शनिवार, 16 नवंबर 2019

ओवैसी भारतीय संविधान-विभिन्नता के पक्ष में

नई दिल्ली। अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल खड़े करने वाले ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होंने एक ट्वीट कर कहा है कि उन्हें मस्जिद वापस चाहिए।
ओवैसी ने अपने ट्वीट संदेश में एक समाचार मैगजीन को दिए इंटरव्यू का लिंक भी शेयर किया, इंटरव्यू की हेडलाइन में ओवैसी का बयान लिखा हुआ था ”मैं हर उस चीज का विरोध करूंगा जो भारत के संविधान और भारत की विभिन्नता के विरुद्ध होगी।”इस ट्वीट के बाद असदुद्दीन ओवैसी सोशल मीडिया पर लोगों ने निशाने पर आ गए। टि्वटर यूजर्स ने उन्हें ट्रोल करते हुए उनकी जमकर क्लास लगाई। गौरतलब है कि पिछले हफ्ते अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद असदुद्दीन ओवैसी ने अपनी प्रतिक्रिया दी थी और सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर असंतुष्टि जाहिर की थी। ओवैसी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर कहा था कि वे फैसले से संतुष्ट नहीं हैं।ओवैसी ने साथ ही मुस्लिम पक्ष को उस 5 एकड़ जमीन को लेने से भी इनकार कर दिया था जिसके बारे में कोर्ट ने कहा था कि मस्जिद बनाने के लिए अलग जगह पर 5 एकड़ जमीन दी जाएगी। ओवैसी ने कहा था कि मस्जिद के लिए हम खैरात की जमीन नहीं ले सकते।


जम्मू कश्मीर:तेजी से हो रहे हालात सामान्य

नई दिल्ली। गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने शुक्रवार को संसद की एक समिति को बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं तथा पूर्व मुख्यमंत्रियों समेत हिरासत में लिए गए नेताओं को रिहा किया जाएगा! लेकिन इसके लिए उन्होंने कोई समय सीमा नहीं बताई। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस नेता आनंद शर्मा की अध्यक्षता वाली गृह मामलों की संसद की स्थायी समिति को केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला, मंत्रालय में अतिरिक्त सचिव ज्ञानेश कुमार और अन्य अधिकारियों ने केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के हालात से अवगत कराया।
माना जाता है कि समिति के कुछ सदस्यों ने सरकारी अधिकारियों से कहा कि उन्हें कश्मीर जाने दिया जाने दिया जाना चाहिए लेकिन इस मांग को खारिज कर दिया गया। लोकसभा और राज्य सभा के सदस्यों ने सरकार के शीर्ष अधिकारियों से हिरासत में लिए गए नेताओं खासतौर पर तीन बार मुख्यमंत्री रहे और श्रीनगर से सांसद फारूक अब्दुल्ला के बारे में सवाल किए जिन्हें 17 सितंबर को जन सुरक्षा कानून के तहत हिरासत में लिया गया था।


गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने संसदीय समिति को बताया कि जिन्हें जन सुरक्षा कानून (PSA) के तहत हिरासत में लिया गया है वे इसे अधिकृत न्यायाधिकरण में चुनौती दे सकते हैं और उसके आदेश से अंसतुष्ट होने पर उच्च न्यायालय का रुख कर सकते हैं। अब्दुल्ला एकमात्र नेता हैं जिन्हें कश्मीर में पीएसए कानून के तहत हिरासत में रखा गया है। सूत्रों के मुताबिक सांसदों ने लंबे समय तक अब्दुल्ला के बेटे और पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) प्रमुख एवं पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को लंबे समय तक हिरासत में रखने का विरोध किया। दोनों पांच अगस्त से हिरासत में हैं जब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म कर राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने का फैसला किया था।


सूत्रों ने बताया कि हिरासत में लिए गए नेताओं को छोड़ने के सवाल पर भल्ला और उनकी टीम के अधिकारियों ने बताया कि कुछ नेताओं को रिहा किया जा चुका है और बाकी को धीरे-धीरे रिहा कर दिया जाएगा, लेकिन वे समयसीमा बताने से बचते रहे। सूत्रों के मुताबिक गृह सचिव ने सांसदों को बताया कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में हालात सामान्य हो रहे हैं, स्कूल खुल गए हैं और सेब का कारोबार हो रहा है। सांसदों ने कश्मीर घाटी में पांच अगस्त से इंटरनेट सेवाओं पर अंकुश लगाने का मुद्दा उठाया जिस पर अधिकारियों ने बताया कि यह प्रतिबंध आतंकवादियों को विध्वंसक कार्रवाई को अंजाम देने से रोकने और असामाजिक तत्वों को अफवाह फैलाने से रोकने के लिए लगाया गया है।


सांसदों को अधिकारियों ने बताया कि 1990 से अबतक जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हिंसा की 71,254 घटनाएं हुई जिनमें 14,049 नागरिकों की मौत हो गई और 5,293 सुरक्षा कर्मी शहीद हो गए। इसी दौरान 22,552 आतंकवादी भी मारे गए। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने समिति के सदस्यों को बताया कि सभी केंद्रीय कानून नए केंद्र शासित प्रदेश में लागू होंगे। जिन राज्य कानूनों का अधिकार क्षेत्र केंद्रीय कानून के अधिकार क्षेत्र में दखल देता हैं, वे निरस्त हो गये हैं। राज्य के अन्य कानूनों को भारतीय संविधान के अनुकूल बनाया जाएगा। सांसदों के सामने दी गई प्रस्तुति के दौरान अधिकारियों ने भारत के नए राजनीतिक मानचित्र को भी प्रदर्शित किया जिसमें जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो अलग-अलग केंद्रशासित प्रदेशों के रूप में दिखाया गया है तथा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और गिलगित बाल्टिस्तान को भी इन केंद्रशासित प्रदेशों में शामिल किया गया है।


प्रस्तुति के दौरान अधिकारियों ने बताया कि केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में 22 जिले हैं और कुल आबादी करीब एक करोड़ 22 लाख है। वहीं केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख में दो जिले कारगिल और लेह हैं। गृह मंत्रालय के अधिकारियों ने बताया कि दोनों केंद्र शासित प्रदेशों में लैंडलाइन फोन सेवा और पोस्टपेड मोबाइल फोन सेवाएं बहाल कर दी गई हैं। घाटी में रात के प्रतिबंध को छोड़कर धारा 144 के तहत आवाजाही पर लगी रोक हटा ली गई है। बैठक में मौजूद सूत्रों के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर समिति में चर्चा के दौरान भाजपा और कांग्रेस सांसदों के बीच मतभेद देखने को मिला। भाजपा सांसदों ने नियमावली का हवाला देते हुए कहा कि कार्यपालिका के कामकाज में हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। वहीं, कांग्रेस सांसदों का कहना था कि चूंकि मामला गंभीर है इसलिए उस पर चर्चा होनी चाहिए।


'श्रीलंका' चुनाव मतदान में 300 करोड़ खर्च

कोलंबो! श्रीलंका में शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव होगा। यह श्रीलंका के इतिहास का सबसे महंगा चुनाव माना जा रहा है। न्यूज एजेंसी के मुताबिक मतदान में 300 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। इसमें पहली बार 26 इंच का बैलेट पेपर और बड़े बैलेट बॉक्स का उपयोग हो रहा है। मतदान केंद्रों पर बिजली, पानी और टेलीफोन जैसी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जा रही है। 35 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं और 1.6 करोड़ लोग अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे।


देश में ईस्टर हमले के बाद पहला चुनाव होने के कारण सुरक्षा काफी कड़ी कर दी गई है। मतदान केंद्रों पर अतिरिक्त कर्मचारियों को नियुक्त किया गया है। देश भर में 60 हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। 50% वोट हासिल करने वाला प्रत्याशी अगला राष्ट्रपति होगा। बैलेट पत्र पर मतदाताओं को तीन शीर्ष प्रत्याशियों के चयन का विकल्प भी दिया गया है। अगर कोई भी प्रत्याशी आधे वोट हासिल नहीं कर पाता है तो प्राथमिकता के आधार पर मिले वोटों से विजेता का निर्णय लिया जाएगा।


गौतबया राजपक्षे और सजीथ प्रेमदासा प्रबल उम्मीदवार
पूर्व रक्षा सचिव गौतबया राजपक्षे, सत्तारुढ पार्टी के प्रत्याशी सजीथ प्रेमदासा के बीच चुनावी मुकाबला कड़ा होने की उम्मीद है। गौतबया राजपक्षे को अपने भाई और पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे का समर्थन प्राप्त है। प्रेमदास ने पिछले दो सप्ताह में सघन प्रचार अभियान चलाया है। नेशनल पीपुल्स पावर गठबंधन के उम्मीदवार अनुरा कुमार डिसनायके भी मजबूत उम्मीदवार माने जा रहे हैं। निवर्तमान राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना इस बार चुनाव नहीं लड़ रहे हैं। उनकी पार्टी का कोई प्रत्याशी भी चुनाव मैदान में नहीं है।


वीरांगना उदा देवी पासी की शहादत

वीरांगना उदा देवी पासी --36 अंग्रेजों को अकेले मार गिराने वाली दलित विरांगना जिनका आज शहादत दिवस है



कहानी नवंबर 1857 की है, सर्दी आ चुकी थी! लेकिन, मुल्क के माहौल में गरमी थी! अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह तेज था! इस विद्रोह को दबाने के लिए अंग्रेजी फौज लखनऊ की तरफ बढ़ रही ! भारतीय लड़ाके सिकंदर बाग में पोजिशन लिये हुए थे! इन लड़ाकों में ऊदा देवी भी शामिल थीं! उन्होंने पुरुषों के लिबास पहन रखे थे और पिस्तौल तथा गोलियों से लैस थीं! अंग्रेजी फौज सिकंदर बाग में प्रवेश करती, उससे पहले ही वह प्रवेश द्वार पर लगे पीपल के पेड़ पर चढ़ गयीं !


उन्होंने पेड़ पर से ही गोलियां बरसानी शुरू कर दीं और 30 से ज्यादा अंग्रेजी सैनिकों को मौत के घाट उतार दिया! अपने पराक्रम से उन्होंने काफी देर तक अंग्रेज सैनिकों को प्रवेशद्वार पर ही रोके रखा! इधर 30 से ज्यादा सैनिकों के हलाक होने से अंग्रेजी फौज खौफजदा थी ! उन्हें समझ नहीं आ रहा था कि आखिरकार गोलियां कहां से चल रही हैं! अंग्रेजों ने जब मारे गये सैनिकों के शरीर में लगी गोलियों के निशान देखे, तब उन्हें पता चला कि कोई ऊपर से फायरिंग कर रहा है!


उन्होंने आसपास नज़र उठाकर देखा तो पाया कि कोई पीपल के पेड़ के झुरमुट में छिपकर गोलियां चला रहा है! इस पर अंग्रेजों ने भी जवाबी कार्रवाई करते हुए गोलियां चलायीं! गोलियां लगते ही ऊदा देवी गश खाकर नीचे गिर पड़ीं! उनका नीचे गिरना था कि अंग्रेजों ने ताबड़तोड़ गोलियां दागनी शुरू कर दीं! उनके प्राण पखेरू उड़ गये, तब जाकर अंग्रेज उनके करीब पहुंचे और देखा कि जिसे वे पुरुष मान रहे थे, वह तो एक औरत थी!


सब को एक ही दिन वेतन मिलना तय

अब एक ही दिन सबको मिलेगा वेतन, जानिये सरकार की तैयारियां


नई दिल्ली! जल्द ही देश के संगठित क्षेत्र के कामगारों को हर महीने एक ही दिन वेतन मिलने की व्यवस्था शुरू हो सकती है। दरअसल केंद्र सरकार इस योजना पर काम कर रही है। केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने शुक्रवार को कहा कि संगठित क्षेत्र विशेषकर कामकाजी श्रेणी के कर्मचारियों के हितों की रक्षा के लिए केंद्र सरकार 'एक देश, एक दिन वेतन' की व्यवस्था शुरू करने की योजना पर काम कर रही है।


सेंट्रल एसोसिएशन ऑफ प्राइवेट सिक्योरिटी इंडस्ट्री (सीएपीएसआई) द्वारा आयोजित सिक्योरिटी लीडरशिप समिट 2019 को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'देश में विभिन्न क्षेत्रों में हर महीने वेतन का दिन समान होना चाहिए, जिससे उन्हें समय से वेतन मिलना सुनिश्चित हो सके।'


संसद में जल्द पेश होगा विधेयक


उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस प्रस्ताव पर नजर है और जल्द ही इससे संबंधित विधेयक को संसद की मंजूरी मिल सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार विभिन्न क्षेत्रों में एक समान न्यूनतम वेतन लागू करने पर भी विचार कर रही है, जिससे कामगारों की आजीविका को भी सुरक्षा मिलेगी।


सरकार रोजगार सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं काम की स्थितियों (ओएसएच) से जुड़ी संहिता और वेतन संहिता को लागू करने की प्रक्रिया में है। संसद से वेतन संहिता पर पहले ही मंजूरी मिल चुकी है और इसे लागू करने के लिए नियम बनाए जा रहे हैं। ओएसएच संहिता को 23 जुलाई, 2019 को लोकसभा में पेश किया गया था। इस संहिता सुरक्षा, स्वास्थ्य और कामकाजी स्थितियों से जुड़े 13 श्रम कानूनों का विलय एक ही कानून में हो जाएगा। साथ ही निजी क्षेत्र के कामगारों का कवरेज खासा बढ़ जाएगा।


'प्रदूषण' दिल्ली का प्रमुख त्यौहार 'निबंध'

देश-विदेशबच्चे ने प्रदूषण को बताया दिल्ली का प्रमुख त्योहार, निबंध पढ़कर हंसी नहीं रोक पाएंगे आप


नई दिल्ली! बढ़ते प्रदूषण से एक ओर जहां लोग परेशान दिख रहे हैं, वहीं सोशल मीडिया पर प्रदूषण से जुड़ा एक निबंध (Essay) तेजी से वायरल हो रहा है! इस निबंध को देखने से साफ पता चल जाता है कि बच्चे को प्रदूषण से होने वाले खतरे की जरा सी भी समझ नहीं है! लेकिन बच्चे ने जिस मासूमियत के साथ यह निबंध लिखा है वह आपको हंसा जरूर सकता है!


बच्चे ने निबंध में लिखा है कि प्रदूषण दिल्ली का प्रमुख त्योहार है! यह हमेशा दिवाली के बाद शुरू होता है. इसमें हमें दिवाली से भी ज्यादा हॉलीडे मिलते हैं! दिवाली में हमें 4 हॉलिडे मिलते हैं! लेकिन प्रदूषण में हमें 6+2=8 हॉलिडे मिलते हैं! इसमें लोग अलग-अलग मास्क पहनकर घूमते हैं. घरों में काली मिर्च, शहद व अदरक ज्यादा प्रयोग किए जाते हैं! यह बच्चों के लिए अधिक प्रिय है!


टाइफाइड का टीका लांच करने वाला देश

देश-विदेश टायफाइड का टीका निकालने वाला ये है दुनिया का पहला देश, नाम सोच से भी परे


इस्लामाबाद! पाकिस्तान टायफाइड का नया टीका लॉन्च करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि देश में हाल ही में टायफाइड के मामलों में बड़ी संख्या में इजाफा होने के बाद यह फैसला लिया गया है। इस वैक्सीन को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भी अपनी मंजूरी दी है। इसे दो सप्ताह के इम्युनाइजेशन कैंपेन में सिंध प्रांत में इस्तेमाल किया जाएगा।


सिंध में 2017 से अब तक 10,000 टायफाइड के मामले सामने आ चुके हैं। सिंध प्रांत के स्वास्थ्य मंत्री अजरा पेछुहो ने बताया कि आज से दो सप्ताह का कैंपेन शुरू हो रहा है। इसके तहत नौ महीने से लेकर 15 साल तक के 1 करोड़ बच्चों को टीके लगाए जाएंगे। सिंध में दो सप्ताह के कैंपेन के बाद इस टीके को अगले कुछ सालों में अन्य राज्यों में इस्तेमाल किया जाएगा। 'सेल्मोनेला टाइफी बैक्टीरिया' की एक ऐसी किस्म आई थी, जिसकी चपेट में देश में नवम्बर 2016 से करीब 11 हजार लोग आ गए थे।


देश का सिंध प्रांत इस बीमारी से सबसे अधिक प्रभावित है। कराची में एक कार्यक्रम में टायफाइड कॉन्जुगेट वैक्सीन  (टीसीवी) टीके की शुरुआत की गई। इस दौरान स्वास्थ्य संबंधी मामलों पर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के विशेष सहायक जफर मिर्जा और प्रांतीय स्वास्थ्य मंत्री अजरा फजल पेचूहो मौजूद थीं।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...