बुधवार, 13 नवंबर 2019

तारों की स्पायरिंग से घर का सामान राख

तार की चपेट में आने से घर जलकर राख 
बक्सर l सोमवार की शाम पांच बजे झूलते हुए बिजली तार की चपेट में आने से एक घर राख हो गया । यह घटना चकी प्रखंड क्षेत्र के पांडे डेरा गांव में हुई। पांडेय डेरा गांव के रहने वाले संजय गौड़ पिता बिरजा गौड़ की शाम में हुई। आग में लाखों के मूल्य की संपत्ति जलकर राख हो गई। ग्रामीणों के प्रयास से आग पर काबू पा लिया गया। घटना से पूरा परिवार परेशान हैै। अभी तक सरकारी स्तर पर पीड़ित परिवारों को सहायता उपलब्ध नहीं कराई गई है। ग्रामीणों ने बताया कि सोमवार की शाम घर में खाना बन रहे थे, तभी तार की चिंगारी निकलते हुए, आकर पलानी पर गिर गई ।जिससे किसी तरह झोपड़ीनुमा घर से सभी ने निकलकर अपनी जान बचाई। लेकिन आग की लपटों के बीच टीवी अनाज और कपड़े जलकर राख हो गए, घटना में किसी प्रकार की मानवीय क्षति नहीं हुई। आग पर काबू पा लिया गया।


816 बोरी धान लदी अवैध गाड़ी पकड़ी

बिना कागज 816 बोरी धान लदी गाड़ी पकड़ी गई


व्यापारी पर लगा मंडी शुल्क चोरी का आरोप।


कौशाम्बी। ड्राइवर बूटर सिंह निवासी राजस्थान प्रयागराज के व्यापारी का धान बिहार के फर्जी कागज से सहसों के बभनकुंयाँ नामक स्थान से पंजाब ले जा रहा था जिसे भरवारी की मंडी समिति की टीम कोखराज टोलप्लाज से पकड़ कर कागज दिखाने को कहा जिसे ड्राइवर ने बिहार का फर्जी कागज पकड़ा दिया समिति के लोगों को शंका होने पर बनारस टोल प्लाजा की पर्ची मांगी जो ड्राइवर के पास नही थी ,माल मालिक आकर फर्जी कागजों को फाड़कर  ड्राइवर को गाड़ी भगाने को बोला जिसे  भरवारी की मंडी समिति की टीम ने अझुवा मंडी समिति के प्रभारी गोपाल जी के सहयोग से खागा टोल प्लाजा से पकड़ कर मंडी समिति अझुवा में  माल सहित ट्रक को खड़ी करवाया! मंडी  समिति प्रभारी अझुवा गोपाल जी ने बताया आरोपी व्यापारी से  माल का मंडी शुल्क का 10 गुना सम्मन शुल्क वसूला जाएगा ।


सन्तलाल मौर्य


भाजपा के लिए उत्तराखंड बना,नई चुनौती

देहरादून। बुधवार को विकासनगर स्तिथ जनसंघर्ष मोर्चा के कार्यालय में पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। जहां पत्रकारों से वार्ता के दौरान जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह ने कहा कि, उत्तराखंड केंद्र शासित प्रदेश में तब्दील हो। क्योंकि माफियाओं का हो गया बोलबाला हत्या, लूट, बलात्कार के मामले में हुई अप्रत्याशित वृद्धि। शिक्षा/चिकित्सा के क्षेत्र में भी भारी गिरावट हो गई। पहाड़ों में भी तेजी से पलायन हो रहा है।


उत्तराखंड प्रदेश हो गया आर्थिक रूप से कंगाल और बेरोजगारी से युवा हो गए बेहाल। सामरिक दृष्टि से स्थिति चिंताजनक है। रेत-बजरी प्रति ट्रक 20-25 हजार में खरीदने को मजबूर है प्रदेशवासी। भ्रष्टाचार के मामले में उत्तराखंड बना देश का नम्बर वन राज्य। जनता को हर छोटे-बड़े काम के लिए जाना पड़ता है न्यायालय की शरण में। अगर यहां विकास के नाम पर कुछ हुआ है तो वह सिर्फ नेताओं का विकास। प्रधान बनने की हैसियत न रखने वाले बने गए सीएम/मंत्री/विधायक। मोर्चा अध्यक्ष नेगी ने यह भी कहा कि, राज्य गठन के 19 वर्षों के कार्यकाल में प्रदेश को अगर कुछ हासिल हुआ है, तो वह सिर्फ नेताओं की फौज। जिन लोगों की हैसियत प्रधान बनने की तक नहीं थी, वह आज मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक बने बैठे है। नतीजा यह हुआ कि, ब्यूरोक्रेट्स इनकी योग्यता को भापकर इनको अपने चाबुक से चलाने लगे, तथा कई मामलों में अधिकारियों ने इन नेताओं से सांठ-गांठ कर ठेकेदारी, मुनाफाखोरी का कार्य आरंभ कर दिया। रघुनाथ ने कहा दुर्भाग्य की बात है कि, राज्य गठन का उद्देश्य प्रदेश में सिर्फ और सिर्फ शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य, सुशासन, सुलभ न्याय आदि तमाम मुद्दों को लेकर हुआ था। पलायन भी बड़ा मुद्दा था, लेकिन जनता को न्याय मिलना तो दूर न्याय के बदले सिर्फ ठोकर ही मिली। राज्य गठन की सारी अवधारणा चूर-चूर होकर रह गई है, तथा प्रदेश में माफियाओं, लुटेरों, बलात्कारियों, जालसाओं का राज स्थापित हो गया है। स्वास्थ्य -शिक्षा के क्षेत्र में इतनी गिरावट आई है कि, हजारों स्कूल अस्पताल बंद हो गए, तथा सरकारी अस्पताल भी भगवान भरोसे चल रहे हैं। प्रदेश में युवाओं को रोजगार मिलना एक दिव्य स्वप्न हो गया है। सुविधाओं के अभाव में बहुत तेजी से पलायन हो रहा है। आलम यह है कि, प्रदेश में माफिया राज स्थापित होने के कारण रेत-बजरी 20-25 हजार प्रति ट्रक बिक रहे हैं। जनता को न्याय पाने के लिए न्यायालय का सहारा लेना पड़ रहा है। ब्यूरोक्रेसी इस कदर हावी है कि, अधिकारी अपने वरिष्ठ अधिकारी की बात मानने को तैयार नहीं है। मोर्चा लगातार प्रदेश की जनता के साथ हो रहे अत्याचारों के खिलाफ मुहिम। पत्रकार वार्ता में जनसंघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी, मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, मोहम्मद असद, सुशील भारद्वाज आदि मुख्य रूप से उपस्थित थे।


प्रेम-पीगें पढ़ रहे अध्यापक मर्जी के गुलाम

सरकारी बेतन लेने के बाद पढ़ाई छोड़ कर शिक्षक करते है महिला मित्रो से प्रेमालाप


अमुरा प्राथमिक विद्यालय के छात्रों ने खोला शिक्षक के कृत्य का राज


नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले शिक्षक का हुआ नैतिक पतन तो कैसे छात्रों का सँवरे गा भविष्य


कौशांबी। परिषदीय विद्यालयों की गिरती शिक्षा व्यवस्था के कारण स्कूल में पढ़ने वाले छात्र छात्राओं का भविष्य चौपट हो चुका है और प्रदेश सरकार से मोटा वेतन लेने वाले अध्यापकों का नैतिक पतन इस कदर हो गया है कि स्कूल में छोटे छोटे छात्रों के सामने वह आपने महिला मित्रो से हंसते-बोलते मजाक करते मोबाइल फोन पर देखे सुने जाते हैं। जिसका सीधा असर स्कूली छात्र छात्राओं  के जीवन पर पड़ रहा है। शिक्षक के इस कृत्य को स्कूल में पढ़ने वाले छात्र और छात्राएं हंसकर स्वीकार भी कर रहे हैं। 


राज्य सरकार से मोटा वेतन लेने वाले परिषदीय स्कूल के अध्यापकों के स्कूल आने जाने का कोई समय निश्चित नहीं रह गया है। जब मर्जी हुई काम चोर शिक्षक स्कूल पहुंच गए और जब मर्जी हो गई तो बाइक स्टार्ट की और काम चोर शिक्षक स्कूल से गायब हो गए। जिससे परिषदीय स्कूल की शिक्षा व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो चुकी है।


हकीकत जानने के लिए मंझनपुर विकासखंड स्थित प्राथमिक विद्यालय अमुरा का बुधवार को जनसंदेश टाइम्स टीम ने निरीक्षण किया प्राथमिक स्कूल अमुरा पहुंचने पर देखा गया कि स्कूल के मैदान में लगभग 2 दर्जन छात्र छात्राएं बस्ता लेकर मैदान में टहल टहल कर अध्यापक के आने का इंतजार कर रहे हैं। 


प्राथमिक विद्यालय अमुरा के सभी कक्ष में ताला बंद है और 9:00 बजे खुलने वाले इस स्कूल में 9:30 बजे तक अध्यापक नहीं पहुंच सके हैं। एक भी अध्यापक आधा घंटा विलंब तक स्कूल नहीं पहुंचा है। जिससे शिक्षण कार्य बाधित था लगभग 10:00 बजे एक अध्यापक स्कूल पर आते हैं। और जब उनसे विलंब में आने का कारण पूछा गया तो उन्होंने बड़े ही गर्म जोशी लहजे में कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी उनके रिश्तेदार हैं और उनकी जब मर्जी होगी तब स्कूल पहुंचेंगे उन्हें शासन प्रशासन शिक्षा अधिकारियों का तनिक भी भय नहीं है।


नैतिकता का पाठ पढ़ाने वाले इन शिक्षकों ने अपनी नैतिकता खूंटी पर टांग दी है अमुरा गांव के प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक पर आरोप है कि स्कूल में छात्रों को पढ़ाने में वह मन नही लगाते हैं। बल्कि सरकार का बेतन लेने के बाद अपने महिला मित्रो से पूरे दिन मोबाइल में हंस-हंस कर प्रेमालाप की बात करते हैं।


ऐसे कृत्य करने वाले स्कूल के अध्यापक की निंदा स्कूल के छोटे-छोटे छात्रों ने भी की है। लेकिन अध्यापक की बेशर्मी की हद यह है कि इस अध्यापक के बेशर्मी के कृत उजागर हो जाने के बाद भी अध्यापक को शर्म नहीं आती और स्कूल के छोटे-छोटे छात्र-छात्राओं के सामने अपने महिला सहकर्मी मित्र से मोबाइल पर हंस-हंसकर अश्लील बातें करते हैं। इलाके के लोगों ने ऐसा करने वाले कामचोर अध्यापक को निलंबित करने की मांग शासन प्रशासन से की है। प्रेमालाप में पूरे समय लिप्त रहने वाले इस अध्यापक के कृत्य पर छुट्टी पर होने के चलते बीएसए से बात नही हो सकी। वही बार-बार फोन लगाने के बाद भी खण्ड शिक्षा अधिकारी से बात नही हुई।


सुशील केसरवानी 


विश्व चैंपियन सिंधु ने जीत का किया आवाज

हांगकांग। विश्व चैम्पियन पीवी सिंधू ने जीत के साथ आगाज किया, जबकि भारतीय बैडमिंटन स्टार साइना नेहवाल और समीर वर्मा हांगकांग ओपन के पहले ही दौर में हारकर बाहर हो गए । पिछले कुछ टूर्नामेंटों में पहले दौर से बाहर हुई सिंधू ने 36 मिनट के भीतर दुनिया की 19वें नंबर की खिलाड़ी कोरिया की किम गा यून को 21 . 15, 21 . 16 से हरा दिया । अब उनका सामना थाईलैंड की बुसानन ओंगबामरूंगफान से होगा । वहीं आठवीं वरीयता प्राप्त साइना पिछले छह टूर्नामेंटों में पांचवीं बार पहले दौर में हारी है । इस साल जनवरी में इंडोनेशिया मास्टर्स जीतने वाली साइना को चीन की केइ यान यान ने लगातार दूसरी बार 21 . 13, 22 . 20 से हराया । पिछले सप्ताह भी वह केइ से हारी थी ।


दुनिया के 16वें नंबर के खिलाड़ी समीर 54 मिनट तक चले मुकाबले में चीनी ताइपै के वांग जू वेइ से 11 . 21, 21 . 13, 8 . 21 से हार गए । यह पहले दौर में उनकी लगातार तीसरी हार है । साइना और समीर दोनों को अगले सप्ताह ग्वांग्झू कोरिया मास्टर्स सुपर 300 टूर्नामेंट खेलना है । साइना पहले गेम से ही केइ की चुनौती के सामने टिक नहीं सकी । चीनी खिलाड़ी ने ब्रेक तक 11 . 4 से बढत बना ली और पहला गेम आसानी से जीत लिया । दूसरे गेम में साइना शुरू में 3 . 0 से आगे थी लेकिन केइ ने लगातार सात अंक लेकर 9 . 4 की बढत बना ली । ब्रेक के बाद उसकी बढत 17 . 11 की हो गई हालांकि साइना ने वापसी करके गेम अंक बनाया लेकिन लय बरकरार नहीं रख सकी । दूसरी ओर समीर ने पहला गेम गंवाने के बाद दूसरे गेम में वापसी की । तीसरे गेम में हालांकि वह बिल्कुल नहीं टिक सके और हार गए ।


मजबूती के बाद भी भारतीय मुद्रा सुस्त

नईदिल्ली। देश के शेयर बाजार में तेजी के बावजूद देसी करेंसी रुपये की चाल सुस्त पड़ गई है। डॉलर के मुकाबले रुपया बुधवार को पिछले सत्र से 29 पैसे की कमजोरी के साथ 71.75 रुपये प्रति डॉलर पर खुला जोकि करीब दो महीने के निचले स्तर पर चला गया। इससे पहले 17 सितंबर को एक डॉलर का हाजिर भाव 71.97 रुपये था। पिछले सत्र में डॉलर के मुकाबले रुपया करीब एक महीने के निचले स्तर पर 71.46 पर बंद हुआ था।


हालांकि शेयर बाजार में कुल मिलाकर इस महीने तेजी का रुख रहा और सेंसेक्स ने बीते सप्ताह आठ नवंबर को 40,749.33 के रिकॉर्ड स्तर को छुआ और निफ्टी 12,000 के मनोवैज्ञानिक स्तर से ऊपर चला गया। हालांकि उसके बाद दोनों सूचकांक सीमित दायरे में बने हुए हैं। एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट ( करेंसी एवं एनर्जी रिसर्च) अनुज गुप्ता की मानें तो रुपये की कमजोरी के पीछे इस समय घरेलू और विदेशी दोनों प्रकार के कारक हैं।


गुप्ता ने कहा कि औद्योगिक उत्पादन के खराब आंकड़े, महाराष्ट्र में सरकार बनने को लेकर राजनीतिक अस्थिरता का माहौल, रेटिंग एजेंसी मूडीज द्वारा भारत के क्रेडिट रेटिंग आउटलुक को नकारात्मक बताए जाने से रुपये में कमजोरी आई है। कार्वी कॉमट्रेड लिमिटेड के करेंसी विशेषज्ञ सितेश ने कहा कि अमेािका-चीन के बीच व्यापारिक मसले को लेकर वार्ता पर अनिश्चितता भी एक वजह है जिसके कारण देसी करेंसी पर दबाव है जबकि डॉलर मजबूत हुआ।


केडिया एडवायजरी के डायरेक्टर अजय केडिया ने भी कहा कि मूडीज की रिपोर्ट से रुपये में कमजोरी बढ़ी है। उन्होंने कहा, अमेरिका-चीन के बीच व्यापारिक मसले को लेकर टकराव और ब्रेक्जिट का मसला अभी तक बना हुआ है। इसके अलावा आनेवाले दिनों में ओपेक सदस्यों द्वारा कच्चे तेल की आपूर्ति में कटौती को लेकर फैसला लिया जा सकता है, जिससे रुपये पर और दबाव आ सकता है। ओपेक की अगली बैठक छह दिसंबर को है।


केंद्रीय कर्मचारियों को मिलेगा बढ़ा वेतन

नई दिल्ली। सातवें वेतन आयोग के तहत लंबे समय से सैलरी की बढ़ोतरी का इंतजार कर रहे लाखों केंद्रीय कर्मचारियों को बहुत जल्द ही बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। केंद्र सरकार इन दिनों इन कर्मियों के न्यूनतम वेतन को बढ़ाने पर विचार-विमर्श में लगी है।


मीडिया रिपोर्ट्स में बताया गया कि 10 नवंबर के बाद सरकार की एक अहम बैठक होगी, जिसमें कई बड़े मुद्दों पर फैसले लिए जा सकते हैं। जिसमें सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी मिल सकती है। बता दें कि 2016 में ही सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों को मंजूरी मिल गई थी, लेकिन अब तक उसे लागू नहीं किया जा सका। कर्मचारियों की मांगों के चलते इसे अब तक लागू नहीं किया जा सकता है। हालांकि बीच-बीच में डीए बढ़ोतरी का लाभ इन कर्मचारियों को मिलता रहा, लेकिन सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के तहत वेतन बढ़ोतरी और भुगतान अब तक नहीं हो सका है, लेकिन माना जा रहा है कि जल्द ही ये खुशखबरी कर्मचारियों को मिलेगी।


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार इसी बैठक में केंद्रीय कर्मचारियों के न्यूनतम वेतन पर भी फैसला कर सकती है। सब कुछ ठीक रहा और कैबिनेट बैठक में अगर इस प्रस्ताव पर मुहर लग गई, तब जल्द ही वित्त मंत्रालय की तरफ से उसके संबंध में आधिकारिक ऐलान भी कर दिया जाएगा।


यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें

यूक्रेन द्वारा कजान पर ड्रोन के माध्यम से हमलें  सुनील श्रीवास्तव  मॉस्को। यूक्रेन द्वारा अमेरिका के 9 /11 जैसा अटैक करते हुए कजान पर ड्रोन ...