीं, आज एक वाहन में आग लगा दी गई। जिला मजिस्ट्रेट (डीएम) ने कहा, 'कुछ बदमाश ऐसा कर रहे हैं। हम गांवों में जाएंगे और लोगों से शांति बनाए रखने की अपील करेंगे। यह उपद्रवियों का काम है। हम शांति बनाए रखेंगे और ट्रांस गंगा सिटी परियोजना का काम भी चलेगा।'
वहीं, शनिवार को उग्र किसानों पर काबू पाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था। इस दौरान प्रदर्शकारी किसानों ने पुलिस पर पथराव भी किया। प्रदर्शकारी किसानों की मांग है कि मौजूदा वक्त के हिसाब से उनकी जमीन का उचित मुआवजा दिया जाए। हालांकि, जिलाधिकारी देवेंद्र पांडेय का कहना है कि किसानों को मुआवजा दिया जा चुका है, प्रशासन के पास किसानों का कोई बकाया नहीं है।
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