देहरादून। गंगोलीहाट के बिरगोली में आतंक का पर्याय बना तेंदुआ पिंजरे में कैद हो गया है। तेंदुए ने 10 नवंबर को बिरगोली के सौंलीगैर में छह वर्षीय बालक मयंक को मार डाला था। तेंदुए के आतंक से पूरे गांव में दहशत थी। बता दें कि 10 नवंबर की शाम करीब साढ़े चार बजे सौंलीगैर (बिरगोली) निवासी गजेंद्र सिंह खाती का बेटा मयंक घर के पास ही स्थित पानी के स्टेंड पोस्ट के पास अन्य बच्चों अभिषेक और भावना के साथ खेल रहा था।
अचानक तेंदुए ने मयंक को दबोच लिया और मुंह में दबाकर जंगल की ओर भाग निकला। तेंदुए के हमले से साथ में खेल रहे बच्चे दहशत के मारे चिल्लाने लगे। बच्चों के हल्ला मचाने पर परिजन और गांव के लोग मौके पर पहुंचे और तेंदुए के पीछे दौड़ लगाई। शाम को घटनास्थल से 100 मीटर दूर झाड़ियों में बच्चे का क्षत विक्षत शव पड़ा मिला। गांव के लोगों का कहना है कि क्षेत्र में लंबे समय से तेंदुए का आतंक है। तेंदुआ कई जानवरों को निवाला बना चुका है।
जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए गांवों में लगेंगी डिवाइस
रुद्रप्रयाग में गुलदार, जंगली सूअर और बंदरों समेत अन्य जंगली जानवरों से मानव व खेती को हो रहे नुकसान से निजात दिलाने के लिए डीएम मंगेश घिल्डियाल ने अभिनव पहल की है। बांसी गांव समेत जिले के 15 स्थानों, जहां पर जंगली जानवरों का आतंक अधिक है, पहले चरण में वाइल्ड एनिमल फार्म प्रोटेक्शन डिवाइस लगाई जाएंगी। यह डिवाइस लगने से किसी भी जानवर या प्राणी के आने पर यह आवाज करेगी जिससे डरकर वह भाग जाग जाएगा। इस डिवाइज में अत्याधुनिक सेंसर लगे हैं जो अपने पांच मीटर के दायरे में किसी भी जंगली जानवर या प्राणी की हलचल को ट्रैक कर सकता है। निर्धारित दायरे में जंगली जानवर या प्राणी के होने की स्थिति में यह डिवाइस तेज आवाज करेगा और जानवर भाग जाएगा। डिवाइस सोलर सिस्टम के जरिए संचालित होगा।
डिवाइस को वन विभाग के अधीन किया जाएगा, लेकिन स्थापित करने के एक वर्ष तक इसके संरक्षण की जिम्मेदारी कंपनी की होगी। जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने बताया कि आपदा मद में पहले चरण में 15 डिवाइस खरीद का प्रस्ताव तैयार किया गया है। इसके बाद दूसरे चरण में पुन: गांवों का चयन कर डिवाइस लगाई जाएंगी। इधर, जिलाधिकारी की इस पहल का ग्रामीणों व जनप्रतिनिधियों ने स्वागत किया है। कहा कि इस तकनीक से जंगली जानवरों के आतंक से मुक्ति मिल सकेगी।